👉🏾ईराक की एक पुस्तक है जिसे ईराकी सरकार ने खुद छपवाया था। इस किताब में 622 ई से पहले के अरब जगत का जिक्र है।
आपको बता दें कि ईस्लाम धर्म की स्थापना इसी साल हुई थी। किताब में बताया गया है कि मक्का में पहले शिवजी का एक विशाल मंदिर था जिसके अंदर एक शिवलिंग थी जो आज भी मक्का के 👇🏾
काबा में एक काले पत्थर के रूप में मौजूद है। पुस्तक में लिखा है कि मंदिर में पाठ और भजन हुआ करता था।
प्राचीन अरबी काव्य संग्रह गंथ ‘सेअरूल-ओकुल’ के 257वें पृष्ठ पर हजरत मोहम्मद से 2300 वर्ष पूर्व एवं ईसा मसीह से 1800 वर्ष पूर्व पैदा हुए लबी-बिन-ए-अरव्तब-बिन-ए-तुरफा ने अपनी👇🏾👇🏾
सुप्रसिद्ध कविता में भारत भूमि एवं वेदों को जो सम्मान दिया है, वह इस प्रकार है-
“अया मुबारेकल अरज मुशैये नोंहा मिनार हिंदे।
व अरादकल्लाह मज्जोनज्जे जिकरतुन।1।
वह लवज्जलीयतुन ऐनाने सहबी अरवे अतुन जिकरा।
वहाजेही योनज्जेलुर्ररसूल मिनल हिंदतुन।2।
यकूलूनल्लाहः या अहलल अरज आलमीन 👇🏾👇🏾
फुल्लहुम।
फत्तेबेऊ जिकरतुल वेद हुक्कुन मालन योनज्वेलतुन।3
वहोबा आलमुस्साम वल यजुरमिनल्लाहे तनजीलन।
फऐ नोमा या अरवीयो मुत्तवअन योवसीरीयोनजातुन।4
जइसनैन हुमारिक अतर नासेहीन का-अ-खुबातुन।
व असनात अलाऊढ़न व होवा मश-ए-रतुन।5
अर्थात- (1) हे भारत की पुण्य भूमि (मिनार हिंद) तू धन्य है👇🏾
क्योंकि ईश्वर ने अपने ज्ञान के लिए तुझको चुना। (2) वह ईश्वर का ज्ञान प्रकाश, जो चार प्रकाश स्तम्भों के सदृश्य सम्पूर्ण जगत् को प्रकाशित करता है, यह भारतवर्ष (हिंद तुन) में ऋषियों द्वारा चार रूप में प्रकट हुआ। (3) और परमात्मा समस्त संसार के मनुष्यों को आज्ञा देता है कि वेद, 👇🏾👇🏾
जो मेरे ज्ञान है, इनकेअनुसार आचरण करो। (4) वह ज्ञान के भण्डार साम और यजुर है, जो ईश्वर ने प्रदान किये। इसलिए, हे मेरे भाइयों! इनको मानो, क्योंकि ये हमें मोक्ष का मार्ग बताते है। (5) और दो उनमें से रिक्, अतर (ऋग्वेद, अथर्ववेद) जो हमें भ्रातृत्व की शिक्षा देते है, और जो इनकी शरण 👇🏾
में आ गया, वह कभी अन्धकार को प्राप्त नहीं होता।
इस्लाम मजहब के प्रवर्तक मोहम्मद स्वयं भी वैदिक परिवार में हिन्दू के रूप में जन्में थे, और जब उन्होंने अपने हिन्दू परिवार की परम्परा और वंश से संबंध तोड़ने और स्वयं को पैगम्बर घोषित करना निश्चित किया, तब संयुक्त हिन्दू परिवार 👇🏾👇🏾
छिन्न-भिन्न हो गया और काबा में स्थित महाकाय शिवलिंग (संगे अस्वद) रक्षार्थ हुए युद्ध में पैगम्बर मोहम्मद के चाचा उमर-बिन-ए-हश्शाम को भी प्राण गंवाने पड़े।
उमर-बिन-ए-हश्शाम का अरब में एवं केन्द्र काबा (मक्का) में इतना अधिक सम्मान होता था कि सम्पूर्ण अरबी समाज, जो कि भगवान शिव👇🏾👇🏾
के भक्त थे एवं वेदों के उत्सुक गायक तथा हिन्दू देवी-देवताओं के अनन्य उपासक थे, उन्हें अबुल हाकम अर्थात ‘ज्ञान का पिता’ कहते थे। बाद में मोहम्मद के नये सम्प्रदाय ने उन्हें ईर्ष्यावश अबुलजिहाल ‘अज्ञान का पिता’ कहकर उनकी निन्दा की।
जब मोहम्मद ने मक्का पर आक्रमण किया, उस समय वहाँ 👇🏾
बृहस्पति, मंगल, अश्विनीकुमार, गरूड़, नृसिंह की मूर्तियाँ प्रतिष्ठित थी। साथ ही एक मूर्ति वहाँ विश्वविजेता महाराजा बलि की भी थी, और दानी होने की प्रसिद्धि से उसका एक हाथ सोने का बना था।
‘Holul’ के नाम से अभिहित यह मूर्ति वहां इब्राहम और इस्माइल की मूर्त्तियों के बराबर रखी थी। 👇🏾
मोहम्मद ने उन सब मूर्त्तियों को तोड़कर वहां बने कुएं में फेंक दिया, किन्तु तोड़े गये शिवलिंग का एक टुकडा आज भी काबा में सम्मानपूर्वक न केवल प्रतिष्ठित है, वरन् हज करने जाने वाले मुसलमान उस काले (अश्वेत) प्रस्तर खण्ड अर्थात ‘संगे अस्वद’ को आदर मान देते हुए चूमते है। @_Sambapu_ 👇🏾
प्राचीन अरबों ने सिन्ध को सिन्ध ही कहा तथा भारतवर्ष के अन्य प्रदेशों को हिन्द निश्चित किया। सिन्ध से हिन्द होने की बात बहुत ही अवैज्ञानिक है।
इस्लाम मत के प्रवर्तक मोहम्मद के पैदा होने से 2300 वर्ष पूर्व यानि लगभग 1800 ईश्वी पूर्व भी अरब में हिंद एवं हिंदू शब्द का व्यवहार 👇🏾👇🏾
ज्यों कात्यों आज ही के अर्थ में प्रयुक्त होता था।
अरब की प्राचीन समृद्ध संस्कृति वैदिक थी तथा उस समय ज्ञान-विज्ञान, कला-कौशल, धर्म-संस्कृति आदि में भारत (हिंद) के साथ उसके प्रगाढ़ संबंध थे। हिंद नाम अरबों को इतना प्यारा लगा कि उन्होंने उस देश के नाम पर अपनी स्त्रियों एवं 👇🏾👇🏾
बच्चों के नाम भी हिंद पर रखे।
अरबी काव्य संग्रह ग्रंथ ‘ से अरूल-ओकुल’ के 253वें पृष्ठ पर हजरत मोहम्मद के चाचा उमर-बिन-ए-हश्शाम की कविता है जिसमें उन्होंने हिन्दे यौमन एवं गबुल हिन्दू का प्रयोग बड़े आदर से किया है। ‘उमर-बिन-ए-हश्शाम’ की कविता नई दिल्ली स्थित मन्दिर मार्ग पर 👇🏾👇🏾
श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर (बिड़लामन्दिर) की वाटिका में यज्ञशाला के लाल पत्थर के स्तम्भ (खम्बे) पर कालीस्याही से लिखी हुई है, जो इस प्रकार है -
”कफविनक जिकरा मिन उलुमिन तब असेक ।
कलुवन अमातातुल हवा व तजक्करू ।1।
न तज खेरोहा उड़न एललवदए लिलवरा ।
वलुकएने जातल्लाहे औम असेरू ।2।👇🏾👇🏾
व अहालोलहा अजहू अरानीमन महादेव ओ ।
मनोजेल इलमुद्दीन मीनहुम व सयत्तरू ।3।
व सहबी वे याम फीम कामिल हिन्दे यौमन ।
व यकुलून न लातहजन फइन्नक तवज्जरू ।4।
मअस्सयरे अरव्लाकन हसनन कुल्लहूम ।
नजुमुन अजा अत सुम्मा गबुल हिन्दू ।5।
अर्थात् – (1) वह मनुष्य, जिसने सारा जीवन पाप व अधर्म में 👇🏾
बिताया हो, काम, क्रोध में अपने यौवन को नष्ट किया हो। (2) यदि अन्त में उसको पश्चाताप हो, और भलाई की ओर लौटना चाहे, तो क्या उसका कल्याण हो सकता है ? (3) एक बार भी सच्चे हृदय से वह महादेव जी की पूजा करे, तो धर्म-मार्ग में उच्च से उच्चपद को पा सकता है। (4) हे प्रभु ! मेरा समस्त 👇🏾
जीवन लेकर केवल एक दिन भारत (हिंद) के निवास का दे दो, क्योंकि वहां पहुंचकर मनुष्य जीवन-मुक्त हो जाता है। (5) वहां की यात्रा से सारे शुभ कर्मो की प्राप्ति होती है, और आदर्शगुरूजनों (गबुल हिन्दू) का सत्संग मिलता है। #सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है 🌹🙏 @Geetaverma07 @BHariharanatha
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👉🏾क्या आपने पश्चिमी प्रतिभाओं द्वारा इन पंक्तियों को पढ़ा है.??
1. माइकल नास्त्रेदमस (1503-1566) हिंदू धर्म यूरोप का शासक धर्म बन जाएगा। यूरोप का प्रसिद्ध महानगर हिंदू राजधानी होगा.
2. जोहान कीथ (1749-1832) यदि आज नहीं, तो एक दिन हमें हिंदू धर्म स्वीकार करना होगा। क्योंकि👇🏾👇🏾
यही एक सच्चा धर्म है" ।
3. लियो टॉल्स्टॉय (1828-1910) "हिंदू धर्म और हिंदू एक दिन इस दुनिया पर शासन करेंगे क्योंकि यह ज्ञान और ज्ञान का मिश्रण है।
4. ह्यूस्टन स्मिथ (1919)
हिंदुत्व को अपने आप में जितना भरोसा है उससे ज्यादा भरोसा नहीं है।
"अगर हम अपने विचारों और दिलों को 👇🏾
हिंदुत्व की ओर मोड़ सकते हैं, तो इससे हमें फायदा होगा।
5. कोस्टा लोबान (1841-1931) हिंदू केवल शांति और सुलह के बारे में बात करते हैं। मैं ईसाइयों को प्रशंसा करने, बदलने और इसमें विश्वास करने के लिए आमंत्रित करता हूं।
6. हर्बर्ट वेल्स (1846-1946) हिंदू धर्म को अच्छी तरह से 👇🏾👇🏾
👉🏾षड्यंत्र समझो.. 4 मित्र थे.. Fake ID में नाम हिन्दुओं के -
1 सोहराब - सुनील यादव
2 सरफराज - अमित मिश्रा
3 हामिद - नागेंद्र पासवान
4 अहमद - सुरेन्द्र सिंह
अब सुनील यादव (सोहराब) पोस्ट डालता हैं कि- "धर्म के नाम पर ब्राह्मणों ने हमेशा हमारा शोषण किया है @Geetaverma07👇🏾
कोई देवी देवता नहीं होता हिन्दू धर्म सिर्फ ब्राह्मणों का बकवास है ये सब बीजेपी और RSS वाला है।"
अब शुरू होता है इस नाटक के बाकि तीनो किरदारों का तमाशा देखिए कमेंट में।..
Comment
सुरेंद्र सिंह उर्फ (अहमद)-
"ऐ सुनील यादव खबरदार जो हिन्दू धर्म के बारे में कुछ बोला @sunil_k2 👇🏾👇🏾
तुम यादव लोग हिन्दू नहीं हो सकते #$% 2-4 गाली लिख देता है।"
फिर बारी आती है तीसरे नौटंकी बाज की-
नागेंद्र पासवान उर्फ (हामिद)
नमो बुद्धाय जय भीम।
"अरे भाईलोगों गाली गलौज क्यों कर रहे सच्चाई तो कड़वी होती ही है तुम लोग हम दलितों को मंदिर में घुसने नहीं देते हो @BHariharanatha👇🏾
👉🏾अमेरिकन प्रोफेसर : "सनातन" हिन्दू धर्म से बड़ा कोई धर्म नही, हिंदुत्व से बेहतर और कुछ नही.. कुछ भी नहीं..
🚩अमेरिका नॉर्थ कैरोलिना स्थित ऐलोन यूनिवर्सिटी में धार्मिक इतिहास विभाग के सीनियर प्रोफेसर ब्राइन के.पेनिंग्टन भारत आये और हिंदुत्व पर गहन खोज कर रहे हैं। @Geetaverma07 👇🏾
🚩प्रोफेसर ब्राइन ने कहा कि बीते ढाई दशक में मैंने हिंदुत्व को जितना पढ़ा और समझा, उसका सार यही है कि जीवन को संचालित करने की हिंदुत्व से बेहतर कोई और व्यवस्था नहीं। दुनिया के किसी भी धर्म का उद्भव व उद्देश्य मानव सभ्यता के विकास क्रम में और मानवीय जीवनशैली को बेहतर @Amrit0026👇🏾
बनाने पर केंद्रित रहा है।
🚩भारत के सर्वोच्च न्यायालय के उस मत से मैं पूरी तरह सहमत हूं, जिसमें हिंदुत्व को ‘वे ऑफ लाइफ’ (जीवन पद्धति) माना गया है। मेरे जीवन में भी हिंदुत्व का बड़ा महत्व है और यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं हिंदुत्व पर शोध कर रहा हूं…। @NandiniDurgesh5 👇🏾
👉🏾 #कटेट्शरों#पिस्लाम#थुकलचियों भोकाल एक ढपोलशंख ही है...!
इनका मानना है कि.. पूरी दुनिया मे इनके 56-57 देश हैं और पूरी दुनिया इनसे डरती है...!
कौन से 56-57 देश हैं बे ??
इजिप्ट, सोमालिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और अफगानिस्तान टाइप के भूखे नंगे 56 देश ??
ये सच्चाई @Geetaverma07 👇🏾
जानकर आपकी हँसी नहीं रुकेगी कि... इनके उन 56 देशों मे ये पिद्दी #पिग्गिस्तान सबसे अधिक #पावरफुल देश है..😃
इसी से आप समझ सकते है कि.. जब उनके सबसे शक्तिशाली देश की ऐसी हालत है कि #कटोरा लेकर भीख मांगता रहता है तो बाकियों की स्थिति क्या होगी..?? #अरब-फरब #पेट्रोल बेचकर @rs414317👇🏾
थोड़ा बहुत कमा खा रहे हैं लेकिन जिस रफ्तार से #EV गाड़ियों का चलन बढ़ रहा है आने वाले 20 साल में वो अरब भी #कटोरा लेकर #पिग्गिस्तान के पीछे उसी तरंह लाइन मे खड़े होकर #भीख मांगते हुए नजर आएँगे जैसे 1955 तक पुरे विश्व से इन #कटेट्सरों के लिए #भीख इकठ्ठा करके इनको दिया जाता था.😃👇🏾
👉🏾ये पोस्ट खासकर उन हिन्दू भाइयो के लिए है जो नही जानते कि गोधरा कांड क्या है.??
27 फरवरी 2002 साबरमती ट्रेन के S6 बोगी को गोधरा स्टेशन से 862 मीटर की दूरी पर अशान्ति लोगो द्वारा जला दिया गया था..
जिसमे 90 मासूम, निहत्थे, निर्दोष रामभक्तो की दर्दनाक मौत हो गयी.. @Geetaverma07 👇🏾
उसमे पुरुष, महिलाये, तथा 20 बच्चे भी थे।
उनका "अपराध" केवल इतना था ........कि वे "हिन्दू "थे
और श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या से तीर्थयात्रा करके लौट रहे थे।
स्थानीय कांग्रेसी निगम पार्षद हाजी बिलाल भीड़ को ट्रेन के इंजन को जलाने का आदेश दे रहा था और पास की मस्जिद से लाउडस्पीकर 👇🏾
पर ये आदेश दिया जा रहा था कि "मारो..काटो.. कोई काफ़िर जिन्दा न बचे"
ल्लो ने दरवाज़े बाहर से बंद किए थे ताकि कोई बाहर न निकले..S6 S7 वैक्यूम पाइप काट दिए थे जिससे ट्रेन आगे ना बढ़ सके..जो लोग जलती ट्रेन से किसी तरह बाहर निकल भी आये तो उन्हें तेज़ हथियारों से काटकर मार डाला गया।👇🏾
👉🏾कुछ यादें बचपन की🌹❤️
कभी नेनुँआ टाटी पे चढ़ के रसोई के दो महीने का इंतज़ाम कर देता था। कभी खपरैल की छत पे चढ़ी लौकी महीना भर निकाल देती थी, कभी बैसाख में दाल और भतुआ से बनाई सूखी कोहड़ौरी, सावन भादो की सब्जी का खर्चा निकाल देती थी!
वो दिन थे, जब सब्जी पे खर्चा @Geetaverma07👇🏾
पता तक नहीं चलता था। देशी टमाटर और मूली जाड़े के सीजन में भौकाल के साथ आते थे,लेकिन खिचड़ी आते-आते उनकी इज्जत घर जमाई जैसी हो जाती थी!
तब जीडीपी का अंकगणितीय करिश्मा नहीं था।
ये सब्जियाँ सर्वसुलभ और हर रसोई का हिस्सा थीं। लोहे की कढ़ाई में, किसी के घर रसेदार सब्जी @_Sambapu_ 👇🏾
पके तो, गाँव के डीह बाबा तक गमक जाती थी। धुंआ एक घर से निकला की नहीं, तो आग के लिए लोग चिपरि लेके दौड़ पड़ते थे संझा को रेडियो पे चौपाल और आकाशवाणी के सुलझे हुए समाचारों से दिन विदा लेता था!
रातें बड़ी होती थीं, दुआर पे कोई पुरनिया बब्बा, बड़का बाऊ, रामायण के दोहा चौपाई छेड़ 👇🏾