अष्ट -शंकरुद्घोष -(१) श्री आद्य शंकराचार्य इस कलिकाल में सनातन हिन्दू धर्म के सर्वोच्च तथा प्रामाणिक जगद्गुरु हैं - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !
(२) श्री आद्य शंकराचार्य ने जो कहा है उसी के अनुकूल किसी भी वर्त्तमान संन्यासी अथवा अन्य धर्मोपदेशक का कथन मान्य है
तद्विपरीत नही - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !

(३) श्री आद्य शंकराचार्य का विरचित शांकर भाष्य ही सनातन धर्म का यथार्थ अभिप्राय व्यक्तकरता है , यह भाष्य सनातन वैदिक धर्म का प्रामाणिक सार -सर्वस्व है - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !

।।
(४) श्री आद्य शंकराचार्य के विरचित साहित्य का एक -एक वाक्य सनातन हिन्दू धर्म का सम्पोषक अमृतरस है - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !
(५) श्री आद्य शंकराचार्य का ध्यान , उनकी धारणा , उन पर दृढ विश्वास , उनके दर्शाए मार्ग का अनुगमन - ये हमारा धर्म है - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !
(६) श्री आद्य शंकराचार्य ब्राह्मणत्व के आदर्श , हिन्दुत्व के गौरव तथा कैवल्य के नायक हैं - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !

(७) श्री आद्य शंकराचार्य के कथन के अनुकूल श्रुत्यर्थ उचित है तथा प्रतिकूल श्रुत्यर्थ अनुचित है - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो
(६) श्री आद्य शंकराचार्य ब्राह्मणत्व के आदर्श , हिन्दुत्व के गौरव तथा कैवल्य के नायक हैं - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो!
(७) श्री आद्य शंकराचार्य के कथन के अनुकूल श्रुत्यर्थ उचित है तथा प्रतिकूल श्रुत्यर्थ अनुचित है - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !
(८) श्री आद्य शंकराचार्य के सन्देश का प्रवर्तन , प्रवर्धन अथवा प्रचार -प्रसार ये प्रत्येक ब्राह्मण का कर्त्तव्य है और इसका अनुशीलन वा समर्थन प्रत्येक हिन्दू का कर्त्तव्य है - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !

- शिवः केवलोsहम् ।
श्रीजगद्गुरुभ्यो नमः ।।
धर्म की जय हो !
अधर्म का नाश हो !
प्राणियों में सद्भावना हो !
विश्व का कल्याण हो !
गोहत्या बंद हो !
गोमाता की जय हो !
हर हर महादेव |
जय श्री जगन्नाथ
।। जय श्री राम का प्रवर्तन , प्रवर्धन अथवा प्रचार -प्रसार ये प्रत्येक ब्राह्मण का कर्त्तव्य है और इसका अनुशीलन वा समर्थन प्रत्येक
हिन्दू का कर्त्तव्य है - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !

- शिवः केवलोsहम् ।
श्रीजगद्गुरुभ्यो नमः ।।
धर्म की जय हो !
अधर्म का नाश हो !
प्राणियों में सद्भावना हो !
विश्व का कल्याण हो !
गोहत्या बंद हो !
गोमाता की जय हो !
हर हर महादेव |
जय श्री जगन्नाथ
।। जय श्री राम
भारत अखण्ड हो
#हर_हर_महादेव__ॐ

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with भूदेव 👑

भूदेव 👑 Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @Priyans67922348

Sep 5
शिवपुराणोक्त नवधा भक्ति

शिव उवाच---
श्रवणं कीर्तनं चैव स्मरणं सेवनं तथा।
दास्यं तथार्चनं देवि वन्दनं ममसर्वदा।।
सख्यमात्मार्पणंचेति नवाङ्गानि विदुर्बुधाः।
उपाङ्गानिशिवे तस्या बहूनि कथितानि वै।। Image
शिव जी सती से कहते हैं--
हे देवि श्रवण, कीर्तन स्मरण सेवन दास्य अर्चन सदा मेरा वन्दन सख्य और आत्मसमर्पण-विद्वानों ने भक्ति के ये नौ अंग माने हैं। इसके अतिरिक्त उस भक्ति के बहुत से उपांग भी कहे गए हैं।
श्रृणु देवि नवाङ्गानां लक्षणानि पृथक् पृथक्।
ममभक्तेर्मनो दत्त्वा भुक्तिमुक्तिप्रदानि हि।।

अब तुम मन लगाकर मेरी भक्ति के नौ अंगोके पृथक् पृथक् लक्षण सुनो, जो भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले हैं।
Read 17 tweets
Sep 2
#लोलार्क_कुंड,काशी

लोलार्क कुंड...काशी के भदैनी मोहल्ले में स्थित है ये पौराणिक कुंड।
मान्यता है कि यहां स्नान और लोलार्केश्वर महादेव के दर्शन मात्र से निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति होती है। थोड़ा और गहरे उतरें तो पता चलता है कि इसके लिए एक विशिष्ट तिथि भी नियत है, ImageImageImage
भाद्रपद मास की षष्ठी तिथि...जानकार बताते हैं कि इस दिन सूर्य की रोशनी में एक अलग प्रकार का कंपन होता है। इसे लोलन कहते हैं और यही लोलार्क कुंड या लोलार्केश्वर महादेव की महिमा है...मान्यताएं और भी हैं, कहते हैं कि यहां दर्शन भर से भी महादेव दंपतियों को उनका अभीष्ट देते हैं।
कहते हैं कि सदियों पहले यहां एक बड़ा उल्कापिंड गिरा था, जिससे इस कुंड का निर्माण हुआ था। इस वक़्त लोगों को लगा था कि सूर्य का टुकड़ा टूट कर यहां आ गिरा है। कालांतर में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कुंड का सुंदरीकरण कराया और इसे वह स्वरूप मिला जिसमें यह अब नज़र आता है।
Read 5 tweets
Sep 2
सनत्कुमारों द्वारा भागवत सप्ताह व उसकी विधि
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••

सनत्कुमारों ने भागवत कथा श्रवण की विधि बताते हुए कहते हैं कि मुहूर्त निकालना चाहिए, तैयारी करनी चाहिए, लोगों को आमंत्रण देना चाहिए।
बोलना चाहिए कि यहाँ कथा होने वाली है, आप अवश्य आइये।
श्रोता-वक्ता दोनों को भक्तिपूर्वक, श्रद्धापूर्वक आना चाहिए। वक्ता को बड़ी श्रद्धा से कथा कहनी चाहिए। और इसका ध्यान रखना चाहिए कि श्रवण में कोई बाधा न पड़ जाए।
इसलिए इतना अधिक भोजन नहीं करना चाहिए कि बैठ ही न सकें।
तो नियमपूर्वक, भली प्रकार से कथा सुनने और कहने से बड़ा आनन्द आता है।
इस प्रकार भागवत कथा की विधि बताने के बाद पूरी भागवत कथा वहाँ पर बतायी गयी।
कथा की समाप्ति पर शुकदेव जी साक्षात् वहाँ पधारे।

सोलह वर्ष के शुकदेव जी हैं। उनके प्रवेश करते ही सब-के-सब लोग खड़े हो गये।
Read 23 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(