#कुछ_अंजान_तथ्य
भारत में अब तक कुल 162 किताबे बैन की गयी है...
लेकिन इसमें से कोई भी बीजेपी के राज में बैन नही की थी...
बैन की गयी सभी किताबे इस्लाम या नेहरु खानदान के खिलाफ लिखी गयी है...
भारत में हिंदुत्व के खिलाफ लिखी हुई कोई भी किताब बैन नही की गयी है...
इसमें इटली के पत्रकार जेवियर मोरो की किताब "एल सारी रोजो" [ द रेड साड़ी ] को मनमोहन सरकार ने बैन किया था क्योकि इसमें सोनिया गाँधी की सच्चाई लिखी हुई थी।
कुछ किताबे आज़ादी के पहले गाँधी-नेहरु के अनुरोध पर अंग्रेजो ने बंद की थी...
आइये देखे किताबो को बैन करने का पूरा इतिहास..
१- रंगीला रसूल [1924] - लेखक -- अज्ञात ,, पब्लिशर्स --राजपाल एंड संस (लाहोर)
1924 में लाहोर से छपी उर्दू में इस किताब में पैगम्बर मोहम्मद का महिलाओ के प्रति नजरिये का वर्णन किया गया था ..
गाँधी ने पंजाब सरकार और लार्ड को पत्र लिखकर इस किताब को इस्लाम पर हमला बताया...
और पंजाब सरकार ने इस किताब पर रोक लगा दी...
और राजपाल एंड संस के मालिक राजपाल पर 153A of the Indian Penal Code for hate speech के तहत मुकदमा चलाया ..
लेकिन लाहोर हाईकोर्ट ने राजपाल को ये कहकर बरी कर दिया की किताब में लिखी बाते भले ही कड़वी है ..लेकिन सच है!
बाद में राजपाल जी का एक मुस्लिम युवक इल्म-उद-दीन ने मर्डर कर दिया..
फिर अंग्रेजो ने इल्म-उद-दीन पर मुकदमा चलाकर उसे 31 October 1929 को लाहोर में फांसी पर लटका दिया।
२- हिन्दू हेवेन - लेखक --मैक्स विले [बैन लगा --1934]
इस किताब में भारत में ईसाई मिशनरीज की मक्कारियो का वर्णन है।
इस किताब में ईसाई मिशनरीज के भारत में कार्य प्रणालियो पर सवाल उठाया गया है ..
अंग्रजो ने इस किताब को भारत में लाने पर रोक लगा दी थी।
३- एंग्री - [ लेखक - सज्जाद जहीर, अहमद अली, रशीद जहाँ, महमूद -उज-जफर ] [बैन लगा -1933 ] - इस किताब में इस्लाम की गंदी सच्चाईयों का वर्णन है ..
अंग्रेजो ने मुस्लिम नेताओ के निवेदन पर बैन लगा दिया था ।
४- The Scented Garden: Anthropology of the Sex Life in the Levant
लेखक --बर्नाड स्टर्न [बैन लगा --1945] इस किताब में अरब देशो में सेक्स और महिलाओ की दयनीय स्थिति का वर्णन है ..
5- द लैंड ऑफ़ लिंगम - लेखक -आर्थर माइल्स [बैन लगा -1937] इस किताब में हिन्दू धर्म में प्रचलित जाति प्रथा और मूर्ति पूजा पर सवाल उठाया गया है।
आजादी के बाद --
१- Pakistan- Pasmanzarwa Peshmanzar लेखक --हमीद अनवर [बैन लगा -1950] इस किताब में पाकिस्तान की सच्चाई का वर्णन है...
नेहरु ने ये कहकर इस किताब पर बैन लगाया था की हम किसी पड़ोसी राष्ट्र की निंदा नही पढ़ सकते।
२- सीज फायर -लेखक अघा बाबर [बैन लगा 1950] इस किताब में क्या है ये ज्ञात नही है, नेहरु ने इस पर बैन लगाया था।
३- खाक और खून - नसीम हजाज [बैन लगा -1950 ] इस किताब को इस्लाम विरोधी बताकर...
नेहरु ने बैन किया था..
४- मर्का -ए -सोमनाथ - लेखक मौलाना मोहम्मद सादिक हुसैन सिद्दकी सरदानवी ..
इस किताब में महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ के विध्वंस को जायज ठहराया गया है..
और महमूद गजनवी को मुस्लिमो का नायक पेश किया गया है.. सरदार पटेल ने इसे 1952 में बैन किया था..
हलांकि नेहरु इसे बैन करने के खिलाफ थे।
5- What has Religion done for Mankind - लेखक अज्ञात - प्रकाशक वाच टावर बाइबिल एंड ट्रैक्ट सोसाइटी, अमेरिका।
इस किताब में हिन्दू, इस्लाम, जैन, बौद्ध धर्मो पर बेहद अपमानजनक बाते लिखी गयी है .. इस किताब को 1954 में बैन किया गया था।
.. शेष फिर कभी .. बहुत लम्बी लिस्ट है ..
जय श्री राम 🙏🚩
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👉विभिन्न TV चैनलों पर प्रसारित अलग-अलग चुनावी सर्वेक्षणों पर जो बीजेपी की जीत दिखाई जा रही है, उस पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
🤨हो सकता है कि यह कॉंग्रेस के रणनीतिकार PK की चाल रही हो।
👉बंगाल में बीजेपी समर्थक यह सोचकर कि 'मेरे एक वोट से क्या होगा', पहले ही धोखा खा चुके है।
🤷🏻♂️कम से कम 50 सीटों पर बीजेपी 1000 से कम मार्जिन पर चुनाव हार गई थी और बीजेपी सरकार बनाते-बनाते रह गई, कारण बीजेपी के समर्थक वोट देने ही नहीं गए।
👉उत्तर प्रदेश में इस बार कांटे की टक्कर में कुछ हजार वोटों से सरकार बन या बिगड़ सकती है इसलिए उत्तर प्रदेश के बीजेपी के मतदाताओं को पूर्णरूप से जागरूक रहने की आवश्यकता है और बीजेपी के पक्ष में अधिक-से-अधिक मतदान करने की कोशिश करें।
स्वयं भी पढ़ें और अपने बच्चों को भी पढ़ाएं, ये आपकी आंखें खोल देगी...
👉 622 ई से लेकर 634 ई तक, मात्र 12 वर्ष में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने इस्लाम की तलवार के बल पर मुसलमान बना दिया।
👉 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 17 वर्ष में...
सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम का कलमा पढ़वा दिया गया।
👉 640 में मिस्र में पहली बार इस्लाम ने पांव रखे, और देखते ही देखते मात्र 15 वर्षों में, 655 तक इजिप्ट के लगभग सभी लोग मुसलमान बना दिये गए।
👉 नार्थ अफ्रीकन देश, जैसे अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को आदि देशों को...
640 से 711 ई तक पूर्ण रूप से इस्लाम धर्म में बदल दिया गया। 3 देशों का सम्पूर्ण सुखचैन लेने में मुसलमानो ने मात्र 71 साल लगाए।
👉 711 ईस्वी में स्पेन पर आक्रमण हुआ, 730 ई तक, मात्र 19 वर्षो में स्पेन की 70% आबादी मुसलमान बनी।
👉 तुर्क थोड़े से वीर निकले। तुर्को के विरुद्ध जिहाद...
कांग्रेसी कहते है सोनिया भारत की पहली विदेशी बहू है..
आज मै आपको बता रहा हूँ भारत माता की असली विदेशी बहू के बारे में।
भारत की असली बहू नेताजी सुभाष चंद्र बोस की धर्मपत्नी जिनका भारत मे कभी स्वागत नही हुआ...
कांग्रेस ने इनको भी नेताजी की तरह गुमनाम कर दिया!!!
श्रीमती "एमिली शेंकल" ने 1937 में भारत मां के बहादुर बेटे "बोस" जी से विवाह किया!
एक ऐसे देश को ससुराल के रूप मे चुना जहां कभी इस "बहू" का स्वागत नही किया गया....
ना ही बहू के आगमन पर मंगल गीत गाये गये...
ना बेटी (अनीता बोस) के जन्म होने पर कोई सोहर ही गाया गया...
यहां तक की गुमनामी की मोटी चादर से उन्हे ढ़ंक दिया गया कि कभी जनमानस मे चर्चा भी नही हुई!!
अपने 7 साल के कुल वैवाहिक जीवन में पति के साथ इन्हे केवल 3 साल रहने का मौका मिला... फिर इन्हें और नन्ही सी बेटी को छोड़कर बोस जी देश के लिए लड़ने चले गये....!!!
सभी हिंदू - चाहे वामपंथी हो, या दक्षिणपंथी हो, चाहे ऊंची जाति के हो या निचली जाति के, चाहे अमीर हो या गरीब, केवल एक शिकायत पर गिरफ्तार किया जाएगा, चाहे वह मुस्लिम या ईसाई या किसी अल्पसंख्यक द्वारा सांप्रदायिक और टारगेटेड हिंसा की रोकथाम के तहत हो।
ये क्षतिपूर्ति विधेयक जिसे डॉ. मनमोहन सिंह, जो स्वयं अल्पसंख्यक है, संसद के समक्ष रखने की योजना बना रहे थे। इस पूरी तरह से हिंदू- विरोधी विधेयक का मसौदा शुरू में सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा तैयार किया गया था, जो एक ईसाई थी,...
जो एडविज एंटोनिया अल्बिना माइनो के रूप में पैदा हुई थी। - ओपी गुप्ता
NAC में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह दोनों अल्पसंख्यक व्यक्तियों द्वारा चुने गए व्यक्ति शामिल है।इस परिषद में भी हिंदू सदस्यों को संख्यात्मक अल्पमत में रखा गया, जैसा कि सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्रा आयोग में हुआ।
कांग्रेस ने सोचा था कि भारत 2020- 22 तक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा। हिंदुओ का विनाश वाला बिल जिसे काँग्रेस ने दो बार संसद मे पेश किया। 2005 मे और फिर 2011 में। परन्तु भाजपा के जबरदस्त विरोध के कारण वह पास नहीं करवा सकी ।
यदि कानून पास हो जाता तो हिंदू निश्चित रूप से गुलाम हो जाता l
मुझे यकीन है कि 96% हिन्दुओ को तो अपने खिलाफ आए इस बिल के बारे में कुछ पता भी नहीं होगा, जिस में शिक्षित हिंदू भी शामिल है!!
क्योंकि हिंदू सम्पत्ति जुटाने में लगा है!
कुछ एक लोगों को इस बिल के बारे में पता होगा,,,
2011 में इस बिल की रुपरेखा सोनिया गाँधी की विशेष टीम ने बनाया था जिसे NAC भी कहते थे,
इस टीम में दर्जन भर से ज्यादा सदस्य थे और सब वही थे जिन्हें आजकल अर्बन नक्सली कहा जाता है..
कांग्रेस का कहना था की इस बिल के जरिये वो देश में होनेवाले दंगों को रोकेंगे।