मुर्तद होती लड़कियों के मामले में जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं वैसे वैसे नए ख़ुलासे हो रहे हैं और जो मुसलमान इस साजिश को सिर्फ़ कुछ आवारा लड़कियों का काम समझने की भूल कर रहे हैं अगर वो अभी नहीं जागे तो उनको बाद में पछताने__/ 1/8
का भी मौक़ा नहीं मिलेगी।
ये बात साफ़ तौर से समझ लीजिये कि ये साजिश एक दो शहर या राज्यों तक नहीं है बल्कि हिंदुस्तान का कोई एक गावँ भी ऐसी नहीं मिलेगी जहाँ इस वक़्त इस साजिश का शिकार कोई मुस्लिम लड़की न हो.. ख़ुदा के वास्ते होश में आ जाए वर्ना अपनी आंखों से
अपनी नस्लों की तबाही सामने देखेंगे।
अभी भी वक़्त है कि ख़्वातीन पर दीन का ज़मीनी काम शुरू कर दिए, अगर इस काम को आज अधूरा छोड़ दिया गया तो कल कोई इसको मुकम्मल नहीं कर पाएगा, ये साजिश अब तक कि तमाम साजिशों पर भारी पड़ने वाली है।
अभी इस मसले पर बहुत खुलासे और इसके ख़ात्मे के तौर तरीक़ों पर लगातार हम लोग रिसर्च कर रहे हैं और वो तमाम वजहें और उनके हल एक एक कर के क़ौम के सामने पेश किए जाएंगे और आप दोस्तों से उम्मीद है कि आप इस मसले को ठंडा नहीं होने देंगे और हमारा साथ दे कर इस आवाज़ को तमाम मुसलमानों
तक पहुँचाने में हमारी मदद करेंगे।
एक खबर ये भी मिल रही हैं कि रजिस्टर्ड हो चुकी शादियाँ कैंसिल करा ली गई हैं और कई सारी भागी हुई लड़कियों को उनके वालिदैन को मुआफ़ कर देने को समझ बुझा कर उनके हवाले किया गया है ताकि एक लड़की से नाराज़गी के सबब एक नस्ल को शिर्क में डूब जाने से
बचाया जा सके।
अल्हम्दुलिल्लाह सोशल मीडिया पर उठाई गई हमारी आवाज़ अब तमाम इदारों और ज़िम्मेदारान को जगाने में कामयाब होती दिख रही है और अब तमाम जगहों से एक पहल होती दिखने लगी है।
ऐसे बहुत सारी विडिओ आती रहती है मेरे पास जो भाई इस लव ट्रेप के खिलाफ जुड़े है वो आए दिन कुछ ना कुछ
जानकारियां मेरे पास देते रहते है, ऐसे काफी लोग भी इस लव ट्रेप के खिलाफ काम भी करने लगेंगे और खुल कर सोशल मीडिया पर बोलने भी लगे है।
मुझे अब कोई फर्क़ नहीं पड़ती है कि मेरी पुरानी ट्विटर I'd बंद रहे या ओपन क्युकि मैं जो करनी चाहती थी सो कर दी उस I'd से पोस्ट और भी बाकी है
बस लिखती जाऊँगी।
और एक गुजारिश है सभी से जो भी सोशल मीडिया पर इस मसले पर खुल कर लिख रहे है उनका सपोर्ट करें, क्युकि मेरी I'd तो पुरानी वाली बंद है फ़िलहाल लेकिन जो लोग मेरी पोस्ट पढ़ते थे अब वो भी लिखने और बोलने लगे है।
इसलिए गुज़ारिश है खुल कर सपोर्ट करे।
7___:- यानि ये खेल दो तरफ़ा चल रही है एक तरफ़ आपको फ़हाशी में इतना मसरूफ़ कर दिया गया है कि आप इस्लाम और अपने मुआशरे को पलट कर भी नहीं देख पा रहे हैं और दूसरी तरफ़ उसी इस्लाम की तालिमात से आपकी जड़ें खोखली की जा रही हैं, सन 2014 से पहले भारत में___/ 1/22
2% मुसलमान हलाला जैसा लफ़्ज़ भी जानते नहीं थे लेकिन आज ज़्यादातर मुसलमान समझते हैं कि मुसलमान हलाला जैसा घिनौना जुर्म करते हैं और ये ठीक ऐसा ही है जैसे किसी ग़ैरमुस्लिम से अगर कह दो की तुम बे-ईमान हो तो वो लड़ने लगता है जबकि असल में उसका ईमान से कोई वास्ता ही नहीं है न वो
अल्लाह और उसके रसूल को मानता है लेकिन हमारे बुज़ुर्गों ने ईमान पर इतनी महनत की थी कि आज 1450 साल बाद भी हर ग़ैरमुस्लिम उस लफ़्ज़ को अपने अच्छा होने का पैमाना मानता है__लेकिन आज वो ही मेहनत हमारे साथ बुराई पर की जा रही है और हम पूरी तरह से उसका शिकार हो रहे हैं।
अगर मैं आपसे कहूँ कि पिछले बीस साल से दुनिया भर में मुसलमानों के ख़िलाफ़ छेड़ी गई 6th Generation War(इस्लामफोबिया) (छठी पीढ़ी की जंग) का मरकज़ आज हिंदुस्तान है और उस जंग में हिंदुस्तानी मुसलमान बुरी तरह से हार रहे हैं तो क्या आप यक़ीन__1/23
करेंगे.. नहीं ना.?हाँ क्योंकि आपको तो ये भी नहीं पता कि की जंग की भी कोई पीढ़ियाँ होती हैं, आपको तो ये भी नहीं पता कि पिछले बीस साल से आपके ख़िलाफ़ इस ज़मीन की सबसे ख़तरनाक जंग जारी है, और जब आप इस जंग को समझ पाएंगे तब तक आपका वजूद ख़ात्मे तक आ चुकी होगी फिर आप चाह कर भी खुद को
नहीं बचा पाएंगे, चलिए पहले छठी पीढ़ी की जंग को जान लीजिए कि ये जंग मनोवैज्ञानिक युद्ध है यानि Psychological War और इस जंग में ज़मीनों पर नहीं ज़हनों पर क़ब्ज़ा की जाती है, इस जंग में नक़्शे नहीं ख़्याल बदले जाते हैं,इस जंग में शहर नहीं जज़्बात तहस नहस किये जाते हैं,
अब तक हम लव ट्रैप की वजहों, सुधार के तरीक़ो और उस से जुड़े तमाम मसलों पर बात कर चुके हैं आइये अब लव ट्रैप के पहले और बाद की जाने वाली बड़ी ग़लतियों पर रौशनी डालते हैं और जानते हैं कि इन ग़लतियों के ज़रिए मुसलमान__/1/19
ख़ुद लव ट्रैप को कैसे खुली दावत दे रहे हैं।
1___:- लड़कियों की ग़लतियाँ- पहले लव ट्रैप की साजिश भले ही एक ख़ास संघटन ने की थी लेकिन अब हालात ये हैं कि ख़ुद कुछ दीन ईमान से ग़ाफ़िल मुस्लिम लड़कियाँ और औरतें दुनिया के सबसे ग़लीj और बदतरीn लोगों को चुन चुन कर उनकी हवस का सामान
बन जाने पर आमादा हैं और दुनिया की बदतरीन ग़लाज़त और बदतरीन गुनाह कर लेने को किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, क्योंकि वो दिन रात इंटरनेट और टी.वी. पर ऐसी ग़लाज़त में मुब्तिला हैं कि उसको हासिल कर लेना ही उनकी ज़िंदगी का मक़सद बन चुकी है।
जिसे दीन की इल्म है वही समझ सकते है हराम और हलाल क्या चीज है।
ज़्यादातर दुनियांवी तालीम याफ्ता पढ़ी लिखी मुस्लिम लड़की गैर मुस्लिम से शादी करके काफिर हो रहीं हैं,
इससे एक बात यह मालूम चलती है के मुसलमानों के लिए__1/6
दीनी तालीम कितनी ज़रूरी है तौहीद की मालूमात होना और अक़िदा-ए-तौहीद पर जमे रहना तौहीद पर हर हाल में क़ायम रहना मुस्लिम लड़के और "लड़कियों" के लिए बहुत ज़रूरी है।
संघीयो के एजेंडो के अनुसार मुस्लिम लड़कियों को प्यार मोहब्बत मे फसा कर उससे शादी करना और उसका धर्मान्तरण करवाना
और उसे 3,4 साल मे यूज़ कर के छोड़ देना यहीं उनका एजेंडा है और संघी और ईन जैसे हजारो गैर संघटनो से जुड़े लाखो नौजवान इस काम मे लग गए है।
अब हम यह सब जानकर भी अगर ऐसे ही हाथ पे हाथ धरे बैठे रहे तो हमारे कौम की लड़कियों के साथ बहुत बुरा होने वाली है, और बहुत बुरा हो भी रही है।