लेकिन इनकी वीरता आपके अन्दर वीर रस का ऐसा उबाल भर देगी कि आपका रोम रोम पुलकित हो जायेगा और सीना दस गुना हो जायेगा गर्व से।ऐसे भी महान वीर हुये हैं जिनके त्याग की गाथायें भारत भूमि के किसी कोने में सिमट कर रह गयीं ये सोंचकर आप स्वयं को धिक्कारेॆगे
ढाता मंदिर सिर दियो,आता दल अवरंग।
इन बाता सूजो अमर,रायसलोत रंग।।
बात थी 8 मार्च 1679 की वह महान शख्स जिसके साथ दूसरी पालकी में उसकी नई नई शादी हुयी थी और जिसने अपनी धर्मपत्नी का मुख तक न देखा था वो था एवम् कुल मिलाकर 70 सैनिक जो अपने घर की ओर जा रहे थे विवाह सम्पन्न होने के बाद।
बारात रात्रि विश्राम के लिये रूकी हुयी थी कि अचानक घुंघरूओं की आवाज ने सबका ध्यान भंग कर दिया उस वीर ने सैनिकों से पूछा कि क्या माजरा है,
सैनिकों ने जवाब दिया कि हो सकता है कि जानवर घूम रहे हों लेकिन अचानक ये आवाज तेज हो गयी। @pallavict @aquaphobicaries @PumpkinPandey
पता चलता है कि ये औरंगजेब की सेना है जो कि खंडेला आक्रमण हेतु आयी है व खंडेला के राजा बहादुर सिंह को सजा देने के उद्देश्य से आयी है जिसने औरंगजेब की हिन्दू विरोधी नीतियों का विरोध किया व एक और उद्देश्य खंडेला के कृष्ण मन्दिर को तोड़ना है। @Subodh39704802 @QueenAT18AT
औरंगजेब की सेना का कमान्डर दारब खान था जिसकी सेना में सैनिक कुल 10,000 थे,राजा बहादुर सिंह ने खंडेला को खाली कर दिया था न स्वयं को गोरिल्ला युद्ध के लिये तैयार कर लिया था।
झिरमीर झिरमीर मेवा बरसे , मोरा छतरी छाई ! कुल मे है तो जाण सुजान, फोज देवरे आई !!
जैसे ही उस वीर के कानोॆ में आवाज पहुंची कि ये म्लेच्छ मोहन देव मन्दिर विध्वंस करने आये हैं,
अचानक प्रतिक्रिया हुयी कि जब तक सुजान सिंह के देह में प्राण हैं ये अधर्मी उस मन्दिर की परछाई तक को छू न सकते और न ही इन तुर्कों की परछाई मन्दिर को।
सुजान सिंह ने अपनी विवाहिता की पालकी को एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचवा दिया और उसके हाथों को ही अन्तिम बार देख सका इच्छा थी कि चेहरा देख सके लेकिन माता का कर्तव्य याद आ गया कि सुजान यदि धर्म रक्षा हेतु देहत्याग भी करना पड़े तो सहर्ष खड़े हो जाना व उसमें ही तेरा धर्म है।
तुरन्त सुजान सिंह ने मन्दिर रक्षा हेतु 50 घुडसवारों की फौज लेकर मन्दिर की रक्षा हेतु मन्दिर के चारों ओर डेरा डाल दिया व बकरों की उस फौज का इन्तजार करने लगे जैसे शेर बकरे का शिकार करने के लिये इन्तजार करता है,
सुबह गांव वाले भी मिल गये और ये 50 की फौज अब 300 की फौज हो गयी।
अगले दिन दराब खान ने 14 वर्षीय सुजान सिंह को सचेत करते हुये कहा कि "सुनो जवान तुम अभी बहुत छोटे हो तुमको समझ नहीं है तुम सोंचते हो कि इन 300 सैनिकों की सहायता से तुम ये मन्दिर बचा लोगे ना तो मन्दिर बचेगा और ना ही तुम्हारी जान"।
सुजान सिंह का जवाब था " तलवार से बात करो ना कि जीभ से ये मन्दिर तो बचेगा लेकिन तुम नहीं हमारी तलवारें तय करेंगी कि 300 सैनिक कैसे हजारों का जवाप देगी तुम अपनी चिन्ता करो मेरी नहीं"
युद्ध प्रारम्भ हुआ और कुछ ही क्षण बाद सुजान सिंह की गर्दन ने मुगल कमांडर की गर्दन को उ ड़ा दिया युद्ध में सुजान सिंह इस कदर कहर बनकर टूटे थे कि मानो वे नहीं स्वयं यमराज मुगलों पर टूटे थे 300 सैनिकों की सेना ने 7500 मुगलों को गाजर मूली की तरह हरेत दिया।
कहा जाता है कि इस युद्ध में सुजान सिंह के धड़ पर सर नहीं था परन्तु उनके हाथों में फिर भी गति थी और वो गति तभी समाप्त हुयी जब पूरी मुगल सेना भाग नहीं गयी,
अन्त में वीर सुजान सिंह वीरगति को प्राप्त हुये उनकी धर्मपत्नी सती हो गयीं।
उसी जगह खण्डेला की सीमा पर दो देवलिया बनी जो आज भी इस त्याग और बलिदान की साक्षी है ! उसी रात गुर्जरो और अहीरों के दल ने मुग़ल सेना के उस भाग पर हमला कर दिया जहाँ गायो को हलाल करने के लिए बाँध रखा था,सभी 100 गायो को मुक्त करवा लिया गया ।
आज भी झुंझार जी महाराज ओर सती माता की पूजा वहां की जाती है ओर वहाँ पूजा करने से मनोकामनाये पूर्ण भी होती है ! आप भी कभी वहाँ जाये तो उन वीर देव पुरुष ओर सती माता का आशिर्वाद जरूर लें।
🙏🙏
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Those who think Hindutva is a word given by Veer Savarkar,
First of all i feel pity on their knowledge because they are reading nothing and talking too much and here I am not giving any clarification to @Rahulgandhi first of all because this man is out of syllabus for anyone.
According to savarkar
आसिन्धो:सिन्धुपर्यन्ता यस्य भारतभूमिका।
पितृभू: पुण्यभूश्चैव स वै हिन्दुरिति स्मृति:।।
अर्थात् :- पूर्वी समुद्र से लेकर पश्चिमी समुद्र पर्यन्त भारतभूमि जिस व्यक्ति की पितृभू पुण्यभूमि हो वह हिन्दू कहा जाता है।
अर्थात् :- वेदों में प्रामाण्य बुद्धि रखना,तत्तद साम्प्रदायिक विभिन्न नियमों का पालन करना और अनेक उपास्य देवताओं में से एक की अनन्य भक्ति करने वाला हिन्दू है।
Its birth anniversary of Onake Obbava ji,
Lets know about her in this short thread.
Onake Obavva Ji was an freedom fighter who fought the forces of Hyder Ali single handedly with a pestle in the kingdom of Chitradurga of Karnataka. @pallavict @JyotiKarma7 @VandanaIndian7
Her husband was a guard of a watchtower in the rocky fort of Chitradurga in the state of Karnataka,she is celebrated along with Abbakka Rani, Keladi Chennamma and Kittur Chennamma, as the foremost women warriors and patriots.
During the reign of Madakari Nayaka, the city of Chitradurga was besieged by the troops of Hyder Ali (1754-1779). A chance sighting of a man entering the Chitradurga fort through a hole in the rocks led to a plan by Hyder Ali to send his soldiers through that hole.
This is the pic of 7 Nov 1966,
On this day direct firing done by @incindia on saints who were protesting for Anti cow slaughter bill.
Sources tell approx 375-400 saints were ki lled in this direct firing.
Soft on congress journalists tell these numbers are 9-10. @pallavict
This protest was led by swami Rameshwaranand,
The gathering was in lakhs,
The only intention was to declare cow slaughter ban in entire India as this is clearly mention in Indian constitution article number 48.
But that time prime Minister did not agree on it.
Now in 12 states or UT has the Anti cow slaughter law,
Sikkim was the first state in India which banned cow slaughter.
Sikkim,UP,UK,Delhi,punjab,J&K,Gujrat,Haryana,MP,CG are the states/UT where cow slaughter is prohibited.
#Ramayana_And_Science Day -2 #जय_श्रीराम
पुन: प्राप्ते वसन्ते तु पूर्ण: संवत्सरोऽभवत्
प्रसवार्थं गतो यष्टुं हयमेधेन वीर्यवान्॥ वा.रा.1/13/1॥
अर्थात् एक वसंत ऋतु के बीतने पर दूसरे वसंत ऋतु का पुनः आगमन हुआ और यज्ञसंबंधी अश्व
को मुक्त छोड़ेहुए एक वर्ष पूर्ण हो चुका था।
प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर द्वारा दिखाए गए आकाशीय दृश्य के अनुसार 31 दिसंबर, 5116 वर्ष ई.पू.
को पूर्ण चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में था तथा इसके 15 दिन पश्चात् अर्थात्् 15 जनवरी 5115 वर्ष ई.पू. को चैत्र
मास के शुक्ल पक्ष की प्रथमा थी। @QueenAT18AT @pallavict @V_Shuddhi @pahuch
यह श्रीराम के जन्म से लगभग 1 वर्ष पहले वसंत ऋतु के प्रारंभ का
समय भी था
। स्टेलेरियम सॉफ्टवेयर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रथमा 24 फरवरी 5115
वर्ष ई.पू. को थी।
This thread can take a month in its completion but I will keep adding daily something in this thread,
This thread will be on Ramayana and its scientific calculations.
This thread will cover almost all scientific proofs.
Title :- #Ramayana_And_Science @pallavict @iSk_IND
So start with the Most respected man of India Dr kalam sir who said the movement of Grah and Nakshatras are defiend scientifically in Ramayana and in fact these all are true.
Nobody can deny with this.
राजा दशरथ सूर्यवंशी राजकुल के 63वें राजा थे इनके 8 मन्त्री धृष्टि,जयंत,विजय,सुराष्ट्र,राष्ट्रवर्धन, अकोप, धर्मपाल और सुमंत्र थे।
इनके अलावा महान् ऋषि वसिष्ठ और वामदेव के अतिरिक्त
जाबालि, कश्यप और गौतम ऋषि भी महाराज को मंत्रणा देते थे। मुनि वसिष्ठ राजा दशरथ के पुरोहित
थे।