मुद्दा यह नहीं है कि कश्मीर में 12 सरकारी कर्मचारियो को नौकरी से निकाला गया।मुद्दा यह है कि इनमे से 2 कुख्यात जेहादी सलाहुद्दीन के बेटे थे मुद्दा यह है कि इनको नौकरी दी कैसे गयी?कश्मीर में जेहाद के लिए क्या-क्या समझौते किए गए?
देश मे सरकारी नौकरी से पहले एक पुलिस-वेरिफिकेशन नाम
की भी चीज होती है।उसका क्या खौफ होता है,यह किसी सरकारी नौकर से पूछिए।फिर भी वे नौकरी तक पहुँचे कैसे?
मुद्दा यह नही है कि लखनौ के काकोरी क्षेत्र मे ATS की कार्यवाही मे अलकायदा के 2 आतंकवादी गिरफ्तार हुये है,और उनके पास से पर्याप्त मात्रा में विस्फोटक आदि मिले है,
मुद्दा यह है कि उन दोनो आतंकवादियो के परिवार या रिश्तेदारो या पड़ोसियो या किसी भी परिचित ने इस विषय मे पुलिस को कभी कुछ नही बताया. यही 1 सबसे बड़ा कारण है कि धीरे धीरे सभी हिन्दुओ का विश्वास समाप्त होता जा रहा है शांतिदुत समाज पर से.
आखिर ऐसा कभी भी कही भी क्यो नही होता कि शांतिदुत समाज के लोग खुद आगे आकर इस प्रकार की आतंकवादी सोच का विरोध नही करते? ये दोनो आतंकवादी अगले 2-3 दिनो मे लखनौ मे कुकर-बम और टाईम बम का प्रयोग कर लखनौ मे कई विस्फोट करना चाहते थे. क्या इन विस्फोटो मे केवल हिन्दू मरते?मुस्लिमो की मौत
नही होती? फिर क्यो मुस्लिम समाज अपने बीच में छुपे इस प्रकार के आतंकवादियों के विरुद्ध सरकार व पुलिस की मदद नही करते? आखीर क्यू?
ईश्वर का शुक्र है कि लखनौ मे अगले दिनो मे होने वाली आतंकवादी घटनाओं को करने की साजिश को ATS ने समय रहते विफल कर दिया है. #Salute_UP_ATS
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मार्च,1995 में एक फिल्म रिलीज हुई थी 'Bombay'
राम जन्मभूमि आंदोलन की पृष्ठभूमि पर बनी ये फिल्म एक प्रेमकथा थी
कुछ भी 'Abnormal' नहीं था इस फिल्म में, अगर हम फिल्म की पटकथा, स्क़ीन-प्ले की बात करें तो
लेकिन फिल्म रिलीज होते ही बवाल मच गया पूरे देश मे,कारण क्या था?
फिल्म की हीरोइन 'मुस्लिम' थी मेंरा मतलब हिरोइन का किरदार निभाने वाली अदाकारा नहीं (वो तो मनीषा कोईराला थी)पर फिल्म में प्रेम करने वाली लडकी 'मुस्लिम'थी,और लडका 'हिन्दू'और यही सबसे बडा 'जुर्म' था, मुसलमानों की निगाहों में
दंगे भडक उठे, पूरे देश में फिल्म की स्क़ीनिंग रुकवा दी
नारे लगाती हुई शांतिदुत भीड नें कई छोटे शहरों में तो भीड सिनेमाघर के अंदर घुस गई और तोड़फोड़ की ,मामला अदालत पहुँचा, और 7 दिनों के लिए फिल्म पर रोक लगा दी गई
3 लोगों की 1 मुस्लिम कमेटी को फिल्म दिखाई गयी (उनमें से 1 'रजा एकेडमी', मुबंई का था ) तीनों नें मुंबई पोलिस की सुरक्षा
ये जनाब है यासीन मलिक @INCIndia के जमाने मे इनकी तूती बोलती थी। कॅबिनेट मिनिस्टर याने सोन्या, आऊल के गुलाम इसका पिछवाड़ा सांफ करते थे। इसकी उपलब्धि यह थी कि यह कश्मीरी अलगाववादी नेता था,हाफिज सईद और अजहर के साथ उठना बैठना था,पाकिस्तान का हितचिंतक था और भारत के टुकड़े टुकड़े करने
के रात दिन स्वप्न देखता था।काँग्रेस इसकी मेहमान नवाजी ऐसे करती थी कि इसे आने ले जाने हेतु चार्टर्ड हवाई जहाज होते थे,दिल्ली मे 5 स्टार हॉटेल मे इस मदरसाछाप की रहने ठहरने की व्यवस्था होती थी और यह सारा खर्च सरकारी तिजोरी से होता था। इतना ही नही ये मादरजात दुनिया मे कही भी जाता
तो इसका पूरा खर्च भारत सरकार करती थी और ये वहां जाकर भारत विरोधी गतिविधियां करता था।काँग्रेस को लगता था कि कश्मीर भारत का अंग इन हरामियों के मेहमाननवाजी के कारण है,और बदले मे ये काँग्रेसीयो के इशारे पर पाकिस्तान द्वारा भारत मे आतंकी हमले करवाने में उनकी सहायता करता था।
*🚩चर्च मे 993मासूम बच्चों का किया यौनशोषण*
*सेक्युलर और मीडिया मौन!*
29/6/2021 azaadbharat.org
*🚩जब भी किसी पवित्र हिंदू साधु-संत पर कोई झूठा आरोप लगता है तो इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया इस तरह खबर चलाती है कि जैसे SC मे अपराध सिद्ध हो गया हो,सेक्युलर भी जोरो
से चिल्लाने लगते है,और हिंदू धर्म पर टिप्पणिया करने लगते है।सबसे बड़ी बात तो यह है कि इल्जाम लगते ही न्यूज चालू हो जाती है,अनेक झूठी कहानियां बन जाती है।इससे तो यह सिद्ध होता है कि मीडिया को इस बात का पहले ही पता होता है कि कौनसे हिन्दू साधु-संत पर कौनसा इल्जाम लगने वाला
है,और उनके खिलाफ किस तरीके से झूठी कहानियां बनाकर खबरे चलानी है?ऐसा लगता है यह सब पहले से ही तय कर लिया जाता होगा!
वही दूसरी ओर किसी मौलवी या पादरी पर आरोप सिद्ध हो जाये,तब भी न मीडिया खबर दिखाती है और ना ही सेक्युलर कुछ बोलते है।इससे साफ होता है कि ये gang केवल हिंदुत्व
*पोस्टमॉर्टेम शांतिदुतो के पारिवारिक संबधो पर*
🤔🤔😊😊🤣🤣🤣
*सलीम ने अपने बेटे की शादी की।*
*सलीम की पत्नी मर चुकी थी।सलीम थोडे पैसे वाला था।*
*सलीम के बेटे की साली सुंदर थी।सलीम का दिल उस पर आ गया.वो सब गरीब थे तो सलीम ने बेटे के साली से शादी कर ली जो कि जायज है।*
*कालांतर में सलीम को दूसरी बीवी से
(बेटे की साली) 1 बेटा हुआ और उसके बेटे को बेटी हुई।*
*फिर सलीम के दूसरे बेटे की उसके पहले बेटे के बेटी से शादी हो गई जो कि जायज है।*
*अब इन दोनो को एक बेटी हुई इस बीच सलीम के पहले बेटे ने एक और बेटा पैदा कर दिया।*
बाद में इन दोनो की शादी हो गई जो कि जायज है इनको भी फिर एक बेटा पैदा हुआ
तो आपको यह बताना है कि सलीम का इस लड़के से क्या रिश्ता है.
जो बता दे उसे 2दिन और 3रातों के लिए जहा मन करे वहा ट्रिप पर भेजने का इंतजाम किया है @caatfeesh@PPhanje@kolhapuri_MH09@Sonal_Rv@Rohini_indo_aus
बापू, आप इन प्रश्नो के उत्तर दीजिए
पता है मुझे के जवाब नही है आपके पास
1)आप लंडन मे रहकर बिना किसी परेशानी के गोरो के साथ पढ़ते,होस्टल के 1कमरे मे रहते है,1 मेस में खाते है।
फिर अचानक ट्रेन मे 1 साथ सफर करते वक्त बाहर "फेक" दिए जाते है?क्यूँ? ये बात कतई हजम नही हुई।
2)उन्हीं गोरों की सेना मे सार्जेंट मेजर बनते है और द.आफ्रीका मे "बोर वॉर"में आपकी तैनाती एम्बुलेंस यूनिट में होती है जहां आप लड़ाई मे गोरों का कालों के विरूद्ध साथ देते है।मिलिट्री यूनिफॉर्म मे आपकी की फोटो पूरे इंटरनेट उपलब्ध है। सार्जेंट मेजर गांधी लिखकर सर्च कर लीजिए।
3)फिर आप मे अचानक 46 वर्ष की उम्र मे 1915 मे देशप्रेम जागा और मिलिट्री युनिफॉर्म उतारकर आपको बैरिस्टर घोषित कर दिया गया।
(राणी लक्ष्मी बाई, खुदीराम बोस, बिस्मिल, भगतसिंह और आजाद जैसे अनेकों देशभक्तों की 25 की उम्र आते आते तक शहादत हो गई थी।)
अब आयेगा असली मजा
खेल का क्लायमॅक्स शूरू हो गया।
UP के गोरखपूर के बाबाजी कहीन।
कानपुर से पैसा सीधा पाकिस्तान जा रहा है?
कानपुर मे 7 जून को पूरे दिन कानपुर पुलिस ने बाबूपुरवा इलाके में पूछताछ की।दरअसल यहां पर एक विशेष समुदाय के लोगों ने कुछ पारदर्शी डोनेशन बॉक्स लगा रखे है।
इन बॉक्सेस मे लोग डोनेशन देते है,लेकिन सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के प्रवक्ता सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने कानपुर पुलिस में शिकायत दर्ज की है कि जो पैसा डोनेशन बॉक्स में डाला जा रहा है,वो सारा पैसा पाक की कट्टरपंथी संस्था दावते इस्लामी के पास जा रहा है।
इन डोनेशन बॉक्स पर दावते इस्लामी का नाम भी लिखा हुआ है।दावते इस्लामी का हिंदी में अर्थ है, इस्लाम की दावत।इस्लाम की दावत का मतलब गैर मुसलमानों को धर्मांतरण करके इस्लाम अपनाने का निमंत्रण ही होता है।
शिकायत के बाद कानपुर की पुलिस एक्टिव हो गई है।कानपुर पुलिस ने फैसला किया है कि