#महाराष्ट्र में #ईडी द्वारा एनसीपी
के नबाव मालिक की गिरफ्तारी को
लेकर भूचाल आया हुआ है ।
महाराष्ट्र में शिवसेना की ही सरकार थी जब मुंबई सीरियल ब्लास्ट की पूरी जांच की गई थी
उस जांच में यह खुलासा हुआ था कि समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी और उस वक्त समाजवादी पार्टी के नेता.....
रहे नवाब मलिक टेरर फंडिंग में लिप्त हैं, और इन्होंने दाऊद इब्राहिम की प्रॉपर्टीओं को ठिकाने लगाने का काम किया है, तथा उसमें से काफी पैसा मुंबई ब्लास्ट में इस्तेमाल किया गया है ।
अबू आजमी तो खैर 5 साल जेल में काट कर आया, बाद में जब कांग्रेस सरकार ने टाडा खत्म कर दिया तो ...
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वह रिहा हो गया ।
फिर नवाब मलिक ने एक बेहद शातिराना चाल चली, उसे लगा कि यदि वह महाराष्ट्र के सबसे धुरंधर नेता शरद पवार की शरण में चला जाता है तो वह बच सकता है । अतः नवाब मलिक एनसीपी में शामिल हो गया उसके बाद यह हमेशा बचता रहा... क्योंकि अटल जी के बाद 10 सालों तक केंद्र में .
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एनसीपी सत्ता में भागीदार थी, या कहें कि शरद पवार और डीएमके जैसी पार्टियां ही पूरी सरकार चलाती थी मनमोहन सिंह तो सिर्फ एक रबर स्टैंप होते थे।
शरद पवार और करुणानिधि सीधे सोनिया गांधी को रिपोर्ट करते थे।
पब्लिक डोमेन में बाला साहब ठाकरे ने कई बार आजमी और नवाब मलिक की ...
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पोलें खोली थीं ।
सबसे दिलचस्प बात कल कोर्ट में हुई जब ईडी ने नवाब मलिक से रिमांड मांगा और फिर जज के सामने मनी ट्रेल की पूरी हिस्ट्री रख दी गई ।
नवाब मलिक का वकील अमित देसाई जो जानामाना क्रिमिनल लॉयर है, उससे जज ने पूछा कि - इसके बारे में आपका क्या कहना है ......?
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क्या आप इन सबूतों को नकारते हैं ? नवाब मलिक टेरर फंडिंग में लिप्त थे या नहीं थे ....?
फिर अमित देसाई की बोलती बंद हो गई ।
फिर जज ने तो हंसते हुए कहा कि मुंबई जैसे शहर में 4 एकड़ जमीन हमको भी 20 लाख में दिलवा दीजिए!
ईडी द्वारा कई ठोस दस्तावेज पेश किए गए .. @chhotiradha
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जो सीधे-सीधे दिखाते थे कि नवाब मलिक के रिश्ते दाऊद इब्राहिम के साथ और उसकी बहन हसीना पारकर के साथ थे ।
उसके बाद नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने सिर्फ इतना कहा जज साहब 15 दिन का रिमांड ज्यादा है, रिमांड की अवधि कुछ कम कर दीजिए, फिर जज साहब द्वारा मलिक को 9 दिन के लिए...
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रिमांड पर दे दिया गया ।
हालांकि अपने आर्डर में यह भी लिखा कि 9 दिन के बाद यदि ईडी को और ज्यादा रिमांड की जरूरत होती है तो ई डी पुन: वापस कोर्ट में आ सकती है।
मुंबई सीरियल ब्लास्ट में सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र का हुआ था । मराठीओं का हुआ था, सबसे ज्यादा मराठी लोग मरे थे,
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मराठी अस्मिता पर हमला हुआ था, भारत की आर्थिक राजधानी पर हमला हुआ था। लेकिन ...
एक शिवसेना के लिए यदि यूपी और बिहार से कोई हिंदू आकर महाराष्ट्र में रोजी रोटी कमाता है तब वह गलत है, घुसपैठिया है, लेकिन यदि यूपी के बलरामपुर से आ कर एक शांतिदूत घर-घर कबाड़ खरीदते - खरीदते अरबपति बन जाता है या फिर उत्तर प्रदेश से आया हुआ अबु आजमी.... @sanjay7292002
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एक रेस्टोरेंट में प्लेट धोते-धोते अरबपति बन जाता है तब वह जायज है । राजनीति का यह कैसा
विद्रूप चेहरा है ? 🙏🙏
🇮🇳 जय हिन्द! जय भारत !🇮🇳
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
भूल सुधार ---
यह कार्यवाही NIA द्वारा की गई है, अत: जहां भूल वश ईडी लिखा
गया है,वहां NIA पढें ! प्रार्थनीय !
🙏🙏
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*5 राज्य खास कर उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों के आने के बाद भारत की राजनीति पर क्या प्रभाव पडेगा ?*🤔🤔
1. यदि bjp हार जाती है तो यह संदेश जाएगा कि इस देश में हिन्दू नहीं रहते बल्कि 10,12,15,7,2 प्रतिशत की अलग अलग जातियाँ रहती हैं जिन्हें कभी भी तोड़कर अपना हित साधा .....
जा सकता है, इसलिए हिन्दू को महत्व देने की आवश्यकता नहीं है....!
2. यदि bjp जीत जाती है लेकिन सिर्फ साधारण बहुमत से तो ये संदेश जाएगा कि हिंदुओं को तोड़ना आसान है बस जातीयता की आग और तेज जलानी होगी..!
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3. यदि गठबंधन से सरकार बनती है तो हिन्दू राजनीति के केंद्र से बाहर हो जाएंगे.....!
4. यदि bjp प्रचंड बहुमत से जीतती है तो यह संदेश जाएगा कि अब तुष्टिकरण की बात बन्द कर दी जाए और सभी पार्टियां हिंदुओं के हित को भी, भावनाओं को भी महत्व देने लगेंगी.......!
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एक होस्टल कैंटीन वाले के रोज़-रोज़
नाश्ते में खिचड़ी दे देने से परेशान
80 छात्रों ने होस्टल वार्डन से
शिकायत करी, और
बदल-बदल के नाश्ता देने को कहा !
100 में से सिर्फ 20 छात्र ऐसे थे
जिनको खिचड़ी बहुत पसंद थी
और वो छात्र चाहते थे,
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कि - खिचड़ी तो रोज़ ही बने, बाकी के 80 छात्र परिवर्तन चाहते थे.
*वार्डन ने वोट करके*
*नाश्ता तय करने को कहा.*
उन 20 छात्रों ने, जिनको . खिचड़ी बहुत पसंद थी खिचड़ी के लिए वोट किया.
बाकी बचे 80 लोगों ने आपस में कोई सामंजस्य नहीं किया और कोई वार्तालाप भी नहीं किया,
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और अपनी बुद्धि एवम् विवेक से
अपनी रूचि अनुसार वोट दिया.
*18 ने डोसा चुना,*
*16 ने परांठा,*
*14 ने रोटी,*
*12 ने ब्रेड बटर,*
*10 ने नूडल्स , और*
*10 ने पूरी सब्जी को वोट दिया.*
ईसवी सन 2006 का फरवरी महीना था, अवसर था 'सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय', 'जयपुर' के भव्य सभागार में 'धर्म-संस्कृति संगम' के आयोजन का।
यहाँ दुनिया के 41 देशों के 257 प्रतिनिधि जमा हुए थे
ये दुनिया भर के वो लोग थे जो..
लोग थे जो ये मानते थे कि उनकी वो संस्कृतियाँ जिन्हें इस्लाम और ईसाईयत ने नष्ट कर दिया, की आदिभूमि भारत है, और मूल में हिन्दू धर्म है।
इस सम्मेलन में आने वाले का मजहब चाहे जो भी रहा हो पर सबके अंदर सवाल एक ही था कि - ठीक है हम आज मुस्लिम हैं या ईसाई मताबलंबी हैं, पर उसके
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पहले क्या था ? रसूल साहब 1400 और ईसा मसीह 2000 साल पहले आये, पर मानवजाति और मानव सभ्यता तो उससे काफी पहले से है फिर उसके पहले हम क्या थे? हमारी पहचान क्या थी? हमारी विशेषताएं और मान्यताएं क्या थी? हमारे पूर्वज जिन पूजा-पद्धतियों को, जिन मान्यताओं और विचारों को मानते थे......
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पाकिस्तान से आए हुए जिन सिक्ख शरणार्थियों को उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने सहानुभूति दर्शाते हुए उत्तरप्रदेश के तराई इलाके में खाली पड़ी सरकारी जमीन में से 12.5 एकड़ (50 बीघा) जमीन के पट्टे प्रति परिवार प्रदान किए गए थे आज वो 12.5 एकड़ जमीन के टुकड़े
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120 से 1250 एकड़ तक बड़े कैसे हो गए हैं.?
जमींदारी उन्मूलन कानून के बाद उत्तरप्रदेश में 1961 में लैंड सीलिंग एक्ट बनाकर 12.5 एकड़ से अधिक जमीन रखने पर कानूनी रोक लग गई थी।
लेकिन इसके बावजूद तराई के इलाकों में 12.5 एकड़ की जमीन के टुकड़े 125 से 1250 एकड़ तक का फार्म कैसे बन
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