नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम
बस एक फ़िक्र दम-ब-दम
घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए
जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए
इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब - २
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जहाँ आवाम के ख़िलाफ़ साज़िशें हो शान से
जहाँ पे बेगुनाह हाथ धो रहे हों जान से
जहाँ पे लब्ज़े-अमन एक ख़ौफ़नाक राज़ हो
जहाँ कबूतरों का सरपरस्त एक बाज़ हो
वहाँ न चुप रहेंगे हम
कहेंगे हाँ कहेंगे हम
हमारा हक़ हमारा हक़ हमें जनाब चाहिए
जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए
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इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब - २
यक़ीन आँख मूँद कर किया था जिनको जानकर
वही हमारी राह में खड़े हैं सीना तान कर
उन्ही की सरहदों में क़ैद हैं हमारी बोलियाँ
वही हमारी थाल में परस रहे हैं गोलियाँ
जो इनका भेद खोल दे
हर एक बात बोल दे
समूचे मजदूर और मेहनतकश जनता के बीच धर्म, भाषा, क्षेत्र जातीय बटवारा कर सरमायेदार एवं उनकी पार्टियाँ तरह-तरह के खेल खेलते है। अपने देश मे निश्चित ही बड़ी संख्या में आर्थिक, सामाजिक तौर पर पिछड़े लोग है । मगर इस समूचे शोषण से उनकी मुक्ति तभी
√ उनमे से शायद अधिसंख्यक मजदूर - किसान - मेहनतकश है।
√ बँटवारे से उन्हें नुकसान एवम शोषकों की भलाई है।
√ इन समूचे शोषण से उनकी मुक्ति तभी होगी जब अपने देश मे मजदूर - किसान - मेहनतकश का राज होगा।
यही है हमारी 70 सालो की पुरवर्ती सरकार की शिक्षा प्रणाली?"
यह पूर्ववर्ती सरकारों की गलती नहीं है। यह संघ की विरासत का संकट है। हमारे पास इनकी विरासत होने के कारण इन क्रांतिकारियों के माता पिता के नाम मालूम हैं। संघियों के ज्ञान के लिए नाम लिख रहा हूँ।
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