शिकारी #देवी का मंदिर................एक अनोखा मंदिर: जहां न टिक पाती है छत, न ही #टिक पाती कभी बर्फ़
देवभूमि #हिमाचल के कई मंदिर आज भी कई रहस्यों से भरे पड़े है। इन मंदिरों से #जुड़ी रोचक बातें हर किसी को हैरान कर #देती हैं।
ऐसे ही #मंदिरों में एक है शिकारी देवी का मंदिर। जिला मंडी के करसोग के समीप ऊंचे #पहाड़ों पर स्थित यह मंदिर कई #रहस्यों से भरा हुआ है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मुराद पूरी #होती है।
2850 मीटर की #ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर स्थित शिकारी देवी मंदिर के उपर आज #तक कोई भी छत नहीं बना सका है। यहां #अगर छत लगा भी दी जाए, तो वह टिक नहीं पाती। यही नहीं इस पहाड़ी पर हर #वर्ष बर्फ तो खूब गिरती है। लेकिन #माता की मूर्तियों पर कभी भी बर्फ नहीं टिक पाती।
इसके अलावा मंदिर के ऊपर से न तो पक्षी उड़ पाते है और न ही कोई #हेलीकाप्टर या हवाई जहाज यहां से गुजर पाता है। जो आज भी #रहस्य बना हुआ है। कहा जाता है कि #मार्कंडेय ऋषि ने यहां सालों तक तपस्या की थी। उन्हीं की तपस्या से खुश होकर यहां मां दुर्गा शक्ति रूप में #स्थापित हुई।
बाद में पांडवों ने #अज्ञातवास के दौरान मंदिर का निर्माण किया। #पांडवों ने यहां तपस्या कर मां दुर्गा को प्रसन्न किया और पांडवों को कौरवों के खिलाफ #युद्ध में जीत का आशीर्वाद #दिया था !! शुभ संध्या 🙏 माँ
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आने वाले 20 वर्षो में #हिन्दुओं के घरों से कुछ रिश्ते हमेशा के लिए #खत्म हो जाएंगे। भाई, भाभी, देवर, देवरानी, जेठ, जेठानी, काका, काकी सहित अनेक #रिश्ते हिन्दुओं के घरों से समाप्त हो जाएंगे।🙂
बस ढाई तीन लोगों के #परिवार बचेंगे, न हिम्मत देने वाला बड़ा #भाई होगा, न तेज तर्राट छोटा भाई होगा,न घर मे भाभी होगी, न कोई छोटा देवर #होगा, बहु भी अकेली होगी, न उसकी #कोई देवरानी होगी न जेठानी। कुल मिलाकर इस एक बच्चा फैशन और सिर्फ मैं #मैं की मूर्खता के कारण ..
हिन्दु #परिवार खत्म होते जा रहे हैं, दो भाई वाले परिवार भी अब आखरी स्टेज पर हैं । अब राम #लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न सीता उर्मिला #मांडवी जैसे भरे पूरे परिवार असम्भव हो चले हैं ।
इस 👇#Tweet के सभी भाग को बहुत बारीकी से और ध्यानपूर्वक #पढ़ें
🚩वर्ष 1947 में विभाजन के #उपरांत देश स्वतंत्र हुआ। तदुपरांत #वर्ष 1950 में संविधान लागू हुआ। उस समय कहा गया कि सभी को #समान न्याय मिलेगा। इस कारण सब #अत्याचार भूलकर हिन्दू उसे स्वीकारने के लिए तैयार हो गए..!!
परंतु प्रत्यक्ष में #धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अल्पसंख्यकों को सुविधा देकर हिंदुओं का दमन किया जा रहा है। आज मुसलमान अपने ##धर्म के लिए ‘फिदायीन’ बनकर समय पड़ने पर अपने प्राण देने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे समय हम हिन्दू #अधिवक्ताओं को भी कानून का अध्ययन कर,
न्यायालय में ‘#फिदायीन’ बनकर हिन्दू को न्याय दिलाने के लिए निःस्वार्थ वृत्ति के साथ #प्राणपण से प्रयास करने चाहिए । देश में बडी संख्या में हिन्दुओं का #धर्मांतरण हो रहा है, इसे रोकना आवश्यक है। इस पृष्ठभूमि पर धर्मांतरण-विरोधी कानून #बनाने के लिए अधिवक्ता प्रयास करें।
सौ करोड़ की #पीपणी बजाना बंद कर दो
☹️🤛✊
ये सौ करोड़ का भ्रम निकाल दो
अपने #मस्तिष्क से .😡
हम सौ करोड़ हैं . हम सौ करोड़ हैं
करते करते #तुम्हारे पैरों के नीचे से
जमीन गायब हो रही है #निकम्मों😏
यदि हिन्दू सौ करोड़ #होते तो, क्या अयोध्या में हिंदुओं के हत्यारों #को सत्ता देते ?
यदि #हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या #रामसेतु को काल्पनिक बताने #वाले को सत्ता देते ?
यदि हिन्दू सौ #करोड़ होते तो, क्या भगवा आतंकी #कहने वाले को सत्ता देते ?
यदि हिन्दू सौ #करोड़ होते तो, क्या कश्मीर में हिंदुओं को मौत के घाट उतारने वाले को #सत्ता देते ?
यदि हिन्दू सौ #करोड़ होते तो, क्या सरेआम गाय कटवाने #वालों को सत्ता देते ?
यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, #क्या दशहरा, दीपावली, होली पर ज्ञान बाँटने #वालों को सत्ता देते ?
3 #अप्रैल 1967 को चौधरी चरण सिंह UP के #मुख्यमंत्री बने थे उस समय UP की #विधानसभा में दो मुसलमान थे। एक दिन #कमाल यूसुफ नाम के विधायक ने चौधरी चरण #सिंह से कहा कि चौधरी साहब आप केवल हिंदुओं की वोटों से ही मुख्यमंत्री #नहीं बने हो, |
हमने भी #तुम्हें वोट दी हैं, अब हमारी कुछ मांग हैं वह आपको माननी पड़ेगी !
चौधरी साहब ने कहा यदि #तुम्हारी मांग मैं ना मानूं तो क्या #करोगे ? उस मुस्लिम विधायक ने कहा कि मुसलमान जन्मजात #लड़ाकू होता है
बहादुर #होता है यदि तुम हमारी मांग स्वीकार नहीं करोगे तो हम लड़ करके अपनी मांगे #मनवायेंगे !
चौधरी साहब ने #कहा - के नीचे बैठ जा वरना जितना ऊपर खड़ा है उतना ही तुझे जमीन में #उतार दूंगा ! तुम बहादुर कब से हो गए ? #मुसलमान बहादुर बिल्कुल नहीं होता , एक #नंबर का कायर होता है !
कोई भी व्यक्ति जो इस #अंग्रेजो के बनाए हुए सिस्टम में आएगा या तो वह #सिस्टम में लूट करेगा नही तो यह सिस्टम उसे #निकाल के बहार फेंक देगा क्युकी यह सिस्टम लूट को ही पसंद करता है और कुछ पसंद नही है इस सिस्टम को
आप #जानते है ? इस अंग्रेजो के बनाये व्यवस्था तन्त्र में भारत के कई इमानदार लोग गये और #सिस्टम ने उसे बहार फेंक दिया #क्योंकि वो लूट पसंद नही थे. सिस्टम ने फेंक दिया उनको बाहर ! नही #चलने दिया !
दो नाम तो आपके #सामने है एक थे श्री लाल बहादुर शास्त्री और दुसरे थे श्री मुरार जी #देसाई ! दोनों ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनकी #ईमानदारी की कसम खायी जा सकती है
शास्त्री जी जब #प्रधानमंत्री बने थे ना धोती फटी हुई थी उनकी !