अग्निपथ स्कीम से देश की आर्मी में जवान लोगों की एवरेज उम्र जो की फिलहाल 32 है वो घट कर 26 तक पहुंच जाएगी ज्यादा उम्र के घातक परिणाम कारगिल युद्ध में सेना को झेलने पड़ गए थे जिसके कारण कारगिल समिति ने भी सुझाव दिया कि सेना में जवान लोगों की कमी है और इसका उपाय करना है। #Agnipath
–अग्निपथ से हर साल जितनी भर्तियां होंगी उनमें से 4 साल में जो मट्ठे में से मक्खन की भांति उभर कर आयेंगे उन 25% युवाओं को परमानेंट कर लिया जाएगा और 75% के पास होगा 4 साल का अनुभव यह एक मिथ्या धारणा है कि केवल हथियारों का ही कौशल होता है सेना में,...
–इसके साथ–साथ तकनीकी कौशल, प्रबंधन इत्यादि, और एक अनुशासन भरी जिंदगी भी प्राप्त होती है जो हर प्रकार की परिस्थिति से निपटने में निपुण होती है 4 साल के पश्चात आपको एक ग्रेजुएशन कोर्स जैसा व डिग्री भी होगी है जिसके बल पर आपको किसी भी इंडस्ट्री में नौकरी पाने में प्राथमिकता मिलेगी।
इसके बाद आपको ग्रेजुएशन नहीं बल्कि सीधा आप पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए एनरोल कर पाएंगे जिस फील्ड में आप उत्तम हैं उसी प्रकार से आपको तैयार किया जाएगा तो कदापि यह भय न रखें यह एक कॉमन ग्रेजुएशन कोर्स BA, Bsc, BCom जैसा ही है और मान्यता प्राप्त ग्रेजुएशन कोर्स है।
- प्राइवेट हो या सरकारी इसके साथ साथ कई राज्यों ने राज्य में हर प्रकार की नौकरी देने में वरीयता का समर्थन दिया है जो व्यक्ति अपने राज्य में जायेगा उसको पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा और ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि अग्निपथ योजना केवल यहीं तक सीमित हो जाएगी इसके और भी लाभ आगे आएंगे।
- सैनिक को वो सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी जो किसी भी सैनिक को प्राप्त होती हैं कैंटीन और मेडिकल से लेकर वो सारी सुविधाएं जो उपलब्ध हैं। और exit के टाइम पर उसके पास होगी एक अच्छी खासी संख्या में 11 लाख की धनराशि और सेविंग्स जिससे अगर वो कोई व्यापार करना चाहे तो कर सकता है।
- जिस उम्र में कल तक लोगों के पास शिक्षा के लिए भी लोन लेने पड़ जाते थे अब वह अपनी शिक्षा भी खुद कर सकेंगे और कहीं भी दिक्कत आती है तो सेना के साथ एक सैनिक सदा संपर्क में रहता है उसे हर प्रकार से सहयोग किया जाएगा और अनुभव से बड़ा कोई शिक्षक नहीं होता 4 साल बहुत कुछ सिखाते हैं।
रही बात रेजीमेंट प्रणाली की तो कोई भी रेजीमेंट समाप्त नहीं होगी दो मोर्चे की लड़ाई के लिए एक अच्छी खासी संख्या में देश के पास जवान होंगे और यह संख्या प्रारंभ में भले ही कम लग रही हो पर साल दर साल यह संख्या बढ़ेगी और नए नए सुधार अलग से होते रहेंगे।
कुल मिला कर देश व देश की सेना के पास होंगे
~अच्छी प्रशिक्षित सेना के जवान
~दो मोर्चे की लडाई की रिजर्व सेना
~युवा सेना
~अच्छे ग्रेजुएट्स
~अच्छे तकनीकी
~नए–नए विचारों से भरा कौशल
~सरल भर्ती प्रक्रिया
~डिप्रेस्ड युवाओं की संख्या में कमी
~प्रशिक्षित उज्ज्वल भविष्य
देश के सैनिक के पास क्या होगा?
25% के पास होगी
~स्थाई नौकरी
~सेना में पदवी
~सभी प्रकार के लाभ
75% के पास होगी
~ग्रेजुएशन डिग्री
~अनुभव (तकनीकी, शैक्षिक और हर प्रकार का)
~शारीरिक–मानसिक रूप से सशक्त युवा
~आत्मविश्वास
~धनराशि
~वरीयता नौकरी में
भर्तियां हर साल बढ़ती जाएंगी!
कोरोना के कारण 2 वर्ष की छूट दी गई है तो 17 से 23 वर्ष के बीच आने वाले सभी युवा इसमें आवेदन कर सकते हैं। और तो और महिला अग्निवीर भी शामिल हो सकती हैं।
और यह एक सुनहरा अवसर है एक बरसो से चली आ रही प्रक्रिया को बदलने का अपडेट कर सुधारने का, अपनी आर्मी पर भरोसा रखें! #agnipath l
वृक्ष हों भले खड़े
हों घने हों बड़े
एक पत्र छाँह भी
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ (x3)
तू न थकेगा कभी
तू न रुकेगा कभी
तू न मुड़ेगा कभी
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ
अग्निपथ (x3)
यह महान दृश्य है
चल रहा मनुष्य है
अश्रु स्वेद रक्त से
लथपथ लथपथ लथपथ
अग्निपथ अग्निपथ #अग्निपथ !
आज मेरी पोस्ट ग्रेजुएशन का एक वाक्या याद आ गया सोच रही हूं आप सब से साझा कर लूं..
यह बात है पहले वर्ष के एक सेमेस्टर की जिसमें एक विषय होता है सेमिनार का जिसके अंतर्गत सभी छात्रों को एक PPT प्रेजेंटेशन बनानी होती है और टॉपिक प्रेजेंट करना होता है
उस समय क्लास की सभी छात्राएं कहने लगी हमें प्रेजेंटेशन बनानी नहीं आती हम असाइनमेंट के पेज पर प्रोजेक्ट लिख कर दे देंगे बता दूं कि हमारी क्लास में 20 छात्राएं थी (गर्ल्स कॉलेज था) 20 में से 19 छात्राएं कहने लगी की हम PPT नहीं बनायेंगे और मैं अकेली PPT बनाने के पक्ष में थी।
मैंने हालांकि समझाने की भी कोशिश की, कि PPT बनाना मुश्किल नहीं है फ़ोन पर भी बन सकती है लैपटॉप में भी बन सकती है अगर दोनों उपलब्ध नहीं हैं तो कॉलेज के कंप्यूटर से भी बनाने की परमिशन हमारे पास ही है पर सभी छात्राएं (मेरी खुद की सहेलियां भी) मुझसे चिढ़कर क्रोधित हो गई।