बुद्ध मत में भविष्यवाणी ओर भाग्यवाद सम्बंधित पाखंड :-
उपरोक्त चित्र लाफिंग बुद्ध का है ,,जिसे ये बुद्ध लोग ये मानते है कि घर में रखने से सुख समर्धि और शांति प्राप्त होती है …अब भला बिना पुरुषार्थ के एक जड़ से सुख शांति कैसे मिल सकती है 1/6 #नमोबुद्धाय#जयभीम#Buddha#Buddhism
2/6 ये बात तो यही बुद्ध जानते होंगे
… इनता ही नही ये बुद्ध किसी भी व्यक्ति की भविष्यवाणी भी कर देते थे ..पुब्बकम्मपिलोतिक बुद्ध अपदान में बुद्ध ओर उनसे पूर्व के २४ और साथ के ३ और आगे आने वाले बुद्ध के बारे में ..उनके जीवन परिचय के बारे में है …
3/6 इसी के बुद्धपकिण्णक कण्ड के अनुसार गौतम बुद्ध आने वाले बुद्ध मेतेर्य बुद्ध की भविष्यवाणी करते है .. (१) सरुची नाम के तपस्वी के लिए पनोमदस्सी भगवान ने भविष्य वाणी की कि यह अपने अंतिम जीवन में सारिया नाम की ब्राह्मणी की कोख से पैदा होकर सारीपुत्त नाम वाला होकर #नमोबुद्धाय
4/6 पेनी प्रज्ञा वाला होगा …यह उस समय धर्मचक्र अनुप्रवर्तक बनेगा .. (सारीपुत्तत्थेर अपदान ) (२) कोसिय नाम के जटाधारी के लिए पुदुमुतर भगवान ने भविष्यवाणी की कि यह इश्वाकू वंश के कुले गौतम शाशककाल में प्रव्रज्या प्राप्त कर उनका सुभूति नामका श्रावक होगा #जयभीम#Buddha#नमोबुद्धाय
5/6 ..(सूभूतित्थेर अपदान ) (३) अनोम नाम के तापस के लिए पियदस्सी भगवान ने भविष्यवाणी की कि चक्षुमान गौतम बुद्ध के शासक काल में यह अभिरमण करता हुआ ,उनके धर्म को सुन कर, अपने दुखो का विनाश करेगा और सारे आसन्वो का परिज्ञान कर अनानसव होकर निर्वान प्राप्त करेगा …(हेमकत्थेर अपादान )
अक्सर बुद्ध मत के समर्थक ओर नास्तिक अम्बेडकरवादी सनातन धर्म पर अंधविश्वास का आरोप लगाते है ,ओर खुद को अंधविश्वास रहित बताते बताते नही थकते है ..लेकिन हद तो तब कर देते है जब वेदों पर भी अंधविश्वास का आरोप लगाते है #नमोबुद्धाय#जयभीम#Buddha#Buddhism
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..यहाँ हम बुद्ध मत में वर्णित विभिन्न तरह के अंधविश्वास ,काल्पनिक बातें और आडम्बर के बारे में बतायेंगे ..बुद्धो में हीनयान,महायान ,सिध्यान ,वज्रयान नाम के कई सम्प्रदाय है इन सभी में अंधविश्वास आपको मिल जायेगा … बुद्धो में भूत ,पिशाच के बारे में अंध विश्वास :-
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एक समय की बात है कि मुर्रा नाम की एक भूतनी ने भेष बदल कर बुद्ध से प्रेम का इकरार किया लेकिन बुद्ध ने मना कर दिया ,,उसने नृत्य ,श्रृंगार ,रूप आदि से बुद्ध को लुभाने की खूब कोसिस की लेकिन बुद्ध ने उसकी एक न मानी ..तब क्रोधित मुर्रा भूतनी ने बुद्ध पर आक्रमण किया
2/4 परमेश्वर के स्वरूप में समाधिस्थ हुए तब-तब परमात्मा ने अभीष्ट मन्त्रें के अर्थ जनाये । जब बहुतों के आत्माओं में वेदार्थप्रकाश हुआ तब ऋषि मुनियों ने वह अर्थ और ऋषि मुनियों के इतिहासपूर्वक ग्रन्थ बनाये। उन का नाम ब्राह्मण