दीपावली पर मिठाई बांटने के पीछे भी एक सोच होती है, क्योंकि हर मिठाई कुछ सिखाती है:

गौर कीजिए, मिठाइयों के कुछ ना कुछ संदेश.....
जैसे:

#रसगुल्ला
कोई फर्क नहीं पड़ता कि,
जीवन आपको कितना निचोड़ता है,
*अपना असली रूप सदा बनाये रखें*
#बेसन_के_लड्डू
यदि दबाव में बिखर जाय तो,फिर से बंध कर लड्डू हो सकता है।
परिवार में एकता बनाए रखें
#गुलाब_जामुन
सॉफ्ट होना कमजोरी नहीं!ये आपकी खासियत भी है।
नम्रता एक विशेष गुण है
#जलेबी
आकार मायने नहीं रखता,स्वभाव मायने रखता है,
जीवन में उलझने कितनी भी हो,रसीले और सरल बने रहो
#बूंदी_के_लड्डू
बूंदी-बूंदी से लड्डू बनता, छोटे-छोटे प्रयास से ही सब कुछ होता हैं!
*सकारात्मक प्रयास करते रहे.*

#सोहन_पापड़ी
हर कोई आपको पसंद नहीं कर सकता, लेकिन बनाने वाले ने कभी हिम्मत नहीं हारी।
*अपने लक्ष्य पर टिके रहो*
#काजू_कतली
अपने आप को इतना सस्ता ना रखे, कि राह चलता कोई भी आपका दाम पूछता रहे !
*आंतरिक गुणवत्ता हमें सबसे अलग बनाती है*

हीरे की तरह सदा चमकते रहो।

साभार
@Sabhapa30724463 @ShashibalaRai12 @chhotiradha @arunbajpairajan @drpandeyanil @BablieVG @Kashi_Ka_Pandit @PNRai1 @rs414317

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More from @DamaniN1963

Oct 21
#ईरान_क्यों_कहता_है #अमेरिका_को #द_डेविल्स_लैंड

*ईरान 1951 और भारत 2022..क्या आपस में कोई समानता है?*

*#मोसादेग....#और....#मोदी*

चूंकि ईरान भारत को भारी मात्रा में तेल निर्यात करता है,इसलिये जब भी ईरान-अमेरिका संघर्ष बढ़ता है, तो यह भारत को भी प्रभावित करता है,और हमारा मीडिया
इसके बारे में बहुत सारी खबरें दिखाता है।

क्या आपने कभी सोचा है *"ईरानी अमेरिका को "द डेविल्स लैंड" क्यों कहते हैं?"*

ईरान के तेल व्यापार में अंग्रेजों का पहले से ही दबदबा था, ईरान का 84% तेल उत्पादन इंग्लैंड में और केवल 16% ईरान को जाता था। ईरान के बादशाह मोहम्मद रज़ा पहलवी एक
भ्रष्ट व्यक्ति था, इसलिए उसने इसकी परवाह नहीं की।

(ईरान में संवैधानिक राजतंत्र था, संवैधानिक राजतंत्र में भी चुनाव होते हैं, संसद भी होती है।)

1951 में, एक कट्टर देशभक्त मोहम्मद मोसादेग प्रधान मंत्री बने। उन्हें ईरान के तेल व्यापार में विदेशी कंपनियों का दबदबा पसंद नहीं था।
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Oct 20
क्यों जाते हैं सुप्रीम कोर्ट
किसी भी हिन्दू विरोधी फिल्म
को रुकवाने के लिए -
वो न सुनेंगे और न कुछ करेंगे,
फिल्म का बायकाट ही एकमात्र
रास्ता है -
Thank God का पूर्ण बहिष्कार हो -

कल चीफ जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच ने अजय देवगन की 25 अक्टूबर
को रिलीज़ होने वाली फिल्म Thank God के खिलाफ तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया और 1 नवम्बर सुनवाई के लिए तय कर दी -

इस फिल्म में भगवान चित्रगुप्त को भद्दे Costume पहने अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है और अर्धनग्न लड़कियों को उनके आसपास नृत्य करते हुए दिखाया गया है -
Shri Chitragupta Welfare Trust ने अदालत से इस फिल्म के पोस्टर और रिलीज़ रोकने के लिए अपील की थी मगर CJI ने तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया -

अब कोई बताए कि 25 अक्टूबर को फिल्म रिलीज़ होने के बाद आपकी एक हफ्ते बाद सुनवाई के क्या मायने हैं, फिर आप कह देंगे कि फिल्म तो रिलीज़
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Oct 19
ग्लोबल हंगर इंडेक्स....!!

पूरी दुनिया आटे तेल की जुगाड़ मे उलझी है और भारत 200000 किलो सोना खरीद रहा है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स....!!

आधे से ज्यादा यूरोप बिजली संकट से जूझ रहा है और भारत मे 600000 गाड़ियों की 3 से 6 महीने की एडवांस बुकिंग चल रही है। इस धनतेरस मे यहां धन रहते
भी बहुतों को उनकी मनमाफिक गाड़ी नही मिल सकेगी।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स....!!

सूची मे भारत से ऊपर पाकिस्तान की जितनी जीडीपी है उससे ज्यादा की तो हम दीपावली की सफाई मे कबाड़ी निकाल देते हैं अपने घरों से।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स....!!

इंग्लैंड मे महंगाई और कीमतें बढ़ने से लोग बिजली
बिल तक जमा नही कर पा रहे हैं। जितने बिल के लिए ये लोग सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं उससे ज्यादा तो यहां के बेवड़े चखने पर उड़ा देते हैं।

और सबसे बड़ी बात....!!

आयरलैंड की जिस क्रिस्टियन NGO ने ये रैंकिंग निकाली है वैसी 600 से ज्यादा NGOs को भारत ने FCRA के उलंघन के आरोप मे
Read 4 tweets
Oct 18
भगत सिंह बनना तो दूर, नेता बनना अब आसान नहीं है भारत में। क्या है इसका कारण? क्षेत्रिय जितने स्थापित नेता हैं, आजादी आंदोलन के बाद के उपजे हुए हैं। दशकों दशक सत्ता भोग चुके हैं। अब उनके बेटे भतीजे की अगली पीढ़ी सत्ता भोग रही है। अन्ना आंदोलन कमजोर कहां था? सवा सौ साल की स्थापित Image
कांग्रेस की बुनियाद हिला दी थी। तब से कांग्रेस उत्तरोत्तर गर्त में समाता जा रहा है। केजरीवाल नेता बनकर उपजे। आंदोलन ने केजरीवाल को इतनी ताकत दी कि वे प्रधानमंत्री पद के एक मजबूत दावेदार बने।

'14 के बाद लेकिन एक ऐसे नेता का राष्ट्रीय स्तर पर उदय हुआ, कि बाकी तमाम नेता बौने हो गए।
आज मनीष सिसोदिया को भगत सिंह कह कर केजरीवाल संबोधित करते हैं, तो सामाजिक मीडिया के लिए यह एक उपहास का मुद्दा बन जाता है। क्यों बन जाता है? नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व की लकीर इतनी लंबी खींच दी है, कि कोई उस लकीर के इर्द-गिर्द भी नजर नहीं आ पा रहा। भारत की राजनीति से यदि मोदी को हटा
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Oct 15
जैसा कि मैंने कहा था (अमेरिका) नाटो की विकेटे गिरनी शुरू हो गई है.

फ्रांस
जर्मनी
स्पेन
पोलैंड

फ्रांस और जर्मनी को अब जाकर समझ में आई है कि अमेरिका के कहने पर जो रूस पर प्रतिबंध लगाए गए, उसका पूरा फायदा सिर्फ अमेरिका को हुआ और उसकी भरपाई यूरोपियन देश उल्टा अमेरिका से ही महंगा
तेल, गैस और हथियार खरीद कर कर रहे हैं. अब अगर रूस यूक्रेन के साथ-साथ इन देशों पर भी अटैक करता है तो इन देशों को रूस से लड़ने के लिए हथियार चाहिए होंगे और जो हथियार इनके अपने स्टॉक में थे वह तो इन्होंने यूक्रेन को रूस से लड़ने के लिए दे दिए. अब अपने लिए जो हथियार चाहिए होंगे वह
इनको अमेरिका से ही अमेरिका के मनमाने दामो पर खरीदने पड़ेंगे.यानी कि यहां पर भी अमेरिका का ही फायदा.

मतलब यह कि अमेरिका नाटो में सम्मिलित देशों को नाटो के आर्टिकल 5 का झुनझुना पकड़ा कर इन 30 देशों को वर्षों से बेवकूफ बनाता आ रहा है.और यह बिना अपनी अकल लगाएं अमेरिका के इस जाल में
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Oct 15
मित्रों.... आप लोगों के सामने, भारत के खिलाफ हो रहे एक बड़े अंतरराष्ट्रिय साजिश का खुलासा करने जा रहा हूं, जो भी मित्र मुझ न चीज की पोस्ट पढ़ते हैं, और हर बातों को गहराई से परखते हैं.. वह जरुर इस पोस्ट की अहमियत को समझेंगे, ओर USA द्वारा भारत के खिलाफ हो रहे.. इस गहरे साजिश का Image
Decode पोस्ट को पढ़कर कर पाएंगे...!?

क्या आप लोग कभी समझने की कोशिश किया है कि, यूक्रेन संकट, श्रीलंका का आर्थिक संकट और तमिलनाडु में हालिया हुए भारत विरोधी तत्वों के बीच में समानता क्या है !? इसका एक ही जवाब है "विक्टोरिया नूलैंड" तो कौन है ये विक्टोरिया नूलैंड !?
विक्टोरिया नूलैंड अमेरिका की, दुसरे देशों में शासन परिवर्तन करने का एक एजेंट के तौर जाना जाता है,इस सत्ता परिवर्तन की खेल में उसकी खतरनाक क्षमता है.बह कुछ भी करने की माद्दा रखती है ? विक्टोरिया नूलैंड ने..साल 2013 में यूक्रेन में "EUROMAIDAN" विरोध प्रदर्शन की, सूत्रधार रही थी...
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