Why does the Hanuman Chalisa give so much courage?
Secrets: According to great mystics like Baba Neem Karoli ji Maharaj; Hanuman Chalisa carries forty mystical blessings that can bring out positive traits in a devotee.
Faith: Nevertheless; a devotee must also repose utmost faith in it. He or she should also be mentally and physically pure; while reciting it as Hanuman ji is an incarnation of Lord Shiva and also known as epitome of valor, wisdom and learning.
महाभारत के 28 तथ्य, कुछ तो आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे तो कुछ आश्चर्यचकित कर देंगे।
1- महाभारत ग्रंथ की रचना महर्षि वेदव्यास ने की थी किंतु इसका लेखन भगवान श्रीगणेश ने किया था। भगवान श्रीगणेश ने इस शर्त पर महाभारत का लेखन किया था कि महर्षि वेदव्यास बिना रुके ही लगातार इस ग्रंथ के श्लोक बोलते रहे। तब महर्षि वेदव्यास ने भी एक निश्चय किया कि मैं भले ही बिना सोचे-समझे बोलूं किंतु आप किसी भी श्लोक को बिना समझे लिखे नहीं। बीच-बीच में महर्षि वेदव्यास ने कुछ ऐसे श्लोक बोले जिन्हें समझने में श्रीगणेश को थोड़ा समय लगा और इस दौरान महर्षि वेदव्यास अन्य श्लोकों की रचना कर लेते थे।
2- महाभारत ग्रंथ का वाचन सबसे पहले महर्षि वेदव्यास के शिष्य वैशम्पायन ने राजा जनमेजय की सभा में किया था। राजा जनमेजय अभिमन्यु के पौत्र तथा परीक्षित के पुत्र थे। इन्होंने ने ही अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए सर्पयज्ञ करवाया था।
3- भीष्म पितामह के पिता का नाम शांतनु था, राजा शांतनु का विवाह गंगा से हुआ था। पूर्वजन्म में शांतनु राजा महाभिष थे। उन्होंने बड़े-बड़े यज्ञ करके स्वर्ग प्राप्त किया। एक दिन बहुत से देवता और राजर्षि, जिनमें महाभिष भी थे, ब्रह्माजी की सेवा में उपस्थित थे। उसी समय वहां देवी गंगा का आना हुआ। गंगा को देखकर राजा महाभिष मोहित हो गए और एकटक उन्हें देखने लगे। इससे क्रोधित होकर ब्रह्मा जी ने महाभिष को श्राप दे दिया। जब महाभिष ने उनसे क्षमा याचना की तब ब्रह्माजी ने कहा- महाभिष तुम मृत्युलोक जाओ, जिस गंगा को तुम देख रहे हो, वह तुम्हारा अप्रिय करेगी और तुम जब उस पर क्रोध करोगे तब इस शाप से मुक्त हो जाओगे।