गलती किसकी है__:- आज हम भगवा लव ट्रैप की बात करते हैं, की किस तरह एक मुसलमान लड़की एक गैर मुस्लिम लड़के के साथ भाग जाती है, सबसे पहले मैं एक बात क्लियर कर दूं, की जो मुसलमान होगा/होगी वो ऐसी हराम अमल नहीं करेगा/करेंगी, इसलिए इनको मुसलमानों का नाम न दें__"
बल्कि ये नफ्स परस्त लोग होते हैं, जो अपनी नफ्सी लज़्जत के लिए ऐसा करती हैं___"
क्योंकि जो मुसलमान है उसे जबतक हलाल और हराम में पहचान करनी नही आती, मैं नही मानती की वो मुसलमान कहलाने की भी हक रखती हो__, दूसरी बात इस में गलती लड़के की है या लड़की की ? इस सवाल पर हमे बहुत गौर
करनी चाहिए__"
कुछ लोग कहेंगे की लड़के मुसलमान बन कर मिलते हैं, और हकीकत में वो गैर मुस्लिम होते हैं, इसलिए लड़कियां उनको मुसलमान समझ कर उनसे मोहब्बत कर लेती हैं, में इस बात को भी इस दलील से खारिज कर सकती हूं, की इस्लाम में भाग कर शादी या उससे पहले मोहब्बत में मुलाकातें जायज
बताई गई है __"
मोहब्बत एक खूबसूरत चीज है, लेकिन उसकी बहुत सारी बंदिशें हैं, बिना बंदिश के मोहब्बत फितना है, एक ऐसी फितना जो आपकी जिंदगी भी तबाह करती है और आपका ईमान भी, इसलिए बहुत सोच समझकर अपनी जिंदगी की फैसले करें__"
और हम पर फर्ज़ है की हम अपनी औलादों की तरबियत दीन के हिसाब
से करने, दीन ए इस्लाम में जो बताई गई है वो हमारे लिए हुकुम ए इलाही है, अगर हमने उसको छोड़ दिया तो ऐसे काम कोई बड़ी बात नही है, क्योंकि नफ्स पर शैतान हावी होते है, और शैतान हर इंसान के साथ मौजूद है और उसकी रगों में खून की तरह दौड़ रहे है, और इस शैतान को कंट्रोल करने के लिए ही
दीन ए इस्लाम है___"हम बचपन से ही अपनी औलादों को ढील देते हैं, वो क्या पहनती हैं, क्या देखती हैं, कहां जाती हैं, क्या करती हैं, हम गौर नही करते हैं, अगर कोई बोले भी तो हम यह कह कर उसको टाल देते हैं, की अभी तो बच्चा या बच्ची है, उम्र ही कितनी हुई है, खेलने खुदने के दिन हैं__"
आप अक्सर ये बातें अपने आसपास सुन सकते हैं, क्या आपको पता है बच्चे के बिगड़ने का वक्त कौनसी होती है__, वो कौनसी उमर है जब बच्चा गलत संगत के साथ बिगड़ भी सकते है और अच्छी संगत में रहकर कुछ बन भी सकते है___"
जब लड़के/ ल़डकियां 12 से 22 की उम्र की होती है, जिसमे हर वालदेन को बहुत
एहतियात रखनी चाहिए, निगरानी के साथ साथ असल दीन से बच्चों को रूबरू करवानी चाहिए, सीरत ए फातिमा, राबिया बसरी, मरियम रज़ी आजमाईन के हालात और वक्त सुनना चाहिए__"
हमे अपनी घर की जीनत और इज्जत की खुद ख्याल रखनी पड़ेगी, वरना बेशकीमती चीज़ों को लूटने के लिए हर दौर में चोर रहे हैं"
दीन ए इस्लाम में ख़्वातीन बेशकीमती हैं, जिनके पैरों में अल्लाह ने जन्नत रखी है, रहमत रखी है, बरकत रखी है___"
इसलिए लिहाज़ा इस बात पर ज्यादा से ज्यादा गौर करें___"
सय्यद मरयम लियाकत हुसैन___/
निकाह को आसान बनाए___" इस पर भी पोस्ट जारी रहेगी इंशाअल्लाह 10 बजे #SaveMuslimGirls
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एक लव ट्रेप में बनाई गई इस कानूनी कागज़ की हक़ीक़त__"
5th पेज साफ़ नहीं है जो साफ साफ दिख रही है उसे पढ़ने के बाद मुझे यही समझ आई की 21 साल की हुमा जो रायबरेली की है वह राघवेंद्र प्रताप सिंह से शादी करती है__"
लड़की को प्रथम पक्ष बनाई गई और लडक़े को द्वितीय पक्ष___"
और इस शादी के शर्त में ये बात रखी गई है
कि द्वितीय पक्ष लड़का प्रथम पक्ष यानी लड़की को अगर छोड़ता है तो सिर्फ़ भरण पोषण के लिए कोर्ट का सहारा ले सकती है __"
👉 यानी लड़के को कानूनी अधिकार प्राप्त है की वो इसे छोड़ सकता
है और लड़की सिर्फ भरण पोषण के लिए केस कर सकती है उस लड़के पर और कुछ नहीं__"
और जरूरी बात लड़की अगर अपनी पत्नी कर्तव्य को नहीं निभाती है तो लड़के को कानूनी अधिकार प्राप्त है केस कर के प्राप्त करे,
इनमें ये बात कहीं लिखी नहीं मिलती है कि लडक़ी भी चाहे तो उस लड़के को छोड़ सकती
#निकाह_को_आसान_बनाए___3
जैसा कि हमने पहले ही अपनी पोस्ट मे बता चुकी हूँ___", निकाह अज़ीम सुन्नत है___, लेकिन हमारी मुआशरे के मुस्लिम भाईयों ने इसे बहुत ज़्यादा तब्दील कर दिए है, कुछ ऐसी बुराई इसके अन्दर डाल दी गई हैं की हम चाहते हुए भी इन्हें सुन्नत नहीं बोल सकते हैं____"1/7
आज तक और अभी भी मुआशरा दहेज़ की बाते करते रहते हैं, लेकिन दहेज़ की रिवाज़ जो चली आ रही है इसे किस तरह से खत्म की जानी चाहिए___" सोचने वाली बात है___"
तो आज हम इस रिवाज़ को आपके शरियत के हिसाब से ही खत्म करने के तरीके को बतायेंगे,
इस्लाम एक ऐसा वाहिद दीन है,
ज़िसमे हर एक मसले की बखूबी हल बहुत ही हिकमत से बताई गई है, और सिर्फ बताई नहीं गई है ब्लकि करके दिखाई भी गई है___" ___"Islam_Is_A_Complete_Way_Of_Life_and_Complete_Solution_of_Life_with_each_and_Every_Solution____"
भगवा लव ट्रैप के खिलाफ़ अहमदाबाद में तकरीबन 2 हजार से ज्यादा औरतों ने 1 कार्यक्रम में शिरकत की, जहां उन्हें अपनी बच्चियों की हिफाज़त के लिए जागरूक किया गया और अभी तक जितने भी हादसे हुए हैं कौमी बच्चियों के साथ संघी नारंगी के द्वारा उन सबके बारे में बताई गई___1/6
लड़कियों को फसाने के हथकंडों के बारे में बताई गई, कि कैसे ये लोग 15 से 18 साल की कम अक्ल लड़कियों को झूंठे प्यार के जाल में फंसा कर उनकी जिंदगी बर्बाद करके उन्हे कैद कर लेते हैं या बेच देते हैं___"
बहुत से मसलों पर बात हुई है समस्या के समाधान पर भी बात हुई है, दीन की कमी इसकी
असल कारण है जिसकी वजह से बच्चियां अपने असल रब की नाफ़रमानी कर रही हैं उन्हे नाराज कर रही हैं__"
इसलिए मस्तुरात की मीटिंग हर 15 दिन पर सभी गांव मोहल्ले कस्बे में होनी चाहिए, जहां दीन का दर्स दिया जाए जिससे सैकड़ों घरेलू मसले भी हल हो सकते हैं और समाज में फैली बुराई षड्यंत्र को
___"जैसा की हम अपनी पहली पोस्ट मे बता चुके हैं, निकाह एक बहुत ही अज़ीम सुन्नत है और इसको असान बनाया गया है, लेकिन मुआशरे ने आज इसको बहुत मुशकिल कर के रख दी है, पिछली पोस्ट मे मैंने बात की थी के लड़के वाले किस तरह से दहेज़ की बेतुकी मांग___1/8
करके इस खूबसुरत सुन्नत मे तब्दीली कर चुके हैं, लेकिन सिर्फ यही एक बुराई पैदा नहीं हुई है, इसके अलावा भी बहुत सारी बुराईयां इंसानो ने इस नेक अमल मे पैदा कर दी हैं, लड़की वालों पर बारात नाम का एक ऐसा बोझ डाल दिया जाता है, जिसको वो असानी से सेह नहीं पाते, जिसके माली हलात बेहतर
होते हैं, उसपर तो कोई खासा फर्क नहीं पड़ता लेकिन,जो गरीब है उसकी हलात खराब हो जाती है, इन सारी बनावटी रस्मों को पूरा करने मे वो बेचारे कर्ज़दार हो जाते है,जिसको पूरा करने मे वो रात दिन मेहनत करते है, और पता नहीं कितनी कितनी बातें उसको सुननी पड़ती हैं, उसकी पूरी ज़िन्दगी सिर्फ
निकाह एक अजीम सुन्नत है__ "आज कल एक फैशन मुआशरे मैं आ गई या ये कहीं जाए निकल आई है, हर इंसान बहुत ज़ज्बात के साथ इस्लाम की बातें करता है, लेकिन अगर उसकी ज़िन्दगी मे देखा जाये तो इल्म हो जाएगी की असल इस्लाम से उसकी ज़िन्दगी बहुत दूर है__" 1/10
ऐसे लोग आपको हर जगह और हर वक़्त मिल जाते हैं, इनको ज़्यदा तलाशने की कोई खास ज़रूरत नहीं पड़ती है, आज हमारी पोस्ट का मौज़ू भी इसी मे से एक है, जी हाँ हमारी पोस्ट आज एक अज़ीम सुन्नत पर है, जिसको हम निकाह के नाम से भी जानते हैं, ये एक बहुत ही अज़ीम सुन्नत है, और इसके बारे मे
ज़िक्र है, निकाह के बाद आधा दीन मुकम्मल होता है, वैसे तो इस्लाम मे 4 निकाह की इजाज़त खुद अल्लाह ने अपने बन्दो को दे दी है, जिसको अमुमन लोग हंसी के तौर पर इस्तिमाल कर लेते हैं__"
अपनी बेगम से हंस कर कहते हैं की अभी तो तीन बाकी हैं, य़ा फिर अभी मैं और शादी भी कर सकता हूँ,
उत्तर प्रदेश___"शहर बरेली शरीफ़ में राशिद खा़न की बेटी रीना खा़न के गैर मुस्लिम युवक प्रदीप कुमार___" (जो जगतपुर चौकी में तैनात हैं) ईन दोनों की शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो #तहरीक_फ़रोग़े_इस्लाम (शाखा) बरेली शरीफ़ के ज़िम्मेदारो__1/8
ने मामले की वास्तविक स्थिति जानने के लिए कार्ड पर मौजूद नंबर पर फो़न किया__"
लड़की ने कॉल रिसीव की और मामले की तस्दीक़ की फ़ौरन ज़िम्मेदारान उसके घर पहुंचे और उसके माता-पिता से मिले, पहले तो उसकी मां ने बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन जब उन्हे बताया कि उनकी बेटी का मैटर सोशल
मीडिया पर वायरल हो रहा है तब उन्होंने ज़िम्मेदारान को घर में बुलाया और ज़िम्मेदारान ने उसकी वालिदा से हालात का ज़िक्र करते हुए कहा कि आपकी बेटी एक गैर मुस्लिम से शादी करने जा रही है आप उसे उस इरतिदाद से रोकें, अगर आपको मदद की ज़रूरत हो तो कहें हम आपके साथ हैं आप की हर