*मोदी का एक औऱ बेहतरीन कदम,*
*आया ऊँठ🐫 पहाड़ के नीचे...*
*जो कहकर नहीं बल्कि चुप रहकर देश के दुश्मनों को ठिकाने लगाता है....*
*दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे कृषि दलालों के 250 दिन पूरे होने के उपलक्ष में मोदी सरकार ने मंडी के दलालों को ऐसा तोहफा दिया है कि उनकी
सिट्टी पिट्टी गुम हो गई है,...*
*केंद्र ने पंजाब सरकार को निर्देशित किया है रबी🌾🌾 की फसल को MSP पर खरीदने से पहले पंजाब के किसानों के जमीन का रिकॉर्ड सही करते हुए #FCI को दे ।*
*#FCI जमीन के हिसाब से ही अनाज खरीदेगी और रक़म सीधे किसानों के खाते में जमा कर देगी ।
आदेश के बाद #FCI किसी दलाल से अनाज नहीं खरीद सकती । वैसे भी इन्होंने धरना प्रदर्शन किसानों के लिए नहीं, बल्कि मोदी विरोध के लिए किया था ।*
*मोदी विरोध दलालों को महंगा पड़ेगा । सारे दलाल एक ही चोट👊 से चित्त ।*
*इतना ही नहीं अब पंजाब सरकार को किसानों की जोत का कागज
FCI को देना होगा उसी के अनुसार उपज खरीदी जाएगी और पैसे सीधे किसानों के खातों में जमा किये जाएंगे । अब यूपी बिहार से सस्ता खरीद कर लूटने वाले गिरोह को भी गर्त में मिलाकर रही सही कसर पूरी कर दी है सरकार ने ।*
*इन सभी सुधारों के बाद money laundering के अंतिम गढ़
agriculture से भी काला पैसा बनाने और उपयोग करने का रास्ता बंद ।*
*सारे बेईमान परेशान और हैरान हैं😌 ! पाप का घड़ा भर गया है इनका 👏🏻:*
*ये कहानी शुरू होती है भूषण पावर एंड स्टील के दिवालिया होने के बाद....।*
*पहले कंपनी दिवालिया घोषित होने के बाद आप उससे पैसा वसूल
नहीं कर सकते थे, क्यूँकी हिन्दुस्तान में कोई ऐसा कानून ही नहीं था कि कोई दिवालिया हो गया हो तो उससे कर्ज कैसे वसूल किया जाए..??*
*अब तक ऐसा ही चलता था ।*
*2014 में आयी मोदी सरकार और बनाया गया.... NCLT (National Company Law Tribunal) यह बनने के बाद अब जो भी कंपनी
दिवालिया होगी उसे NCLT में जाना ही पड़ेगा। वहां बोली लगेगी, कंपनी नीलाम की जाएगी और पैसे वसूल करके प्रोमोटर्स, (जैसे कि बैंकों) को दिए जायेंगे, जिससे बैंक्स का NPA बढ़ता न रहे ।*
*भूषण पावर एंड स्टील और उसके मालिक संजय सिंघल की कंपनी १८ महीने पहले दिवालिया
घोषित हो गई । इनके ऊपर PNB बैंक का 47,000 करोड़ रुपया बकाया था ।*
*नीलामी की बोली शुरू हो गई तो.... टाटास्टील, जिंदल और UK लिबर्टी हाउस ने बोली लगाई..... अब NCLT कोर्ट से फैसला आना है कि किस कंपनी की बोली स्वीकार की गई है, फिर उसी कंपनी को bhushan पावर दे दिया जायेगा और
बैंक का कर्ज भी चुकता किया जायेगा.. इसका क्लाइमेक्स अब आया है, जब... भूषण स्टील एंड पावर के मालिक ने NCLT के सामने एक ऑफर रखा है कि हम बैंकों का 47,000 करोड़ का कर्ज चुका देंगे, आप हमारी कंपनी नीलाम मत करिये ।*
*अब जनता को ये सोचना है कि ऐसे कितने उद्योगपतियों ने
बैंकों का पैसा खाकर और दिवालिए होकर ऐश काटी है, खासतौर से पिछली एक खास परिवार की सरकारों के समय में । अब उन्हें लोन चुकाना ही होगा, और ये सब मोदी सरकार के बनाये क़ानून और NCLT जैसी संस्था बनाने से संभव हुआ । इसीलिए मोदीजी कहते हैं कि "मैंने कांग्रेस के समय के loop holes
(गड्ढे) भरे हैं" तो बिल्कुल अतिश्योक्ति नहीं लगती है ।*
*लगभग यही कहानी रुइया ब्रदर्स, एस्सार स्टील वालों की भी है। उनका भी बैंक कर्ज चुकाने का मन नहीं था, दिवालिए हो गए। NCLT में लक्ष्मी मित्तल, मित्तल स्टील्स ने बोली लगा रखी है पर अब..रुइया ब्रदर्स के पास 54,000
करोड़ आ गया है और विनती🙏 कर रहे हैं कि हमारी कंपनी को हम ही खरीद लेते हैं। उसे नीलाम मत करो और 54,000 करोड़ रुपये भी हमसे ले लो ।*
*अब आये हैं ये देशद्रोही ऊँट🐫 पहाड़ के नीचे । अब तक इन्होंने खुद भी देश के पैसे पर खूब ऐश की है, और अपने आकाओं
(खानदानी सरकार यानी काँग्रेस) को भी ऐश कराई । कोई समस्या आई तो फिर उन्हें डर काहे का जब उनके सैंया भये कोतवाल । लेकिन अब ये 'चौकीदार' की सरकार है, और इसके एक आह्वान पर पूरे देश भर में चौकीदारों की लम्बी लाइन खड़ी हो चुकी है । ऐसे देशविरोधी तत्वों को अब डरना ही होगा ।*
*एक मुस्लिम कन्या द्वारा मोदी और योगी के बीच का अंतर बड़े रोचक तरीके से किया गया है।इसे जरूर पढ़िए।*🌹🌹🌹
*जोया मंसूरी केवल 21 वर्ष की हैं और वह एक बेहतरीन लेखिका हैं। यदि आप हिंदी में सहज हैं तो इस गद्य को पढ़ें। अपको पसंद आएगा!*
*कलियुग में श्रीराम और श्रीकृष्ण*🕉️
*जब मैं "जोया मंसूरी" को पढ़ता हूँ तो कई बार तो ये विश्वास ही नही होता कि ये पोस्ट एक 21 साल की लड़की ने लिखी है ....*
*राम यज्ञ से पैदा हुए थे, आकाश पुत्र थे। उनकी पत्नी सीता भूमि से पैदा हुई थी, भूमिजा थी, वन्य कन्या थी।
राम सारी उम्र अरण्य के पशुओं और ग्राम के मानवों को मॅनेज करने में लगे रहे, पशुओं को इंसान बनाते रहे। राम ग्राम वासी भी थे और वनवासी भी। राम शिव भक्त भी है इसलिए राम के फैसलो में, भाव में दिगम्बर परम्परा दिखती है। माँ के कहने पर राज्य त्याग दिया, आभूषण त्याग दिए,
"हमेशा योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेगा। हमेशा मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेगा। तब कौन बचाने आएगा जब योगी अपने मठ में चले जाएंगे, मोदी पहाड़ों में चले जाएंगे?"
एक पुलिस वाले को ढाल बना कर ओवैसी ने निजाम-ए-मुस्तफा याद कराया है। कहा है, "अल्लाह अपनी ताकत से तुम्हें नेस्तनाबूद करेगा।"
मतलब फिलहाल योगी-मोदी के रहते अल्लाह की ताकत भी मुकाबला नहीं कर सकती। इस सत्य को स्वीकार ने के लिए ओवैसी को मेरा धन्यवाद रहेगा।
इसके बाद फिर समझाना चाहता हूं, असदुद्दीन ओवैसी को नहीं भूलना चाहिए मोदी और योगी महज एक स्थूल शरीर नहीं हैं, एक मानस विचार हैं।
विचार जो न कभी पहाड़ों में विसर्जित होता है और ना ही मठ की मर्यादा में बंधता है। विचार तो हृदय में धारण करने की चीज है। आज एक बहुमत भारत अपने हृदय में इस विचार को धारण कर लिया है।
मठ और पर्वत से निकले हुए विचार पुनः मठ और पर्वत को नहीं लौटते। समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए
जस्टिस चंद्रचूड़ जी,
एक बार ओवैसी की सुन लीजिये,
"असहिष्णुता" क्या होती है,
समझ आ जायेगा -
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने डाबर
के करवा चौथ के विज्ञापन पर पूरी
हिन्दू कौम को "असहिष्णु" कह दिया
था जिसकी वजह से कंपनी को अपना
विज्ञापन वापस लेना पड़ गया -
हिन्दू समुदाय को जलील करने वाले
डाबर ने अपने विज्ञापन में 2 समलैंगिक
शादी शुदा लड़कियों को करवा चौथ
का व्रत करते दिखाया था जैसे हिन्दुओं
की महिलाएं व्रत करती ही नहीं और
समलैंगिक लड़कियां ही हिंदुत्व की
की प्रतिनिधि हैं -इस पर ऐतराज को
चंद्रचूड़ जी ने करार दिया था --
"असहिष्णुता" है --
अब एक बार चंद्रचूड़ जी ओवैसी का
बयान सुन लें तो समझ आएगा कि
"असहिष्णुता" किस चिड़िया का नाम
है --
ओवैसी ने खुलेआम पुलिस वालों को
धमकी दे कर दरअसल पूरे हिन्दू
समाज को धमकी दी है कि मोदी
योगी हमेशा सत्ता में नहीं रहेंगे और
जब योगी मठ में और मोदी
21 दिसम्बर सन सत्रह सौ चार...
छह महीने से पड़े मुगलों के घेरे को तोड़ कर अपनी चार सौ की फौज के साथ गुरु गोविन्द सिंह निकल गए थे। वहाँ से निकलने के बाद सबको सिरसा नदी को पार करना था। जाड़े की भीषण बरसात के कारण उफनती हुई नदी, और रात की बेला! आधे से अधिक लोगों को
नदी लील गयी। जो बचे वे तीन हिस्सों में बंट गए। एक हिस्से में गुरुजी की दोनों पत्नियां और कुछ सिक्ख, दूसरे हिस्से में दो छोटे साहबजादों के साथ गुरुजी की माता गुजरी देवी जी और तीसरे हिस्से में गुरुजी के साथ उनके दो बड़े साहबजादे और 40 और सिक्ख।
43 सिक्खों का काफिला
भागता दौड़ता एक छोटे से गाँव चमकौर पहुँचा और वहाँ एक कच्ची हवेली में शरण ली। उधर मुगल सेना को पता चला कि गुरुजी निकल गए तो पीछे दौड़ी। अगले दिन 22 दिसम्बर को मुगलों की फौज चमकौर में थी। बजीर खान की सरदारी में लाखों की फौज गुरुजी को जीवित या मृत पकड़ने के लिए पागल थी।
2017 का पंजाब का विधानसभा चुनाव ......
याद है ?????
क्या जबरजस्त लहर थी AAP की और केजरू की ......
100 seat के दावे हो रहे थे ।
117 सीट में से 100 seat AAP जीतेगी ।
आपको याद होगा कि पंजाब में AAP के लिये माहौल बनाने का काम और Funding Canada , USA , UK , Europe ,
Australia और Newzealand में बैठे खालिस्तानी कर रहे थे ।
वहां इन्होंने बाकायदे office बना रखे थे ।
हर office में 10- 20 telecaller बैठा रखी थीं जो फोन करके वहां रह रही सिख Diaspora को Motivate करती थी कि पंजाब में बैठे अपने रिश्तेदारों को फोन करो कि
AAP के प्रचार में हिस्सा लें ।
विदेश में रह रहे हर NRI सिख से कहा गया कि अपने पंजाबी रिश्तेदारों भाई भतीजे को Activate करो ।
अब NRI चाचा ने अपने पंजाबी भतीजे को पहले तो लाख रु भेजा । फिर कहा कि गाड़ी निकाल , उसमे अपने 4 दोस्त बैठा और पंजाब में जहां भी