टाईम निकाल कर एक बार पढ लेना वतन से प्यार है तो। इन ८ साल में सरकार ने सेना को दिया क्या है। इसके बाद पेट्रोल डीजल पर रोना बन्द हो जाएगा।
● 36 :- राफेल मल्टीरोल फाइटर : 59,000 करोड़
● 7 :- प्रोजेक्ट-17A क्लास युद्ध-पोत : 50,000 करोड़
● 5 :- एयर डिफेंस SAM S-400 : 39,000 करोड़
● 22 :- अपाचे AH-64 और 15 शिनूक : 3 अरब डॉलर
● पुर्जे और गोला बारूद : 3 अरब डॉलर
● 6 :- अरिहंत क्लास सबमरीन : 23,652 करोड़
● 1 :- अकुला II क्लास न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बी : 3.3 अरब डॉलर
● 164 :- ‘Litening-4’ टारगेटिंग पॉड्स**
● 250 :- 'स्पाइस-2000' सटीक स्टैंड-ऑफ बम**
● Python 5, I-Derby ER air to air missiles**
(** वाली तीनों डील कुल मिलाकर 3500 करोड़ की है)
● 3 :- ABG-क्लास कैडेट प्रशिक्षण शिप : 2,700 करोड़
● 1000 :- इंजन, T-72 MBT के लिए : 2,300 करोड़
● 150 :- बख्तरबंद लड़ाकू वाहन : 2,200 करोड़
● 100 :- टारपीडो : 2000 करोड़
● 93,895 :- CQB कार्बाइन : 553.33 मिलियन डॉलर
ये 50% भी नहीं प्रोजेक्ट काली और पहाड़ों पर गोरिल्ला युद्ध के लिए तैयार की गई एक कमांडो फोर्स ऐसे जाने कितने सीक्रेट प्रोजेक्ट है जिनकी जानकारी किसी को भी नहीं।
हजारों करोड़ रुपए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन को दिए गए।
जिससे सीमा पर रोड बन रही है।
जिसकी वजह से चीन बौखलाया हुआ है।
1962 में युद्ध हारने की वजह ही ख़तम कर दी सरकार ने रोड प्रोजेक्ट पूरे करके, लगभग 85% रोड प्रोजेक्ट पूरे हो चुके है।
#डीजल पेट्रोल के लिए रोने वालो।
रूसी सहयोग से बनी भारतीय #सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल #ब्रह्मोस की लागत बीस करोड़ रूपए है।
यानि पांच मिसाइल दाग दीं तो एक अरब रूपया स्वाहा. एक #राफेल फाइटर जेट की कीमत साढ़े #सोलह अरब रूपए है..!!
रूस को ताजा दिए इक्कीस मिग 29 और बारह #सुखोई 30 लड़ाकू विमानों की कीमत साठ अरब रूपए है.
इसका #चालीस अरब रूपए भुगतान कर दिया गया है...!!
रूस से ही खरीदे जा रहे #मिसाइल रोधी सिस्टम S 400 की कीमत चालीस अरब रूपए है. #चिनूक, अपाचे ये सब मुफ्त नहीं मिले हैं इनपर अरबों खरबों खर्च हुआ है...!!
तोप का एक एक #गोला लाखों रूपए का है...छोटी से छोटी #मिसाइल भी एक #करोड़ से ऊपर की है...!!
सेना के बार बार चेताने पर भी सैन्य #साजोसामान नहीं खरीदा गया और रक्षा सौदों में #आपराधिक देरी हुई...!!
“बरसों पुराने लड़ाकू विमान उड़न #ताबूत कहलाये जाने लगे”
#डीजल_पेट्रोल पर मत रोओ, कम से कम #युद्धकाल में तो चुप रहो..पैदल चलो स्वस्थ्य रहोगे, घर बैठो #कोरोनावायरस से बचोगे, #देश बचेगा तो तुम बचोगे और जब तुम बचोगे तभी डीजल पेट्रोल खरीद पाओगे...!!
#शत्रु तीन तरफ से सीमा पर घात लगाए बैठा है और तुम डीजल पेट्रोल के दामों पर कपड़े फाड़ रहे हो....!!
तुम्हें #पाकिस्तान और #चीन की गर्दन भी #मरोड़नी है और डीजल पेट्रोल भी चालीस रूपए लीटर चाहिए...!!
(साभार)
UGLY Facts and why I don't jump like idiots on social media
All Indian CEOs who get popular in India around 15th August and 26th January have this in common:
1. American Citizenships 2. Pay taxes to the US government 3. Patriotic Indians going mad over their skin color
I think we need to grow out of this cliché mindset when people of Indian origin take over top jobs abroad. The same buzz was around when Kamla Harris became VP in the USA. We need to understand having Indian origin does not make them any less British or American.
They will be serving their countries and we should focus on serving ours.
Stop this stupidity and a false sense of patriotism.
We are proud Indians and we have many success stories in India itself which we have ignored for decades
देखिये मैं सब सहन कर सकता हूँ... लेकिन हमारे हैंडसम सिसोदिए की बेइज्जती कभी सहन नहीं की जायेगी.
केजरू साहब कह रहे हैं की सिसोदिया साहब दुनिया के Best Education Minister Declare हो रक्खे हैं.... यह गलत बात है.....
हमारे सिसोदिया साहब दुनिया नहीं बल्कि इस ब्रह्माण्ड के सबसे Best Education Minister घोषित किये गए थे 2021 में..... ज़ब दुनिया भर में कोविड फैला हुआ था, तब मंगल ग्रह पर ब्रह्माण्ड के अलग अलग ग्रहों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक हुई थी..... उसमे सिसोदिया जी को यह सम्मान मिला था।
अब भक्त पूछेंगे कि सिसोदिया को सम्मान मिला तो दिखाओ... फोटो वोटो share करो।
अरे कमबखतों... सोचो जब तुम्हारा मोदी हमारे केजरीवाल साहब को सिंगापुर नहीं जाने दिया.. तो सिसोदिया साहब को मंगल ग्रह जाने की clearance कैसे देता???
ब्रह्माण्ड में उपस्थित एकमात्र ईमानदार नेता श्री श्री 420 केजरीवाल साहब कह रहे हैं कि देखो हमारे शिक्षा में किये गए कामों का डंका अमेरिका में बज रहा है.... इस काम से डर कर उन पर सीबीआई के छापे मारे जा रहे हैं.
पहली बात.... ये जो विदेशी अखबारो में ख़बर छपी है...
यह कोई achievement नहीं है advertisement है.... एक ही ख़बर एक ही समय एक ही दिन New York Times और Khaleej Times में आयी है... इसका अर्थ क्या हुआ??
कुछ लाख रूपए दे दो, मैं आपकी ख़बर दुनिया के किसी भी अखबार में छपवा दूंगा.... कुछ करोड़ का बजट है तो 3D print भी हो सकता है....
उसमे आपके बीवी बच्चे, कुत्ते बिल्ली की तस्वीरें भी छप जाएंगी....
दूसरी बात... सीबीआई के छापे Liquor घोटाले की वजह से हो रहे हैं, ना कि शिक्षा क्षेत्र में हुए किसी घोटाले के कारण..... शिक्षा वाले काण्ड में अभी जांच चल रही है, उसमे ED छापा मारेगी.. और जल्द मारेगी.
आप लोगों में जिसने भी सनातन भारतीय वाङ्मय पढ़ा या श्रवण किया होगा तो देखा होगा की जन्मदिन या जन्मोत्सव सबका नहीं ममता था ।
आज भी भारत में हम लोग अपना अपना या अपने परिवार का जन्मदिन मनाने लगे हैं यह सब पिछले पचास सौ वर्षों की देन है ,
मैं इसकी आलोचना नहीं कर रहा बस बता रहा की केवल कुछ जन्मोत्सव ही सनातन धर्मी धूमधाम से मनाते थे , परंपरागत रूप से ।
जैसे मेरा जन्म दो कारणों से हुआ पहला मेरा पिछले जन्मों का कर्म और दूसरा कारण मेरे माता पिता । और सभी मनुष्यों का जन्म इन्हीं दो “ कारणों “ से होता है ।
परन्तु ब्रह्म ( राम और कृष्ण या ग्यारहवें रूद्र हनुमान ) जब अवतरित होता है तब वह स्वयम् के संकल्प से अवतरित होता है । वह शाप को अंगीकार कर सकता है पर उसमें भी उसका संकल्प ही मुख्य होता है ।
संस्कृत भाषा में वसुदेव का अर्थ शुद्ध अंतःकरण और देवकी अर्थात् धर्म पारायण बुद्धि ।
"Non-locals in J&K can apply for voter card: Chief Electoral Officer"
Aprox 25 lkh Non-Locals can now Vote in J&K; Election Commission of India announces that 'Non-Locals residing in Jammu and Kashmir can now also vote in Assembly elections'.
Small correction is Nail on the coffin for Muftis and Abdullahs.
A tectonic shift in politics of J&K after 5th Aug, 2019. Step by step progress
So many deep hidden strategies behind this move.
Bakkarwals, Gujjars, SC community nomads who cross POJK for livelihood don't have
voting rights till date. Their word of mouth to tribes of POJK will create huge impact inside POJK who are fuming against Discrimination by Pak establishment and Army tortures.
If they get a domicile certificate along with Security clearance from Indian Armed Forces,
कश्मीर में एक बड़ा बदलाव आया है.. Election Commission ने voters के नियमो में बदलाव कर दिया है,और अब कोई भी "Non-local" वहाँ के चुनावों में वोट डाल सकता है।
अगर आप जम्मू कश्मीर में 6 महीने से ज्यादा समय से रह रहे हैं,तो आप वहाँ की वोटिंग लिस्ट में नाम जुड़वा कर वोट डाल सकते हैं..
पहले इस काम के लिए आपको Domicile Certificate चाहिए होता था.
दरअसल यह कोई नया नियम नहीं है..... पूरे देश में यही नियम है, अब ये जम्मू कश्मीर में भी लागू कर दिया गया है.
उदाहरण के लिए, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ... लेकिन कई सालों से गुडगाँव और Noida में रह रहा हूँ....
मैंने दोनों जगह बिना domicile certificate के ही अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाया और आराम से वोट भी दे रहा हूँ...... अब जम्मू कश्मीर में रहने वाले लोगों को भी यही सुविधा मिलेगी.... जो 370 और 35A के समय मिलनी असंभव थी.