एक होस्टल कैंटीन वाले के रोज़-रोज़
नाश्ते में खिचड़ी दे देने से परेशान
80 छात्रों ने होस्टल वार्डन से
शिकायत करी, और
बदल-बदल के नाश्ता देने को कहा !
100 में से सिर्फ 20 छात्र ऐसे थे
जिनको खिचड़ी बहुत पसंद थी
और वो छात्र चाहते थे,
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कि - खिचड़ी तो रोज़ ही बने, बाकी के 80 छात्र परिवर्तन चाहते थे.
*वार्डन ने वोट करके*
*नाश्ता तय करने को कहा.*
उन 20 छात्रों ने, जिनको . खिचड़ी बहुत पसंद थी खिचड़ी के लिए वोट किया.
बाकी बचे 80 लोगों ने आपस में कोई सामंजस्य नहीं किया और कोई वार्तालाप भी नहीं किया,
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और अपनी बुद्धि एवम् विवेक से
अपनी रूचि अनुसार वोट दिया.
*18 ने डोसा चुना,*
*16 ने परांठा,*
*14 ने रोटी,*
*12 ने ब्रेड बटर,*
*10 ने नूडल्स , और*
*10 ने पूरी सब्जी को वोट दिया.*
*अब सोचो*
*क्या हुआ होगा ?*
*उस हॉस्टल में आज भी*
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*वो 80 छात्र, रोज़ खिचड़ी ही खाते हैं.*
*क्यों - क्योंकि वो 20छात्र बहुमत में व एकजुट रहे*
*शिक्षा* *जब तक हिस्सों में 80 बंटे रहोगे,*
*तब तक 20% वालों का वर्चस्व रहेगा.*
*समाज के लिये संदेश*
*एक बनो, संगठित रहो !!*
*नही तो खिचड़ी ही खानी पड़ेगी ! 🇮🇳 जय हिन्द! जय भारत !🇮🇳
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ईसवी सन 2006 का फरवरी महीना था, अवसर था 'सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय', 'जयपुर' के भव्य सभागार में 'धर्म-संस्कृति संगम' के आयोजन का।
यहाँ दुनिया के 41 देशों के 257 प्रतिनिधि जमा हुए थे
ये दुनिया भर के वो लोग थे जो..
लोग थे जो ये मानते थे कि उनकी वो संस्कृतियाँ जिन्हें इस्लाम और ईसाईयत ने नष्ट कर दिया, की आदिभूमि भारत है, और मूल में हिन्दू धर्म है।
इस सम्मेलन में आने वाले का मजहब चाहे जो भी रहा हो पर सबके अंदर सवाल एक ही था कि - ठीक है हम आज मुस्लिम हैं या ईसाई मताबलंबी हैं, पर उसके
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पहले क्या था ? रसूल साहब 1400 और ईसा मसीह 2000 साल पहले आये, पर मानवजाति और मानव सभ्यता तो उससे काफी पहले से है फिर उसके पहले हम क्या थे? हमारी पहचान क्या थी? हमारी विशेषताएं और मान्यताएं क्या थी? हमारे पूर्वज जिन पूजा-पद्धतियों को, जिन मान्यताओं और विचारों को मानते थे......
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पाकिस्तान से आए हुए जिन सिक्ख शरणार्थियों को उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने सहानुभूति दर्शाते हुए उत्तरप्रदेश के तराई इलाके में खाली पड़ी सरकारी जमीन में से 12.5 एकड़ (50 बीघा) जमीन के पट्टे प्रति परिवार प्रदान किए गए थे आज वो 12.5 एकड़ जमीन के टुकड़े
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120 से 1250 एकड़ तक बड़े कैसे हो गए हैं.?
जमींदारी उन्मूलन कानून के बाद उत्तरप्रदेश में 1961 में लैंड सीलिंग एक्ट बनाकर 12.5 एकड़ से अधिक जमीन रखने पर कानूनी रोक लग गई थी।
लेकिन इसके बावजूद तराई के इलाकों में 12.5 एकड़ की जमीन के टुकड़े 125 से 1250 एकड़ तक का फार्म कैसे बन
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#एयर_इंडिया का बिकना और टाटा का खरीदना ..असल में #कांग्रेस के मुंह पर एक तमाचा है..
68 साल पहले टाटा से खांग्रेस ने एयर इंडिया को लूट लिया था।
जबरदस्ती जवाहरलाल नेहरू ने टाटा को, उनकी टाटा एयरलाइंस जो बाद में टाटा ने नाम बदलकर "एयर इंडिया, कर दिया था ।
#नेहरू ने उसे भारत सरकार को देने को कहा, लेकिन जब टाटा ने अपनी एयरलाइन देने से मना कर दिया तो एक विधेयक लाकर टाटा से जहाज, स्टाफ और कंपनी यहां तक कि कंपनी के खाते
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में पड़ी समस्त रकम के साथ एयर इंडिया और टाटा एयरलाइंस को टाटा से छीन लिया गया यानी लूट लिया गया, सिर्फ इसलिए ताकि सरकार के मंत्री लूट खसोट कर सकें ।
यह लूट और फिर बाद में इंदिरा गांधी द्वारा बैंकों का राष्ट्रीयकरण के बाद से पूरे विश्व में भारत बदनाम हो गया था ।
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