भारतीय समाज मे यह मान्यता ज्यादा देखने को मिलती है के शहद का जमना उसमे मिलावट की निशानी है । किन्तु यह पूर्णतः गहत धारणा है।
शहद का जमना एक कुदरती प्रक्रिया है। शुद्ध शहद भी जम सकता है। ( crystallized ) हो सकता है ।
शहद का जमना इस बात पर निर्भर करता है की शहद का स्रोत क्या है। अर्थात कौन से फूलो के रस से मधुमक्खी ने शहद का निर्माण किया है । शहद के अंदर प्राकृतिक रूप मे ग्लूकोज़ ओर फ्रुक्टोज जेसी शर्कराए होती है । शहद का जमना उसके अंदर रहे हुए ग्लूकोस की मात्रा पर निर्भर करता है ।
जिन फूलो के रस में प्राकृतिक रूप से ग्लूकोज़ की मात्रा अधिक होती है, उनके रस से अगर मधुमक्खी शहद का निर्माण करती है तो उस शहद में जमने का गुणधर्म ज्यादा रहेगा । प्राकृतिक रूप से oil seeds वाली वनस्पति के फूलो से अगर मधुमक्खी शहद बनती है तो उसमें जमने का गुण अधिक होता है ।
इसीलिए मधुमक्खी पालन में बक्से ( honey bee hives )को राइ, सूर्यमुखी, तिल, सोयाबीन जेसे खेतों के बीच रखते है तो उनसे मिला शहद जमता है । उसे जाम हनी या क्रीम हनी के नाम से निर्यात किया जाता है, जो संपूर्णतः जमा हुआ होता है ।
ज्यादातर लोगो में जमे हुए शहद को लेकर भ्रांतियां होती हैं। इस कारण से भारत में raw honey के स्थान पर processed या heated शहद ही बिकता है, जो सामान्य रूप से जमता नही है। शहद को एकबार उबाल देने से उसमे जमने का (crystalised ) का स्वाभाविक गुण नष्ट हो जाता है ।
लेकिन उसके साथ ही शहद के औषधीय गुण भी नष्ट हो जाते है । वास्तविकता यह है कि 45°c तापमान पर भी शहद के औषधीय तत्व जेसे antioxidant, enzymes, vitamins, anti ageing properties, नष्ट हो जाते हैं।यह औषधीय तत्व ही शारीर को आरोग्यप्रदान करते हे और कई रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं।
इसलिए शहद को गर्मी से दूर रखना चाहिए । जब कि ज्यादातर कंपनीया शहद को प्रोसेस्ड या पेस्च्युराइस ( हीटिंग और कूलिंग प्रोसेस ) करके बेचती हैं, और ऐसा शहद शुगर सिरप से बढ़कर कुछ नहीं हे । इसीलिए ज्यादातर आयुर्वेद चिकित्सक #Rawhoney का उपयोग करने की सलाह देते हैं।
शुद्ध शहद का जमना एक कुदरती प्रक्रिया है । वास्तव में शहद के औषधीय गुण घन अवस्था (crystallized form) में प्रवाही अवस्था से ज्यादा सुरक्षित होते है । इसलिए जमे हुए शहद का उसी अवस्था मे उपयोग करे ।
जामुन के बीज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम पाया जाता है। जामुन के इन्हीं गुणों के कारण हम आपको बताने जा रहे हैं जामुन से जुड़े कुछ खास नुस्खे जो रोगों में रामबाण की तरह काम करते हैं।
- गठिया के उपचार में भी जामुन बहुत उपयोगी है। इसकी छाल को खूब उबालकर बचे हुए घोल का लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में आराम मिलता है।
-गले के रोगों में जामुन की छाल को बारीक पीसकर सत बना लें। इस सत को पानी में घोलकर 'माउथ वॉश' की तरह गरारा करना चाहिए। इससे गला तो साफ होगा ही, साँस की दुर्गंध भी बंद हो जाएगी और मसूढ़ों की बीमारी भी दूर हो जाएगी।
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विवाह के दो वर्ष हुए थे जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी.. पति शहर से बाहर थे ! जिस रिश्ते के भाई को स्टेशन , ट्रेन में बिठाने को कहा था वो लेट होती ट्रेन की वजह से रुकने के मूड में नहीं था ,
इसीलिए सामान सहित प्लेटफॉर्म पर बनी बेंच पर बिठा कर चला गया I गाड़ी को पांचवे प्लेटफार्म पर आना था और गर्भवती सुहानी को सातवाँ माह चल रहा था I सामान अधिक होने से , एक कुली से बात कर ली I बेहद दुबला पतला वो बुजुर्ग , जिसकी पेट पालने की विवशता उसकी आँखों में थी I
सुहानी ने उसे पंद्रह रुपये में तय कर लिया और टेक लगा कर बैठ गई I तकरीबन डेढ़ घंटे बाद गाड़ी आने की घोषणा हुई , लेकिन वो बुजुर्ग कुली कहीं नहीं दिखा I कोई दूसरा कुली भी खाली नज़र नहीं आ रहा था I
"डाब-र" और "पतंज-लि" अपने शहद पर इस बात का उल्लेख क्यों नहीं करते कि उनका शहद किन फूलों के रस से बना है...?? यदि वे मधुमक्खी पालन के द्वारा शहद एकत्र करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि उनका शहद किन फूलों के रस से बना है। उनका शहद हमेशा एक जैसे स्वाद का कैसे होता है?
सिरप का स्वाद एक जैसा होता है। एक मधुमक्खी पालक किसान आपको आसानी से बता सकता है कि उसका कौन सा शहद किन फूलों के रस से बना है और किसी #beekeeper से जब आप #Honey लेंगे तो आपको अलग-अलग स्वाद के शहद मिलेंगे अर्थात वे अलग-अलग फूलों से प्राप्त रसों से मधुमक्खियों द्वारा बनाए गए हैं।
बड़ी कंपनियों का जितना शहद बिकता है उस हिसाब से मधुमक्खी पालन के लिए उनके पास जो एपियरी होगी वह हजारों एकड़ में होगी। यदि शहद में मिलावट नहीं किया जाता है तो इन कंपनियों द्वारा उतनी मात्रा में शहद कैसे बेच दिया जाता है जितना पूरे भारत में उत्पादन होता है।
डिअर मुसलमान मित्रों,
आपने अनुभव किया कि चाहे वह राहुल गांधी हों, चाहे अरविंद केजरीवाल हों, चाहे ममता बनर्जी हों या अखिलेश यादव, सभी लोग अपने आपको हिंदू दिखाने के लिए अचानक से मंदिरों का चक्कर लगाने लग गए, जनेऊ दिखाने लग गए आदि इत्यादि...
आपने अब तो समझ लिया होगा कि यह लोग जहां से वोट की आशा है वही का रुख करते हैं अर्थात जब तक आप लोगों के वोटों से इनको जीत नजर आ रही थी तब तक इन्होंने जालीदार टोपी पहनी लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से सफलता अर्जित की उसी राह पर चलते हुए अब यह लोग जनेऊ धारण कर रहे हैं।
आप लोगों ने भारतीय जनता पार्टी से एक दूरी बनाए रखी जिसका उपयोग अन्य लोगों ने सत्ता प्राप्ति के लिए किया और वे इसमें वर्षों तक सफल भी रहे। अब जब आपके सामने प्रत्यक्ष उदाहरण है कि कोई भी दल आपका सगा नहीं है बल्कि वह सिर्फ सत्ता चाहता है आप के बल पर,
बीजेपी का चुनाव घोषणा पत्र अब तो पढ़ लो... आने वाले समय में आपको कोई झटका तो नहीं लगेगा कम से कम?? पहले से ही पता होगा कि क्या क्या होने वाला है ।
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1- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य 2- 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों का गठन में सहायता 3- ई-नाम, ग्राम और प्रधानमंत्री आशा योजना के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रप्च करने के लिए पर्याप्त बाजार अवसर
4- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सारे किसानों को वित्तीय सहायता सुनिष्चित करने की दिशा में कार्य 5- 60 वर्ष की आयु के उपरांत सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छोटे और सीमांत किसानों हेतु पेंशन योजना