२ दिन पहले #हमीद_अंसारी ने दोबारा भारत को सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया...
भारत को सहिष्णुता का पाठ पढ़ानेवालों के लिए ये किस्सा :
नीचे तस्वीर आपको समझ आयेगी ये पढ़ के –
1800 के आसपास अदन यमन का पोर्ट शहर तेजी से फलफूल रहा था। इसके विकास में बड़ा योगदान था वहाँ बसे पारसी समाज का..
और उनका एक मन्दिर भी था वहाँ!
पारसी मन्दिर में उनकी पवित्र अग्नि होती है जो लगातार जलती है। ये अग्नि 16 विभिन्न स्रोतों से जमा की जाती है। जैसे 14 व्यवसाय की भट्ठियों की अग्नि, जैसे लोहार हलवाई आदि की भट्ठियों से। इसके बाद अन्तिम अग्नि होती है- आसमान से गिरी बिजली से लगी अग्नि।
इन सब से ये आग जलायी जाती है और ये हरदम जलती रहनी चाहिए। इतना ही नही! इसको कोई गैर पारसी देख भी नही सकता, उससे भी ये अपवित्र हो जाती है।
अब 1967 आते आते अंग्रेज भी यमन से चले गए और वहाँ कम्युनिस्ट सरकार बनी जो धर्म को मानते नही। उसने इस मन्दिर को कब्जे मे लेने के प्रयास शुरु किए।
पारसी समाज चिंतित रहने लगा की इस पवित्र अग्नि को कैसे बचाया जाए, जो पीढ़ियों से जल रही है।
इसको सड़क मार्ग से ले जाने में रास्ते में तमाम इस्लामी मुल्क पड़ते, जिससे ये अग्नि अपवित्र हो जाती उनकी धरती से गुजर के! समुद्री मार्ग से अग्नि ले जाना प्रतिबंधित था धार्मिक कारणों से!
ऐसे में भारत ने मदद की पेशकश की और इन्दिरा सरकार ने संदेश भेजा और इसका जिम्मा यशवंत चौहान और 71 युद्ध के हीरो और खुद पारसी फ़ील्ड मार्शल सैम मानक शा को दिया गया।
और, फ़िर शुरु हुई तैयारी...
फैसला हुआ की एयर इन्डिया का विमान ये पवित्र अग्नि लाएगा और उसपे पूरा स्टाफ पारसी होगा।
लेकिन पारसी पाइलट नही मिल रहा था... पाइलट तो थे, लेकिन बोइंग 707 उड़ानेवाले नही थे।
फ़िर कैप्टन सैम पैडर अपनी दुबारा ट्रेनिंग और जितने घन्टे का अनुभव चाहिये पूरा करके तैयार हुए और 14 नवंबर 1976 को भारत से ये विमान पहुँचा अदन एअरपोर्ट भारत सरकार के विशेष निवेदन के साथ,..
की विमान के आसपास कोई नही आयेगा और वो पवित्र अग्नि विशेष रूप से तैयार किए गए जगह मे फ़र्स्ट क्लास केबिन मे रखी गयी और विमान वापस मुंबई के लिए रवाना हुआ।
दुनिया मे पहली बार एक विमान मे जलती हुई अग्नि ले के यात्रा हो रही थी...
30000 फीट की ऊँचाई पे दबावयुक्त विमान केबिन में कोई भी हादसा हो सकता था। अग्नि को जलता रखने के लिए चंदन की लकड़ियाँ डाली जाती रही और धार्मिक अनुष्ठान भजन आदि होते रहे। विमान पहुँचा मुंबई एअरपोर्ट जहाँ फ़िर वैसी ही व्यवस्था थी... सिर्फ पारसी समाज के लोग ही विमान के पास थे।
एअरपोर्ट सील था।
अग्नि को लोनावाला के मन्दिर ले जाना तय था। फ़िर बना ग्रीन कॉरिडोर! लोनावाला तक पूरा ट्रैफिक रोका गया और ये पवित्र अग्नि लोनावाला के मन्दिर में पहुँची, जहाँ आज भी पारसी समाज इसकी देखरेख करता है।
अब दुनिया ये बताये की कौनसा देश एक ऐसे धर्म के लोगों की भावनाओ का इतना मान सम्मान रख सकता है, जिस धर्म के मुश्किल से सिर्फ 50000 लोग बचे हैं दुनिया में और वो ज्यादातर भारत को ही अपनी जन्मभूमि मानते हैं... मातृभूमि मानते हैं।
भारत हमेशा से सहिष्णु रहा है,
क्यूँकि ये हिन्दू देश है, ये हिन्दू संस्कार है!
हमें दूसरो से सीखने की जरुरत नही।
ऐसे किस्से दूसरो को सिखा सकते हैं मानवता क्या होती है।
🚩🚩🚩।।जय श्री राम।।🚩🚩🚩
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👉विभिन्न TV चैनलों पर प्रसारित अलग-अलग चुनावी सर्वेक्षणों पर जो बीजेपी की जीत दिखाई जा रही है, उस पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
🤨हो सकता है कि यह कॉंग्रेस के रणनीतिकार PK की चाल रही हो।
👉बंगाल में बीजेपी समर्थक यह सोचकर कि 'मेरे एक वोट से क्या होगा', पहले ही धोखा खा चुके है।
🤷🏻♂️कम से कम 50 सीटों पर बीजेपी 1000 से कम मार्जिन पर चुनाव हार गई थी और बीजेपी सरकार बनाते-बनाते रह गई, कारण बीजेपी के समर्थक वोट देने ही नहीं गए।
👉उत्तर प्रदेश में इस बार कांटे की टक्कर में कुछ हजार वोटों से सरकार बन या बिगड़ सकती है इसलिए उत्तर प्रदेश के बीजेपी के मतदाताओं को पूर्णरूप से जागरूक रहने की आवश्यकता है और बीजेपी के पक्ष में अधिक-से-अधिक मतदान करने की कोशिश करें।
स्वयं भी पढ़ें और अपने बच्चों को भी पढ़ाएं, ये आपकी आंखें खोल देगी...
👉 622 ई से लेकर 634 ई तक, मात्र 12 वर्ष में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने इस्लाम की तलवार के बल पर मुसलमान बना दिया।
👉 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 17 वर्ष में...
सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम का कलमा पढ़वा दिया गया।
👉 640 में मिस्र में पहली बार इस्लाम ने पांव रखे, और देखते ही देखते मात्र 15 वर्षों में, 655 तक इजिप्ट के लगभग सभी लोग मुसलमान बना दिये गए।
👉 नार्थ अफ्रीकन देश, जैसे अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को आदि देशों को...
640 से 711 ई तक पूर्ण रूप से इस्लाम धर्म में बदल दिया गया। 3 देशों का सम्पूर्ण सुखचैन लेने में मुसलमानो ने मात्र 71 साल लगाए।
👉 711 ईस्वी में स्पेन पर आक्रमण हुआ, 730 ई तक, मात्र 19 वर्षो में स्पेन की 70% आबादी मुसलमान बनी।
👉 तुर्क थोड़े से वीर निकले। तुर्को के विरुद्ध जिहाद...
कांग्रेसी कहते है सोनिया भारत की पहली विदेशी बहू है..
आज मै आपको बता रहा हूँ भारत माता की असली विदेशी बहू के बारे में।
भारत की असली बहू नेताजी सुभाष चंद्र बोस की धर्मपत्नी जिनका भारत मे कभी स्वागत नही हुआ...
कांग्रेस ने इनको भी नेताजी की तरह गुमनाम कर दिया!!!
श्रीमती "एमिली शेंकल" ने 1937 में भारत मां के बहादुर बेटे "बोस" जी से विवाह किया!
एक ऐसे देश को ससुराल के रूप मे चुना जहां कभी इस "बहू" का स्वागत नही किया गया....
ना ही बहू के आगमन पर मंगल गीत गाये गये...
ना बेटी (अनीता बोस) के जन्म होने पर कोई सोहर ही गाया गया...
यहां तक की गुमनामी की मोटी चादर से उन्हे ढ़ंक दिया गया कि कभी जनमानस मे चर्चा भी नही हुई!!
अपने 7 साल के कुल वैवाहिक जीवन में पति के साथ इन्हे केवल 3 साल रहने का मौका मिला... फिर इन्हें और नन्ही सी बेटी को छोड़कर बोस जी देश के लिए लड़ने चले गये....!!!
सभी हिंदू - चाहे वामपंथी हो, या दक्षिणपंथी हो, चाहे ऊंची जाति के हो या निचली जाति के, चाहे अमीर हो या गरीब, केवल एक शिकायत पर गिरफ्तार किया जाएगा, चाहे वह मुस्लिम या ईसाई या किसी अल्पसंख्यक द्वारा सांप्रदायिक और टारगेटेड हिंसा की रोकथाम के तहत हो।
ये क्षतिपूर्ति विधेयक जिसे डॉ. मनमोहन सिंह, जो स्वयं अल्पसंख्यक है, संसद के समक्ष रखने की योजना बना रहे थे। इस पूरी तरह से हिंदू- विरोधी विधेयक का मसौदा शुरू में सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा तैयार किया गया था, जो एक ईसाई थी,...
जो एडविज एंटोनिया अल्बिना माइनो के रूप में पैदा हुई थी। - ओपी गुप्ता
NAC में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह दोनों अल्पसंख्यक व्यक्तियों द्वारा चुने गए व्यक्ति शामिल है।इस परिषद में भी हिंदू सदस्यों को संख्यात्मक अल्पमत में रखा गया, जैसा कि सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्रा आयोग में हुआ।
कांग्रेस ने सोचा था कि भारत 2020- 22 तक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा। हिंदुओ का विनाश वाला बिल जिसे काँग्रेस ने दो बार संसद मे पेश किया। 2005 मे और फिर 2011 में। परन्तु भाजपा के जबरदस्त विरोध के कारण वह पास नहीं करवा सकी ।
यदि कानून पास हो जाता तो हिंदू निश्चित रूप से गुलाम हो जाता l
मुझे यकीन है कि 96% हिन्दुओ को तो अपने खिलाफ आए इस बिल के बारे में कुछ पता भी नहीं होगा, जिस में शिक्षित हिंदू भी शामिल है!!
क्योंकि हिंदू सम्पत्ति जुटाने में लगा है!
कुछ एक लोगों को इस बिल के बारे में पता होगा,,,
2011 में इस बिल की रुपरेखा सोनिया गाँधी की विशेष टीम ने बनाया था जिसे NAC भी कहते थे,
इस टीम में दर्जन भर से ज्यादा सदस्य थे और सब वही थे जिन्हें आजकल अर्बन नक्सली कहा जाता है..
कांग्रेस का कहना था की इस बिल के जरिये वो देश में होनेवाले दंगों को रोकेंगे।