सनातन संस्कृति में अंकों का महत्व बहुत है,
जैसे 3 अंक सम्बन्धित है महादेव से,
वैसे ही 7 का व 11 का भी अत्यन्त महत्व है।
जैसे सप्तऋषि
विवाह में 7 फेरे ही क्यों?
सप्तसैन्धव प्रदेश
सप्तपुरियां।
तो कृपया इस थ्रेड को अन्त तक पढिये। @VandanaIndian7
पाणिग्रहण का अर्थ : - पाणिग्रहण संस्कार को सामान्य रूप से 'विवाह' के नाम से जाना जाता है। वर द्वारा नियम और वचन स्वीकारोक्ति के बाद कन्या अपना हाथ वर के हाथ में सौंपे और वर अपना हाथ कन्या के हाथ में सौंप दे। इस प्रकार दोनों एक-दूसरे का पाणिग्रहण करते हैं।
विवाह का अर्थ : -विवाह का कोई समानार्थी शब्द नहीं है। विवाह= वि+वाह, अत: इसका शाब्दिक अर्थ है- विशेष रूप से (उत्तरदायित्व का) वहन करना।
विवाह एक संस्कार : - अन्य धर्मों में विवाह पति और पत्नी के बीच एक प्रकार का करार होता है जिसे कि विशेष परिस्थितियों में तोड़ा भी जा सकता है, लेकिन हिन्दू धर्म में विवाह बहुत ही भली-भांति सोच- समझकर वर और वधू सहित सभी पक्षों की सहमति लिए जाने की प्रथा है।
इसीलिये आप "तलाक" शब्द का कोई हिन्दी अर्थ नहीं पायेंगे जबकि इसका अंग्रेजी मीनिंग है।
हिन्दू विवाह में पति और पत्नी के बीच शारीरिक संबंध से अधिक आत्मिक संबंध होता है और इस संबंध को अत्यंत पवित्र माना गया है।
सात फेरे या सप्तपदी : - हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। विवाह में जब तक 7 फेरे नहीं हो जाते, तब तक विवाह संस्कार पूर्ण नहीं माना जाता। न एक फेरा कम, न एक ज्यादा। इसी प्रक्रिया में दोनों 7 फेरे लेते हैं जिसे 'सप्तपदी' भी कहा जाता है।
ये फेरे ,पद 7 वचन के साथ लिए जाते हैं। हर फेरे का एक वचन होता है जिसे पति-पत्नी जीवनभर साथ निभाने का वादा करते हैं।ये 7 फेरे ही हिन्दू विवाह की स्थिरता का मुख्य स्तंभ होते हैं।अग्नि के 7 फेरे लेकर और ध्रुव तारे को साक्षी मानकर दो तन,मन तथा आत्मा एक पवित्र बंधन में बंध जाते हैं।
सात अंक का महत्व...
संगीत के 7 सुर,
इंद्रधनुष के 7 रंग,
7 तल,
7 समुद्र,
7 ऋषि,
सप्त लोक,
7 चक्र,
सूर्य के 7 घोड़े,
सप्त रश्मि,
सप्त धातु,
सप्त पुरी,
7 तारे,
सप्त द्वीप,
7 दिन,
मंदिर या मूर्ति की 7 परिक्रमा, आदि का उल्लेख किया जाता रहा है।
7 क्रियाएं अर्थात- शौच, दंत धावन, स्नान, ध्यान, भोजन, वार्ता और शयन।
7 तरह के अभिवादन अर्थात- माता, पिता, गुरु, ईश्वर, सूर्य, अग्नि और अतिथि।
सुबह सवेरे 7 पदार्थों के दर्शन- गोरोचन, चंदन, स्वर्ण, शंख, मृदंग, दर्पण और मणि।
7 आंतरिक अशुद्धियां- ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध, लोभ, मोह, घृणा और कुविचार।
उक्त अशुद्धियों को हटाने से मिलते हैं ये 7 विशिष्ट लाभ- जीवन में सुख, शांति, भय का नाश, विष से रक्षा, ज्ञान, बल और विवेक की वृद्धि।
स्नान के 7 प्रकार- मंत्र स्नान, मौन स्नान, अग्नि स्नान, वायव्य स्नान, दिव्य स्नान, मसग स्नान और मानसिक स्नान।
शरीर में 7 धातुएं हैं- रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मजा और शुक्र।
7 गुण- विश्वास, आशा, दान, निग्रह, धैर्य, न्याय, त्याग।
7 पाप- अभिमान, लोभ, क्रोध, वासना, ईर्ष्या, आलस्य, अति भोजन
7 उपहार- आत्मा के विवेक, प्रज्ञा, भक्ति, ज्ञान, शक्ति, ईश्वर का भय।
यही सभी ध्यान रखते हुए अग्नि के 7 फेरे लेने का प्रचलन भी है जिसे 'सप्तपदी' कहा गया है। वैदिक और पौराणिक मान्यता में भी 7 अंक को पूर्ण माना गया है।
हमारे शरीर में ऊर्जा के 7 केंद्र हैं ये 7 चक्र हैं- मूलाधार (शरीर के प्रारंभिक बिंदु पर), स्वाधिष्ठान (गुदास्थान से कुछ ऊपर), मणिपुर (नाभि केंद्र), अनाहत (हृदय), विशुद्ध (कंठ), आज्ञा (ललाट, दोनों नेत्रों के मध्य में) और सहस्रार (शीर्ष भाग में जहां शिखा केंद्र) है।
उक्त 7 चक्रों से जुड़े हैं हमारे 7 शरीर। ये 7 शरीर हैं- स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर, कारण शरीर, मानस शरीर, आत्मिक शरीर, दिव्य शरीर और ब्रह्म शरीर।
विवाह की सप्तपदी में उन शक्ति केंद्रों और अस्तित्व की परतों या शरीर के गहनतम रूपों तक तादात्म्य बिठाने करने का विधान रचा जाता है।
दोनों ही वर और वधू को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से एक-दूसरे के प्रति समर्पण और विश्वास का भाव निर्मित किया जाता है।
मनोवैज्ञानिक तौर से
दोनों को ईश्वर की शपथ के साथ जीवनपर्यंत तक दोनों से साथ निभाने का वचन लिया जाता है इसलिए विवाह की सप्तपदी में 7 वचनों का भी महत्व है।
सप्तपदी में पहला पग भोजन व्यवस्था के लिए, दूसरा शक्ति संचय,आहार तथा संयम के लिए, तीसरा धन की प्रबंध व्यवस्था हेतु,चौथा आत्मिक सुख के लिए,पांचवां पशुधन संपदा हेतु,छठा सभी ऋतुओं में उचित रहन-सहन के लिए तथा 7वें पग में कन्या अपने पति का अनुगमन करते हुए सदैव साथ चलने का वचन लेती है।
मैत्री सप्तपदीन मुच्यते' अर्थात एकसाथ सिर्फ 7 कदम चलने मात्र से ही दो अनजान व्यक्तियों में भी मैत्री भाव उत्पन्न हो जाता है अतः जीवनभर का संग निभाने के लिए प्रारंभिक 7 पदों की गरिमा एवं प्रधानता को स्वीकार किया गया है।
7वें पग में वर, कन्या से कहता है कि 'हम दोनों 7 पद चलने के पश्चात परस्पर सखा बन गए हैं।'
मन, वचन और कर्म के प्रत्येक तल पर पति-पत्नी के रूप में हमारा हर कदम एकसाथ उठे इसलिए आज अग्निदेव के समक्ष हम साथ-साथ 7 कदम रखते हैं।
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हम अपने गृहस्थ धर्म का जीवनपर्यंत पालन करते हुए एक-दूसरे के प्रति सदैव एकनिष्ठ रहें और पति-पत्नी के रूप में जीवनपर्यंत हमारा यह बंधन अटूट बना रहे तथा हमारा प्यार 7 समुद्रों की भांति विशाल और गहरा हो।
सूत्र- श्री रामेश्वरम् धाम
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Chandni Chowk,Delhi is telling about the brutal killing of Ninth Guru of sikkh parampara,Guru Teg Bahadur ji where he was beheaded on the order of Cruel Mughal king Aurangjeb and the date was 24 Nov,1675.
In this thread a brief biography of him. @VandanaIndian7 @PumpkinPandey
He was born on 1 April 1621 in Amritsar and was named Tyaga Mal at birth.
His parents were Guru Hargobind and Mata Nanaki. Guru Hargobind was the sixth Sikh Guru
He was trained in martial arts, swordsmanship and horse riding But he choose a path of renunciation and meditation
He was married to Gujari in 1633. In 1656, they moved to the village of Bakala where Tegh Bahadur would spend a lot of time in contemplation and prayers.
His father had not chosen him as his successor as he felt that the Sikhs at that time needed a worldly leader.
Prime Minsiter shri @narendramodi Ji will lay foundation stone of biggest Airport of Asea on 25 Nov next day to tomorrow.
It will be the 5th International Airport of U.P.
Before 2017 UP has only 2 International Airport one in Lucknow and one in Banaras. @VandanaIndian7
Now kushinagar is opened
Next will be in Ayodhya
And Next will be Noida International Airport.
Here is something which you need to know about this airport.
1- Zurich Airport International AG won the bid for developing the Jewar airport in December 2020.
2- The proposal for an airport in Jewar was made in 2001 when Rajnath Singh was the chief minister of Uttar Pradesh.
How UP is becoming the Bhakti state for Hindus,
Actually UP is the state where many incarnations happened like
Shri Ram ji in Ayodhya
Shri Krishna ji in Mathura
Shri Parashuram ji in Shahjahanpur
Maa Vindhyawasini in Mirjapur
Varah Avtar in kasganj
Baba vishwanath in kashi
Prayag is known to everyone.
Chitrakoot is known to everyone.
Lets start with prabhu shri Ram chandra birthplace i.e. Ayodhya
Everything is grand about the developmental agenda for Ayodhya and the upcoming Ram Temple. From a bell weighing 2100kg to a 824-ft tall Ram statue to an international airport to a 5 star hotels.
लेकिन इनकी वीरता आपके अन्दर वीर रस का ऐसा उबाल भर देगी कि आपका रोम रोम पुलकित हो जायेगा और सीना दस गुना हो जायेगा गर्व से।ऐसे भी महान वीर हुये हैं जिनके त्याग की गाथायें भारत भूमि के किसी कोने में सिमट कर रह गयीं ये सोंचकर आप स्वयं को धिक्कारेॆगे
ढाता मंदिर सिर दियो,आता दल अवरंग।
इन बाता सूजो अमर,रायसलोत रंग।।
बात थी 8 मार्च 1679 की वह महान शख्स जिसके साथ दूसरी पालकी में उसकी नई नई शादी हुयी थी और जिसने अपनी धर्मपत्नी का मुख तक न देखा था वो था एवम् कुल मिलाकर 70 सैनिक जो अपने घर की ओर जा रहे थे विवाह सम्पन्न होने के बाद।
बारात रात्रि विश्राम के लिये रूकी हुयी थी कि अचानक घुंघरूओं की आवाज ने सबका ध्यान भंग कर दिया उस वीर ने सैनिकों से पूछा कि क्या माजरा है,
सैनिकों ने जवाब दिया कि हो सकता है कि जानवर घूम रहे हों लेकिन अचानक ये आवाज तेज हो गयी। @pallavict @aquaphobicaries @PumpkinPandey
Those who think Hindutva is a word given by Veer Savarkar,
First of all i feel pity on their knowledge because they are reading nothing and talking too much and here I am not giving any clarification to @Rahulgandhi first of all because this man is out of syllabus for anyone.
According to savarkar
आसिन्धो:सिन्धुपर्यन्ता यस्य भारतभूमिका।
पितृभू: पुण्यभूश्चैव स वै हिन्दुरिति स्मृति:।।
अर्थात् :- पूर्वी समुद्र से लेकर पश्चिमी समुद्र पर्यन्त भारतभूमि जिस व्यक्ति की पितृभू पुण्यभूमि हो वह हिन्दू कहा जाता है।
अर्थात् :- वेदों में प्रामाण्य बुद्धि रखना,तत्तद साम्प्रदायिक विभिन्न नियमों का पालन करना और अनेक उपास्य देवताओं में से एक की अनन्य भक्ति करने वाला हिन्दू है।
Its birth anniversary of Onake Obbava ji,
Lets know about her in this short thread.
Onake Obavva Ji was an freedom fighter who fought the forces of Hyder Ali single handedly with a pestle in the kingdom of Chitradurga of Karnataka. @pallavict @JyotiKarma7 @VandanaIndian7
Her husband was a guard of a watchtower in the rocky fort of Chitradurga in the state of Karnataka,she is celebrated along with Abbakka Rani, Keladi Chennamma and Kittur Chennamma, as the foremost women warriors and patriots.
During the reign of Madakari Nayaka, the city of Chitradurga was besieged by the troops of Hyder Ali (1754-1779). A chance sighting of a man entering the Chitradurga fort through a hole in the rocks led to a plan by Hyder Ali to send his soldiers through that hole.