कटरीना सलमान से बेपनाह मोहब्बत करती थी।यहाँ तक की उसके घरमें रहने भी लगी थी। लेकिन सबकुछ ठीकठाक रहने के बावजूद भी एक बातपे दोनों में नहीं बनतीथी।

आखिरकार वो दोनों अलग होही गए।

फिर कटरीनाकी जिंदगी में रणबीर कपूर आया।दोनोंका समुद्री तट पर वाला फोटोभी खूब वायरल हुआ,घर आना-जाना
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भी शुरू हुआ दोनों तरफ से रजामंदी भी हो गई लेकिन इनदोनों में भी एक बात लेकर नहीं बनी।

आखिरकार ये दोनों भी अलग हो गए।

फिर विक्की कौशल की एंट्री हुई कटरीना की जिंदगी में।
दो साल दोनों की गूलू गूलू चली।बात अब शादी तक आ पहुँची है।
लेकिन इस बार कटरीना ने उस बातके लिए विक्की को
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पहले ही मना लिया जिस बात के लिए वो अपने दोनों पूर्वप्रेमियों से अलग हो गई थी।

अब आपलोगों के मन में खटक रहा होगा कि आखिर वो बात क्या थी, जिसके कारण कटरीना को अपना प्यार कुर्बान करना पड़ा?
जबकि विक्की से खुशी खुशी ब्याह रचा रही है। तो सुनो!
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कटरीना अपने प्रेमियों से एक ही बात बुलवाती थी कि बोलो
"22 में आऐंगे तो योगी ही"

सलमान और रणबीर बोलने से इंकार कर दिया जबकि विक्की तैयार हो गया "आऐंगे तो योगी ही" बोलने के लिए।

परिणाम आपके सामने है❤️
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11 Dec
आएगा तो खब्बू ही !!!

खब्बू तिवारी के साथ अत्याचार हुआ है। उत्तरप्रदेश के गोसाईगंज सीट से भाजपा विधायक, हम सबके दुलारे खब्बू भैया की विधायकी, जाली मार्कशीट देकर अपनी झूठी शैक्षणिक योग्यता बताने के कारण रद्द कर दी गयी है। ये खब्बू भाई नही, ये गोसाईगंज की जनता का अपमान है।
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पहली बात तो यह है कि गोसाईगंज की जनता ने खब्बू की पढ़ाई लिखाई देखकर वोट ही नहीं किया। खब्बू उर्फ इंद्र प्रताप तिवारी, जात से ब्राह्मण है। इत्ता काफी है। जात देखकर चुनाव होता है, तो पढ़ाई के नाम पर निर्वाचन रद्द कैसे??
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और खब्बू अनपढ़ हो, हमारी बला से। लेहरू का बनाया सम्विधान
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अनपढ़ों को भी चुनाव लड़ने,मंत्री,मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने की इजाजत देता है। लिखाई-पढाई-डिग्री की जरूरत बाबू-चपरासी बनने के लिए होती है भाई साब..विधायक बनने को नही।यह फैसला गैर समवैधानिक है।

लोग कह रहे हैं,lकी खब्बू जी अनपढ़ है,तो वही बताते। मने जाली डिग्री जमा क्यो की।
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9 Dec
मोदी सरकार से मिली यही वह चिट्ठी है, जिसके बाद देश में किसान आंदोलन के ख़ात्मे का ऐलान किया है।

चिट्ठी कृषि मंत्रालय के सचिव ने लिखी है, मालिक यानी कृषि मंत्री ने नहीं। इसकी भाषा मुझे कहीं भी आश्वस्त नहीं करती।

इस साल 26 जनवरी से किसान आंदोलन के दो चेहरे बन गए थे।
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(इस बारे में मैं उसी दिन लिख चुका हूं)मोदी सरकारने इस विभाजन को बखूबी भुनायाहै।

सरकार की बात आंदोलन के स्पष्ट,आक्रामक चेहरे यानी राकेश टिकैत से नहीं हुई।कमोवेश उदारवादी राजेवाल धड़े के नेताओं से हुई।कहीं न कहीं अमरिंदर सिंह को इसका क्रेडिट जाताहै।

दो दिन पहले ही राकेश टिकैत
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इस बात की कसक खुलेआम बयां कर चुके हैं। लेकिन आज का फैसला सामूहिक है।

राकेश टिकैत इसे किसान अस्मिता और एकजुटता की जीत बताकर परसों विजय दिवस मनाने का ऐलान कर चुके हैं।

उनके और संयुक्त किसान मोर्चे के हाथ इस चिट्ठी के साथ बस इतना ही आया है।
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6 Dec
तुलसीदास जी जब “रामचरितमानस” लिख रहे थे, तो उन्होंने एक चौपाई लिखी :
सिय राम मय सब जग जानी,
करहु प्रणाम जोरी जुग पानी ।।

अर्थात –
पूरे संसार में श्री राम का निवास है, सब में भगवान हैं और हमें उनको हाथ जोड़कर प्रणाम कर लेना चाहिए।

चौपाई लिखने के बाद तुलसीदास जी विश्राम करने
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अपने घर की ओर चल दिए।

रास्ते में जाते हुए उन्हें एक लड़का मिला जिसे सब पप्पू बोलते थे और बोला ....अरे महात्मा जी, इस रास्ते से मत जाइये, आगे एक बैल गुस्से में लोगों को मारता हुआ घूम रहा है और आपने तो लाल वस्त्र भी पहन रखे हैं । इसलिए आप इस रास्ते से बिल्कुल मत जाइ ए
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तुलसीदास जी ने सोचा–ये कल का बालक पप्पू मुझे चला रहा है।मुझे पता है–सब में राम का वास है। मैं उस बैल को हाथ जोड़ लूँगा और शान्ति से चला जाऊंगा

लेकिन तुलसीदास जी जैसे ही आगे बढ़े और इससे पहले की बैलको हाथ जोड़ पाते बिगड़े बैल ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी और वो बुरी तरह गिर पड़े।
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4 Dec
अभिमन्यु !!चक्रव्यूह मे फंस गया है तू ..

घिर चुकीहै कांग्रेस,और घिरे हुएहैं राहुल।सब एकमत हैं,कि कांग्रेस को मिटानाहै।

सरकारतो खुलकर कांग्रेस मुक्त भारतका नारा बुलंद कर चुकी।फेल हुई तो सुपारी किलर लगा दिये।दांव इतने उंचे है,कि दोस्तऔर दुश्मन,सारे ही सुपारीलेने की होड़ मेहै।
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सरकार तो खुलकर कांग्रेस मुक्त भारत का नारा बुलंद कर चुकी। फेल हुई तो सुपारी किलर लगा दिये। दांव इतने उंचे है, कि दोस्त और दुश्मन, सारे ही सुपारी लेने की होड़ मे है।

कांग्रेस से निकले केसीआर, जगन, ज्योतिरादित्य।
राहुल के समर्थन से मुख्यमंत्री बने केजरीवाल।
यूपीए के समर्थन से
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अपनी मरणासन्न पार्टी को जिंदा करने वाली ममता,
पार्टीके भीतर मठाधीश,आलसी और नाकारे नेता
देश का सबसे बड़ा सुपारी योद्धा प्रशांत किशोर
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी,उसके चाणक्य, उसके भामाशाह
दिन रात चलने वाले चैनल,आईटी सेल,
सत्ताके हाथों मजबूर अफसर
पार्टी,बंगले और फोन मे घुसे जासूस
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Read 12 tweets
3 Dec
दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके चुपके।

मुम्बई मे हुई इस मुलाकात किसी न्यूज चैनल, किसी अखबार पोर्टल पर खबर नही, एक्सेप्ट कुछ बंगला अखबारों के। अब तो खैर गौतम भाई ने ट्वीट ही कर दिया।वो पश्चिम बंगालमे इन्वेस्टमेंट करेंगे।

या साफ कहें,तो पश्चिम बंगाल की लीडरशिप मे इन्वेस्ट करेंगे।
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ममता से ज्यादा ये फोटो प्रशांत किशोर को एक्सपोज करती है। इसलिए, राहुल गांधी को साधुवाद। सत्ता को प्रशांत के तरीके से चाहते तो इस वक्त गौतम अडानी से हाथ मिलाने वाले राहुल होते।

तेरा यही पप्पूपना दिल जीत लेता है बालक
लव यू
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और अंत मे। कुछ सवाल
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1 # क्या 2024 के बाद साम्राज्य बचानें की जुगत मे हैं अडानी, क्या अंदरखाने मे घबराहट है??

2# या मोशा गैंग के आदेश पर अडानी ममता से मिल रहे है, गमला विपक्ष को खाद पानी देने के लिए। और कौन कौन उनके दिये खाद पानी पर हरेला विपक्ष बना फिर रहा है
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2 Dec
एमपी में शिवराज सिंह सरकारके अचानक टंट्या भील प्रेम की पोल भी आखिर खुल ही गई।

शिवराज सरकार भू राजस्व संहिता 1959 की धारा-158और भू-स्वामित्व अधिकार की धारा 165 में बदलाव करना चाहती है।

इसका मतलब साफ है।सूबे में आदिवासी की जमीन को बेरोकटोक गैर आदिवासी को बेचने की छूट मिल जाएगी
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फील्डिंग पूरी है।आदिवासी की जमीनोंको कॉरपोरेट्स के हाथ बेचनेके इस पूरे खेल से राज्यकी कांग्रेस आंखें चुराए हुएहै।

एमपीके कांग्रेसी नेता खुद ही पार्टीकी बीजेपी से मिली-जुली सरकार मानतेहैं।

उधर,छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल भी पर्देके पीछे खदानों और आदिवासी ज़मीनोंको कॉरपोरेट्स के
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हवाले करने का खेला जारी रखे हुए हैं।

राहुल गांधी ने ऐसे सीएम को यूपी की कमान सौंपी हुई है।

लेकिन गाली देने के लिए कांग्रेसियों को ममता और प्रशांत किशोर-दो नए निशाने मिलेहैं।

आज कांग्रेस की जो हालत है, उसे मैं बीजेपी की बी-टीम मानता हूं।कांग्रेस लगातार वह ज़मीन छोड़ रहीहै,
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