तमिलनाडु में एक वृद्ध ब्राह्मण पूजा करते करते ही काया छोड़ गए। मैं हमेशा कहता हूं ब्राह्मण सनातन का वो सेतु है जिसने इतिहास के सारे थपेड़े झेल कर भी सनातन की पोथी नहीं छोड़ी,ओर सदियों से सनातन को हिन्दुओ की एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में रोपते रहा.. #हजारों वर्षों से सनातन धर्म को
हिंदुओं की एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचाते रहे। एक ब्राह्मण ही है जिस पर सारे हमले पहले हुए मुगलों ने पहला आक्रमण मंदिरों और पुजारियों पर किया अंग्रेजों ने पहला आक्रमण मंदिर और पुजारियों पर किया कांग्रेस वामपंथियों ने ब्राह्मणवाद के नाम पर पहला हमला ब्राह्मणों पर किया
चर्च मिशनरियों ने पहला हमला ब्राह्मणों पर किया हजार साल के क्रूर इस्लामिक शासनकाल में भी ब्राह्मण ने अपनी सनातनी पोथी नहीं छोड़ी बल्कि तलवार की धार पर चलकर भी अपने हिंदू समाज को सनातन की जड़ों से जोड़े रखा, हरगांव का पुजारी पूज्य है अनपढ़ पुजारी ने भी गांव के छोटे से मंदिर में
सनातन की परंपराओं को जिंदा रखा और गांव को तीज त्योहारों के माध्यम से सनातन जीवन पद्धति से जोड़े रखा, यही कारण है कि यूनान रोम और मिश्र 100 साल के आक्रमण में ही अपनी सभ्यता खो बैठे लेकिन एक सनातन भारत है जो हजार साल के आक्रमण काल के बावजूद अपनी सभ्यता संस्कृति को बचाने मैं सफल रहा
क्योंकि उसके पास सनातन को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक उसी रूप में पहुंचाने वाले ब्राह्मण थे। और यही कारण है कि सारे हिंदू विरोधी सारे देश द्रोही चर्च मिशनरी सब का पहला टारगेट ब्राह्मण होता है क्योंकि उन्हें पता है सनातन को खत्म करने की पहली शर्त है कि पहले ब्राह्मण को खत्म करना
पड़ेगा जब तक ब्राह्मण जिंदा है सनातन को कोई खत्म नहीं कर सकता। इसलिए सनातनी हिंदू अपने पूज्य संत महंत पुजारियों की कीमत समझे यह सामान्य नहीं बल्कि हजारों वर्षों के संघर्ष में खून से लथपथ होने के बावजूद अपने सनातन की पोथी नहीं छोड़ने वाले धर्मवीर है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक
कजरीवाल की दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के वेंटिलेर अघोषित रूप से मुसलमानों के लिए आरक्षित हुए
-दिल्ली के रहने वाली रवीना मंडल के बेटे का बाइक से एक्सिडेंट हो गया था और वो अपने बेटे को लेकर भागी भागी दिल्ली के एक प्रसिद्ध सरकारी अस्पताल भागीं । वो ये सोचकर सरकारी अस्पताल में गई थी
कि बेटे को वेंटिलेटर पर रखना होगा क्योंकि बेटे को होश ही नहीं आ रहा था । इससे खर्चा प्राइवेट के मुकाबले कुछ कम हो जाएगा
- लेकिन जब वो वहां पर पहुंचीं तो उन्हें ये कहा गया कि वेंटिलेटर है ही नहीं । जब उन्होंने पता किया तो अस्पताल के ही एक हिंदू कर्मचारी ने ये खुलासा किया कि
अब यहां पर हिंदुओं को वेंटिलेटर नहीं दिए जाते हैं।अस्पताल के सारे वेंटिलेटर मुसमलानों के लिए ही बुक रहते हैं ।
-ये बात सुनकर रवीना मंडल सन्न रह गईं वो खून का घूंट पीकर रह गईं । उन्होंने फ्री बिलजी और पानी के चक्कर में आकर केजरीवाल को वोट दिया था अब वो भयंकर तरीके से पछता रही थीं
कोई उम्मीद नहीं दिखती!!!
फिर भी बताने का मन है!!
साल 1914 में यूएन मुखर्जी ने एक छोटी सी पुस्तक लिखी, नाम था हिंदू - एक मरती हुई नस्ल'!!!
सोचिए 108 साल पहले!!
उन्हें पता था!!
1911 की जनगणना को देखकर ही 1914 में मुखर्जी ने
पाकिस्तान बनने की भविष्यवाणी कर दी थी।
उस समय संघ भी नहीं था न सावरकर थे और न ही
हिन्दू महासभा थी,
तब भी मुखर्जी ने वो देख लिया जो पिछले 100 सालों में एक दर्जन नरसंहार और एक तिहाई भूमि से हिंदू विलुप्त करा देने के बाद भी कांग्रेसी,सपाई, रालोदी, एनसीपी, तृणमूल वाले सेक्युलर
हिंदू नहीं देख पा रहे।
इस किताब के छपते ही सुषप्तावस्था से कुछ हिन्दू जगे और अगले साल 1915 में पं मदन मोहन मालवीय जी के नेतृत्व में हिंदू महासभा का गठन हुआ।
आर्य समाज ने शुद्धि आंदोलन शुरू किया जो एक मुस्लिम द्वारा स्वामी श्रद्धानंद जी की हत्या के साथ समाप्त हो गया।
हिन्दुओ के लालच की परीक्षा का दिन है 16/9/22 सितम्बर, शुक्रवार, सोची समझी रणनीति बनाई गई है, 16 सितम्बर को सिनेमा दिवस बता कर
मात्र ₹75/- में हिन्दुओं का ईमान खरीदने का दिन रखा गया है और ये पूरी तैयारी उस छक्के "करण जौहर" ने की है सनातनियों का मज़ाक उड़ाने वाली फिल्म
ब्रह्मास्त्र को हिट करवाने के लिए। और दुनिया को दिखाने के लिए की हिन्दू कितना लालची है, 300/- का टिकट 75/- में कर दो तो ये लालची हिन्दू अपना ईमान भी बेच देंगे अब निर्णय हम सब के हाथ मे है, क्या हम लोगों में इतना भी आत्मसम्मान बाकी नही है क्या? कि इस हम "करन जौहर और बॉलीवुड गैंग"
को जवाब दे सकें?प्रण करें, चाहे ये बॉलीवुड गैंग हमे फ्री में भी फिल्म दिखाएं पर हम इस गैंग की फिल्म नही देखेंगे #बॉयकॉट_ब्रह्मास्त्र
बहुत मजाक बनाया है इन्होने, हमारी हिन्दू संस्कृति का और सनातन धर्म का इसलिए बॉलीवुड की खान गैंग और वामपंथी सोच वाले सभी फिल्मकारों का