साथियों! ये कहानी उन लोगों की सोच पर एक करारा तमाचा है जो कभी किसी चीज या परिस्थिति में संतुष्ट होते ही नहीं, उन्हें और बस और और चाहिए वो भी तब जब कुछ साथ नहीं जायेगा ।😡😡
*आत्मा से तृप्त लोग..*
बस स्टैंड पर बैठा मैं अपने शहर जाने वाली बस का इंतजार कर रहा था। अभी... 1👇😊
बस स्टैण्ड पर बस लगी नहीं थी।
मैं बैठा हुआ एक किताब पढ़ रहा था।
मुझे देखकर लगभग 10 साल की एक बच्ची मेरे पास आकर बोली, "बाबू पैन ले लो,10 के चार दे दूंगी। बहुत भूख लगी है, कुछ खा लूंगी।"
उसके साथ एक छोटा-सा लड़का भी था, शायद भाई हो उसका।
मैंने कहा: मुझे पैन तो नहीं चाहिए।
2
आगे उसका सवाल बहुत प्यारा सा था,
*फिर हम कुछ खाएंगे कैसे ?*
मैंने कहा: मुझे पैन तो नहीं चाहिए पर तुम कुछ खाओगे जरूर..।
मेरे बैग में बिस्कुट के दो पैकेट थे, मैने बैग से निकाल एक-एक पैकेट दोनों को पकड़ा दिए, पर मेरी हैरानी की कोई हद ना रही जब उसने एक पैकेट वापिस करके कहा,*"
बाबू जी ! एक ही काफी है, हम बाँट लेंगे"।*
*मैं हैरान हो गया जवाब सुनकर !*
मैंने दुबारा कहा: "रख लो, दोनों। कोई बात नहीं।"
*मेरी आत्मा को झिंझोड़ दिया उस बच्ची के जवाब ने, उसने कहा ............. "तो फिर आप क्या खाओगे" ?*
*इस संसार में करोड़ों अरबों कमाने वाले लोग
जहां उन्नति के नाम पर इंसानियत को ताक पर रखकर लोगों को बेतहाशा लूटने में लगे हुए हैं, वहां एक भूखी बच्ची ने मानवता की पराकाष्ठा का पाठ पढ़ा दिया।*
*मैंने अंदर ही अंदर अपने आप से कहा,इसे कहते हैं आत्मा के तृप्त लोग, लोभवश किसी से इतना भी मत लेना कि उसके हिस्से का भी
हम खा जाएं................*🙏
मानवता की पराकाष्ठा का पाठ मुझे अति सुन्दर भाव विह्वल करने वाला लगा, जहां आज की स्वार्थी दुनिया में हर कोई अपनी सात पीढ़ियों तक के लिए संचय करना चाहता है, वहाँ ऎसी सोच आंखे व मन दोनों गीली कर गयी। 🙏🚩 @gargee99887 @Sabhapa30724463 @RamRam97655607
हमारा धर्म पहले संपूर्ण धरती पर व्याप्त था।
पहले धरती के सात द्वीप थे- जम्बू, प्लक्ष, शाल्मली, कुश, क्रौंच, शाक एवं पुष्कर। इसमें से जम्बूद्वीप सभी के बीचोबीच स्थित है। राजा प्रियव्रत संपूर्ण धरती के और राजा अग्नीन्ध्र सिर्फ जम्बूद्वीप के राजा थे।
जम्बूद्वीप में
नौ खंड हैं- इलावृत,भद्राश्व, किंपुरुष,भारत, हरि,केतुमाल, रम्यक, कुरु और हिरण्यमय। इसमें से भारतखंड को भारत वर्ष कहा जाता था।भारतवर्ष के 9 खंड हैं- इसमें इन्द्रद्वीप, कसेरु, ताम्रपर्ण, गभस्तिमान, नागद्वीप, सौम्य, गन्धर्व और वारुण तथा यह समुद्र से घिरा हुआ द्वीप उनमें भारत नौवां है