#पिता...
अंतिम यात्रा के लिए
प्रस्थान कर के भी
कभी कहीं नहीं जाते पिता
मुक्ति धाम से लौटते
हमारे क़दमों के साथ
लौटती है उनकी पदचाप
ख़ाली कमरे में बत्ती बुझाने
की हिदायत देने ज़ेहन में
हर रात आते हैं पिता। (जारी...) #FathersDay #FathersDay2021 #FathersDaySpecial
सुबह सुबह फ़िज़ूल बहते नल
की टोंटी बंद करने बढ़ाते हैं हाथ
कभी गर्मियों में छत पर बैठ
तारों के रहस्य बताते हैं
और कभी अनंत की यात्रा
बीच में रोक
खुद सप्त ऋषि मंडल
का तारा बन जाते हैं
ताकि असीसते रहें सदा।
(जारी.. 2)
वे हमेशा के लिए विदा
लेकर भी
कहीं नहीं जाते
बने रहते हैं यहीं कहीं
बिलकुल आसपास
हमारी अस्थि मज्जा में
और धमनियों में भी
हमेशा बचे और बने रहते हैं पिता।
०डॉ राकेश पाठक