पौराणिक कथा के अनुसार रावण के बलशाली पुत्र मेघनाद ने जब हनुमानजी को ब्रह्मास्त्र द्वारा बंदी बना लिया था और रावण के सामने पेश किया गया, तो रावण की आज्ञा से सभी राक्षसो ने उनकी पूंछ मे आग लगा दी थी और अपनी पूंछ की अग्नि को शांत करने के (1/8)
लिए हनुमान जी समुद्र मे कूद पड़े, आग बुझाते समय उनके शरीर से पसीने की एक बूँद पानी मे गिर गई, और वह बूंद पानी मे एक मछली के पेट मे चली गई, जिससे मछली के गर्भ से एक बालक का जन्म हुआ, जो मकरध्वज के नाम से जाना जाता है।
जब राम रावण के युद्ध मे रावण पराजित होने लगा तो उसने (2/8)
अपने भाई अहिरावण को बुलाया। अहिरावण रावण से भी अधिक शक्तिशाली और मायावी था। उसने अपनी शक्ति से राम लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया और उनकी बली देने के लिए पाताललोक ले गया। जब हनुमानजी राम लक्ष्मण को खोजते हुए पाताल लोक पहुंचे तो मुख्य द्वार पर उनका सामना मकरध्वज से हुआ। (3/8)
मकरध्वज ने हनुमान जी को द्वार पर रोक लिया और हनुमानजी को अन्दर नही दिया तब दोनो मे भयंकर युद्ध होने लगा। लेकिन दोनो ही एक दूसरे पर भारी पड रहे थे, कोई भी हार नही मान रहा था, तब हनुमानजी को आश्चर्य हुआ कि ऐसा कौन योद्धा है जो उनसे परास्त नही हो रहा है।
तब हनुमानजी के पूछने (4/8)
पर मकरध्वज ने अपने जन्म की कथा सुनाई तो हनुमानजी ने कहा कि मै ही हनुमान हूं और मै ही तुम्हारा पिता हूं कहते हुए उन्होंने अपने पुत्र को अपने सीने से लगा लिया। तब मकरध्वज ने कहा कि मै अपने राजधर्म से बंधे होने के कारण मै आपको भीतर प्रवेश नही करने दे सकता, अतः आप मुझे एक (5/8)
जंजीर से बांधकर भीतर प्रवेश कर सकते है। तब हनुमानजी ने मकरध्वज को जंजीर से बांध दिया और पाताललोक जाकर अहिरावण का वध किया और राम लक्ष्मण को मुक्त कराने के बाद जाते समय मकरध्वज को पाताललोक का राजा बना दिया।
मकरध्वज का एकमात्र मन्दिर ग्वालियर के करहिया के जंगलो मे स्थित है (6/8)
और जो प्राकृतिक गुफाओ से परिपूर्ण है और आज भी मंदिर परिसर मे अनवरत जल की धारा बहती है जो कि एक कुंड मे जाती है। यहां सात मंजिल की एक ईमारत बनी हुई है, जिसे सतखंडा के नाम से जाना जाता है। यहां 500 फुट की ऊंचाई पर एक पहाडी के बीच-बीच एक गुफा है जिसमे एक बाबा निवास करते है।
(7/8)
इस गुफा से निकलने वाली जल की धारा जो कि गोमुख से निकलती है एक वनस्पतियो के बीच से होकर निकलती है और कहा जाता है कि इस जल को पीने से बच्चे बूढ़े सभी के जटिल से जटिल रोग भी ठीक हो जाते है।
एक राजा की लड़की तारा भोजन करती थी। उसने अपने पिताजी से कहा, पिताजी मुझे नौ लाख तारे बनवा दो, मैं, दान करूँगी। राजा ने सुनार को बुलाया और कहा कि मेरी बेटी तारा भोजन करती है तुम नौ लाख तारे बना दो। इतना सुनकर सुनार सूखने लगा।
(1/7)
सुनारी ने पूछा कि उदास क्यों रहते हो। उसने कहा राजा की लड़की ने नौ लाख तारे बनाने के लिए कहा है। मैं कैसे बनाऊँ मुझे तारे बनाने नहीं आते। राजा की बात है, नहीं बने तो कोल्हू में पिलवा देगा।
सुनारी ने कहा, इसमें परेशान होने की क्या बात है। गोल-सा पतरा काट के कलिया काट (2/7)
देना, राजा ले जाएगा।
सुनार ने ऐसा ही किया, राजा ले गया। राजा की लड़की ने नौ लाख तारे और बहुत-सा दान दिया। भगवान का सिंहासन डोलने लगा। भगवान ने कहा देखों मेरे नेम व्रत पर कौन है, तीन कूट देखा तो कोई नहीं था, चौथे कूट देखा कि राजा की लड़की तारा भोजन करा रही है। भगवान ने (3/7)
काशी... साल में केवल चार दिन दर्शन देती हैं मां अन्नपूर्णा। अगर मिल जाए माता का खजाना, तो हमेशा भरी रहेगी तिजोरी।
वाराणसी को मंदिरों का शहर भी कहते हैं। इन मंदिरों की श्रृंखला में काशी का एक ऐसा मंदिर है जो काफी अनोखा है। क्योंकि इस मंदिर का कपाट साल में केवल चार दिन (1/4)
ही खुलता हैं। हम बात कर रहे हैं काशी के प्रसिद्ध माता अन्नपूर्णा मंदिर की। इन्हें तीनों लोकों में धन- धान्य और खाद्यान्न की देवी माना जाता है। कहा जाता है कि माता ने स्वयं भगवान शिव को भोजन खिलाया था। जिस की गवाही मंदिर की दीवारों पर बने चित्र देते हैं।
साल में केवल (2/4)
चार दिन "धनतेरस, छोटी दीवाली, बड़ी दीवाली और अन्नकूट" को खुलते है कपाट। यह अन्नकूट महोत्सव गोबर्धन पूजा के दिन आयोजित होता है। धनतेरस को माता जी का खजाना खुलता है, उस खजाने में से भक्तों को धान, लावा और सिक्के का प्रसाद दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि प्रसाद में मिला (3/4)
दुर्योधन ने उस अबला स्त्री को दिखा कर अपनी जंघा ठोकी थी, तो उसकी जंघा तोड़ी गयी। दु:शासन ने छाती ठोकी तो उसकी छाती फाड़ दी गयी।
महारथी कर्ण ने एक असहाय स्त्री के अपमान का समर्थन किया, तो श्रीकृष्ण ने असहाय दशा में ही उसका वध कराया।
भीष्म ने यदि प्रतिज्ञा में बंध कर (1/11)
एक स्त्री के अपमान को देखने और सहन करने का पाप किया, तो असँख्य तीरों में बिंध कर अपने पूरे कुल को एक-एक कर मरते हुए भी देखा...।
भारत का कोई बुजुर्ग अपने सामने अपने बच्चों को मरते देखना नहीं चाहता, पर भीष्म अपने सामने चार पीढ़ियों को मरते देखते रहे। जब-तक सब देख नहीं (2/11)
लिया, तब-तक मर भी न सके... यही उनका दण्ड था।
धृतराष्ट्र का दोष था पुत्रमोह, तो सौ पुत्रों के शव को कंधा देने का दण्ड मिला उन्हें। सौ हाथियों के बराबर बल वाला धृतराष्ट्र सिवाय रोने के और कुछ नहीं कर सका।
दण्ड केवल कौरव दल को ही नहीं मिला था। दण्ड पांडवों को भी मिला।
(3/11)
क्या आप जानते है कि केला 🍌 और नारियल 🥥 सनातनी हिन्दुओ के पूजा पाठ में खास स्थान क्यूं रखते है?
नारियल और केला ये दो ही ऐसे फल है जो किसी के जूठे बीज से उत्पन्न नही होते, मतलब अगर हमे आम का पेड़ लगाना है तो हम आम को खाते है और उसके बीज या गुठली को जमीन में गाड़ते है तो (1/4)
वह पौधे के रूप में उगता है, या फिर ऐसे ही गुठली निकाल के लगा दे तो भी वह उस पेड़ का बीज (जूठा या अंग) ही हुआ, लेकिन केले का या नारियल का पेड़ लगाने को केवल जमीन से निकला हुआ पौधा (ओधी) ही लगाते है, जो की खुद में ही पूर्ण है,न किसी का बीज न हिस्सा, न जूठा, इसलिए भगवान (2/4)
को सम्पूर्ण फल अर्पित किया जाता है।
हमारे पूर्वज कितने ज्ञाता थे, जो चीजे हमे आज तक पता नहीं वो पहले से जानते थे और उसका जीवन में इस्तेमाल कर जीवन पध्दति में ढाल लिए थे, जो हमे परंपरा से प्राप्त हुआ है, केवल हम उन्हे इस्तेमाल करते गए पर उनकी क्यों और क्या (3/4)
लिज ट्रस के इस्तीफे से लहालोट होने वालों की सद्यः बाढ़ सी आ गयी है। लोग अपनी और मोई जी की पीठ ठोंक रहे कि भारत के सख्त रुख ने ही उसे इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। भईया, प्रशंसा करो या आलोचना, लेकिन उसमे कुछ तथ्य भी तो होने चाहिए। या एकदम ही बिना सरपैर की कुछ भी (1/8)
उड़ाने बैठ जाओगे?
ब्रिटेन ही नहीं, यूक्रेन एपिसोड पर अमेरिका के झांसे में आये अधिकतम यूरोपीय देशों का आज बदतरीन हाल है। रशियन पेट्रोलियम उत्पादों और कोल की सप्लाई सीमित होने से इन देशों में उद्योग-धंधे ठप्प हो रहे हैं, बेरोजगारी और महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है, और आम यूरोपीय (2/8)
प्रजा में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। फ्रांस और इटली में पुलिस को लाठीचार्ज करके प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना पड़ रहा है, और अगले दो-तीन महीनों में स्थिति इतनी विकट होने जा रही है कि हमें पूरे यूरोप की सड़कों पर जिंदाबाद मुर्दाबाद करते करोड़ों लोग भी दिखें तो अब आश्चर्य नहीं (3/8)
जिन वैश्विक हालातों में भी हमारा देश काफी हद तक संभला हुआ है उसके लिए मोदी जी एवम टीम का धन्यवाद बनता है...
हर देश की सरकार परेशान है... महंगाई, भुखमरी, बेरोजगारी हर देश पर हावी है... सरकार में बने रहना मुश्किल होता जा रहा है...
लिज ट्रस ने पहले से त्रस्त ब्रिटेन (1/5)
को, अपने वाहियात फैसलों से मात्र 45 दिन में उस हालात पर ला खड़ा किया है कि कब लोग सड़कों पर उतर आएं कोई भरोसा नहीं...
बिना बैकअप के 6 ट्रिलियन डॉलर अमेरिका छाप चुका है कोरोना काल से अब तक... साथ ही डॉलर की सप्लाई पर बीच बीच मे ब्रेक लगाता है ताकि उसकी कीमत बढ़ती रहे... (2/5)
ये थोड़े ही समय के लिए है... आप जनवरी के बाद से डॉलर की हालत देखना (mark my words)... बैंड बजने वाली है डॉलर की...
रुपये को मजबूत करने के लिए यू ऐ ई से डिस्काउंटेड प्राइज पर 200 टन सोना खरीदा जा रहा है वो भी इंडियन रूपीज में... गोल्ड रिजर्व बढ़ेगा तो करेंसी अपने आप (3/5)