हम 1947 से @INCIndia के सिपाही रहे हैं।
वो पार्टी आज के हालात में 25 करोड़ मुसलमान के पीड़ितों को गले लगाने से डरती है। @ghulamnazad साहेब के फैसले का हम दिल से स्वागत करते हैं। #Cong का "नाव" अब चापलूसों ने फंसा दिया है। @ShayarImran साहेब कांग्रेसी नेता है गुलाम ना रहें ..1/3
@INCIndia पार्टी के मौजूदा नेता दिल से कांग्रेसी नहीं। @AcharyaPramodk@Dr_Uditraj@LambaAlka जैसे लोगो की जबान ने कांग्रेस का बहुत नुक़सान किया है।
RSS मे ट्रेंड हुए लोग Congress नही बन सकते।
देश के सच्चे नेता है @RahulGandhi जी
परंतुCongमे कुछ लोग आज़ भी दिल से कांग्रेसी नही2/3
@INCIndia के पूर्व अध्यक्ष श्री @RahulGandhi जी ने हमेशा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी समुदायों का समीकरण निष्पक्षता से बैठाया है।
परंतु कांग्रेस में घुसे कुछ पूर्व RSS वालों ने कभी दाढ़ी पर ब्यान देकर,कभी बुर्के पर कटाक्ष करके और कभी नरसिंहानंद का समर्थन करके मुस्लिमो पर चोट की 3/3
आदरणीय @RahulGandhi जी मैं आपसे न उम्र में बडा हूं और न ही राजनीति की जानकारी में बड़ा हूं।
लेकिन सच्चाई बताने के लिए मैं कांग्रेस में छुपे RSS वाले चापलूसों से ज्यादा आपका सम्मान करता हूं।
1995 से पहले भी @INCIndia के साथ पूरा देश कभी भी नहीं था। #Cong के साथ ब्राह्मण+मुस्लिम+..
... कुछ दलित समुदाय (विशेष रूप से बाल्मिकी समाज) हुआ करता था। @INCIndia में पावर और टिकटों का बंटवारा वोट अनुपात पर था।
आज़ 15% वोट 50% टिकटें दी जाती हैं।
और 70% वोट देने वालों के अपमान पर कांग्रेस तमाशबीन रहती है।
टिकटें तो बड़ी बात है सर।
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किसान बिल्स की वापसी पर खिलखिला कर हंसने वाला विपक्ष याद रखे:-
~ ये भारत है यहां 3 महीने में सब कुछ भुला दिया जाता है।
~ हो सकता CAA NRC का जिन्न जगाया जाएगा।
~ हो सकता मुसलमानों को और ज्यादा सताया जाए।
~ ये वही किसान हैं जिन्होंने 2014 और2019 में खेती छोड़ कर BJPको वोट दिया 1/2
भारत की आबादी 70% कृषकों से भरी हुई है, जो गांवों में रहते हैं..
गांव के लोगों ने 2014 और 2019 में अपनी कुल वोट का 65% भाग BJP को दिया।
विपक्ष के सवर्ण जाति के नेताओं के पास किसानों की वोट पहले बहुत कम थी और इस बात BJP के बराबर हो सकती हैं।
क्योंकि BJP का चुनाव मुस्लिम पर निशाना
#अहसान_फरामोश_लोग
तुमने तो अकेले ही फतेह किए हैं किले,
हम कभी भी कहीं भी कब साथ थे तिहारे ?
मुगलों को बुलाया किसने, गौरों को बसाया किसने..
जो कण कण वतन का लूटा गौरों को बताया किसने,
इक जालिम का साथी था इक मजलूम बन गया, 2-2 रुपए की खातिर ज़मीर बिके हैं तिहारे..1/4
लाखों ने गोली खाई मुसलमान फिर भी गद्दार ही कहे,
और वही अंग्रेज़ आज़ तक निकले नहीं दिलों से तिहारे।
दबाव था अंग्रेज का भगतसिंह को फांसी मिले,
इस्तीफा सौंप दिया "जज आगा खां" अजदाद थे हमारे।
कोई एक किला बताओ जो तुमने अकेले फतेह किया हो..
हर ज़ंग में शहीद हुए हैं जांबाज हमारे...2/4
74 साल बीत गए पर, दर्द की आहें नही जाती,
हर ज़ुल्म सह के भी तुम्हें दुआ करते हैं ऐसे जिगर हैं हमारे।
मुसीबत सामने आए तो बुलाते हो भाई कह कर के,
मतलब निकाल जाए तब उसूल बदल जाते हैं तिहारे।
मुसलमां वतन की मिट्टी है ये वतन हमारा है,
बस इक नफरतों की दुनिया फ़ालतू साथ है तिहारे..3/4
#UP_वाले_जरूर_पढ़ें
(कुल वोट 100 मानें)
UP election 2022 के लिए विद्वानों के आंकड़े बताते हैं कि UP विधानसभा चुनाव में BJP और SP का घमासान युद्ध होगा।
गैर मुस्लिम वोटस् 80 का लगभग BJP SP BSP पर 70 वोट्स का बंटवारा होगा। बाकी 10 वोटस् में कांग्रेस तथा
अन्य होंगे...3/1
कुल 100 वोट्स में से 20वोटस् मुस्लिमों की मानी जाती हैं।
SP AIMIM दोनों 14 वोट्स लेंगे।
Cong BSP तथा अन्य 6 वोट्स ले सकते हैं।
अब देखना ये है कि BJP और SP के लिए गैर मुस्लिम वोटस् 70 में से कितना कितना मिलता है..
कुल 70
BJP=28
SP=24
BSP=18
तक भी रहता है तो SP का संतुलन..3/2
Muslims वोट्स बनाती हैं, जो BJP की मुस्लिम वोट से काफ़ी ज़्यादा हो सकती हैं।
कुछ मिलाकर BJP और SP का घमासान इस बार बहुत टफ है।
उत्तर प्रदेश में BJP या SP की ही सरकार बनेगी...3/3 @BramhRakshas जी कृपया आप
थोड़ा सा मेरा गणित चैक करें।
#कण_कण_वतन
कुछ सोचते होंगे, मैं किस कण की महिमा करूं..
अपने घर की मिट्टी की, गांव की गलियों शहर या इलाके की
मिट्टी की।
दरअसल मिट्टी तो मेरे कुर्बान ए लहू की शान रही है,
फिर मैं कैसे अलग अलग हिस्सों में बांट दूं क़दर इस मिटटी की?
यूं ना सोच मैं एक छोटे से गांव के छोटे से घर से एक छोटा अदना सा बच्चा हूं..
नादान नहीं हूं, मैं किसी पहचान का मोहताज कैसे बनूं,
मैं तो इस तवील दरिया में रहने वाली 135 करोड़ मछलियों का इक हिस्सा हूं।
मैं कण हूं, मैं इक कण ही रहूंगा नश्लों नश्लों तक हिंद की मिट्टी की।
मेरे दरिया की पहचान 135 करोड़ मछलियां,
मेरी जाति कौम मज़हब सब
मेरा कण कण,
पूर्व से पश्चिम उत्तर से दक्षिण ये फैला हुआ 'वतन' मेरा परिवार है,
ये सीमा ही मज़हब है मेरी मिट्टी की।
पुराने दिनों में बहुत शिकार हुए हैं हम,
जिन्हें बसाया हमने उनसे ही लाचार हुए हैं हम ?
ऐसा नहीं होता
#हमारा_दर्द
कुछ ने ज़फ़र को सुना होगा,
सुनकर दर्द भी सहा होगा।
तुम्हारे दर्द में ये भी याद रहा होगा,
1857 के जंग में वो अकेले
नहीं थे।
कुछ अरमान थे ईमान था वतन की कौम थी,
अपने फौजी भी साथ रहे साथ आबादी भी थी फिर वो हारे कैसे..?
एक बात याद रखना वो बादशाह ज़फ़र थे, मुसलमान थे।
जंग ए इंतेजाम होना तय था,
पर वो पहले ही छेड़ दिया।
कारण गाय सुअर की चर्बी से बने कारतूस से आस्था आहत बता दिया।
नतीजा ये हुआ कि झांसी की रानी शहीद हुई,
और हजारों वतन के दीवाने
चले गए..
ज़फ़र बंदी बनाकर रंगून क़ैद मे डाल दिया।
हजारों उजड़े सैंकड़ों बिछड़े दो दोस्त भी बिछड़ गए
दो दोस्त टूटे इस कदर राम प्रसाद 'बिस्मिल' इधर तो
'ज़फ़र' उधर..
बस इतना सा संपर्क रहा ख़त लिखा और प्यादे से छुप कर पहुंचवा दिया।
वतन के हालात 'बिस्मिल' लिखा करते थे..
उधर क़ैद खानें से उम्र दराज शेर जज़्बात लिखा करते थे
फिरंगी के जुल्मो का स्तर चरम पर था,इम्तिहां जफर का लिया