Photo thread on the amazing sanskrit,
Beautifully compiled by prashant agrawal of Bareilly,
कृपया पूरे थ्रेड को अन्तिम स्थान तक पढें, और समझें कि मात्रा एवम् सन्धि का खेल क्या है?
१- सभी व्यञ्जन एक साथ -- @Sanjay_Dixit @manojmuntashir @SanjeevSanskrit @myogiadityanath
व्यञ्जन "न" का प्रयोग करते हुये पूरा श्लोक
व्यञ्जन "द" का प्रयोग करते हुये पूरा श्लोक
व्यञ्जन न का प्रयोग करते हुये पूरा श्लोक
व्यञ्जन क का प्रयोग करते हुये पूरा श्लोक
व्यञ्जन क का प्रयोग
व्यञ्जन ल का प्रयोग करते हुये श्लोक
मात्रा के रूप में मात्र एक स्वर उ का प्रयोग
मात्र १ स्वर उ का प्रयोग
मात्र १ स्वर ऐ का प्रयोग
मात्र १ स्वर आ का प्रयोग
मात्र १ व्यञ्जन एक स्वर के साथ
मात्र १ स्वर आ का प्रयोग
एक पंक्ति में एक स्वर इ का प्रयोग
१ पंक्ति में १ स्वर ई का प्रयोग
अनुलोम विलोम श्लोक:- यहां पर जहां से पहला श्लोक प्रारम्भ है उसके अन्त से दूसरा श्लोक प्रारम्भ है लेकिन दोनों का अर्थ भिन्न है...
अनुलोम विलोम श्लोक संख्या २
अनुलोम विलोम श्लोक संख्या ३
इस श्लोक में रामकथा एवम् कृष्णकथा साथ में ही चल रही है,
पूर्वार्द्ध मेॆ रामकथा तो उत्तरार्द्ध मेॆ कृष्णकथा।
इस श्लोक की विशेषता यह है कि प्रत्येक अर्द्धांश जहां पर समाप्त होता है उसके अंत से नया अर्द्धांश प्रारम्भ हो जाता है।
यहां पर चतुर्थांश विलोमकाव्य के साथ में है
चतुर्थांश विलोम काव्य के साथ संख्या २
प्रत्येक चतुर्थांश विलोम काव्य के साथ
प्रत्येक चतुर्थांश विलोमकाव्य के साथ
चारों चतुर्थांश समान परन्तु भिन्न अर्थ
चारों चतुर्थांश समान परन्तु भिन्न अर्थ
चारों चतुर्थांश समान परन्तु भिन्न अर्थ
चारों चतुर्थांश समान परन्तु भिन्न अर्थ
चारोॆ चतुर्थांश समान,भिन्न अर्थ
पूर्वार्द्ध व उत्तरार्द्ध समान, परन्तु भिन्न अर्थ
पूर्वार्द्ध व उत्तरार्द्ध समान,अर्थ भिन्न
प्रत्येक पंक्ति के दोनों चरण समान,अर्थ भिन्न
एक ही श्लोक के तीन अर्थ
चार चरण चारों में अलग अलग परन्तु एक ही वर्ण
मात्र स एवम् र का प्रयोग
भ और र का प्रयोग
भ और व का प्रयोग
प और र का प्रयोग
क और र का प्रयोग
द और र का प्रयोग
श और र का प्रयोग
न और ल का प्रयोग
क और ल का प्रयोग
व और र का प्रयोग
र और ज का प्रयोग
३ वर्ण द,व और न का प्रयोग
कंठ्य समूह अर्थात् वे व्यंजन जिनका उच्चारण स्थान कंठ है, उनका प्रयोग
मान शब्द की पुनरावृत्ति से श्लोक
मया शब्द की पुनरावृत्ति से श्लोक
काल शब्द की पुनरावृत्ति से श्लोक
पाई का मान 31 अंकों तक ये श्लोक स्वयं में अचरज भरा एवम् संस्कृत का वैज्ञानिकता को साबित करने वाला श्लोक है जिसको संस्कृत की कटपयादि प्रणाली से पढने पर पाई (२२/७) का मान ३१ अंकों तक यथावत आता है।
अन्त में ग्लोबल ग्लोबल चिल्लाने वालों से मेरा करबद्ध होकर निवेदन है कि किसी भी अन्य भाषा की वैज्ञानिकता को आप दबा तो सकते हैं परन्तु सोशल मीडिया के इस युग में दबा नहीं सकते।
विश्व की सर्वश्रेष्ठ भाषा है संस्कृत ऐसे ही नहीं ये देववाणी है।
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Alarming situation in UP,
ऐसा लग रहा है सबकुछ ठीक चल नहीं रहा है।
कोई भी विभाग अपना कार्य ठीक से कर नहीं रहा।
UP BJP में उच्च स्तर की गुटबाजी होती हुयी दिख रही है और ये विभागीय स्तर पर भी है।
@myogiadityanath जी कृपया ध्यान दें।
जैसे विद्युत आपूर्ति पिछले कार्यकाल में @ptshrikant के समय में सर्वोत्तम थी लेकिन वर्तमान समय में ये उस जमाने की याद दिलाती है जब यादव जी के समय में गर्मियों में छत पर बिस्तर बिछाना कम्पलसरी होता था।
खैर ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में यही हाल है
@ptshrikant शहरी क्षेत्रों के लिये ज्यादा नहीं 10% और बुरी व्यवस्था करनी पडेगी।
स्वच्छता विभाग का ये हाल है कि विधायक जी अपने मोहल्ले में ही कूडे के लगे अम्बार को नहीं हटवा पा रहे विधायक जी को विधायक बने हुये 7 साल हो गये।
If I say He was the greatest man of the 19th century who showed the power of spirituality to the world.
As a country we are doomed as we have not learnt anything from him besides celebrating his birthday as #NationalYouthDay while many scientists of the world learnt from him.
Swami ji with Nicola tesla,
In 1895 swami ji shared Nicola the idea of energy and matter to be one and requested him to prove mathematical expression over it but he could not but 10 year later Einstein proved it by E equals to Mc^2.
Tesla started learning vedic scriptures and he started writing sanskrit words as it is in the sanskrit,
When Tesla died he was working on Scalar interferometer in sanskrit which is known as Brahmastra but as he promised Swami ji he did not share it with US army.
#प्रवासी_भारतीय_दिवस
यह प्रतिवर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन गान्धी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत भेजे गये थे।
मूलत: उनको भारत भेजने का उद्देश्य था उस समय प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था और अंग्रेजों की फौज में भारतीय सम्मिलित नहीं हो रहे थे
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क्योंकि गान्धी की छवि उस समय भारतीयों के लिये अच्छी बनी थी अत: अंग्रेजों ने इसी छवि का लाभ लेते हुये इनको इस काम पर लगाया ताकि गान्धी भारतीयों की भर्ती करा सकें और प्रलोभन दिया कि अंग्रेज प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारत को आजाद कर देंगे।
फलस्वरूप झांसे में आकर भारतीय अंग्रेजों की फौज में शामिल हो गये और युद्ध समाप्ति के बाद भारतीय वही गुलाम के गुलाम रहे और गान्धी को अंग्रेजों के द्वारा एक उपाधि दे दी गयी
जो कि रानी विक्टोरिया के अतिरिक्त किसी को भी न दी गयी थी और वो उपाधि थी केसर-ए-हिन्द।
RSS जिसे आम बोलचाल की भाषा में संघ कहा जाता है, इसकी स्थापना विजयादशमी के दिन हुई थी। 27 सितम्बर 1925 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना इनके संस्थापक डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। #RSS_स्थापना_दिवस #RSSVijayadashami2022
आरएसएस की स्थापना (rss ki sthapna) बिलकुल ही अलग तरीके से हुई थी। डॉक्टर जी ने अपने घर 15-20 चुनिंदा लोगों को बुलाया और उनसे कहा कि आज से हम संघ शुरू कर रहे है और संघ शुरू हो गया। संघ शुरू करने का केवल एक ही मकसद था कि ब्रिटिशराज भारत में हिंदुओं को संगठित करना।
शुरुआत में संघ के सदस्यों को सभासद कहा जाता था और सारे सभासदों से इतनी उम्मीद रखी जाती थी कि वे पर्याप्त मात्रा में व्यायाम करें और सप्ताह में एक बार सभी सभासद इकट्ठा हो।
Property.. 1- Indian Army - 18 lakh Acre 2- Indian Railway - 12 Lakh Acre 3- Waqf board - 8 lakh Acre
And you will be surprised In 2009 waqf board has 4 lakh acre land
that means in just 13 year they have doubled their property.
How?
वक्फ बोर्ड की शुरूआत 1947 में नेहरू लियाकत समझौते से हुयी..
जहां ये तय किया गया कि जो जमीन मुसलमान अपनी भारत छोड़कर पाकिस्तान जायेंगे वो सारी सम्पत्ति वक्फ बोर्ड की होगी।
दूसरे मायनो में बंटवारा तो हुआ लेकिन मुसलमान उसी तरह भारत की जमीन पर अपना हक जताते रहे जैसा वो पूर्व में किये
1954 में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ जहां एक ओर पाकिस्तान ने तो नेहरू लियाकत समझौते को लतिया दिया लेकिन भारत उस पर मेमने की भांति अडिग रहा पता नहीं क्या डर था भारत को।
खैर 1995 में नरसिम्हा राव आये और बाहें खोलकर वक्फ को सब लुटा दिया।