लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये॥
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्‌।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥ +
#विजयादशमी2022 की हार्दिक बधाइयां
कूजन्तं राम रामेति मधुरं मधुराक्षरम्‌ ।
आरुह्य कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलम्‌॥
आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्‌।
लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्‌॥
भर्जनं भवबीजानामर्जनं सुखसम्पदाम्‌ ।
तर्जनं यमदूतानां राम रामेति गर्जनम्‌ ॥+
#जय_श्रीराम
रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रामेशं भजे
रामेणाभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः।
रामान्नास्ति परायणं परतरं रामस्य दासोऽस्म्यहं
रामे चित्तलयः सदा भवतु मे भो राम मामुद्धर॥
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ॥

#happydussehra2022
हे कृपा कन्द!हे मोक्ष दाता मुकुन्द!हे शरणागत को सुख देने वाले प्रभो जिस प्रकार आपने पतितों के पापों का विनाश कर उनको अपनी शरण में लिया है उसी प्रकार मेरे अन्दर की बुराइयों को दूर कर प्रभु अपनी शरण में ले लीजिये। 🙏🙏🙏🙏
अधर्म पर धर्म की,
बुराई पर अच्छाई की,
अन्याय पर न्याय की,
असत्य पर सत्य की,
मोह पर त्याग की,
लोभ पर अर्थ की,
वासना पर काम की विजय की सभी को हार्दिक बधाइयां 🙏🙏🙏
आज के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना तो शुभ है ही साथ ही पीत वस्त्र पहनकर शमी के वृक्ष की पूजा करना भी बहुत शुभ है और शमी के वृक्ष से प्रार्थना करनी चाहिये कि जिस प्रकार आपने अर्जुन की रक्षा की थी उसी प्रकार मेरी रक्षा करिये।
#दशहरा2022 की हार्दिक शुभकामनायें।

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Oct 5
Brief knowledge about RSS,,

RSS जिसे आम बोलचाल की भाषा में संघ कहा जाता है, इसकी स्थापना विजयादशमी के दिन हुई थी। 27 सितम्बर 1925 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना इनके संस्थापक डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी।
#RSS_स्थापना_दिवस
#RSSVijayadashami2022
आरएसएस की स्थापना (rss ki sthapna) बिलकुल ही अलग तरीके से हुई थी। डॉक्टर जी ने अपने घर 15-20 चुनिंदा लोगों को बुलाया और उनसे कहा कि आज से हम संघ शुरू कर रहे है और संघ शुरू हो गया। संघ शुरू करने का केवल एक ही मकसद था कि ब्रिटिशराज भारत में हिंदुओं को संगठित करना।
शुरुआत में संघ के सदस्यों को सभासद कहा जाता था और सारे सभासदों से इतनी उम्मीद रखी जाती थी कि वे पर्याप्त मात्रा में व्यायाम करें और सप्ताह में एक बार सभी सभासद इकट्ठा हो।
Read 28 tweets
Sep 19
Property..
1- Indian Army - 18 lakh Acre
2- Indian Railway - 12 Lakh Acre
3- Waqf board - 8 lakh Acre

And you will be surprised In 2009 waqf board has 4 lakh acre land
that means in just 13 year they have doubled their property.

How?
वक्फ बोर्ड की शुरूआत 1947 में नेहरू लियाकत समझौते से हुयी..
जहां ये तय किया गया कि जो जमीन मुसलमान अपनी भारत छोड़कर पाकिस्तान जायेंगे वो सारी सम्पत्ति वक्फ बोर्ड की होगी।
दूसरे मायनो में बंटवारा तो हुआ लेकिन मुसलमान उसी तरह भारत की जमीन पर अपना हक जताते रहे जैसा वो पूर्व में किये
1954 में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ जहां एक ओर पाकिस्तान ने तो नेहरू लियाकत समझौते को लतिया दिया लेकिन भारत उस पर मेमने की भांति अडिग रहा पता नहीं क्या डर था भारत को।
खैर 1995 में नरसिम्हा राव आये और बाहें खोलकर वक्फ को सब लुटा दिया।
Read 11 tweets
Sep 18
Project Tiger,
You started modi ji completed
Project lion
You started modi ji completed
Project leopard
You started modi ji completed
Sardar sarovar dam
You started modi ji completed after 60 year
GST
You thought modi ji brought
Aadhar
You thought modi ji brought
Rafale
You thought modi ji brought

Bulletproof jackets for soldiers
You thought modi ji brought

National War memorial
You not even thought modi ji brought

DBT
You thought modi ji brought

When you can not complete anywork why should people hire you?
Railway electrification

You thought modi ji brought

Infra development
You thought modi ji showed actually.

@Pawankhera @Jairam_Ramesh

People know @INCIndia
can only think and @narendramodi Ji can deliver and the one who can deliver he only should be prime Minister of India
Read 4 tweets
Sep 16
संयोग ही है कि आज ही महान शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा जी की जयन्ती है और आज ही @narendramodi जी का जन्मोत्सव यूं कहें तो आधुनिक भारत के शिल्पकार का जन्मदिवस।
माननीय प्रधानमन्त्री जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाइयां।
मोदी जी आप अमर तो हो ही गये हैं अपने कार्यों से बस आपसे इतनी विनती है कि अपने ही जैसे विचारों और कार्यों के नेता हर राज्य में दे दीजिये ताकि हर राज्य आपस में प्रतिस्पर्धा कर समग्र रूप से भारत को नवीन ऊंचाइयों तक ले जाये।
#HappyBirthdayModiji
तीन तरीके के मनुष्य धरा पर होते हैं,
पहले जो कार्य प्रारम्भ ही न करते
दूसरे जो कार्य प्रारम्भ कर बीच में छोड़ देते
तीसरे वो जो कार्य सम्पन्न करके ही दम लेते।
और @narendramodi जी की खासियत ये है कि वो कार्य सम्पन्न करके ही दम लेते यही खासियत उनको विशिष्ट बनाती है।
जैसे --
Read 9 tweets
Aug 4
क्या आप जानते हैं ऐसे योद्धा को
जो मात्र 50 सैनिक लेकर अंग्रेजों की छावनी पर टूट पड़े थे?
और कमाल की बात ये है कि इस युद्ध में न केवल योद्धा लड़े बल्कि उस योद्धा का वफादार कुत्ता भी युद्ध लड़ा था साथ ही उनका वफादार घोड़ा जिसने जीते जी अपने मालिक की देह अंग्रेजों के हाथ न लगने दी। Image
उस महान योद्धा का नाम था "चैन सिंह" और उस महान कुत्ते का नाम था "शेरू"
ये बात 1824 की है और जगह का नाम है नरसिंहगढ,सीहोर मध्य प्रदेश की।
इस महान योद्धा ने मात्र 24 वर्ष की उम्र में वीरगति को प्राप्त किया था।
1824 का स्वतन्त्रता संग्राम भी उसी तरह भारत में व्यापक रूप में फैला था जैसा 1857 का फैला था हालांकि उसको पृष्ठों पर वीर सावरकर की तरह कोई उकेरने वाला न मिल सका जो वाकई में लोगों को बता सके कि ये भी कभी हुआ था।
Read 11 tweets
Aug 3
"आजादी के लिये संघर्ष" पहला संघर्ष कब हुआ तो वामी किताबों की मानें तो गान्धी का दांडी मार्च
और थोड़ा व्यापकता की ओर बढें तो 1857 का प्रथम स्वाधीनता संग्राम और थोड़ा अन्दर की ओर जायें तो 1855 का संथालों की हूल क्रान्ति और आगे बढें तो रानी वेल्लू नाचियार का 1772 में गोरों का दमन..
खैर मेरा मानना है कि भारत ने आजादी के लिये प्रथम संघर्ष चाणक्य के निर्देशन में चन्द्रगुप्त के नेतृत्व में प्रारम्भ किया था क्योंकि कोई भी विदेशी आकर भारत पर राज्य किया और उसके खिलाफ जो भी संघर्ष चला वो सब आजादी के लिये संघर्ष ही कहलायेगा।
वामी इतिहासकारों की खूबसूरती ये है कि वो बहुत अच्छे ढंग से मुगलों के खिलाफ भारतीय संघर्ष को आजादी का संघर्ष बताते ही नहीं वहीं कभी मुरब्बे को मुगलों की देन तो कभी लहसुन को मुगलों की देन बता देते वो बात अलग है कि मुगल जिस जगह को अपना आदर्श मानते थे वहां तम्बू के सिवाय कुछ न था।
Read 9 tweets

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