दलाल ऐसे ही होते हैं, दलाली इसे ही कहते हैं...
दिल्ली के लुटियन न्यूजचैनलों को देखिए, विशेषकर 'आजतक" तो आपको ऐसा लगेगा कि पूरे देश में कोरोना और उसकी नई किस्म ओमाइक्रोन के खिलाफ केवल एक मुख्यमंत्री, केवल एक सरकार सक्रिय हैं। इस महामारी से केवल वही लड़ रहे है।
उस मुख्यमंत्री का नाम नाम केजरीवाल है। उस सरकार का नाम दिल्ली सरकार है।
यही न्यूजचैनल लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि उत्तरप्रदेश से लगभग 11 गुना छोटे राज्य दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नए मरीजों की संख्या में रोजाना हो रही वृद्धि की दर उत्तरप्रदेश से लगभग 9 गुना अधिक है।
पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 330 नए मरीज बढ़े हैं जबकि उससे 11 गुना बड़े उत्तरप्रदेश में 39 नए मरीज बढ़े हैं।
यही न्यूजचैनल लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि दिल्ली से 11 गुना बड़े उत्तरप्रदेश में कोरोना की नई किस्म ओमाइक्रोन के मरीजों की संख्या
दिल्ली से 15 गुना कम है।
उपरोक्त संक्षिप्त विवरण इस शर्मनाक सच को बता रहा है कि यही न्यूजचैनल यह नहीं बता रहे हैं कि दिल्ली की सरकार और उसका वही मुख्यमंत्री केजरीवाल प्राणघातक महामारी कोरोना के खिलाफ एक बार फिर देश में सबसे नकारा और निक्कमा सिद्ध हो रहे हैं।
मैं "एक बार फिर" इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि केजरीवाल देश का अकेला ऐसा नकारा निक्कमा मुख्यमंत्री है जो पहली लहर में पिछले वर्ष पहले जून फिर अक्टूबर में अपने हाथ खड़े कर के यह कहते हुए देश के प्रधानमंत्री के पास पहुंच गया था कि अब हमारे वश की बात नहीं, हालात आप संभालिए।
इसके बाद दूसरी लहर में अपने नकारे निक्कमेपन को लेकर ऑक्सीजन की कमी के बारे में केजरीवाल सफेद झूठ बोलता रहा। सुप्रीम कोर्ट में उसके झूठ की कलई खुली थी। दिल्ली और देश को यह पता चला था कि बहुत पहले केंद्र से मोटी रकम मिलने के बाद भी केजरीवाल ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में देश का
सबसे नकारा निक्कमा मुख्यमंत्री साबित हुआ था। लेकिन उस समय न्यूजचैनलों के रिपोर्टर लखनऊ कानपुर प्रयागराज के श्मशानों में डेरा डाल कर मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ सफेद झूठ का जहर उगलने में जुटे हुए थे। यह अलग बात है कि कोरोना के कारण दिल्ली में जितनी मौतें हुई हैं।
उससे कम मौतें उस उत्तरप्रदेश में हुई हैं जो दिल्ली से 11 गुना बड़ा है।
लेकिन पूरे देश के मुख्यमंत्रियों में से केवल केजरीवाल के गीत ये न्यूजचैनल रात दिन गा रहे हैं। नजारा कुछ ऐसा है कि देख कर यह प्रतीत हो रहा है कि न्यूजचैनलों के एंकर एडिटर रिपोर्टर सब मिलकर केजरीवाल के
सामने यह गाते हुए नाच रहे हैं..."जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे, तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे।
उपरोक्त क्रम में सारी न्यूजचैनल सारी हदें पार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी कल कानपुर में जब मेट्रो रेल का उदघाटन कर रहे थे, न्यूजचैनलों पर वो कार्यक्रम Live दिख रहा था।
अचानक न्यूजचैनलों के एंकर यह चीखते हुए स्क्रीन पर प्रकट हुए कि एक बड़ी खबर सामने आ रही है.... इसी के साथ केजरीवाल का रिकॉर्डेड बयान चलने लगा, जो वही रटा रटाया बयान दे रहा था जो हफ्तों से दे रहा है। छोटी बड़ी तो छोड़िए, सिद्धांततः तो वो कोई खबर ही नहीं थी।
लेकिन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को अचानक रोक कर बीच में वो बयान चलाया जाने लगा। सारे न्यूजचैनलों पर एक ही समय पर एक साथ यह काम होने लगा। ऐसी करतूतों को संयोग नहीं सेटिंग कहा जाता है। दलाल ऐसे ही होते हैं।
"हिंदुस्तान ही खालिस्तान है" और "सारा खालिस्तान ही हिंदुस्तान है"
पंजाब के Nangal (नंगल) और लुधियाना ' में कुछ कार्यक्रम थे । प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान वहां आमंत्रित मुख्य अतिथि से खालिस्तान समर्थक एक बंधु ने तीख़ा प्रश्न करते हुए कहा- खालिस्तान की मांग पर आप
(हिन्दुओं) को क्या कहना है?
मुख्य अतिथि ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया :-
जब देश को और धर्म को आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत, शीश देने वाले वीरों की आवश्यकता थी तब "पिता दशमेश" गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने "ख़ालसा पंथ" का सृजन करते हुए "संत-सिपाही" परंपरा की नींव डाली थी,
जिसमें हर जाति, वर्ण और क्षेत्र के लोग शामिल हुए ताकि धर्म बच सके।
यानि खालसा पंथ लोगों को समाज को और राष्ट्र को जोड़ने के लिए आया था लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने इस पवित्र शब्द का दुरूपयोग कर इस शब्द का प्रयोग भारत को तोड़ने के लिए और लोगों को बांटने के लिए उपयोग मे
*मोदी का एक औऱ बेहतरीन कदम,*
*आया ऊँठ🐫 पहाड़ के नीचे...*
*जो कहकर नहीं बल्कि चुप रहकर देश के दुश्मनों को ठिकाने लगाता है....*
*दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे कृषि दलालों के 250 दिन पूरे होने के उपलक्ष में मोदी सरकार ने मंडी के दलालों को ऐसा तोहफा दिया है कि उनकी
सिट्टी पिट्टी गुम हो गई है,...*
*केंद्र ने पंजाब सरकार को निर्देशित किया है रबी🌾🌾 की फसल को MSP पर खरीदने से पहले पंजाब के किसानों के जमीन का रिकॉर्ड सही करते हुए #FCI को दे ।*
*#FCI जमीन के हिसाब से ही अनाज खरीदेगी और रक़म सीधे किसानों के खाते में जमा कर देगी ।
आदेश के बाद #FCI किसी दलाल से अनाज नहीं खरीद सकती । वैसे भी इन्होंने धरना प्रदर्शन किसानों के लिए नहीं, बल्कि मोदी विरोध के लिए किया था ।*
*मोदी विरोध दलालों को महंगा पड़ेगा । सारे दलाल एक ही चोट👊 से चित्त ।*
*इतना ही नहीं अब पंजाब सरकार को किसानों की जोत का कागज
*एक मुस्लिम कन्या द्वारा मोदी और योगी के बीच का अंतर बड़े रोचक तरीके से किया गया है।इसे जरूर पढ़िए।*🌹🌹🌹
*जोया मंसूरी केवल 21 वर्ष की हैं और वह एक बेहतरीन लेखिका हैं। यदि आप हिंदी में सहज हैं तो इस गद्य को पढ़ें। अपको पसंद आएगा!*
*कलियुग में श्रीराम और श्रीकृष्ण*🕉️
*जब मैं "जोया मंसूरी" को पढ़ता हूँ तो कई बार तो ये विश्वास ही नही होता कि ये पोस्ट एक 21 साल की लड़की ने लिखी है ....*
*राम यज्ञ से पैदा हुए थे, आकाश पुत्र थे। उनकी पत्नी सीता भूमि से पैदा हुई थी, भूमिजा थी, वन्य कन्या थी।
राम सारी उम्र अरण्य के पशुओं और ग्राम के मानवों को मॅनेज करने में लगे रहे, पशुओं को इंसान बनाते रहे। राम ग्राम वासी भी थे और वनवासी भी। राम शिव भक्त भी है इसलिए राम के फैसलो में, भाव में दिगम्बर परम्परा दिखती है। माँ के कहने पर राज्य त्याग दिया, आभूषण त्याग दिए,
"हमेशा योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेगा। हमेशा मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेगा। तब कौन बचाने आएगा जब योगी अपने मठ में चले जाएंगे, मोदी पहाड़ों में चले जाएंगे?"
एक पुलिस वाले को ढाल बना कर ओवैसी ने निजाम-ए-मुस्तफा याद कराया है। कहा है, "अल्लाह अपनी ताकत से तुम्हें नेस्तनाबूद करेगा।"
मतलब फिलहाल योगी-मोदी के रहते अल्लाह की ताकत भी मुकाबला नहीं कर सकती। इस सत्य को स्वीकार ने के लिए ओवैसी को मेरा धन्यवाद रहेगा।
इसके बाद फिर समझाना चाहता हूं, असदुद्दीन ओवैसी को नहीं भूलना चाहिए मोदी और योगी महज एक स्थूल शरीर नहीं हैं, एक मानस विचार हैं।
विचार जो न कभी पहाड़ों में विसर्जित होता है और ना ही मठ की मर्यादा में बंधता है। विचार तो हृदय में धारण करने की चीज है। आज एक बहुमत भारत अपने हृदय में इस विचार को धारण कर लिया है।
मठ और पर्वत से निकले हुए विचार पुनः मठ और पर्वत को नहीं लौटते। समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए
जस्टिस चंद्रचूड़ जी,
एक बार ओवैसी की सुन लीजिये,
"असहिष्णुता" क्या होती है,
समझ आ जायेगा -
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने डाबर
के करवा चौथ के विज्ञापन पर पूरी
हिन्दू कौम को "असहिष्णु" कह दिया
था जिसकी वजह से कंपनी को अपना
विज्ञापन वापस लेना पड़ गया -
हिन्दू समुदाय को जलील करने वाले
डाबर ने अपने विज्ञापन में 2 समलैंगिक
शादी शुदा लड़कियों को करवा चौथ
का व्रत करते दिखाया था जैसे हिन्दुओं
की महिलाएं व्रत करती ही नहीं और
समलैंगिक लड़कियां ही हिंदुत्व की
की प्रतिनिधि हैं -इस पर ऐतराज को
चंद्रचूड़ जी ने करार दिया था --
"असहिष्णुता" है --
अब एक बार चंद्रचूड़ जी ओवैसी का
बयान सुन लें तो समझ आएगा कि
"असहिष्णुता" किस चिड़िया का नाम
है --
ओवैसी ने खुलेआम पुलिस वालों को
धमकी दे कर दरअसल पूरे हिन्दू
समाज को धमकी दी है कि मोदी
योगी हमेशा सत्ता में नहीं रहेंगे और
जब योगी मठ में और मोदी