नेहरू द्वारा बनाये गये इस मधुमख्खी के छत्ते में साठ साल में पहली बार मोदी ने लाठी मारी है !!
वास्तव में ‘सत्ता’ का असली अर्थ समझना हो तो- दिल्ली में स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर(IIC)घूम आइये,इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC)वो जगह है जहाँ सत्ता सोने की चमकती थालियों में परोसी जाती है
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) एक शांत और भव्य बंगले में स्थित है जिसमें हरे भरे लॉन, उच्च स्तरीय खाने और पीने की चीजों के साथ शांति से घूमते हुए वेटर हैं।
ऊपर वाले होंठो को बगैर पूरा खोले ही - मक्खन की तरह अंग्रेजी बोलने वाले लोग हैं, यहां लिपिस्टिक वाले होठों के साथ सौम्यता से
बालों को सुलझाती हुई महिलायें हैं
जिनका बिना शोर किये हाथ हिलाकर या गले मिलकर शानदार स्वागत करते हैं
भारत सरकार द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर(IIC) की स्थापना एक स्वायत्त संस्था के रूप में स्वछन्द विचारधारा और संस्कृति के उत्थान के लिए की गयी थी-वहाँ आपको वो सब बुद्धिजीवी दिखेंगे
- जिनके बारे में आप अंग्रेजी साहित्य और पत्रिकाओं के माध्यम से जानते हैं ।
यू.आर.अनंतमूर्ति वहां पिछले पाँच सालों से (२०१४ में उनकी मृत्यु से पहले तक) एक स्थायी स्तम्भ की तरह जमे हुए ।
गिरीश कर्नाड *(नरेन्द्र मोदी के धुर विरोधी)*,- प्रतीश नंदी, मकरंद परांजपे, शोभा डे जैसे जाने
कितने लेखक ,पत्रकार और विचारक IIC के कोने कोने में दिख जायेंगे -नयनतारा सहगल *(जवाहरलाल नेहरू की भांजी)*यहाँ प्रतिदिन “ड्रिंक करने”के लिए आया करतीं हैं,साथ ही राजदीप सरदेसाई और अनामिका हकसार भी वहां रोजाना आने वालों में से ही हैं,
बंगाली कुर्ता और कोल्हापुरी चप्पलें पहने हुए,
आँखों पर छोटे छोटे शीशे वाले चश्मे लगाये बुद्धिजीवियों के बीच सफ़ेद बालों और खादी साड़ी में लिपटी कपिला वात्स्यायन और पुपुल जयकर भी नज़र आ ही जायेंगी!
इस भीड़ का तीन चौथाई भाग महज कौवों का झुण्ड है -विभिन्न पॉवर सेंटर्स के पैरों तले रहकर यह अपना जीवन निर्वाह करते हैं...
इनमें से ज़्यादातर लोग सिर्फ सत्ता के दलाल हैं!
लेकिन ये वह लोग हैं हैं जो हमारे देश की संस्कृति का निर्धारण करते हैं-एक निश्चित शब्दजाल का प्रयोग करते हुए यह-किसी भी विषय पर रंगीन अंग्रेजी, में घंटे भर तो बोलते हैं-परन्तु इकसठवें मिनट में ही इनका रंग फीका पड़ना शुरू हो जाता है।
वास्तव में ये लोग किसी चीज़ के बारे में कुछ नहीं जानते -सेवा संस्थानों और सांस्कृतिक संस्थानों के नाम इनके पास चार-पांच ट्रस्ट होते हैं और ये उसी के सम्मेलनों में भाग लेने के लिए इधर उधर ही हवाई यात्रायें करते रहते हैं - एक बार कोई भी सरकारी सुविधा या आवास मिलने के बाद इन्हें
वहां से कभी नहीं हटाया जा सकता है।
अकेले दिल्ली में करीब पांच हज़ार बंगलों पर इनके अवैध कब्ज़े हैं
तो सरकार खुद इन्हें हटाती क्यों नहीं?
सवाल उठा ना मन में
पहली बात तो यह कि पूर्व की सरकारें तो इस बारे में सोचती ही नहीं थीं-क्यों कि नेहरू के ज़माने से ही यह लोग इसे चिपके हुए हैं
और ऐसा बिना सरकारी संरक्षण सम्भव हो नहीं सकता-समझे आप।*कांग्रेस की सरकार ने इन्हें प्रतिदान के सिद्धांत पर(quid pro quo)आश्रय दिया और अधिकाधिक नि:शुल्क सुविधाएं प्रदान कीं
दूसरा कि यह लोग एक दुसरे का भंयकर वाला सपोर्ट भी करते हैं-इसके अलावा एक और बात है -यह महज़ एक परजीवी
(parasite)ही नहीं हैं -अपितु स्वयं को प्रगतिशील वामपंथी कहकर अपनी शक्ति का स्वयं निर्धारण भी करते हैं - व खुद ही मिलकर ढिंढोरा पीटकर स्थापित होते हैं-इस कला के पुराने खिलाड़ी हैं..
दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के सेमीनार में उपस्थित होने के कारण ये दुनिया भर में जाने भी जाते हैं
इनमें से अधिकांश लोग विदेशों में स्नातक स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त कर के आए हुए हैं।ये भारत में व्याप्त गरीबी,कमियों और कुरीतियों को अपनी कला,लेखनी,फिल्मों,इलैक्ट्रोनिक,प्रिंट मीडिया के माध्यम से बखूबी दर्शाते हैं,भारत की प्रगति,समरसता और बेहतर बदलाव आदि इनको फूटी आंख नहीं भाते
अतः ये उन सब खूबियों को जानबूझकर नज़रंदाज़ करते हैं।* -ये बहुत ही अच्छे तरीके से एक दूसरे के साथ बंधे हुए हैं -दुनिया भर के पत्रकार- भारत में कुछ भी होने पर इनकी राय मांगते हैं - क्या पता मानते भी हों..यह सरकार के सिर पर बैठे हुए जोकर की तरह हैं -और कोई भी इनका कुछ नहीं कर सकता
और यही भारत की कला,संस्कृति और सोच का निर्धारण करते हैं अफवाहों को उठाकर “न्यूज” में बदल देने वाले इन बुद्धिजीवियों के अन्दर शाम होते ही अल्कोहल सर चढ़कर बोलती है मोदी जी ने इस चक्रव्यूह को तोड़ने की हिमाकत की हैबरखा दत्त की, टाटा के साथ की गयी "दलाली"नीरा राडिया टेप के लीक होने
पर प्रकाश में आई थी,लेकिन इतने भीषण खुलासे के बाद भी बरखा को एक दिन के लिये भी पद से नहीँ हटाया जा सका था
यह है इनकी शक्ति का स्तर
मोदी जी ने इस चक्रव्यूह को तोड़ने की हिमाकत की है-चेतावनियाँ सरकार बनने के छह महीने बाद से ही इन्हें दी जाती रही-फ़िर सांस्कृतिक मंत्रालय ने इन्हें
नोटिस भेजा।असहिष्णुता”की आग फैलाने का असली आन्तरिक कारण यही था
उदाहरण के लिए पेंटर जतिन दास,जोकि बॉलीवुड एक्टर नंदिता दास के पिता हैं,इन्होने पिछले कई सालों से दिल्ली के जाने माने स्थान में एक सरकारी बंगले पर कब्ज़ा कर रखा है-सरकार ने उन्हें बंगले को खाली करने का नोटिस दिया था-
“इसके बाद से ही नंदिता दास लगातार अंग्रजी चैनलों पर असहिष्णुता के ऊपर बयानबाज़ी कर रही है - और अंग्रेजी अखबारों में कॉलम लिख रही हैं !
कई शहरों व अखबारों में इनके शागिर्द हैं वे इनकी राग में गाते हैं - वैसे ही शब्द वैसी ही नज़र जैसी कौवौ या चील की होती है - केवल इन्हें इस सरकार
की कमियां दिखती हैं और जो अच्छाइयां हैं,उनको कैसे बुरा बताकर आंकडो से भरमाया जा सकता है - इस कला के ये उस्ताद हैं -हां हमारा शहर भी अछूता नहीं है - इनके पिस्सू यहां भी फल फूल रहे हैं ।
🔺समझ में आया कुछ -मोदी जी जैसे एक मजबूत आदमी ने जब से इनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया है।
तब से रंग व चोला बदल बदल कर बिलबिला रहें हैं यही कारण है कि इनकी लिखी स्क्रिप्ट पर लिखा भाषण पढने वाली व वाले राजनीतिक छुछून्दर इनके दुख से दुखी हैं
यह तथाकथित बुद्धिजीवी बेहद शक्तिशाली तत्व हैं मीडिया के द्वारा ये भारत को नष्ट कर सकते हैं
ये पूरी दुनिया की नज़र में ऐसा दिखा सकते
हैं किजैसे- भारत में खून की नदियाँ बह रही हों -ये विश्व के बिजनेसमैन लॉबी को भारत में निवेश करने से रोक सकते हैं, टूरिस्म इंडस्ट्री को बर्बाद कर सकते हैं।
सच्चाई ये है कि इनके जैसी भारत में कोई दूसरी शक्ति ही नहीं है -भारत के लिए इनको सहन करना एक हद तक मजबूरी है!!
*पर उम्मीद है
मोदी जी इन को धोएंगे जरूर, धीरे धीरे और सही समय आने पर*
मोदी के विरोध में कोई एक पार्टी नहीं है...पूरा भारत-तोड़ो तंत्र है.अगर आपको चुनना है तो मोदी और उस भारत-द्रोही तंत्र में से एक को चुनना है.
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*मुस्लिमों के आतंक से दु:खी होकर , मुसलमानों पर सबसे ज्यादा जुल्म करने वाले देश*!
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1. - *चीन :-* रोजा , रमजान , नमाज , दाढ़ी , बुरखा .; सब प्रतिबंधित! 2. - *म्यांनमार :-* मुस्लिम आतंकी को देखते ही मारने का आदेश , मस्जिदें लगभग सभी गिरा दी गयी!
3. -जापान:-इस्लाम प्रतिबंधित,इस्लाम का प्रचार ,एक क़ानूनी अपराध !संयुक्त राष्ट्र से किसी मुस्लिम को शरण देने से साफ मना कर दिया❗ 4. -अंकोला:- इस्लाम प्रतिबंधित❗ 5. -फ़्रांस :- 210मस्जिदे,एक दिन में गिराई❗ 6. -ऑस्ट्रेलिया :-सभी मुस्लिमो को दी चेतावनी कानून माने या देश छोड़े❗
7. - *ब्रिटेन :-* मुस्लिम से भेदभाव और नफरत❗ 8. - *अमेरिका :-* एयरपोर्ट पर ही चड्डी उतरवा लेना , *शाहरुख़ और आज़म खान* भुक्तभोगी❗ 9. - *इसराइल :-* मुस्लिम का कट्टर शत्रु , ईंट का जवाब पत्थर से❗ 10. - *श्रीलंका :-* सभी मस्जिदों की तलाशी व बुरखा पर बैन❗
("न्यू यार्क टाइम्स" के मुख्य सम्पादक "जोसफ होप" की "टिप्पणी")
"इस आदमी" का- "उत्थान", सारे "संसार" के लिए, "खतरा" है..
इसने - केवल "भारत" को -एक महान् देश बनाने की इच्छा को प्रकट किया है।उसका -एकमात्र उद्देश्य:- भारत को सबसे शक्तिशाली बनाना है। यदि इस
आदमी को न रोक गया तो भविष्य में, एक दिन "भारत", संसार में बहुत शक्तिशाली हो जाएगा और इससे -"अमेरिका" को आश्चर्य होगा ।
वह एक विशेष रणनीति की अनुसार चलता है,और कोई नहीं जानता ? कि:-आगे वह क्या करने वाला है..? उसके मुस्कराते हुए चेहरे के पीछे एक खतरनाक देशभक्त छिपा हुआ है।
वह, दुनिया के सभी देशों का उपयोग भारत के हितों के लिए ,करता है।पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ -अमेरिका के सम्बंधों को, बिगाड़कर..., और उसके दुश्मन देशों- जैसे -वियतनाम के साथ गठजोड़ करके, मोदी इन -तीनों देशों का उपयोग.., चीन के खिलाफ करना चाहता है। वियतनाम ने चीन के दक्षिण के
किसान आंदोलन की तरह एक और देश विरोधी टूलकिट लीक हुई है, जिसमें भारत व भारत सरकार को बदनाम करने के तरीके लिखे गए हैं। और ये टूलकिट कांग्रेस द्वारा बनाई गई है..!!
-- टूलकिट में लिखा है कि कोरोना के नए स्ट्रेन को "इंडियन स्ट्रेन" कहना है।
जबकि WHO ने कहा है ये इंडियन स्ट्रेन नहीं है जबकि सत्ता पाने को पगलाई कांग्रेस कोविड के नए स्ट्रेन को इंडियन स्ट्रेन बोल रही है..!!
-- टूलकिट में लिखा है कि हरिद्वार कुंभ को कोरोना स्प्रीडर बोलना है..!!
-- टूलकिट में लिखा है कि विदेशी मीडिया संस्थानों में कोविड को लेकर भारत
सरकार विरोधी लेख छपवाने हैं..!!
-- टूलकिट में लिखा है कि देश के इंटेलेक्चुअल से सरकार विरोधी ट्वीट आदि करवाने हैं..!!
-- टूलकिट में लिखा है कि अगर कोई प्रभावशाली व्यक्ति PM केयर्स में दान करता है तो उसको बदनाम कर देना है..!!
*रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रहे Shri Y. V* *Reddey के द्वारा लिखित पुस्तक* *ADVISE AND DECENT*से *साभार
*कड़वा सच*
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जिस हाल में आज पाकिस्तान है, ऐसे ही हाल में छोड़ के गए थे राजीव गाँधी भारत को..
सोनिया ने पर्दे के पीछे किस कदर लूट की होगी ? सोचिये...
तब 40 करोड़ के लिए सोना गिरवी रखा था जबकि 64 करोड़ की दलाली तो सिर्फ बोफोर्स में खाई गयी थी
RBI गवर्नर रहे Y.V. रेड्डी की पुस्तक
*ADVISE AND DECENT*से साभार
काँग्रेस के शासनकाल में सिर्फ 40करोड़ रुपए के लिए हमें अपना 47टन सोना गिरवी रखना पड़ा था
ये स्थिति थी भारतीय इकॉनॉमी की।
*मुझे याद हैं नब्बे के शुरुआती दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था को,वो दिन भी देखना पड़ा था जब भारत जैसे देश को भी अपना सोना विश्व बैंक में गिरवी रखना पड़ा था...
राजीव गाँधी के शासनकाल में देश की तिजोरी खाली हो चुकी थी..और तभी प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की हत्या लिट्टे के आतंकियों ने
कृपया इस *अनुवादित पत्र* को अवश्य पढ़ें। बैंगलोर की एक लड़की ने एक खुला पत्र (राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए) अंग्रेजी में लिखा है, मीडिया पर वायरल हो रहा है। वह राहुल गांधी से खुद तय करने को कहती हैं कि क्या उनकी तुलना पीएम नरेंद्र मोदी से की जा सकती है ...
पत्र इस प्रकार है..
"प्रिय श्री राहुल गांधी"
नरेंद्र मोदी को अपने नेता के रूप में लाखों लोग फॉलो करते हैं व उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। हमारे देश में कितने लोग आपको,(राहुल गांधी को)अपना आदर्श मानते हैं?
देश के जिस व्यक्ति को वंशवादी अनुयायियों को सत्ता नहीं सौंपनी है,वह नरेंद्र मोदी को निर्वाचित
करता है
और आप उसी वंश का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे लोगों ने अस्वीकार कर दिया है। गांधी टैग होने के अलावा, जीवन के किसी भी क्षेत्र में आपकी क्या उपलब्धि है ? वास्तव में, जनता को बहुत लंबे समय तक धोखे में रखा गया है, कृपया हमें बताएं - वास्तव में आपने क्या हासिल किया है ?