देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी के पिता मोतीलाल नेहरू जी का घर था आनंद भवन और 1975 में उसी के बग़ल में बना नेहरू तारामंडल, ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली में NMML (N जहां लिखा नेहरू समझें) के ठीक बगल में है और 1964 में बना नेहरू मेमोरियल फंड
1970 में प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने Anand Bhawan को सँभालने का ज़िम्मा जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड को दे दिया था। जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड, आनंद भवन और स्वराज भवन का भी रखरखाव करता है। राजनीतिक पर्यटन पर सोनिया @RahulGandhi@priyankagandhi यहाँ कभी-कभी जाते हैं
स्वराज भवन के एक हिस्से में बाल भवन है। ज़्यादातर लोग इसे बाल भवन के नाम से ही जानते हैं, लेकिन यह भी जवाहर बाल भवन है। स्वराज भवन जवाहर लाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू का बंगला था, जिसे 1920 में उन्होंने @INCIndia को दे दिया और कांग्रेस मुख्यालय बन गया
और जवाहर लाल नेहरू जी के पिता मोतीलाल नेहरू जी जिस समय यह सब बनाने में कामयाब हो गए थे, उस समय वीर सावरकर काला पानी से लेकर अलग-अलग जेलों में सज़ा भुगत रहे थे, ऐसे स्वातंत्र्य वीर सावरकर को नमन
प्रयागराज (इलाहाबाद) की पहचान है संगम और Allahabad University 1876 में म्योर सेंट्रल कॉलेज बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय बना। नेहरू-इंदिरा-राजीव के कार्यकाल में लाख कोशिशों के बावजूद केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं बना। डॉ मुरली मनोहर जोशी ने यह चिर प्रतीक्षित कार्य किया।
@drmmjoshibjp इलाहाबाद से लगातार तीन बार सांसद बनने वाले अकेले नेता हैं। डॉ जोशी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के साथ ही 1999 में IIIT लाए। अभी इसका शानदार परिसर शहर के बाहर झलवा में है, लेकिन शुरू में विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय में था
प्रयागराज तीन तरफ़ से नदियों से घिरा है। प्रयाग से यमुना पार जाने के लिए अंग्रेजों का बनाया लोहे का पुल है @SrBachchan सांसद बने तो राजीव गांधी से कहा पुल बनवाए देओ, जनता की बहुत पुरानी माँग है। नेहरु-गांधी परिवार न बनवा पाया। वीपी सिंह भी नहीं
फिर @drmmjoshibjp ही तारनहार बने और शानदार 4 लेन का केबल ब्रिज बनवाया। और, एक तथ्य जान लीजिए कि नेहरू-गांधी के शहर में सीवर लाइन भी @PMOIndia@narendramodi की पहल नमामि गंगे के तहत अर्धकुम्भ से पहले बिछाई गई
नेहरू-गांधी परिवार की कर्मभूमि अमेठी-रायबरेली का हाल तो @smritiirani की वजह से अब सब जानने लगे हैं। प्रयागराज की चर्चा कम होती है क्योंकि शहर बड़ा है और माघ मेले के बहाने प्रतिवर्ष रंग रोगन हो जाता है, लेकिन बड़ा काम @BJP4India सरकार आई, तब हुआ। पुल, अंडरपास, चौड़ी सड़कें, चौराहे
जितनी ज़मीन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर की है, क़रीब उतनी ही ज़मीन पर स्वराज भवन, आनंद भवन है। अपनी इस संपत्ति को उस-उस जुगत से निजी बनाए रखने के अलावा शायद ही नेहरू-गांधी परिवार ने प्रयाग के लिए कुछ किया हो
और, यह जब जानने के लिए मुझे किसी चारण, चिरकुट इतिहासकार को पढ़ने की आवश्यकता नहीं है। इसी शहर में पला-बढ़ा और मेरे अंदर वही इलाहाबाद ज़िंदा रहता है। नेहरू-गांधी के चारण अपनी चिरकुटई फैलाने से बाज आएँ तो बेहतर होगा। गंध है गंध, दबी रहे तभी तक बेहतर।
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इस महामारी के समय में भी #CentralVistaProject हमें क्यों चाहिए ? यह बड़ा प्रश्न है और @narendramodi सरकार इसे रोक क्यों नहीं देती ? इसका उत्तर सबको जानना चाहिए क्योंकि इसे लेकर सोनिया गांधी और @RahulGandhi की अगुआई विशुद्ध झूठ बोला जा रहा है। क्या भारत की नई संसद मोदी का महल है
सबसे बड़ा झूठ यही फैलाया जा रहा है। प्रशासनिक कार्यों को बेहतर तरीक़े से करने के लिए @PMOIndia और उपराष्ट्रपति के आवास @rashtrapatibhvn के साथ ही बनेंगे। केंद्रीय सचिवालय के कर्मचारियों को आधुनिक सुविधायुक्त कार्यालय मिलेगा। अभी दिल्ली के बाहरी क्षेत्रों तक कर्मचारी बैठते हैं
भारत की संसद क़रीब १०० वर्ष पुरानी हो चुकी है। इसके स्थान पर नई संसद बनाने का प्रस्ताव @INCIndia शासनकाल में ही आया था। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, सुमित्रा महाजन दोनों ने इसे आगे बढ़ाया। संसद को तय समय सीमा में स्वतंत्रता के ७५ वर्ष होने तक तैयार करने का लक्ष्य है #CentralVista