#भारत_जोड़ो_यात्रा त्रियंतपुरम पहुँची,राहुल से दो शब्द बोलने के लिए प्रार्थना की गई और माइक पकड़ा दिया गया.
भाषण की कोई तैयारी नही थी, कोई टेलीप्रोमटर नही लगा था और ब्रिफिंग नही थी.
राहुल ने क्या कहा ?
उसने बोला कि उसे केरल का सांसद होने का गर्व है.
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केरल भारत का सबसे ज़्यादा साक्षर प्रदेश होने का गौरव रखता है क्योंकि
अभी तक यहाँ समाज को धर्म, जाति के नाम पर बाँटने वाली विचारधारा को प्रवेश नही मिला.
उन्होंने ओणम का उदाहरण देते हुए बताया कि कथित रूप से इसे हिंदू धर्म से जुडा त्यौहार समझा जाता है लेकिन वास्तव में केरल का
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ओणम उत्सव हिंदुस्तान की सही झलक पेश करता है.
ओणम पंडालों में मुस्लिम भी नज़र आते है तो ईसाई महिलायें भी प्रभु यशु के गीत गाती है और सब मिलकर एक दूसरे का साथ देते है क्योंकि ऐसा समाज देश को जोड़ता है और जो जोड़ता है वो तरक़्क़ी भी करता है.
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क़तई बावली बात है जी , हम गोबर पट्टी वालों को शिक्षा से शांति से समृधि से और मानवता से क्या वास्ता !
घर घर घंटा बाज़ेगा, गद्दी पर यदि वो फिर साजेगा
4 @parmodpahwaInd ✍️
जांघिया बनाने वाली कंपनी जॉकी अपने बने-बनाए माल को लेकर बड़ी मुश्किल के दौर से गुजर रही थी,क्योंकि सारा माल चोरी हो चला जाता था।
ड्यूटी ख़त्म होने पर सारे श्रमिकों की जामा तलाशी और बैग वगैरह की चेकिंग की जाने लगी, लेकिन हाथ नहीं लगा कुछ भी, सब ओके लगा। सुरक्षा के जितने उपाय हो
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सकते थे,उनका बंदोबस्त किया गया।लेखा परीक्षण करने वालों को बुलवाया गया, फिर भी कोई भी पकड़ में नहीं आया,और स्टॉक गायब होता ही रहा।
सारे श्रमिकों के साथ-साथ मैनेजमेंट के लोगों की भी घर वापसी के समय जामातलाशी की जाने लगी,हरेक शख़्स सिर्फ एक अदद जांघिया पहने था,और एक भी ऐसा व्यक्ति
नहीं पकड़ा जा सका जिसके पास एक से ज़्यादा जांघियाएं मौजूद हों।
तभी..
एक दिन, उस गुज्जू ऑडिटर ने सिक्योरिटी डिपार्टमेंट को सलाह दे डाली कि सारे श्रमिकों की जांच ड्यूटी पर आने के वक़्त की जानी चाहिए।और, इस तरह मामला सुलझा दिया गया।
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मुल्क़ के हालात ख़ित्ते के हालात और आलमी ताक़तों के इशारे तय करते है जिसे मानने में कम से कम मुझे कोई शक़ सुबहा नही है बेशक बर्रेसग़ीर का मुल्क़ कोई सा भी हो.
#भारत_जोड़ो_यात्रा का आग़ाज़ हुआ, पहले क़दम पर ही तनकीद और रक़्स शुरू हो गए, एक मोहतरमा तो ऐसे मूँह खोल कर नज़र आईं कि
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अस्तगफरअल्लाह ,तौबा तौबा.
आज कहते है कि किसी सूबे से नून लीग वालों ने कुछ एमपीए तोड़ कर अपने गैंग में शामिल कर लिए.
इसके लिए हमारी तरफ़ से पंडित नेहरू के चश्मों चिराग़ को बहुत बहुत मुबारक. इस बदलाव पर ख़ुशी या रंज ज़ाहिर करने वाले दानीश्वर साहेबान सनद कर ले कि जात्रा के दौरान
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बहुत से और कोंग्रेसी लोटे हो सकते है
अमेरिका को एबसलूटली नॉट कहने के बाद इमरान खान की पार्टी में लोटे पैदा किए गए और उसकी हकूमत गिराने के साथ साथ तमाम इदारे उसके मुख़ालिफ़ हो गए और क़ौमी असेम्बली के बाहर क़ैदियों वाली गाड़ियाँ खड़ी कर दी गई, टीवी चैनल्ज़ के दफ़ातीर में मसल्लाह
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सुब्रह्मण्यम स्वामी लुटियन ज़ोन के बंगले की लड़ाई सरकार से हारे ।
वर्ष की शुरुआत में उनका राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया था । उसके बाद वे बंगला बचाने कोर्ट में जा पहुँचे थे ।
2016 में जब वे मोदीजी की नज़र में उपयोगी कोटे में थे तब उन्हें “ख़तरे में “ वाली
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श्रेणी में बंगला मिला था और बाद में राज्य सभा की सदस्यता भी । स्वामी इसके बाद वित्त मंत्रालय का स्वप्न पाल बैठे और इस दौर के वित्तमंत्रियों की खिल्ली उड़ाते / उनके आर्थिक ज्ञान की शिक्षा का मखौल बनाते हुए ट्वीट छोड़ते रहे । मोदीजी ने पाया कि ये उपयोगी से ज़्यादा हो रहे हैं
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तो इनको “भावहीन” कर दिया । स्वामी उपेक्षित हुए तो विद्रोही हो गए और कबाड़ में जा पहुँचे । अब बंगले से भी गए जबकि गुलाम नबी आज़ाद के बंगले पर आँच तक न आई !
हाईकोर्ट ने भी स्वामी को ख़तरे से बाहर मानकर बंगला ख़ाली करने के लिए कह दिया है ।
दुनिया के तीसरे सबसे अमीर अदाणी सेठ पर 2.60 लाख करोड़ का लोन बकाया है। लोन और इक्विटी का अनुपात 190% है। यानी सबसे असुरक्षित।
पिछले हफ़्ते कंपनी पर जोखिम की खबर से जब शेयर बाजार में भाव गिरे तो अदाणी सेठ ने थैली फ़ेंककर तमाम बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के आंकड़े सुधारवाये।
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बहरहाल, कल रात अदाणी सेठ से ऊपर की दोनों कंपनियों- टेस्ला और अमेज़न का बैलेंस शीट देख रहा था।
जानकारी दिलचस्प है। टेस्ला 12 अरब डॉलर की कंपनी है।14 अरब डॉलर कंपनी के संचालन से आते हैं। इसी से वह लोन भी चुकाती है और शेयर धारकों ने 31 अरब डॉलर की इक्विटी झोंक रखी है।
अमेज़न पर
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कुल 80 अरब डॉलर का क़र्ज़ है। 45 अरब डॉलर कमाने वाली कंपनी में शेयर धारकों ने 136 अरब डॉलर की इक्विटी लगा रखी है।
अब अदाणी इंटरप्राइजेज पर आएं।सिर्फ़ 5 साल में 1 लाख करोड़ से 2.6 लाख करोड़ के लोन तक पहुंचने वाले अदाणी सेठ के क़र्ज़ चुकाने की मियाद लंबी है। लोन का सिर्फ़ 26% ही
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बचपन में हमने अपने माँ के संदूक में एक ऐसी ख़ाकी हाफ़ पैंट देखी थी जो कभी हमारे पिताजी की यूनफ़ॉर्म का हिस्सा रही थी.
1857 में भारतीयों को आमने सामने लड़ा कर ग़द्दारों की मदद से ब्रिटिश साम्राज्य ने सल्तनत
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ए हिंद पर क़ब्ज़ा किया जिसकी बुनियाद ईस्ट अड़नी कम्पनी(माजरत जनाब इसे इंडिया पढ़े) ने डाली फिर उसी को हटा कर मल्लिका का राज आ गया
और पर पीड़ा में आनंद लेने वाले हिंदुस्तानी इसी बात पर खुश होते रहे कि कम्पनी बहादुर को अच्छी चोट पहुँची है
इंडीयन पुलिस एक्ट बना और पुलिस की वर्दी
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तय हुई जिसमें हिंदुस्तानी जूनियर अफ़सर तक ही तरक़्क़ी कर सकते थे,ज़िले की कमांड कैप्टन स्तर के अंग्रेज के हाथ में रहती थी
कान्स्टेबल से हवलदार(हेड कोंस्टेबल)तक स्कर्ट नुमा ख़ाकी निक्कर पहनता था जिसके नीचे मोटे चमड़े के जूते(परेड शू जैसे ) ख़ाकी मोज़े और पिंडलियों तक एंकल गार्ड
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