#दीपावली_स्पेशल 🚩🚩
दीपावली में हर व्यक्ति चाहता है की लक्ष्मी उस पर मेहरबान हो लक्ष्मी देवी को प्रसन्न करने और दीवाली पर धन पाने के कुछ उपाय आप सभी के लिए।*
🌻1- दीपावली पूजन में 11 कोड़ियां, 21 कमलगट्टा, 25 ग्राम पीली सरसों लक्ष्मीजी को चढ़ाएं #Thread
(एक प्लेट में रखकर अर्पण करें)। अगले दिन तीनों चीजें लाल या पीले कपड़े में बांधकर तिजौरी में या जहां पैसा रखते हों वहां, रख दें।
🌻2- दीपावली के दिन अशोक वृक्ष की जड़ का पूजन करने से घर में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
🌻3- दीपावली के दिन पानी का नया घड़ा लाकर पानी भरकर रसोई
में कपड़े से ढंककर रखने से घर में बरक्कत और खुशहाली बनी रहती है।
🌻4- धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है।
🌻5- नरक चतुर्दशी छोटी दीपावली को प्रात:काल अगर हाथी मिल जाए तो उसे गन्ना या
मीठा जरूर खिलाने से अनिष्ठों, जटिल मुसीबतों से मुक्ति मिलती हह्य। अनहोनी से सदेव रक्षा होती है।
🌻6- दीपावली के पूजन के बाद शंख और डमरू बजाने से घर की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मीजी का आगमन बना रहता है ।
🌻7- दीपावली के दिन पति-पत्नी सुबह लक्ष्मी-नारायण विष्णु मंदिर जाएं
और एक साथ लक्ष्मी-नारायणजी को वस्त्र अर्पण करने से कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी। संतान दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की करेगी।
🌻8- दीपावली के दिन इमली के पेड़ की छोटी टहनी लाकर अपनी तिजेरी या धन रखने के स्थान पर रखने से धन में दिनोंदिन वृद्धि होती है।
🌻9- दीपावली के दिन काली
हल्दी को सिंदूर और धूप दीप से पूजन करने के बाद 2 चाँदी के सिक्कों के साथ लाल कपड़े में लपेटकर धन स्थान पर रखने से आर्थिक समस्याएं कभी नहीं रहतीं।
🌻10- दीपावली के अगले दिन गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें पुराने गुड़ की एक डेली और मीठा तेल डालकर दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार
के बीचोंबीच रख दें। इससे घर में सुख-समृद्धि दिनों दिन बढ़ती रहेगी।
🌻11- दीपावली के दिन मुक्तिधाम (श्मशानभूमि) में स्थित शिव मंदिर में जाकर दूध में शहर मिलाकर चढ़ाने से सट्टे और शेयर बाजार से धन अवश्य ही मिलता है।
🌻12- दीपावली के दिन नया झाड़ू खरीदकर लाएं। पूजा से पहले
उससे पूजा स्थान की सफाई कर उसे छुपाकर एक तरफ रख दें। अगले दिन से उसका उपयोग करें, इससे दरिद्रता का नाश होगा और लक्ष्मीजी का आगमन बना रहेगा।
🌻13- दीपावली के दिन एक चाँदी की बाँसुरी राधा-कृष्णजी के मंदिर में चढ़ाने के बाद 43 दिन लगातार भगवान श्रीकृष्णजी के कोई भी मंत्र का जाप
करें। गाय को चारा खिलाएं और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। निश्चय ही भगवान श्रीकृष्णजी की कृपा से आपको संतान प्राप्ति अवश्य ही होगी।
🌻14- दीपावली पर गणेश-लक्ष्मीजी की मूर्ति खरीदते समय यह अवश्य ही देखें कि गणेशजी की सूड़ गणेशजी की दांयी भुजा की ओर जरूर मुड़ी हो। इनकी
पूजा दीपावली में करने से घर में रिद्धि-सिद्धि धनसंपदा में बढ़ोत्तरी, संतान की प्रतिष्ठा दिनोंदिन बढ़ती है।
🌻15- भाईदूज के एक दिन एक मुट्ठी साबुत बासमती चावल बहते हुए पानी में महालक्ष्मीजी का स्मरण करते हुए छोड़ने से धन्य-धान्य में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती है।
🌻16- आंवले के
फल में, गाय के गोबर में, शंख में, कमल में, सफेद वस्त्रों में लक्ष्मीजी का वास होता है इनका हमेशा ही प्रयोग करें। आंवला घर में या गल्ले में अवश्य ही रखें।
🌻17- दीपावली के दिन हनुमान मंदिर में लाल पताका चढ़ाने से घर-परिवार की उन्नति के साथ ख्याति धन संपदा बढ़ाती है।
🌻18- नरक चतुर्दशी की संध्या के समय घर की पश्चिम दिशा में खुले स्थान में या घर के पश्चिम में 14 दीपक पूर्वजों के नाम से जलाएं, इससे पितृ दोषों का नाश होता है तथा पितरों के आशीर्वाद से धन-समृद्धि बढ़ोत्तरी होती है। #जय_माता_लक्ष्मी
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*जूठी थाली या बर्तन* खाना खाने वाली जगह पर छोड़कर उठ जाने की आदत होती है *उनकी सफलता,* कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती. ऐसे लोगों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है.
👉 #आदत_नम्बर 3...
आपके घर पर जब भी कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी ज़रुर
पिलाएं. ऐसा करने से हम राहु का सम्मान करते हैं जो अचानक आ पड़ने वाले कष्ट-संकट नहीं आने देते.
👉 #आदत_नम्बर 4...
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है. *जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं,* उन लोगों
हमारे सनातनी विज्ञानी मनीषियों ने जीवन के हर क्षेत्र में उपयोग होने वाले वस्तुओं का निर्माण किया।
वो लघु हो या विशालकाय कोई अंतर नहीं किया गया और सब निर्माण उत्कृष्ट ही रहा।
वह शल्यक्रिया से सम्बंधित यंत्र हो या तकनीकी, विज्ञान, भौतिकी, मन्दिर, भवन, #Thread
राजप्रासाद, अस्त्र शस्त्र, यातायात साधन विमान कृषि यंत्र या कुछ और.. सभी प्रकार के उपयोगी निर्माण किया गया।
तो वे क्या "कटलरी" चम्मच/कांटा/छूरी का निर्माण कार्य भूल गए थे जो उन्होंने नहीं बनाया।
और आज हमें आधुनिकता में इन वस्तुओं का उपयोग आत्मिक संतुष्टि देता है कि हम भी
पाश्चात्य संस्कृति के फॉलोवर्स हैं। कि हम भी स्टैंडर्ड मेंटेन करते हैं।
#आईए_जानते_हैं :-
इस सृष्टि में सभी वस्तुओं की रचना पञ्च महाभूतों से ही हुआ है
आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी।
हमारी काया का निर्माण भी इन्हीं पञ्च महाभूतों से हुआ है।
हमारे देह में पाँच कोश हैं :-
समुद्र तल से 3,380 फीट की ऊंचाई पर स्थित, चरणपादुका शिलाखंड एक आध्यात्मिक स्थल माना जाता है
ऐसा माना जाता है कि इस शिलाखंड में भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं, जो उस समय उकेरे गए थे #Thread
जब उन्होंने वैकुंठ (स्वामी का स्वर्ग का निवास) से नीचे अपने दिव्य पैरों को पृथ्वी पर रखा था
एक और कहानी यह बताती है कि भगवान कृष्ण ने अपने मंत्री उद्धव को अपनी चप्पल या चरणपादुका के साथ बद्रीनाथ की यात्रा करने का सुझाव दिया था और इसी तरह उनका पदचिह्न शिलाखंड में ढाला गया था
श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन नीचे वितल, उससे दस हजार योजन नीचे सतल, #Thread
इसी क्रम से सब लोक स्थित हैं। अतल, वितल, सतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल ये सातों लोक पाताल स्वर्ग कहलाते हैं।
इनमें भी काम, भोग, ऐश्वर्य, आनन्द, विभूति ये वर्तमान हैं। दैत्य, दानव, नाग ये सब वहां आनन्द पूर्वक भोग-विलास करते हुए रहते हैं। इन सब पातालों में अनेक पुरियां प्रकाशमान
रहती हैं। इनमें देवलोक की शोभा से भी अधिक बाटिका और उपवन हैं। इन पातालों में सूर्य आदि ग्रहों के न होने से दिन-रात्रि का विभाग नहीं है। इस कारण काल का भय नहीं रहता है। यहां बड़े-बड़े नागों के सिर की मणियां अंधकार दूर करती रहती हैं। पाताल में ही नाग लोक के पति वासुकीआदि नाग रहते
मैं आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं,
तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर सकूं।
जब एक टेलीफोन साक्षात्कार में भारतीय
अरबपति रतनजी टाटा से रेडियो प्रस्तोता ने पूछा: #Thread
"सर आपको क्या याद है कि आपको जीवन में सबसे अधिक खुशी कब मिली"?
रतनजी टाटा ने कहा:
मैं जीवन में खुशी के चार चरणों से गुजरा हूं, और आखिरकार मुझे सच्चे सुख का अर्थ समझ में आया।
पहला चरण धन और साधन संचय करना था।
लेकिन इस स्तर पर मुझे वह सुख नहीं मिला जो मैं चाहता था।
फिर क़ीमती सामान और वस्तुओं को इकट्ठा करने का दूसरा चरण आया।
लेकिन मैंने महसूस किया कि इस चीज का असर भी अस्थायी होता है और कीमती चीजों की चमक ज्यादा देर तक नहीं रहती।
फिर आया बड़ा प्रोजेक्ट मिलने का तीसरा चरण। वह तब था जब भारत और अफ्रीका में डीजल की आपूर्ति का 95% मेरे पास था
🍁 नवरात्रि में कन्या पूजन में ध्यान रखे कि कन्याओ की उम्र दो वर्ष से कम और दस वर्ष से ज्यादा भी न हो ।
🍁 शास्त्रों के अनुसार दो वर्ष की कन्या को कुमारी कहा गया है ।
कुमारी के पूजन से सभी तरह के दुखों और दरिद्रता का नाश होता है ।
🍁 तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति माना गया है । त्रिमूर्ति के पूजन से धन लाभ होता है ।
🍁 चार वर्ष की कन्या को कल्याणी कहते है । कल्याणी के पूजन से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है
🍁 पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी कहा गया है । माँ के रोहणी स्वरूप की पूजा करने से जातक के घर परिवार से सभी रोग दूर होते है।
🍁 छः वर्ष की कन्या kanya को काली कहते है । माँ के इस स्वरूप की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि, यश और सभी क्षेत्रों में विजय की प्राप्ति होती है ।