A Hindu temple is a divine and yogic representation of a human being with the Deity in the temple representing the God as indweller in humans and all beings.
👆🏼This analogy is shown through the representation of various chakras namely ‘Moolaadhara’ to ‘Sahasraara’ in the body to various locations in the temple.
The yogis' who peered deep into this human instrument, beheld seven important chakras known
as Moolaadhaara, Swaadhishthaana, Manipura, Anaahata, Vishuddhi, Aajnya, and Sahasraara.
These centres are like seven gateways to experience the divine power within us.
The flag pole (dwaja sthambha) in front of every temple represents our Spine.
The spiritual up lifting of the soul happening in the sanctum sanctorium is represented by one, three, five and seven Kalashas on top of the shikhara directly above the sanctum sanctorium.
Comparing the ‘Plan’ of the temple with the human body,
The feet stand for the main entrance.
The Dwaja sthambha (flag pole at the entrance) represents the Svaadhishthana chakra;
The Balipeeta stomach / Manipura chakra;
The Navaranga or Nrityamantapa – heart or Anaahata;
The Sukanaasi – neck;
The Garbha griha (sanctum sanctorium) – head;
The seat of the deity is the middle of the eyebrows ( the place of Aajnya chakra).
Similarly comparing the ‘Elevation’ of the Temple with the human body,
The feet represent – Nidhi kumbha – part of ritual pot over which the temple is constructed;
Knee – the Naala (channels); Thigh –foundation;
Waist and the Stomach are the walls;
Shoulder – Valabhi;
Hands - Praakaara (open space round the temple meant for circumambulation);
Tongue – the Temple bell;
Heart- the Devamoorti;
Neck - Vimana ;
Head – Shikhara;
Brahma randhra (the top of the head where the soul leaves the body after death.- The Kalashas.
सेठ रामदास जी गुड़वाले - 1857 के महान क्रांतिकारी, दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उनपर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया
सेठ रामदास जी गुडवाला दिल्ली के अरबपति सेठ और बेंकर थे. और अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के गहरे दोस्त थे. इनका जन्म दिल्ली में एक अग्रवाल परिवार में हुआ था. इनके परिवार ने दिल्ली में पहली कपड़े की मिल की स्थापना की थी.
उनकी अमीरी की एक कहावत थी “रामदास जी गुड़वाले के पास इतना सोना चांदी जवाहरात है की उनकी दीवारो से वो गंगा जी का पानी भी रोक सकते है”
जब 1857 में मेरठ से आरम्भ होकर क्रांति की चिंगारी जब दिल्ली पहुँची तो मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर को 1857 की सैनिक क्रांति का नायक घोषित कर दिया गया
The Aghori are a monastic order of ascetic Shaivite sadhus based in Uttar Pradesh, India. They are the only surviving sect derived from the Kāpālika tradition, a Tantric, non-Puranic form of Shaivism which originated in Medieval India between the 7th & 8th century CE.
Their practices are sometimes considered contradictory to orthodox Hinduism. Many Aghori gurus command great reverence from rural populations and are widely referred to in medieval and modern works of Indian literature,
as they are supposed to possess healing powers gained through their intensely eremitic rites and practices of renunciation and tápasya.
The Aghoris trace their origin to Baba Keenaram (1601), who was known as the biggest saint of the Era of Aghor tradition
क्या आप जानते हैं , स्वास्तिक एवं उसके साथ बनने वाली २-२ खड़ी रेखाओं का अर्थ और उन्हें बनाने का सही तरीका 🙏🏻🚩
किसी भी पूजा, शुभ कार्य में उस स्थान पे मंगलस्वरूप रोली से स्वास्तिक चिह्न बनाकर उसके अगल-बगल दो-दो खड़ी रेखाएँ बनते हैं कभी आपने सोचा है कि वो क्या है ?
स्वास्तिक के चिन्ह को मंगल प्रतीक माना जाता है। मान्यता है स्वास्तिक चिह्न - बनाने से कार्य सफल होता है। स्वास्तिक शब्द को 'सु' और 'अस्ति' से मिलकर बना है। 'सु' का अर्थ है 'शुभ' और 'अस्ति' का अर्थ है 'होना'। अर्थात स्वास्तिक का मौलिक अर्थ है 'शुभ हो', 'कल्याण हो'।
शास्त्रों के अनुसार यह पवित्र स्वास्तिक चिह्न भगवान श्रीगणपति का स्वरूप है और दो-दो रेखाएँ उनकी पत्नी रिद्धि-सिद्धि एवं पुत्र 'लाभ' और 'क्षेम' हैं । इस तरह से मंगलस्वरूप स्वस्तिक का चिह्न बना कर हम पूरे गणपति परिवार का आह्वान, उनकी आराधना कर लेते है।
Expensive Poverty इसका मतलब होता है वो गरीबी जो आपको बहुत महँगे भाव में पड़े अर्थात जब गरीब दिखने के लिए आपको बहुत सारा खर्चा करना पड़ता है। गांधीजी की गरीबी कुछ ऐसी ही थी
एक बार सरोजनी नायडू ने उनको मज़ाक में कहा भी था कि “आप को गरीब रखना हमें बहुत महंगा पड़ता है !!”
ऐसा क्यों ?
गांधी जी जब भी तीसरे दर्जे में रेल सफर करते थे तो वह सामान्य तीसरा दर्जा नहीं होता था।
गाँधी जी जब भी रेल यात्रा करते थे तो उनको विशेष ट्रेन दी जाती थी जिसमें कुल 3 डिब्बे होते थे
जो केवल गांधी जी और उनके साथियों के लिए होते थे, क्योंकि हर स्टेशन पर लोग उनसे मिलने आते थे।
इस सब का खर्चा बाद में गांधीजी के ट्रस्ट की ओर से अंग्रेज सरकार को दे दिया जाता था।
7 Chakras in the human body, Significance & How to balance them! 🚩
Chakras are points where the energetic and physical bodies meet. The word chakra means "wheel" in Sanskrit and symbolises the flow of energy in our body. The 7 chakras present in our body are
actually energy centres and are known to regulate emotions.
According to the meditation practices, if the chakras ever become out of sync, they can negatively impact our physical, mental and spiritual health. Each of the chakras is associated with a particular body part
and its proper functioning.
Locating and analyzing the chakras can help in healing old emotional and physical wounds.
Here are the locations of the 7 chakras in our body and their functions: