At the time of India’s Independence, Hindi was still a language in the making. The geographical reach of Hindi was not bigger than that of Telugu or Bengali. Hindi was not the mother tongue of people in Awadh, Braj, Mithila, Magadh, Bundelkhand, Ahirwal, Nimad, Marwar or Mewar.
In these areas, each language is unique and it is not easy for a Maithil person to understand Bundelkhandi or Brajbhasa.
As Hindi was not standardised in 1947, the government tasked the Central Hindi Directorate to do so.
द्रविड़ आंदोलन के अग्रणी पेरियार की किताब सच्ची रामायण को पहली बार हिंदी में लाने का श्रेय ललई सिंह यादव को जाता है. 1968 में ही ललई सिंह ने ‘द रामायना: ए ट्रू रीडिंग’ का हिन्दी अनुवाद करा कर ‘सच्ची रामायण’ नाम से प्रकाशित कराया. आज उनकी जयंती है. hindi.theprint.in/opinion/why-di…
ललई सिंह यादव ने 1967 में हिंदू धर्म का त्याग करके बौद्ध धर्म अपना लिया था. बौद्ध धर्म अपनाने के बाद उन्होंने अपने नाम से यादव शब्द हटा दिया. यादव शब्द हटाने के पीछे उनकी गहरी जाति विरोधी चेतना काम कर रही थी. वे जाति विहीन समाज के लिए संघर्ष कर रहे थे.
छपते ही सच्ची रामायण ने वह धूम मचाई कि हिन्दू धर्म के तथाकथित रक्षक उसके विरोध में सड़कों पर उतर आए. तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने दबाव में आकर 8 दिसम्बर 1969 को धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में किताब को जब्त कर लिया. मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में गया.
1. The story of #NDTV ownership involves media mogul Rupert Murdoch, the infamous Indiabulls, fugitive liquor baron Vijay Mallya, Mukesh Ambani, and now Gautam Adani who bought it from him.
A thread.
2. NDTV’s ownership changed hands many times over the years but @ndtv has always sat pretty in corporate Godi (lap). The story goes like this:
3. In the late 1980s and early 1990s, when Doordarshan started commissioning news/current affairs shows to private companies, Prannoy Roy and Radhika Roy took the opportunity and started making current affairs programs for it using DD’s resources.
एनडीटीवी की बर्बादी और लोन में डूबने की कहानी मीडिया शहंशाह रुपर्ट मर्डोक, बदनाम इंडियाबुल्स और भगोड़े विजय माल्या से जुड़ी है। @ndtv हमेशा कॉरपोरेट गोदी में बैठता रहा। अब अंबानी की गोदी से उतारकर अडानी उसे ख़रीद रहे हैं। पूरी कहानी कुछ यूँ है:
ये कहानी 1980 के दशक के अंत और 1990 में शुरू होती है, जब दूरदर्शन ने प्राइवेट कंपनियों से न्यूज़ शो बनवाने शुरू किए। इस पॉलिसी परिवर्तन के दौर में प्रणय रॉय और राधिका रॉय दूरदर्शन के लिए करेंट अफ़ेयर के प्रोग्राम बनाने लगे।
प्राइवेट न्यूज़ चैनलों को डाउनलिंकिंग की छूट मिली तो ज़ी न्यूज़ के पीछे एनडीटीवी भी न्यूज़ चैनल लेकर आ गया। लेकिन इसमें पैसा प्रणय राय ने नहीं, दुनिया के सबसे बड़े मीडिया शाहंशाह रूपर्ट मर्डोक ने लगाया। मर्डोक का पैसा और एनडीटीवी का कंटेंट।
A thread. Kalaignar #Karunanidhi succeeded where north Indian leaders of social justice failed. I looked at the different itineraries of the social justice movements and tried to investigate how the @RSSorg won the north but failed in Tamilnadu. #ForeverKalaignar … (continue)
The movement led by the troika of Periyar-Annadurai-Karunanidhi in Tamil Nadu has emerged as the most successful model of social justice and economic transformation in India…
I would like to argue that the success of this model was made possible due to the efforts of one of the greatest sons of Tamil Nadu, Dr. M. Karunanidhi.