मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री @prahladspatel तथा श्री @Bishweswar_Tudu की उपस्थिति में जलजीवन मिशन, केन बेतवा लिंक, स्वच्छ भारत की प्रगति की समीक्षा के संबंध में बैठक आयोजित हुई।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन में जल सम्मेलन आयोजित कर जन-भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। गाँव-गाँव में पानी का पैसा जमा कराने के लिए लोगों में दायित्व बोध विकसित करने के उद्देश्य से अभियान चलाया जाएगा।
सीएम श्री चौहान ने कहा कि मिशन में पन्ना, दमोह क्षेत्र में सिंचाई के लिए केनाल इरिगेशन के क्रियान्वयन का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। लक्ष्य पूरा करने के लिए कार्य में जल्दबाजी नहीं की जाए। जहाँ भूमिगत जल का प्रमाणिक स्रोत हो,वहीं से जल प्रदाय की व्यवस्था मिशन में सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इस क्षेत्र में समूह योजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन में आँगनबाड़ी और स्कूलों को प्राथमिकता के आधार पर नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नल से जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिन बसाहटों में पूर्व से पाइप-लाइन डली हुई हैं, वे पाइप लाइन यदि कमजोर हैं तो योजना के कनेक्शन उन पाइप लाइनों से नहीं किए जाएँ। पुरानी कमजोर पाइप-लाइनों के स्थान पर पूरी नई पाइप-लाइन बिछाई जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जानकारी दी कि पिछली सरकार में जल जीवन मिशन में कोई कार्य नहीं हुआ था। उसके बाद कोरोना की चुनौती से निपटने के परिणाम स्वरूप जल जीवन मिशन का कार्य प्रभावित हुआ है। इन परिस्थितियों के उपरांत भी राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति संतोषजनक है।
केंद्रीय मंत्री श्री @prahladspatel ने कहा कि सभी परियोजनाओं का थर्ड पार्टी मूल्यांकन आवश्यक रूप से कराया जाए। मूल्यांकन का कार्य तकनीकी रूप से दक्ष और सक्षम समूहों और व्यक्तियों को ही सौंपा जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि केन-बेतवा लिंक परियोजना में मध्यप्रदेश को 8.11 लाख हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश के केन-कछार में 18 तहसील और 1376 गाँवों को सिंचाई और पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी।
बेतवा-कछार में 10 तहसील और 673 ग्रामों को सिंचाई और पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। जल जीवन मिशन में समूह नल-जल योजना में मई- 2020 से अब तक 26 लाख 88 हजार परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया गया है।
गुणवत्तापूर्ण जल उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों की पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाएँ एन.ए.बी.एल प्रमाणित हैं।
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राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल आज पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय, शहडोल के प्रथम दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल श्री पटेल ने 30 प्रतिभावान छात्रों को पदक और 2222 विद्यार्थियों को उपाधियाँ वितरित की।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों की अहम भूमिका है। प्राध्यापकों का दायित्व है कि वे विद्यार्थियों में सेवा और संस्कार रोपित कर उन्हें आदर्श छात्र एवं नागरिक बनाने का प्रयास करें।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आदर्श नागरिक बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नई शिक्षा नीति में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, रोजगार के साथ ही नैतिक मूल्यों का समावेश किया गया है। विश्वविद्यालय, शिक्षा के साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें।
पंचायत निर्वाचन 2021-22 में प्रथम और द्वितीय चरण के लिये 18 दिसम्बर को 3987 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन-पत्र जमा किए। इनमें 2085 पुरूष और 1902 महिला अभ्यर्थी के नाम निर्देशन-पत्र हैं।
अभी तक कुल 23 हजार 222 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन-पत्र प्रस्तुत किया है, जिनमें से 12 हजार 226 पुरुष और 10 हजार 984 महिला तथा 2 अन्य अभ्यर्थी शामिल हैं।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री बी.एस. जामोद ने बताया है कि शाम 6 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 दिसम्बर को जिला पंचायत सदस्य के लिये 283, जनपद पंचायत सदस्य के लिये 393, सरपंच पद के लिये 2093 और पंच पद के लिये 1218 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन-पत्र जमा किया है।
सीएम श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना के केस बढ़ने से रोकने के लिए और बेहतर उपाय किये जायें।ओमीक्रॉन के केस मध्यप्रदेश में अभी नहीं हैं लेकिन अन्य राज्यों की स्थिति देखते हुए प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लेहर से निपटने की पूरी तैयारी रखें।जिससे लहर आने का खतरा न हो।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रथम टीकाकरण के डोज में 9 जिलों में 90 प्रतिशत से कम लोगों को टीका लगाया गया है। इन जिलों के प्रभारी अधिकारी ध्यान देकर टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ाएं।
आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग श्री बसंत प्रताप सिंह ने जानकारी दी है कि त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 के लिए जारी कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों को छोड़कर शेष पदों के लिए निर्वाचन प्रकिया जारी रहेगी।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 के लिए जारी कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पंच,सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।
आयुक्त श्री सिंह ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अन्य पदों के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj को इंडिया टुडे के सीनियर एसोसिएट एडिटर मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ श्री राहुल नरोन्हा ने @IndiaToday समूह की ओर से इंडिया टुडे स्टेट ऑफ द स्टेट कॉन्क्लेव 2021 के अंतर्गत "Most improved big state in agriculture" का पुरस्कार निवास कार्यालय में भेंट किया।
उल्लेखनीय है कि इंडिया टुडे द्वारा प्रतिवर्ष राज्यों को कृषि क्षेत्र में 2 कैटेगरी में पुरस्कृत किया जाता है। यह श्रेणियां ओवरऑल बेस्ट तथा मोस्ट इंप्रूव्ड स्टेट इन एग्रीकल्चर हैं ।
मध्यप्रदेश को यह पुरस्कार कृषि से आय में वृद्धि के लिए नवीनतम तकनीकों को अपनाने और मंडियों को कृषकों के निकट लाने की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए प्रदान किया गया है। मध्यप्रदेश को मोस्ट इंप्रूव्ड बिग टेस्ट इन एग्रीकल्चर में लगातार चौथी बार यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने आज स्मार्ट सिटी पार्क में शमी, बेलपत्र और खेजड़ी का पौधा लगाया। इस दौरान शहीद अमृता देवी विश्नोई पर्यावरण संरक्षण संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
शमी वृक्ष पूजा-पाठ के साथ इसका औषधीय महत्व भी है,कई रोगों के इलाज में इसका उपयोग होता है। वहीं बेलपत्र वृक्ष हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है।बेलपत्र दिल के रोगियों के लिए फायदेमंद है, इसका काढ़ा पीने से रक्त संचार दुरुस्त होता है। खेजड़ी वृक्ष भूमि की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाता है।
शहीद अमृता देवी विश्नोई पर्यावरण संरक्षण संस्था एवं अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा प्रति वर्ष संपूर्ण भारत में पौधे लगाने का कार्य करती है। मध्यप्रदेश के हरदा, गाडरवारा, जबलपुर, खातेगांव में शहीद अमृता देवी विश्नोई पर्यावरण संरक्षण संस्था सक्रिय है।