मोदीजी मेरी जाति बिरादरी के नहीं हैं , मोदी मेरे गृहक्षेत्र , जिले , कस्बे या मुहल्ले के भी नही हैं । मैं मोदी जी से आज तक मिला भी नहीं हूं, न उनसे कभी बात की है। बस इतना है कि हम दोनों स्वयंसेवक हैं वे सीनियर हैं, मैं जूनियर रहा हूँ।
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मोदी राज में मैं ठेकेदारी भी नहीं कर रहा हूँ , ,न मुझे अपने भाई भतीजे पुत्र के लिए सरकारी नौकरी की सिफारिश की आवश्यकता है । उनके राज में मुझे यश भारती , पद्मश्री या भारत रत्न भी नहीं मिलेगा इतना तो तय है ।
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मैं ये भी जानता हूँ की मेरी किसी मुसीबत में मोदीजी या अमित शाहजी मुझे कतई बचाने नही आएंगे। तब मुझे खुद अपनी समस्याओं से जूझना पड़ेगा उनसे संघर्ष करना करना पड़ेगा।यह मैं अच्छी तरह से जानता व समझता हूँ ।
और न वो मुझे अपने प्रचार के लिए महीने पर तनख्वाह देते हैं
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न मेरे मोबाइल मे कोई इंटरनेट प्लान डलवाते हैं। खुद अपने पुरुषार्थ से कमाता हूँ, खर्च करता हूँ । कहने का मतलब है कि मुझे मोदी जी से कोई पैसे का लाभ नहीं मिलता है, न कभी आस की है, न कभी करूँगा। अपने जीवन मे स्वाभिमान से जिया हूँ और जीता रहूँगा मेरे लिए देश व धर्म सर्वोपरि है !
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कहने का मतलब ये कि मैं किसी लालच में या किसी एजेंडा के तहत मोदी भक्त नही हूँ !
मेरा मानना है कि ये आदमी देशभक्त है , पूरी तरह ईमानदार है , राजनैतिक कारणों से ( चुनाव जीतने के लिए ) कुछ राजनैतिक वैचारिक कठोर बात कर सकता है पर राष्ट्र को धोखा कभी नहीं देगा यह व्यक्ति !
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मुझे मोदीजी पर 100 % विश्वास है कि यह व्यक्ति देश व धर्म के लिए कितना भी कठिन निर्णय हो उसे लेने में कभी नहीं हिचकेगा व पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकता है। चुनाव जीतेगा तो सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र की सेवा के लिये। ऐसा मेरा उस व्यक्ति पर पूर्ण विश्वास है!
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मेरा ये दृढ़ विश्वास है कि आज के समय में यही सबसे उपयुक्त व्यक्ति है जो भारत को विश्वगुरु बना सकता है। यही वो व्यक्ति है जो भारत को आर्थिक और सैन्य महाशक्ति बना सकता है , यही वो आदमी है जो हमको तीसरी दुनिया , विकासशील देश से एक विकसित देश बना सकता है और
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हमें खतरनाक पड़ोसियों से बचा सकता है।
यही वो आदमी है जो आने वाले समय मे भारत को एक स्वस्थ, सुंदर (कूड़ा, गंदगी के ढेर विहीन) देश बना सकता है। यही वो व्यक्ति है जो पूरी तरह ईमानदार है और आगे भी ईमानदार रहेगा। यही वो आदमी है जो अपने परिवार के लोगो को हमारे सिर पर नही थोपेगा।
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मैं खुद को इस देश के एक साधारण सैनिक के रूप में देखता हूँ और मोदी जी को अपनी इस फौज का कमांडर, और एक सैनिक का ये कर्तव्य है कि वो अपने कमांडर में पूर्ण आस्था विश्वास रखे … पूर्ण यानी 100% … 99% भी नहीं ।
इसलिए मैं मोदी जी में 100 % आस्था रखता हूँ
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आप मुझे अंधभक्त कहें ये आपकी choice है । सच मानिए आपके द्वारा अंधभक्त कहे जाने पर भी मुझे गर्व की अनुभूति होती है , कि हमें भक्त भी ऐसे व्यक्ति का बताया जाता है जो स्वयं ( मोदी जी ) एक सच्चा राष्ट्रभक्त है ।
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अब कुछ सवाल चप्पलचाट चरणभाट गुलाम कांग्रेसियो और अन्य पार्टी वालो से है आप अपने नेता के गुलाम क्यों है ?
उनमे कौन से ऐसे गुण है ?
ईमानदारी ?
देशभक्ति ?
देशवासियों की सेवा हेतु प्रतिबद्ध है वो ?
उनमें ऐसा कौन सा गुण है जो आपको उनका अंधभक्त बनाता है ?
एक बार सोचें प्लीज!!
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याद तो होगी ही??
ज्यादा पुरानी नही सन् 2013 की बात है।
ये कोई I.A.S. अफसर थी गौतम बुद्ध नगर जिले में उस समय के समाजवादी खनन माफियाओ के खिलाफ अभियान छेड़ने की गलती कर बैठी।
लाल टोपे वाली पार्टी के कारिंदो ने आरोप जड़ दिया कि
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इस अफसर ने नोएडा में एक निमार्णाधीन मस्जिद की दीवार गिरा दी। बस फिर क्या था आनन फानन मे टोंटी चोर ने बेचारी को सस्पैंड कर दिया।
यूपी तो छोड़ो, सारे देश में बवाल मचा था।
IAS ऐसोसियेशन, IPS ऐसोसियेशन, किरण बेदी, चीफ सेक्रेटरी, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट,
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और खुद केंद्र के दखल के बावजूद कोई भी टोंटी चोर का बाल टेढ़ा नही कर पाया। खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हस्तक्षेप किया मगर टोंटी चोर ने उस महिला IAS अधिकारी का सस्पेंशन Revoke करने बजाय, उसे चार्जशीट दे दी गई।
चंबल वाले डाकू छविराम से मथुरा वाले रामबृक्ष यादव तक की समाजवादी यात्रा और नेता जी की टूटी उंगली :
बात शुरू होती है साल 1980-82 से। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वी. पी. सिंह ने दस्यु उन्मूलन का अभियान शुरू किया और खास कर चंबल के
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बीहड़ों के डाकूओं के इनकाउंटर शुरू हुए। इसी क्रम में मार्च 1982 में कुख्यात डाकू छविराम को उसके 13 गैंग सदस्यों के साथ इनकाउंटर में मार दिया गया। छविराम का गिरोह बड़ा था और इनकाउंटर के बाद भी उस गिरोह के कई सदस्य और सफेदपोश मददगार बचे रह गए थे।
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उसी लिस्ट में समाजवादी पुरुष श्री शिवपाल सिंह यादव जी भी शामिल थे।
अब चूंकि वी पी सिंह दस्यु उन्मूलन अभियान को लेकर बेहद सख्त थे और यहां तक कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री,
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