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Oct 16 13 tweets 7 min read
#आपके_यश व सफलता के लिए नीचे लिखी आदतें आपके जीवन में अवश्य होनी चाहिये 🚩

👉 #आदत_नम्बर 1...
अगर आपको कहीं पर भी *थूकने की आदत* है तो यह निश्चित है कि यदि आपको यश, सम्मान मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं.

👉 #आदत_नम्बर 2...
जिन लोगों को अपनी
#Thread
*जूठी थाली या बर्तन* खाना खाने वाली जगह पर छोड़कर उठ जाने की आदत होती है *उनकी सफलता,* कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती. ऐसे लोगों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है.

👉 #आदत_नम्बर 3...
आपके घर पर जब भी कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी ज़रुर
पिलाएं. ऐसा करने से हम राहु का सम्मान करते हैं जो अचानक आ पड़ने वाले कष्ट-संकट नहीं आने देते.

👉 #आदत_नम्बर 4...
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है. *जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं,* उन लोगों
को Depression या Anxiety जैसी परेशानियाँ नहीं पकड़ पातीं.

👉 #आदत_नम्बर 5...
जो लोग बाहर से आकर घर में अपने चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं. इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी.
👉 #आदत_नम्बर 6...
उन लोगों का राहु और शनि खराब होगा, जिनका अपना बिस्तर उनके उठकर जाने के बाद हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ? ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती.

👉 #आदत_नम्बर 7...
पैरों की सफाई पर हम लोगों
को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए, जबकि हम में से बहुत सारे लोग पैरों को धोना या साफ करना भूल जाते हैं. नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, जब कभी भी बाहर से घर आयें तो पांच मिनट रुककर मुँह और पैर अवश्य धोयें. आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की
शक्ति बढे़गी और क्रोध धीरे-धीरे कम होने लगेगा और आपका आनंद और शान्ति बढ़ेगी.

👉 #आदत_नम्बर 8...
जो पुरुष रोज़ खाली हाथ अपने घर लौटते हैं, धीरे-धीरे उस घर से धन लक्ष्मी दूर चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं. इसके विपरीत घर लौटते समय
कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो इस आदत से उस घर में बरकत बनी रहती है. उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है. हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है. ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है.
👉 #आदत_नम्बर 9...
थाली में जूठन बिल्कुल न छोड़ें और ऐसी आदत अपनाने के लिए आज ही ठान लें और एकदम पक्का तय कर लें. इस आदत से आपको पैसों की कभी कमी नहीं होगी अन्यथा सभी नौ के नौ ग्रहों के खराब होने का खतरा सदैव मंडराता रहेगा. कभी कुछ तो कभी कुछ करने योग्य फायदे वाले काम अधूरे
पड़े रह जायेंगे और आपका समय व पैसा कहां जायेगा, आपको पता ही नहीं चलेगा.

#नोट :- यदि निम्न मंत्र को पढ़ते हुए घर में जल या गंगाजल के छीटें मारे जाएं तो घर में सुख शांति बनी रहती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है l

#मंत्र-
द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः पृथिवी
शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः।
वनस्पतयः शान्तिर् विश्वे देवाः शान्तिर् ब्रह्म शान्तिः सर्वं शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः सा मा शान्तिरेधि॥१८॥ –यजुर्वेद ३६.१७

#हिन्दी_में_अर्थ :- सूर्य आदि लोक सुखदायक हों। मध्यलोक सुखदायक हों। भू-लोक सुखदायक हो। औषधियां सुखदायक हों।वृक्ष
सुखदायक हों। दिव्य पदार्थ सुखदायक हों। ईश्वर वेद-विद्या वह जितेन्द्रियता सुखदायक हों। सब-कुछ सुखदायक हो। शान्ति भी सच्ची शान्ति हो।ऐसी शान्ति मुझको प्राप्त हो॥१८॥
मेरा मानना है कि अच्छी बातें बाँटने से किसी न किसी का फायदा तो होता ही है , मेरे अन्य लेख आप मेरी आई डी में पढ सकते हैं l

राम राम जी l

#सनातन_संस्कृति 🚩

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More from @Am_du1

Oct 17
#दीपावली_स्पेशल 🚩🚩
दीपावली में हर व्यक्ति चाहता है की लक्ष्मी उस पर मेहरबान हो लक्ष्मी देवी को प्रसन्न करने और दीवाली पर धन पाने के कुछ उपाय आप सभी के लिए।*

🌻1- दीपावली पूजन में 11 कोड़ियां, 21 कमलगट्टा, 25 ग्राम पीली सरसों लक्ष्मीजी को चढ़ाएं
#Thread Image
(एक प्लेट में रखकर अर्पण करें)। अगले दिन तीनों चीजें लाल या पीले कपड़े में बांधकर तिजौरी में या जहां पैसा रखते हों वहां, रख दें।

🌻2- दीपावली के दिन अशोक वृक्ष की जड़ का पूजन करने से घर में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।

🌻3- दीपावली के दिन पानी का नया घड़ा लाकर पानी भरकर रसोई
में कपड़े से ढंककर रखने से घर में बरक्कत और खुशहाली बनी रहती है।

🌻4- धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है।

🌻5- नरक चतुर्दशी छोटी दीपावली को प्रात:काल अगर हाथी मिल जाए तो उसे गन्ना या
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Oct 15
हमारे सनातनी विज्ञानी मनीषियों ने जीवन के हर क्षेत्र में उपयोग होने वाले वस्तुओं का निर्माण किया।

वो लघु हो या विशालकाय कोई अंतर नहीं किया गया और सब निर्माण उत्कृष्ट ही रहा।

वह शल्यक्रिया से सम्बंधित यंत्र हो या तकनीकी, विज्ञान, भौतिकी, मन्दिर, भवन,
#Thread
राजप्रासाद, अस्त्र शस्त्र, यातायात साधन विमान कृषि यंत्र या कुछ और.. सभी प्रकार के उपयोगी निर्माण किया गया।

तो वे क्या "कटलरी" चम्मच/कांटा/छूरी का निर्माण कार्य भूल गए थे जो उन्होंने नहीं बनाया।

और आज हमें आधुनिकता में इन वस्तुओं का उपयोग आत्मिक संतुष्टि देता है कि हम भी
पाश्चात्य संस्कृति के फॉलोवर्स हैं। कि हम भी स्टैंडर्ड मेंटेन करते हैं।

#आईए_जानते_हैं :-
इस सृष्टि में सभी वस्तुओं की रचना पञ्च महाभूतों से ही हुआ है
आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी।
हमारी काया का निर्माण भी इन्हीं पञ्च महाभूतों से हुआ है।
हमारे देह में पाँच कोश हैं :-
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Oct 14
#चरण_पादुका - #जहाँ_बैकुंठ_से_नारायण_ने_अपने_चरण #_इस_धरती_पर_रखे 🚩🚩

समुद्र तल से 3,380 फीट की ऊंचाई पर स्थित, चरणपादुका शिलाखंड एक आध्यात्मिक स्थल माना जाता है

ऐसा माना जाता है कि इस शिलाखंड में भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं, जो उस समय उकेरे गए थे
#Thread
जब उन्होंने वैकुंठ (स्वामी का स्वर्ग का निवास) से नीचे अपने दिव्य पैरों को पृथ्वी पर रखा था

एक और कहानी यह बताती है कि भगवान कृष्ण ने अपने मंत्री उद्धव को अपनी चप्पल या चरणपादुका के साथ बद्रीनाथ की यात्रा करने का सुझाव दिया था और इसी तरह उनका पदचिह्न शिलाखंड में ढाला गया था
#इस घटना का भागवत पुराण में भी उल्लेख मिलता है

शिलाखंड बद्रीनाथ मंदिर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है

एक खड़ी चढ़ाई आपको रंगीन फूलों से भरे सुंदर घास के मैदान से घिरे स्थान पर ले जाएगी

इस 3 किलोमीटर की यात्रा के बीच एक छोटा हनुमान मंदिर और गुप्त गंगा मंदिर पड़ता है
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Oct 13
#मकान_की_नींव_में_सर्प_और_कलश_क्यों_गाड़ा_जाता_है ?

श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन नीचे वितल, उससे दस हजार योजन नीचे सतल,
#Thread Image
इसी क्रम से सब लोक स्थित हैं। अतल, वितल, सतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल ये सातों लोक पाताल स्वर्ग कहलाते हैं।
इनमें भी काम, भोग, ऐश्वर्य, आनन्द, विभूति ये वर्तमान हैं। दैत्य, दानव, नाग ये सब वहां आनन्द पूर्वक भोग-विलास करते हुए रहते हैं। इन सब पातालों में अनेक पुरियां प्रकाशमान
रहती हैं। इनमें देवलोक की शोभा से भी अधिक बाटिका और उपवन हैं। इन पातालों में सूर्य आदि ग्रहों के न होने से दिन-रात्रि का विभाग नहीं है। इस कारण काल का भय नहीं रहता है। यहां बड़े-बड़े नागों के सिर की मणियां अंधकार दूर करती रहती हैं। पाताल में ही नाग लोक के पति वासुकीआदि नाग रहते
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Oct 4
#एक_मिनट_का_टाइम_निकालकर_जरूर_पढ़ें

मैं आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं,
तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर सकूं।

जब एक टेलीफोन साक्षात्कार में भारतीय
अरबपति रतनजी टाटा से रेडियो प्रस्तोता ने पूछा:
#Thread
"सर आपको क्या याद है कि आपको जीवन में सबसे अधिक खुशी कब मिली"?

रतनजी टाटा ने कहा:
मैं जीवन में खुशी के चार चरणों से गुजरा हूं, और आखिरकार मुझे सच्चे सुख का अर्थ समझ में आया।
पहला चरण धन और साधन संचय करना था।
लेकिन इस स्तर पर मुझे वह सुख नहीं मिला जो मैं चाहता था।
फिर क़ीमती सामान और वस्तुओं को इकट्ठा करने का दूसरा चरण आया।
लेकिन मैंने महसूस किया कि इस चीज का असर भी अस्थायी होता है और कीमती चीजों की चमक ज्यादा देर तक नहीं रहती।
फिर आया बड़ा प्रोजेक्ट मिलने का तीसरा चरण। वह तब था जब भारत और अफ्रीका में डीजल की आपूर्ति का 95% मेरे पास था
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Oct 3
💥 #कन्या_पूजन_से_सभी_तरह_के_वास्तु_दोष, #विघ्न, #भय #और_शत्रुओं_का_नाश_होता_है।🚩🚩

🍁 नवरात्रि में कन्या पूजन में ध्यान रखे कि कन्याओ की उम्र दो वर्ष से कम और दस वर्ष से ज्यादा भी न हो ।

🍁 शास्त्रों के अनुसार दो वर्ष की कन्या को कुमारी कहा गया है ।
कुमारी के पूजन से सभी तरह के दुखों और दरिद्रता का नाश होता है ।
🍁 तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति माना गया है । त्रिमूर्ति के पूजन से धन लाभ होता है ।
🍁 चार वर्ष की कन्या को कल्याणी कहते है । कल्याणी के पूजन से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है
🍁 पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी कहा गया है । माँ के रोहणी स्वरूप की पूजा करने से जातक के घर परिवार से सभी रोग दूर होते है।

🍁 छः वर्ष की कन्या kanya को काली कहते है । माँ के इस स्वरूप की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि, यश और सभी क्षेत्रों में विजय की प्राप्ति होती है ।
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