नारद से पांडु का संदेश पा युधिष्ठिर ने अश्वमेध यज्ञ के विषय मे विचार किया।उस समय राजा संतान प्रजाकल्याण अनावृष्टि निवारण और धर्म अर्थ काम के साथ देवप्रसन्नता केलिये यज्ञ अनुष्ठान किया करते थे।अश्वमेध यज्ञ का वेंदों से लेकर पुराणों तक बहुत उल्लेख मिलता है!यह अश्वमेध यज्ञ यदि सौबार
करलिया जाय तो इंद्रपद प्राप्त होता है इसीसे बलि के निन्यावे अश्वमेध यज्ञ के समय ही वामन ने यज्ञभंग कर दिया था।श्रीराम जी ने भी अनेक अश्वमेध किये थे।अश्वमेध यज्ञ दिग्विजय शौर्य और पराक्रम के लिये होता था।यह विश्व के एकछत्र अधिपत्य का यज्ञथा।युधिष्ठिर कीसत्ता को सबसे बड़ी चुनौती तो
दुर्योधन शकुनी और उसके सहयोगी ही थे।मगधराज जरासंध की सैन्यशक्ति भी युधिष्ठिर के विरोध मे एक सशक्त शक्ति थी।युधिष्ठिर भी स्वभाव से सैन्य विकल्प और रक्तपात के पक्षपाती नही थे।राजसूय यज्ञ इसीसे एक ऐसा विकल्प था जो मित्रराजाओं के स्वाभिमान को अक्षुण्ण रखते हुये इस यज्ञमे उपहार सहित
प्रतिभाग करते थे।यह एकछत्र शासक बनने का ऐलान नही था इसीसे हस्तिनापुर भी भीष्म विदुर के रहते विरोध नही कर सकता था।विरोध की एकमात्र संम्भावना मगध के जरासंध से थी जिसका अंत श्रीकृष्ण कीनीति और भीम के बलसे कर दियागया जरासंध की कैदसे छूटे राजाऔर जरासंध कापुत्र कृतज्ञ मित्रवत भेंटसहित
युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ मे सम्मिलित हुये।इसीसे श्रीकृष्ण की सहमति से नारद व्यास के परामर्श और युधिष्ठिर के स्वभावानुकूल राजसूय यज्ञ का अनुष्ठान किया गया।

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with Shashibala Rai

Shashibala Rai Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @ShashibalaRai12

14 Jan
बनारस की गलियां!वह दसवीं ग्यारहवी शताब्दी थी।बौद्धधर्म की आंधी और सम्राट अशोक के राज्याश्रय मे बौद्ध धर्म सनातन धर्म पर आक्रामक प्रहार कर कयी धार्मिक आस्थाकेंद्रो को तहस नहस कर वहां अपनी छाप छोड़ चुका था।सनातन धर्मावलम्बियों ने बुद्ध को विष्णु अवतार भी स्वीकार कर संबंध सामान्य कर Image
करने का भी प्रयास किया जा रहा था।काशी बनारस उस समय भी अध्यात्म और सनातन शिक्षा का केन्द्र था।सुबहे बनारस अर्थात काशी का प्रभात बेहद अध्यात्मिक ऊर्जा से ओत प्रोत अद्भुत होता है।महात्मा सन्यासी गृहस्थी स्त्री पुरुष भोरे ही गंगामैय्या मे स्नान कर जप करते हुये उस गली से विश्वनाथ जी Image
दर्शन और जल समर्पण के लिये जाया करतेथे।एक युवा संन्यासी भी वहां से निकला करता था।एक दिन जब वो युवा संन्यासी गंगा स्नान कर वहां से निकला तो एक भव्य अट्टालिका के नीचे से गुजरते हुये उसके चमकते ललाट पर जलबिंदु गिरे।उसने सिर उठा के देखा तो एक सुंदर युवती उसे अश्रुभरे नेत्रों से देख Image
Read 8 tweets
14 Jan
बंधुओ आपने आज मंगलमय संक्रांति का आनंद उत्सव मनाया होगा कुछ लोग संभवतःकल मनायेंगे।यह त्यौहार ही परिवर्तन और एकता का है।हमारा समाज खिचड़ी ही तो है जब तक सब वस्तु समानुपातिक हो और स्नेह या घी शुद्ध और पर्याप्त पड़ा हो तो खिचड़ी से स्वादिष्ट सुपाच्य स्वास्थ्यप्रद भोजन और नही हो सकता Image
मै यह सब आज इसलिये लिख रही हूं कि आज मुझे न जाने क्यों ऐसा लगा कि हमारा बहुसंख्यको को जगाने एकजुट करने का प्रयास कही अधिक चुनौतीपूर्ण तो नही होता जा रहा?आज एक बात तो स्पष्ट हो गयी कि अब जो भी चुनाव होगा वह To Be या Not toBe अर्थात करो या मरो के बीच होगा।बहुसंख्यक आज भी जातिवाद Image
प्याज टमाटर पेट्रोल की पनचक्की मे घूम रहा है।कसाई गडासा लिये वध के लिये तैय्यार है पर बकरे निश्चिन्त हरी घास चरने मे लगे हुये है।इस बात से बेखबर कि उनकी अपनी जिंदगी खतरे मे है।जब पाकिस्तान चीन से सीमा पर युद्ध होता है तो सेना के पीछे देश एक जुट खड़ा होता है आज हर प्रान्त मुहल्ले Image
Read 5 tweets
12 Jan
दोस्तों ये दिल्ली के 'चांदनी चौक' प्रसिद्ध Jain Lal Temple मन्दिर है। ये लगभग 800 साल पुराना मन्दिर है।इसके बारे में कहते हैं। जब क्रूर, बेरहम, औरंगजेब ने इस मंदिर को तोड़ने का आदेश अपने सिपाहियों को दिया तो, ये बात लाला भागमल जी को पता चली, जो बहुत बड़े व्यापारी थे।
उन्होंनेऔरंगजेब कीआंखों में आंखे डालकर येकह दियाथाकि तूअपना मुहखोल जितना खोल सकता है, बता तुझे कितना जजियाकर चाहिए?औरंगजेब तू बसआवाज़कर,लेकिन मन्दिर कोकोई हाथनही लगाएगा,मन्दिरकी घण्टीबजनी बन्द नहीहोगी!कहतेहैं उसवक़्त औरंगजेब नेऔसत जजियाकर से100गुना ज्यादा जजियाकर हर महीने मांगाथा
और लाला भागमल जी ने हर महीने, बिना माथे पर शिकन आये जजिया कर औरंगजेब को भीख के रूप में दिया था, लेकिन लाला जी ने किसी भी आततायी को मन्दिर को छूने नही दिया।आजतक मन्दिर की घण्टियाँ ज्यों की त्यों बजती है।मैने कन्वर्ट मुस्लिमो में लगभग हर जाति को हिन्दू से मुस्लिम कन्वर्ट पाया है,
Read 8 tweets
11 Jan
पंजाब में सिखों की जो तीन पवित्र नगरियाँ हैं उनमें से एक है सुल्तानपुर लोधी'। बाकी दो हैं - श्री अमृतसर साहब और श्री आनंदपुर साहब।
'सुल्तानपुर लोधी' वो जगह है जहाँ गुरु नानकदेव जी १४ बरस रहे थे। सुल्तानपुर लोधी सिख बाहुल्य क्षेत्र है।
उस स्कूल में ९०% बच्चे सिख हैं।
पिछले दिनों २० से ३० दिसंबर के बीच एक अभियान चला के स्कूल के बच्चों को गौरवशाली सिख इतिहास से अवगत कराया गया। स्कूल में 'चार साहिबजादे' फिल्म दिखाई गयी। पूरे १० दिन तक कार्यक्रम चले। बच्चों ने Project बनाये। Google औरYoutube खंगाला गया। बच्चोंको Homework दियागया कि अपने दादा-दादी
नाना-नानी, मम्मी-पापा से चार साहिबज़ादों की शहादत की कहानी सुनो और फिर उसे अपने शब्दों में लिखो।
जो परिणाम आये वो स्तब्धकारी थे। बच्चों ने स्कूल आकर बताया कि अधिकाँश बुज़ुर्गों और माँ-बाप को स्वयं नहीं पता कुछ भी... यहाँ तक कि चारों साहिबज़ादों केनाम तक याद नहीं।
प्रधानाचार्या के
Read 8 tweets
11 Jan
बादशाह अक़बर ने कहीं मुहावरा सुन लिया "तुख्म तासीर और सोहबत का असर" तो बीरबल को हुक़्म दिया कि बीरबल इस मुहावरे को सोदाहरण समझाओ क्या मायने है इसके। बीरबल ने कुछ महीनों का वक़्त लिया और घर आकर एक बन्दर पाल लिया उसे हारमोनियम बजाना सिखाया और तय टाइम पर बन्दर को लेकर दरबारमें
हाज़िर हुआ बन्दर ने पहले झुक कर अदब के साथ बादशाह को सलाम किया फिर बारी बारी से सब दरबारियों को सलाम किया।
फिर बीरबल ने बंदर को आदेश दिया अब बंदर ने जेब से टोपी निकाली गले में लटकी हारमोनियम पेटी को संभाल कर बड़े हुनर से राग बजाने शुरू किये।
बादशाह ने पूछा बीरबल ये क्या हैतो
बीरबल ने कहा बादशाह सलामत ये बंदर ने अदब से सबको सलाम किया इसने कोई हमलाई अंदाज नहीं दिखाया इसका मतलब ये इसकी तासीर माने स्वभाव है।
बंदर ने संगीत सीखा ये सोहबत या संगति का असर है।
बादशाह ने पूछा पर ये तुख्म क्या होता है ?
अब बीरबल ने जेब से कुछ चने के दाने निकाल कर जमीन पर
Read 4 tweets
16 Dec 21
बंधुओ शुभ संध्या!आज आप सबसे कुछ कहने की इच्छा हो रही है!आपको पता है कि सोशल मीडिया के प्रायः सभी प्लेटफार्म जितनी स्वतंत्र अभिव्यक्ति का दावा करते हैं उतनी स्वतंत्रता प्रत्येक समुदाय समूह को नही देते इनकी सारी अवधारणायें इनके राजनैतिक आर्थिक और उनके पांथिक अवधारणाओ पर आधारित रहती
हैं।वर्ग विशेष और विचारधारा विशेष के प्रति नरम रवैय्या इनके आर्थिक लाभ हानि के गणित पर निर्भर रहता है।आज हम सबको एक साथ जुड़े रहना एकत्व हिंदुत्व और हिंदूराष्ट्र केलिये अति आवश्यक है।आज हिंदू नामो से भी छद्म हिंदू सक्रिय है जो जाति धर्म रिवाज पर बहुसंख्यक समुदाय को बांटने बरगलाने
मे लगे है हमे उनके षडयंत्र को सतर्कता पूर्वक निरस्त करना है और साथ ही पाजिटिव वातावरण भी बनाना है अतः विनम्र अनुरोध है आवेशजनित आवेग जनित भावुक प्रतिक्रियावादी और सुनी सुनाई खबरों के बजाय पुष्ट सूचनाओ पर संयमित भाषा मे प्रतिक्रिया व्यक्त करें संगठन सशक्त करे भावुक प्रतिक्रिया से
Read 4 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Too expensive? Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(