गयासुद्दीन के वंशज #नेहरू ने इन संस्थाओं का #ध्येय_वाक्य#संस्कृत में बनाकर हिंदुओं को बेवकूफ बनाने का प्रयास किया था इसलिए साहेब ने अधिकांश को बेच दिया और जो नहीं बिके उनकी शक्ति कम कर दी।
●भारतीय राष्ट्रीय विज्ञानं अकादमी👉 हव्याभिर्भगः सवितुर्वरेण्यम्
●भारतीय प्रशासनिक सेवा अकादमी👉 योगः कर्मसु कौशलम्
●विश्वविद्यालय अनुदान आयोग👉 ज्ञान-विज्ञानं विमुक्तये
●नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन👉 गुरुर्गुरुतमो धाम
●गुरुकुल काङ्गडी विश्वविद्यालय👉
4
ब्रह्मचर्येण तपसा देवा मृत्युमपाघ्नत
●इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय👉ज्योतिर्व्रणीत तमसो विज्ञानन
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय:👉विद्ययाऽमृतमश्नुते
>आन्ध्र विश्वविद्यालय👉तेजस्विनावधीतमस्तु
●बंगाल अभियांत्रिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय
शिवपुर👉उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत
5
●गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय👉 आनो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः
●संपूणानंद संस्कृत विश्वविद्यालय👉 श्रुतं मे गोपाय
●श्री वैंकटेश्वर विश्वविद्यालय👉 ज्ञानं सम्यग् वेक्षणम्
●कालीकट विश्वविद्यालय👉 निर्भय कर्मणा श्री
●दिल्ली विश्वविद्यालय👉 निष्ठा धृति: सत्यम्
6
●केरल विश्वविद्यालय👉 कर्मणि व्यज्यते प्रज्ञा
●राजस्थान विश्वविद्यालय👉 धर्मो विश्वस्य जगतः प्रतिष्ठा
●पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय👉
युक्तिहीने विचारे तु धर्महानि: प्रजायते
●वनस्थली विद्यापीठ👉 सा विद्या या विमुक्तये।
●राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान
7
और प्रशिक्षण परिषद्👉
विद्याsमृतमश्नुते।
●केन्द्रीय विद्यालय👉तत् त्वं पूषन् अपावृणु
●केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड👉असतो मा सद्गमय
प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, त्रिवेन्द्रम👉 कर्मज्यायो हि अकर्मण:
●देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर👉 धियो यो नः प्रचोदयात्
●गोविंद बल्लभ पंत
8
अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पौड़ी👉 तमसो मा ज्योतिर्गमय
●मदनमोहन मालवीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय गोरखपुर👉 योगः कर्मसु कौशलम्
●भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय, हैदराबाद👉 संगच्छध्वं संवदध्वम्
●इंडिया विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय विधि विद्यालय👉 धर्मो रक्षति रक्षितः
9
●संत स्टीफन महाविद्यालय, दिल्ली👉 सत्यमेव विजयते नानृतम्
●अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान👉 शरीरमाद्यं खलुधर्मसाधनम्
●विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर👉 योग: कर्मसु कौशलम्
●मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,इलाहाबाद👉 सिद्धिर्भवति कर्मजा
10
●बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान,पिलानी👉ज्ञानं परमं बलम्
●भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर👉 योगः कर्मसुकौशलम्
●भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई👉ज्ञानं परमं ध्येयम्
●भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर👉तमसो मा ज्योतिर्गमय
●भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई👉
11
सिद्धिर्भवति कर्मजा
●भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की👉 श्रमं विना नकिमपि साध्यम्
●भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद👉 विद्या विनियोगाद्विकास:
●भारतीय प्रबंधन संस्थान बंगलौर👉 तेजस्वि नावधीतमस्तु
●भारतीय प्रबंधन संस्थान कोझीकोड👉 योगः कर्मसु कौशलम्
●सेना ई एम ई कोर👉
12
किसी फ़ासिवादी या नाज़ीवादी विचारधारासे असहमत होना हमारा अधिकार हैं लेकिन जब देशके हितो और सम्मान की बात आये तो हमे देशके साथ खड़े होना चाहिए बेशक उसके लिए किसीको भी चौराहे पर खड़ा करना पड़े
हमने सुबह सबसे पहले अपनी पड़ोसनको हिदायत दे दी
BOYCUT - CUTTER
का समर्थन ना किया तो
1
उसे यहाँ रहने का कोई हक नही मिलेगा, यदि हिन्दुस्तान में रहना होगा BOYCUT कराना होगा।
उम्मीद के परे UAE ने भी अपना विरोध दर्ज़ करा दिया जिसका हमारी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है क्योंकि अभी कुछ समय पहले ही हमने दुबई से फ्री ट्रेड अग्रीमेंट किया था और भारत की 96 %
2
निर्यात को शून्य ड्यूटी पर दुबई भेजे जाने की व्यवस्था की गई हैं
ऐसे ही भारत में आयत होने वाली वस्तुयों पर भी शून्य कस्टम का प्रावधान किया गया था
इसी के भरोसे हम रूस से वाया दुबई तेल मंगाते है और बानी डानी का निर्यात भी उसी माध्यम से होता था
कि बीजेपी सभी धर्मों का सम्मान करती है ?
बीजेपी किसी भी धर्म के गुरुओं के अपमान की कड़ी निंदा करती है ?
बीजेपी मजबूती से ऐसी किसी विचारधारा के खिलाफ है, जो किसी धर्म या पंथ का अपमान करे या उसे कमतर समझे ?
भारत का संविधान हर व्यक्ति को अपनी पसंद के धर्म का
1
पालन करने और प्रत्येक धर्म का सम्मान करने की इजाजत देता है ?
आपको लग रहा होगा कि 900 चूहे खाकर बीजेपी तो हज पर निकल गई। लव जिहाद,हिज़ाब,नमाज़,अज़ान से लेकर खान-पान तक में आपत्ति उठाने वाली बीजेपी अब क्या बक रही है ?
इसे ही कहते हैं माफीवीर।इसे ही कहते हैं गलत नीतियों पर चलने
2
वाली सरकार। जब अरब देशों ने आईना दिखाया तो बिलबिलाकर संविधान की दुहाई देने लगे।
आप सोच रहे होंगे कि गोदी मीडिया ने आज बीजेपी की बिलबिलाहट को क्यों नहीं उठाया ? कल रात से ही समूची सरकार और बीजेपी आईटी सेल डैमेज कंट्रोल में जुटी है।
बुल्डोजर,मुल्ले, सर्वे,नफरत ,मीडिया के द्वारा भ्रमित करना और हर मस्जिद के नीचे मुर्ति।
परिणाम ?मनोज झा
समस्तीपुर के विद्यापति नगर के मऊ थाना अंतर्गत एक सवर्ण परिवार के 5लोगों ने
1
आर्थिक तंगी से तंग आकर खुद को फांसी पर लटका लिया।
मनोज झा (45) मनोज झा के मां (65) मनोज झा के 2 पुत्र सत्यम (10) और शिवम कुमार झा (7) और मनोज की पत्नी सुंदरमणी देवी (38) ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर फांसी से लटका कर सम्मान से जीने की कीमत चुकाई।
इसके बावजूद कि सरकार
2
उज्जवला सिलेंडर मुफ्त में दे रही है ,घर, राशन,शौचालय ,वृद्धावस्था पेंशन के अतिरिक्त रू 6000/-सालाना दे रही है।
मगर सम्मान से जीने के लिए इतना काफी नहीं होता बाबू ,यह भक्त नहीं समझेंगे।
मुल्लों को कंट्रोल करने के चक्कर में बर्बाद हो जाएगे।
नेहरू जी के शासनकाल में विश्वगुरु प्रतियोगिता हुई थी।
तब तीन देशों की पुलिस को जंगल मे शेर पकड़ने का काम मिला।रूसी गए, अपनी फोरेंसिक टेक्निक से पांच घण्टे में उन्होंने शेर को खोज निकाला।
पीछे से अमेरिकन गए। उन्होंने सेटेलाइट इमेजरी से आधे घण्टे में शेर को खोज निकाला। फिर
1
दिल्ली पुलिस घुसी।एक घण्टा,पांच घण्टा,24 घण्टे,दो दिन,एक हफ्ता ..ये लोग वापस ही नही आये।
आयोजको को चिंता हुई।सारे जंगल मे घुसे ही थे की सामने दिल्ली पुलिस दिख गयी। उसने एक बंदर को पेड़ पर उल्टा लटका रखा था, और सारे मिलकर पीट रहे थे। इंस्पेक्टर चीख रहा था -
"बोल तू ही शेर है"
2
हमे कॉम्पटीशन से डिसक्वालीफाई किया गया। हम विश्वगुरु नही बन सके।लेकिन मोदी जी डिटेर माइंड थे।नेहरू को हटाकर वे गद्दी पर आ गए, तैयारी शुरू कर दी।
प्रतियोगिता फिर आयोजित हुई। इस बार फॉर्मेट अलग था।अमेरिकनों ने एक तार बनाया। एकदम महीन,इतना पतला, की आँख से न दिखे।
आजकल सोशल मिडिया पर पृथ्वीराज चौहान पर बनी ऐतिहासिक फिल्म की धूम है,फिल्म में दिखाये गये तथ्यों की बहुत चर्चा है सरकार टैक्स फ्री करके इसको देखने के लिये प्रोत्साहन कर रही है।खतरा यह है कि इस सिनेमा को देखकर विद्यार्थी उसके तथ्यों को एग्जाम में लिख दिया तो और कुछ बने या न बने ,
1
बाबू ललई सिंह तो बन ही जायेगा।
अब आप यह भी जानना चाहेंगे कि ये बाबू ललई सिंह कौन है?बाबू ललई सिंह काशी हिंदू वि.वि. से परास्नातक है ,पी.यच.डी. करते करते रह गये।घटना है आपातकाल खतम हुआ था , जनता पार्टी की सरकार बन चुकी थी । बाबू ललई सिंह भी गांव से इंटर रायल डिविजन में पास करके
2
बनारस आकर का.हि.वि.वि. के कला संकाय काउंटर से १ रूपये का फार्म लेकर किसी साथी को २ रूपया का नास्ता कराकर उससे फार्म कंप्लीट कराकर संकाय में जमा कर दिये , उनको पता था कि रायल डिविजन है , प्रवेश की संभावना नहीं है फिर भी फार्म भरने के नाम पर बनारस आने के लिये घर से खर्चा तो मिला,
3