पोस्ट में दो तस्वीरे है... दो कैरेक्टर है.. एक हाथ उठा रहा है.. एक हाथ बांधकर बैठा है...दोनो की आँखों मे सच्चाई और निडरता है दोनो तानाशाह की आँख में आँख मिलाकर एक संदेश दे रहे है की..
सुनो तानाशाह हम तुमसे नही डरते... हम अपनी अपनी बात कहने से नही डरते ...हम बिगाड़ के डर से 3/1
ईमान की बात कहना बंद नहीं करेंगे..हम तुम्हारे अत्याचारों के सामने नही झुकेंगे ..हम तब तक आवाज़ उठाएंगे जब तक तुम्हारा साम्राज्य धूल धुसरित न हो जाए 👍👍
सत्य हमेशा अकेला होता है वो अकाट्य होता है असत्य असंख्य होता है वो हर बार जीतता है
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पर जब वो हारता है तो हमेशा के लिए खत्म हो जाता है औऱ सत्य हर बार हार कर भी अजर-अमर हो जाता है
एक अकेला पार्थ खड़ा है, भारतवर्ष बचाने को..
सभी कौरव साथ खड़े हैं, केवल उसे हराने को..!! 3/3
आज से 150साल पहले दादाभाई नौरोज़ी ने "ड्रेन थ्योरी"में बताया था कि किस तरह अंग्रेज़ सरकार भारत के लोगों की दौलत लूटकर ब्रिटिश जनता को मालामाल कर रहीथी।
उस समय अम्बानी-अडाणी तो थे नहीं।लेकिन आज अम्बानी का ब्रिटेनकी राजधानी लंदनमें आलीशान बंगला है।
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और नरेंद्र मोदी की सरकार ने
अंग्रेज़ी सरकार के नक्शे-कदम पर चलते हुए इस बजट में फिर 1 लाख 47 हज़ार करोड़ रुपये अम्बानियों-अडाणियों को लुटा दिए। और दरबारी पेडिग्री मीडिया के इशारे पर सोशल मीडिया में मित्रगण इनकम टैक्स में राहत न मिलने का दुखड़ा रो रहे हैं।
1.47 लाख करोड़। जी हां। चौकिये मत और न ही मुझसे
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दोबारा पूछें कि इनकम टैक्स,GSTऔर बेज़ा लूट का पैसा जा कहाँ रहा है?
इसलिए,क्योंकि देश की95%मूर्ख अवाम भेड़ों की तरह गुलामी कर रहीहै।
मोदी सरकारकी शातिर वित्त मंत्री ने1.47लाख करोड़ रुपयेकी सब्सिडी और बजट कटौतीकी रकम को पूंजीगत व्यय के रूप में1.48लाख करोड़की बढ़ोतरी बताया है।
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बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्रिटिश लोगों को चेतावनी जारी की है कि वे पिछले तीन दशकों में जीवन स्तर में गिरावट के सबसे बडे झटके के लिए तैयार रहें। औसत आय इस वर्ष 2% कम होगी और महंगाई दर 7.25% तक जायेगी।
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पर बैंक ऑफ इंग्लैंड की भविष्यवाणियों पर नजर रखने वालों ने पूरे चार्ट के साथ यह भी दिखा दिया है कि उसकी भविष्यवाणी 7% की है तो महंगाई असल में 10% के ऊपर जायेगी।
खैर, उन्होंने कहा तो कि झटका लगेगा, अपने यहां तो ऐसे में रिजर्व बैंक कहता है कि मोदी जी की कृपा से आपकी
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जिंदगी में रोमांच बढने वाला है, बहुत मजा आयेगा। और मध्यम वर्गीय सच में ताली बजा नाचने लगते हैं।
खैर, समझ लें कि पूंजीवादी व्यवस्था का संकट वैश्विक है, अमरीका जर्मनी से चीन जापान तक। @BramhRakshas @FarukMe70875825 @JitendraManoha6
एक तो ये की जो गोबरपट्ठे नहीं है उन राज्यों का आइसोलेशन हो रहा है,
गोबरपट्ठी के गोबरपट्ठे पंजाब वालो को खालिस्तानी बोल रहे हैं खुलेआम और तमिल नाडु से पेरियार को ख़त्म करने की धमकी दे रहे हैं,
ये डेंजरस ट्रेंड है,
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जिसको के रोकना पड़ेगा अगर देश को जोड़े रखना है तो। ये बेहतरीन पॉइंट था।
दूसरा जो चीन के प्रति आगाह किया के चीन नज़दीकी भविष्य में ही भारत के खिलाफ कुछ प्लान कर रहा है ये बात बहुत डरावनी लगी।
राहुल इतनी भारी बात ऐसे ही नहीं बोल सकता।
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उसे कुछ पता है जो सबको पता होना चाहिए। उसपर तो भाजपाई भी सन्न रह गए थे, पिन ड्राप साइलेंस टाइप माहौल था। 3/3 @BramhRakshas
कल ऐसा लगा कि मानो इंदिरा जी के पोते के कद के आगे प्रधानमंत्री का पद छोटा पड़ गया... कल मुझे राहुल गांधी में पता नहीं क्या दिखा कि आंखें भावुक हो गई...ये वही लड़का है न जिसने अपनी दादी को छलनी देखा... पिता के मांस के टुकड़े टुकड़े समेट कर उनका अंतिम संस्कार किया...
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फिर भी इतना निर्भय, इतना सशक्त, इतना ओजस्वी... कैसे....
अब समझ में आया कि संघ का थिंक टेंक...स्वघोषित विश्व की सबसे बड़ी मिस्डकॉल पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता... नेता...मंत्री...पूरी की पूरी आईटी सेल...लाखों वाट्सएप ग्रुप... फेसबुक पेज..आदि सब पिछले 8-9सालों से सिर्फ
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एक ही व्यक्ति का क्यों चरित्रहरण करने में लगे रहे... क्योकि उन्हें मालूम था कि इस व्यक्ति में नेहरू, इंद्रिरा,राजीव के देश के प्रति जिम्मेदारी और गंभीरता है..ये अपने परनाना और दादी से भी ज्यादा सशक्त प्रधानमंत्री साबित होगा..
देखिए जिनकी नजर में परसों तक राहुल गांधी पप्पू थे,
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आइए जोकर को नचाने की कीमत जान लेते हैं।6ट्रिलियन की इकोनॉमी का ढोल पीटने वाले की हकीकत ये है। 39.45करोड़ के प्रस्तावित बजट आय में16.61लाख करोड़ रुपए कर्ज से आएंगे।
नचनिए के बाकी तमाशे आप गिनते रहना। अभी तो ये समझ लो, कुल बजट आय का बीस फीसदी हिस्सा मौजूदा कर्जों का ब्याज चुकाने
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में चला जायेगा। ब्याज अगर आठ लाख करोड़ देना है, तो सोचो देनदारी कितनी होगी? हम एक क्रूर जोकर की धमाचौकड़ी के सिवाय कुछ देख क्यों नही पाते?
विपक्ष की तो मेंटल डेथ हो चुकी है। मोटे तौर पर सरकार पर कर्ज का आकलन करें, तो पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी। एक नचनिये का शौक भारत को
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कितना मंहगा पड़ने वाला है, यह सोचकर होश फाख्ता हो जाते हैं।
पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 12 लाख करोड़ का कर्ज़ लिया था। इस वर्ष इसे 16.61 लाख करोड़ और बढ़ा दिया जायेगा। अब हम सूदखोरों और मददगारों के 1 लाख 23 हज़ार करोड़ के देनदार हो गए हैं। बजट में हमारी घरेलू हिस्सेदारी
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