अब तक हम लव ट्रैप की वजहों, सुधार के तरीक़ो और उस से जुड़े तमाम मसलों पर बात कर चुके हैं आइये अब लव ट्रैप के पहले और बाद की जाने वाली बड़ी ग़लतियों पर रौशनी डालते हैं और जानते हैं कि इन ग़लतियों के ज़रिए मुसलमान__/1/19
ख़ुद लव ट्रैप को कैसे खुली दावत दे रहे हैं।
1___:- लड़कियों की ग़लतियाँ- पहले लव ट्रैप की साजिश भले ही एक ख़ास संघटन ने की थी लेकिन अब हालात ये हैं कि ख़ुद कुछ दीन ईमान से ग़ाफ़िल मुस्लिम लड़कियाँ और औरतें दुनिया के सबसे ग़लीj और बदतरीn लोगों को चुन चुन कर उनकी हवस का सामान
बन जाने पर आमादा हैं और दुनिया की बदतरीन ग़लाज़त और बदतरीन गुनाह कर लेने को किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, क्योंकि वो दिन रात इंटरनेट और टी.वी. पर ऐसी ग़लाज़त में मुब्तिला हैं कि उसको हासिल कर लेना ही उनकी ज़िंदगी का मक़सद बन चुकी है।
और मुसलमान होने के नाते उनके साथ वो ग़लाज़त कोई घटिया से घटिया मुसलमान कभी नहीं कर सकता इसलिए आज ये लड़कियाँ/औरतें उन मुशरिकों की तरफ़ भाग रही हैं जो इनकी शैतानी ख़्वाहिशात और ग़लाज़त को पूरा कर सकें, और साजिश करने वाले इंटरनेट पर उनको बहुत अच्छे से मॉनिटर कर रहे हैं और उनको
पता है कि ये लड़कियाँ उनका सबसे आसान शिकार हैं।
2___:- वालिदैन की ग़लतियाँ- लव ट्रैप की शिकार कोई लड़की जब घर से भाग जाती है या शादी कर लेती है तब उसके वालिदैन न तो उस लड़की को तलाश करते हैं ना उसको वापस लाने की कोई कोशिश करते हैं बल्कि ये कहते हैं कि "हमारे लिए तो वो आज से मर
गई" और ऐसा कर के वो सामने वालों को दूसरी लड़कियों के साथ लव ट्रैप करने का हौसला देते हैं। जबकि देखने में आ रही है कि तमामतर मुस्लिम लड़कियों की शादी में कोई क़ानून भी लागू नहीं कि जा रही है अगर उनके वालिदैन चाहें तो कोर्ट और क़ानून के ज़रिए उनको वापिस ला सकते हैं और उस लड़के को
सज़ा भी दिला सकते हैं, लेकिन वो झूठी अना दिखा कर अपने गुनाहों पर पर्दा डालने का काम करते हैं। हालांकि हमको ख़ुदा भी मुआफ़ कर देता है लेकिन ये झूठे अना परस्त लोग उन लड़कियों को मुआफ़ नहीं करते, हालांकि जब उनका अना और ज़िम्मेदारी निभाने का वक़्त था तब वो ग़ाफ़िल थे, और न अपनी
औलादों की तरबियत की, न उनको दीन सिखाया, न उन पर नज़र रख सके, यहां तक कि उनके ज़रिये की जा रही ऐश और अय्याशियों को भी नज़रअंदाज़ करते रहे।
इनके ग़ैर ज़िम्मेदार होने की दलील ये है कि जो लडक़ी अपने पैदाइशी मज़हब और रस्मों रिवाजों को न कभी समझ सकी, न निभा सकी और, न उसको अपनाए रख
सकी वो ही लड़की एक बिल्कुल अनजान मज़हब और रस्मों रिवाजों में जा कर पहले दिन से ही उनको क़दम दर क़दम निभाने लगती है, इसका मतलब है कि आपने उसको कुछ सिखाया ही नहीं था इसलिए उसको पैदाइशी मज़हब भी निभाना नहीं आया और दूसरों ने उसको एक नया मज़हब सिखाया तो वो फ़ौरन सीख गई,
इसलिए उस लड़की से बड़े गुनाहगार उसके वालिदैन है।
3___:- मुआशरे की ग़लतियाँ- लव ट्रैप के मामलों में हमारा मुआशरा तीन बार ग़लतियाँ करता है पहली ये कि जब किसी को किसी लड़का/लड़की का कोई मामला पता चलती है तो वो ये कह कर ख़ुद को अलग कर लेता है कि ये तो बिगड़ी हुई है,
और जो जैसा करेगा वैसा भरेगा हमको क्या लेना देना। जबकि इस्लाम ये कहता है कि जब तुम किसी मुस्लिम को गुनाह की तरफ़ जाता पाओ तो उसको पूरी क़ुव्वत से रोको और उसको गुमराही से बचाने को जो भी मुमकिन कोशिश कर सकते हो वो करो, मुआशरा दूसरी ग़लती तब करता है जब कोई लड़की भाग जाती है
या मुर्तद हो जाती है तब तमाम लोग उस लड़की और उसके वालिदैन में हज़ारों खामियाँ निकालते हैं और उनको भला बुरा कहते हैं और अपने आप को उनसे बहतर मान कर ख़ामोश बैठ जाते हैं, जबकि उनको उस वक़्त उन वालिदैन का साथ दे कर लड़की को वापस लाने की कोशिश करनी चाहिए थी और उस लड़की के किए गुनाह
की वजहें तलाश कर उनसे अपने मुआशरे को सबक़ देना चाहिए था ताकि आगे से कोई दूसरी लड़की वैसा क़दम न उठा सके, लेकिन मगर अफ़सोस हम ऐसा कुछ नहीं करते है।
4___:- मुआशरे की चौथी ग़लती ये है कि किसी मामले में कोई कार्यवाही न करने से वो मामला न मीडिया में दिन रात चलती है न उसकी कोई
रिकॉर्ड हमारे पास इकठ्ठा हो पाती है, और इस वजह से अलग अलग वक़्त और जगह के मामले हमारी नज़र में बस एक दो मामलों की हैसियत रखते हैं जिस से हम उन मामलों को ले कर बहुत फ़िक्रमंद नहीं रहते जबकि ये मुल्क बहुत बड़ी है और जब तमाम मुल्क के मामले एक साथ देखे जाते हैं तो ये तादाद बहुत
बड़ी हो जाती है और इसी बेफ़िक्री का नतीजा है कि आज हमारी हज़ारों नस्लें ख़त्म कर दी गई हैं और लाखों नस्लें गंदी की जा रही हैं और हम उनको अपने आस पास के एक दो मामले समझ कर आराम से ग़फ़लत की ज़िंदगी जी रहे हैं, ये कहना ग़लत न होगा कि आज के बे-दीन और बुज़दिल मुसलमान कोई कार्यवाही
न कर के अपनी लड़कियाँ दूसरों को थाल में सजा कर ख़ुद अपने हाथों से दे रहे हैं और इल्ज़ाम साजिश करने वालों पर लगा रहे हैं।
5____:- इसका हल क्या है-👉 इसका हल ये है कि अगर तुम सच में अना परस्त हो तो सबसे पहले अपनी बच्चियों को अच्छी तरबियत दो और उन पर सख़्त नज़र रखो इसके इसके बाद
भी कुछ नज़रें तुम्हारे घरों तक आती हैं तो तुम्हारे घरों तक आने वाली दो चार नज़रों के चश्मे उल्टे कर दो, फिर कोई पाँचवी नज़र तुम्हारी तरफ़ नहीं आएगी अगर ऐसा नहीं कर सकते तो अपनी बुज़दिली, बेग़ैरती, ना-अहली और जहालत को अना का नाम न दो, वैसे भी उस ज़िल्लत की ज़िंदगी से तो
रस्म-ए-बदल के निशान लिए ज़िन्दगी बहतर है।टीपू सुल्तान ने कहा था कि सौ साल की गीदड़ की ज़िंदगी से एक दिन की शेर की ज़िंदगी बहतर है, अल्लाह फ़रमाते है कि हमने कुफ़्र करने वालों के दिल बहुत कमज़ोर बनाये हैं और आज मुसलमानों की बुज़दिली देख कर लगता है कि अल्लाह ने आज के हम बे-दीन
मुसलमानों को भी कुफ़्र करने वालों के साथ शामिल कर दिए है😢😢
मुर्तद होती लड़कियों के मामले में जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं वैसे वैसे नए ख़ुलासे हो रहे हैं और जो मुसलमान इस साजिश को सिर्फ़ कुछ आवारा लड़कियों का काम समझने की भूल कर रहे हैं अगर वो अभी नहीं जागे तो उनको बाद में पछताने__/ 1/8
का भी मौक़ा नहीं मिलेगी।
ये बात साफ़ तौर से समझ लीजिये कि ये साजिश एक दो शहर या राज्यों तक नहीं है बल्कि हिंदुस्तान का कोई एक गावँ भी ऐसी नहीं मिलेगी जहाँ इस वक़्त इस साजिश का शिकार कोई मुस्लिम लड़की न हो.. ख़ुदा के वास्ते होश में आ जाए वर्ना अपनी आंखों से
अपनी नस्लों की तबाही सामने देखेंगे।
अभी भी वक़्त है कि ख़्वातीन पर दीन का ज़मीनी काम शुरू कर दिए, अगर इस काम को आज अधूरा छोड़ दिया गया तो कल कोई इसको मुकम्मल नहीं कर पाएगा, ये साजिश अब तक कि तमाम साजिशों पर भारी पड़ने वाली है।
जिसे दीन की इल्म है वही समझ सकते है हराम और हलाल क्या चीज है।
ज़्यादातर दुनियांवी तालीम याफ्ता पढ़ी लिखी मुस्लिम लड़की गैर मुस्लिम से शादी करके काफिर हो रहीं हैं,
इससे एक बात यह मालूम चलती है के मुसलमानों के लिए__1/6
दीनी तालीम कितनी ज़रूरी है तौहीद की मालूमात होना और अक़िदा-ए-तौहीद पर जमे रहना तौहीद पर हर हाल में क़ायम रहना मुस्लिम लड़के और "लड़कियों" के लिए बहुत ज़रूरी है।
संघीयो के एजेंडो के अनुसार मुस्लिम लड़कियों को प्यार मोहब्बत मे फसा कर उससे शादी करना और उसका धर्मान्तरण करवाना
और उसे 3,4 साल मे यूज़ कर के छोड़ देना यहीं उनका एजेंडा है और संघी और ईन जैसे हजारो गैर संघटनो से जुड़े लाखो नौजवान इस काम मे लग गए है।
अब हम यह सब जानकर भी अगर ऐसे ही हाथ पे हाथ धरे बैठे रहे तो हमारे कौम की लड़कियों के साथ बहुत बुरा होने वाली है, और बहुत बुरा हो भी रही है।