हिन्दूओ को सेकुलर बनाने और धन बटोरने का षड्यंत्र और साई बाबा की मार्केटिंग
कृपया लेख ध्यानपूर्वक पूरा पढ़ें…..
आज से 25-30 साल पहले कोई साईं का नाम तक नहीं जानता था, तब शिर्डी सिर्फ एक खाली गाँव था जहाँ साईं की एक कब्र थी जहाँ पर 1972 में एक मूर्ति लगा दी गयी ताकि साईं की मार्केटिंग करके नया धंधा चमकाया जाए।
तब साईं के भी एक्का दुक्का मंदिर होते थे, 1972 में जिस साईं कि कब्र के पास कोई मूर्ति नहीं थी वहां पर अब मूर्ति लगा कर धन बटोरने और हिन्दूओ को सेकुलर बनाने का षड्यंत्र चलने लगा, उनका एक ही उद्देश्य था कि किसी तरह से साईं हर हिन्दू के घर में पहुँच जाए क्यूंकि इससे एक तो मुसलमानो को लोग अच्छा समझेंगे और दूसरा साईं के कारण राम मंदिर आन्दोलन धीमा पड़ जायेगा, दुर्भाग्य से उनकी योजना सफल हो गयी
लेकिन 1990 के बाद चले राममंदिर आन्दोलन को कमजोर करने और हिन्दुओ को भटकाने के लिए ही तब साईं का प्रचार सबसे अधिक जोरदार तरीके से शुरू हुआ था ।
तब एक नया चलन सामने आया था…..
कुछ लोग जो की साईं की मार्केटिंग कागज़ के पर्चे छपवा कर करते थे …
उन पर लिखा होता था की अगर आप इस पर्चे को पढने के बाद छपवा कर लोगों में बांटेंगे तो दस दिन के अन्दर आपको लाखों रूपये का धन अचानक मिलेगा ।
फलाने ने 200 बांटे तो उसके मोटरसाईकिल मिली …फलाने ने 500 बांटे तो उसका खोया हुआ बेटा मिला ..फलाने को नौकरी मिली …फलाने ने 1000 छपवाकर बांटे तो उसको ….मनचाही लड़की शादी के लिए मिली …फलाने ने 5000 छपवाकर बांटे तो वह दस फैक्ट्रियों का मालिक बन गया …आदि आदि
और अगर किसी ने पढ़कर इसको झूठ समझा तो दस दिन के भीतर उसका लड़का मर गया …फलाने ने फाड़ा तो उसका व्यापर चौपट हो गया …फलाने ने फैंक दिया तो उसको जेल हो गयी ।
….फलाने ने झूठ माना तो उसका सारा कारोबार ..खत्म हो गया और भिखारी हो गया
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि क्या है? कृपा करके आप मेरी बढ़ती हुई जिज्ञासा को शांत करें।
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा: हे अर्जुन!
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। एक बार की बात है, पृथ्वीपति राजा मान्धाता ने लोमश ऋषि से यही प्रश्न किया था, जो तुमने मुझसे किया है। अतः जो कुछ भी ऋषि लोमश ने राजा मान्धाता को बतलाया, वही मैं तुमसे कह रहा हूँ।
राजा मान्धाता ने धर्म के गुह्यतम रहस्यों के ज्ञाता महर्षि लोमश से पूछा: हे ऋषिश्रेष्ठ! मनुष्य के पापों का मोचन किस प्रकार सम्भव है? कृपा कर कोई ऐसा सरल उपाय बतायें, जिससे सभी को सहज ही पापों से छुटकारा मिल जाए।
महर्षि लोमश ने कहा: हे नृपति! चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम पापमोचिनी एकादशी है। उसके व्रत के प्रभाव से मनुष्यों के अनेक पाप नष्ट हो जाते हैं। मैं तुम्हें इस व्रत की कथा सुनाता हूँ, ध्यानपूर्वक श्रवण करो।
प्राचीन समय में चैत्ररथ नामक एक वन था। उसमें अप्सराएँ किन्नरों के साथ विहार किया करती थीं। वहाँ सदैव वसन्त का मौसम रहता था, अर्थात उस जगह सदा नाना प्रकार के पुष्प खिले रहते थे। कभी गन्धर्व कन्याएँ विहार किया करती थीं, कभी देवेन्द्र अन्य देवताओं के साथ क्रीड़ा किया करते थे।
Why does Nandi always sit in front of Lord Shiva in the temple and why is his face always towards the Shivlinga?
Read this thread till the end,it will be worth your 2 minutes!
Whenever we go for darshan of Bholenath all our attention is on Shivling and after that our attention goes to temple artwork and later on other things. We all have seen Nandi in the temple and before reaching the Shivling we bow our heads before Nandi and bow down to him.
Nandi always remains in front of Shivling.
In the temple of Lord Shankarji, the statue of his ride Nandi is installed in front of him because Nandi, the vehicle of Shivaji, is considered a symbol of Purusharth i.e. hard work and dedication.
हत्या केस में गया जेल तो बना ईसाई, बाहर आकर करवाने लगा धर्मांतरण: दूसरी बार हुआ रेप का केस दर्ज।
जानें ‘यशु-यशु’ गाकर वायरल होने वाले पादरी बजिंदर सिंह की पूरी हिस्ट्री, दो मिनट का ये थ्रेड आपका होश उड़ा देगा, अंत तक पड़ें।
पंजाब के कपूरथला में 22 साल की एक महिला ने पादरी बजिंदर सिंह पर उसकी किशोरावस्था में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। पंजाब की जालंधर पुलिस ने ईसाई प्रचारक बजिंदर के खिलाफ यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी देने और पीछा करने का मामला दर्ज कर लिया है। जालंधर पुलिस ने रविवार (2 मार्च) को इसकी जानकारी दी।
पीड़िता का कहना है कि वह दिसंबर 2017 में पादरी बजिंदर सिंह की मंडली में शामिल हो गई थी। इसके बाद 2020 में ‘वर्शिप टीम’ का हिस्सा बन गई। पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान बजिंदर ने उसका फ़ोन नंबर ले लिया और उसे अश्लील मैसेज भेजना शुरू कर दिया। उस समय उसकी उम्र 17 साल थी। पीड़िता का आरोप है कि साल 2022 में बजिंदर ने उसके साथ गलत हरकत की।
FIR में कहा गया है, “साल 2022 में उसने (बजिंदर सिंह ने) मुझे रविवार को अपने केबिन में बैठाने लगा। जब मैं अकेली होती तो वह मुझे जबरन गले लगाता और गंदे तरीके से छूता था। जब मैं कॉलेज जाती थी तो वह अपनी कार से मेरा पीछा करने लगा। वह धमकी देता था कि अगर मैंने उससे शादी नहीं की या इस बारे किसीको बताया तो वह मेरे माता-पिता और भाई को मरवा देगा।
पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। बजिंदर को जुलाई 2018 में पंजाब के जीरकपुर में एक महिला से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उससे भी पहले वह हत्या के एक मामले में जेल में बंद था।
कहा जाता है कि बजिंदर सिंह हमेशा सूट-बूट में रहता है और 24 घंटे सिक्योरिटी में घिरा रहता है। पादरी बजिंदर सिंह अपने भाषणों के दौरान सुंदर लड़कियों पर नजर रखता था। बाद में उन लड़कियों को अपनी स्पेशल टीम में शामिल करता था। इसके पहले जिस लड़की के साथ उसने बलात्कार किया, वह भी बजिंदरकी सभाओं में जाती थी। वहीं बजिंदर ने उसे देखा और फँसाया था।
इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है..
कैसे पहचानें कि दैवीय शक्ति आपकी मदद कर रही है...?? अंत तक जरुर पढ़े🧵
इन 11 संकेतों से कर सकते हैं आभास दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके जीवन में दैवीय सहायता मिलती है। किसी को ज्यादा तो किसी को कम। कुछ तो ऐसे हैं जिनके माध्यम से दैवीय शक्तियां अच्छा काम करवाती हैं। सवाल यह उठता है कि आम व्यक्ति कैसे पहचानें कि उसकी दैवीय शक्तियां मदद कर रही है या उसकी पूजा-पाठ-प्रार्थना का असर हो रहा है? इन 11 संकेतों से हम इसको महसूस कर सकते हैं-
1. अच्छा चरित्र -
शास्त्र कहते हैं कि दैवीय शक्तियां सिर्फ उसकी ही मदद करती है, जो दूसरों के दुख को समझता है, जो बुराइयों से दूर रहता है, जो नकारात्मक विचारों से दूर रहता है, जो नियमित अपने इष्ट की आराधना करता है या जो पुण्य के काम में लगा हुआ है। यदि आप समझते हैं कि मैं ऐसा ही हूं तो निश्चित ही दैवीय शक्तियां आपकी मदद कर रही हैं। आपको बस थोड़ा सा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप अच्छे मार्ग पर हैं और आपको ऊपरी शक्तियां देख रही हैं।