यह लेख खालिद उमर द्वारा लिखा गया है, जो एक मुस्लिम है और मूल रूप से पाकिस्तान से है और अब यूके में बैरिस्टर के रूप में काम कर रहे हैं! वह बहुत सीधे सपाट शब्दों में कहते है और उन्हें फेसबुक वॉल पर व्यापक रूप से पढ़ा जाता है!
वो कहते हैं:-
नरेंद्र मोदी इतिहास रच सकते हैं, अगर...
वह भारत में इस्लामिक #मदरसों की 1000 साल पुरानी परित्याग-करने-योग्य संस्था को खत्म कर दें! #एक_देश_एक_पाठ्यक्रम भारत में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति का एक मात्र नुस्खा है! समान नागरिक संहिता लागू करने से पहले भारत में एक #समान_शिक्षा_संहिता अगर लागू करें तो।
सभी के लिए एक धर्मनिरपेक्ष पाठ्यक्रम की सख्त आवश्यकता है!
3,60,000 युवा दिमाग 1700 के दशक में विकसित एक प्राचीन मजहबी पाठ्यक्रम में फँसे है। अकेले दिल्ली में 3,000 से अधिक मदरसे है! देशभर में 6लाख से अधिक मदरसों में नामांकित लाखों लोगों के साथ-साथ अन्य 40-50 लाख मस्जिदों में..
संलग्न #मकातब_या_मदरसा के साथ देश को आगे ले जाने का कोई सपना नहीं देखा जा सकता है!
मदरसों में क्या पढ़ाया जाता है? एक मदरसा एक विशिष्ट धार्मिक स्कूल है, जहाँ मुस्लिम बच्चों को कुरान, शरिया, हदीस, आक्रमणों का इस्लामी इतिहास (जिहाद) पढ़ाया जाता है!
भारत में मदरसों की संस्था उतनी ही पुरानी है, जितनी कि भारत में इस्लाम का इतिहास, मान लीजिए 1000 साल! पाठ्यक्रम में छात्रों को सभी गैर-मुसलमानों से नफरत करना सिखाता है, विशेष रूप से हिंदुओं से, जिन्हें मूर्तिपूजक घोषित किया जाता है, घृणास्पद इंसान के रूप में डब किया जाता है,..
जिन्हें काफिर कहा जाता है!
गजवा-ए-हिंद की स्थापना (जिहाद के माध्यम से पूरे भारत में इस्लामी शासन की स्थापना का लक्ष्य) भी भारत और पाकिस्तान दोनों में लगभग हर मदरसे में पढ़ाया जाता है! मदरसे में नफरत, भय और मिथ्या अभिमान से भरे हुए बेहद निरंकुश और ज़हरीले दिमाग पैदा करते है!
इस परित्यक्त संस्था में सुधार नहीं किया जा सकता है! एकमुश्त समाप्त कर देना ही एक मात्र समाधान है! उनकी किसी तरह की मदद करना आपका अपना मृत्युलेख लिखना है! यूपीए सरकार ने 2009-10 में अपनी तुष्टीकरण की राजनीति के हिस्से के रूप में एक गलत विचार योजना शुरू की,...
"मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना"
(SPQEM) !
यह फलहीन योजना #मदरसों_और_मकतबों को औपचारिक विषयों यानी विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन, हिंदी और अंग्रेजी को शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन परिणाम शून्य है!!
यह योजना अभी भी देश के 18 राज्यों में चल रही है! SPQEM के तहत अब तक विभिन्न राज्यों में फैले 21,000 से अधिक मदरसों को रुपये दिए गए है 1138 करोड़! भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, केवल उत्तर प्रदेश राज्य में 8,584 मदरसों में 18,27,566 बच्चे नामांकित है!
यह नासमझ मूर्खता है!!!
पढ़ाए जानेवाले मूल इस्लामी धर्मग्रंथ को धर्मनिरपेक्ष और मानवतावादी नहीं बनाया जा सकता है! कांग्रेस द्वारा शुरू की गई यह योजना, अपनी तुष्टीकरण नीति के एक भाग के रूप में, सिर्फ समय और बहुमूल्य राष्ट्रीय संसाधनों की बर्बादी है और इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए !
मदरसों में सुधार क्यो नही किया जा सकता? इस्लामी और आधुनिक शिक्षा एक साथ नही रह सकते!
क्या मदरसे के छात्र विज्ञान पर भरोसा करेंगे जो कहता है कि पृथ्वी गोल है और सूर्य के चारों ओर घूमती है? या कुरान पर विश्वास करेगी जो कहती है पृथ्वी चपटी है और सूर्य झील के गंदे पानी में डूबता है?
आप उन्हें सद्भाव और प्रेम कैसे सिखा सकते है, जब वे कुरान से सीखते है कि सभी मूर्तिपूजक अनन्त नर्क की आग में भेजे जाते है?
मोदी सरकार को तुरंत क्या करना चाहिए? 1. सभी मदरसों का राष्ट्रीयकरण, पंजीकरण होना चाहिए, और राज्य के पास शिक्षकों, प्रशासकों और पाठ्यक्रम को नियुक्त करने का..
अधिकार होना चाहिए! उनके वित्तीय और आय के स्रोत की जांच की जानी चाहिए! सभी मदरसों को सभी समुदायों के लिए खुले और आधुनिक स्कूलों में परिवर्तित किया जाए! किसी भी धर्म और समुदाय विशेष के लिए संगठित और संस्थागत धार्मिक शिक्षा को समाप्त कर देना चाहिए!
सभी बच्चों को एक समान पाठ्यक्रम पढ़ाया जाना चाहिए!
2. सभी मस्जिदों की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग के जरिए निगरानी की जानी चाहिए कि उन्हें क्या पढ़ाया और खिलाया जा रहा है! यह कोई संयोग नहीं है कि भारतीय शहरों में हर दंगा जुमा की नमाज के बाद शुक्रवार को ही शुरू होता है।
अगर चीन, सिंगापुर और मिस्र सभी मस्जिदों को नियंत्रित कर सकते है, तो दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश भारत क्यों नहीं कर सकता? अगर भारत ने मुल्लाओं, मस्जिदों और मदरसों को नियंत्रित नहीं किया, तो भारत में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव एक दिवास्वप्न बनकर रह जाएगा!!!
खालिद उमर लिखते हैं..
"मदरसा पर प्रतिबंध लगे"
जय हो 🚩
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👉विभिन्न TV चैनलों पर प्रसारित अलग-अलग चुनावी सर्वेक्षणों पर जो बीजेपी की जीत दिखाई जा रही है, उस पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
🤨हो सकता है कि यह कॉंग्रेस के रणनीतिकार PK की चाल रही हो।
👉बंगाल में बीजेपी समर्थक यह सोचकर कि 'मेरे एक वोट से क्या होगा', पहले ही धोखा खा चुके है।
🤷🏻♂️कम से कम 50 सीटों पर बीजेपी 1000 से कम मार्जिन पर चुनाव हार गई थी और बीजेपी सरकार बनाते-बनाते रह गई, कारण बीजेपी के समर्थक वोट देने ही नहीं गए।
👉उत्तर प्रदेश में इस बार कांटे की टक्कर में कुछ हजार वोटों से सरकार बन या बिगड़ सकती है इसलिए उत्तर प्रदेश के बीजेपी के मतदाताओं को पूर्णरूप से जागरूक रहने की आवश्यकता है और बीजेपी के पक्ष में अधिक-से-अधिक मतदान करने की कोशिश करें।
स्वयं भी पढ़ें और अपने बच्चों को भी पढ़ाएं, ये आपकी आंखें खोल देगी...
👉 622 ई से लेकर 634 ई तक, मात्र 12 वर्ष में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने इस्लाम की तलवार के बल पर मुसलमान बना दिया।
👉 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 17 वर्ष में...
सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम का कलमा पढ़वा दिया गया।
👉 640 में मिस्र में पहली बार इस्लाम ने पांव रखे, और देखते ही देखते मात्र 15 वर्षों में, 655 तक इजिप्ट के लगभग सभी लोग मुसलमान बना दिये गए।
👉 नार्थ अफ्रीकन देश, जैसे अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को आदि देशों को...
640 से 711 ई तक पूर्ण रूप से इस्लाम धर्म में बदल दिया गया। 3 देशों का सम्पूर्ण सुखचैन लेने में मुसलमानो ने मात्र 71 साल लगाए।
👉 711 ईस्वी में स्पेन पर आक्रमण हुआ, 730 ई तक, मात्र 19 वर्षो में स्पेन की 70% आबादी मुसलमान बनी।
👉 तुर्क थोड़े से वीर निकले। तुर्को के विरुद्ध जिहाद...
कांग्रेसी कहते है सोनिया भारत की पहली विदेशी बहू है..
आज मै आपको बता रहा हूँ भारत माता की असली विदेशी बहू के बारे में।
भारत की असली बहू नेताजी सुभाष चंद्र बोस की धर्मपत्नी जिनका भारत मे कभी स्वागत नही हुआ...
कांग्रेस ने इनको भी नेताजी की तरह गुमनाम कर दिया!!!
श्रीमती "एमिली शेंकल" ने 1937 में भारत मां के बहादुर बेटे "बोस" जी से विवाह किया!
एक ऐसे देश को ससुराल के रूप मे चुना जहां कभी इस "बहू" का स्वागत नही किया गया....
ना ही बहू के आगमन पर मंगल गीत गाये गये...
ना बेटी (अनीता बोस) के जन्म होने पर कोई सोहर ही गाया गया...
यहां तक की गुमनामी की मोटी चादर से उन्हे ढ़ंक दिया गया कि कभी जनमानस मे चर्चा भी नही हुई!!
अपने 7 साल के कुल वैवाहिक जीवन में पति के साथ इन्हे केवल 3 साल रहने का मौका मिला... फिर इन्हें और नन्ही सी बेटी को छोड़कर बोस जी देश के लिए लड़ने चले गये....!!!
सभी हिंदू - चाहे वामपंथी हो, या दक्षिणपंथी हो, चाहे ऊंची जाति के हो या निचली जाति के, चाहे अमीर हो या गरीब, केवल एक शिकायत पर गिरफ्तार किया जाएगा, चाहे वह मुस्लिम या ईसाई या किसी अल्पसंख्यक द्वारा सांप्रदायिक और टारगेटेड हिंसा की रोकथाम के तहत हो।
ये क्षतिपूर्ति विधेयक जिसे डॉ. मनमोहन सिंह, जो स्वयं अल्पसंख्यक है, संसद के समक्ष रखने की योजना बना रहे थे। इस पूरी तरह से हिंदू- विरोधी विधेयक का मसौदा शुरू में सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा तैयार किया गया था, जो एक ईसाई थी,...
जो एडविज एंटोनिया अल्बिना माइनो के रूप में पैदा हुई थी। - ओपी गुप्ता
NAC में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह दोनों अल्पसंख्यक व्यक्तियों द्वारा चुने गए व्यक्ति शामिल है।इस परिषद में भी हिंदू सदस्यों को संख्यात्मक अल्पमत में रखा गया, जैसा कि सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्रा आयोग में हुआ।
कांग्रेस ने सोचा था कि भारत 2020- 22 तक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा। हिंदुओ का विनाश वाला बिल जिसे काँग्रेस ने दो बार संसद मे पेश किया। 2005 मे और फिर 2011 में। परन्तु भाजपा के जबरदस्त विरोध के कारण वह पास नहीं करवा सकी ।
यदि कानून पास हो जाता तो हिंदू निश्चित रूप से गुलाम हो जाता l
मुझे यकीन है कि 96% हिन्दुओ को तो अपने खिलाफ आए इस बिल के बारे में कुछ पता भी नहीं होगा, जिस में शिक्षित हिंदू भी शामिल है!!
क्योंकि हिंदू सम्पत्ति जुटाने में लगा है!
कुछ एक लोगों को इस बिल के बारे में पता होगा,,,
2011 में इस बिल की रुपरेखा सोनिया गाँधी की विशेष टीम ने बनाया था जिसे NAC भी कहते थे,
इस टीम में दर्जन भर से ज्यादा सदस्य थे और सब वही थे जिन्हें आजकल अर्बन नक्सली कहा जाता है..
कांग्रेस का कहना था की इस बिल के जरिये वो देश में होनेवाले दंगों को रोकेंगे।