हम वेस्टर्न यूपी में पले बड़े हुए है जहां छोटी छोटी बात पर ही शरीर का एक अंग फट जाता/जाती है.
स्कूल टाइम में तो चवन्नी की इमरती पर भी फट जाती थी और हम शरीर के सबसे भारी बाल उखाड़ने की चुनौती दे देते थे.
#भारत_जोड़ो_यात्रा के सम्बंध में सर्वाधिक चर्चा का विषय सुरक्षा बताया जा
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रहा है और ग़ैर कांग्रेस शासित प्रदेशों में प्रशासन सुरक्षा के नाम पर भयभीत करना चाहता है.
निस्संदेह भारत का कोई भी नागरिक देश की सम्पत्ति है और राहुल जैसा नेता तो विश्व की बहुमूल्य अमानत है.
राहुल फिर भी भयभीत क्यों नहीं होता?
क्योंकि अंतरराष्ट्रीय शक्तियों को राहुल में भारत
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का उज्ज्वल भविष्य और विकास दिखता है तथा दरिद्र भारत किसी के लिए भी उपयोगी नही होगा इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
आंतरिक शत्रु एक तो ख़ुद कायर है, दूसरा व्यापक जन समर्थन से घबराये हुए है और कभी भी मुसोलिनी नही बनना चाहेंगे.वैसे भी5 किमी दूर से ही जो मुख्यमंत्री को पुकारता हो
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उसके पाप ही उसको उठने नहीं देते.
ईश्वर पर आस्था रखने वालों के लिए उससे बड़ा बचाने वाला कोई नही होता क्योंकि जीवन की रक्षा स्वयं मृत्यु करती है,
हम जैसे काफिरों के अनुसार जो जान का दुश्मन हो सकता है यदि उसके हित में ही नालायक को कूड़ेदान में फेंककर लायक़ को आगे लाना हो तो वो
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ख़ुद सुरक्षित रखनें का ज़िम्मेदार होगा .
जिसकी विदाई तय हो चुकी है उसे सिर्फ़ ईदी अमीन और मार्कोस होने तक रोका हुआ है नहीं तो वो ख़ुद को शहीदों की श्रेणी में रखने की दुआ कर रहा होगा.
ब्रह्मांड बहुत बड़ा है और योजनाये धीमी गति से किंतु पक्की होकर लागू होती है.
5 @parmodpahwaInd
निश्चिंत रहे, ख़ौफ़ के बुत तोड़कर आगे बढ़े, अल्लाह निगहबान
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दिल्ली के थिंक टैंक स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज ने गुजरात का सर्वे किया है,जिसे बताने की गोदी मीडिया के किसी भी पत्तलकार में हिम्मत नहीं है।और न ही किसी पेड संवाद समूह में।
गुजरात के41% युवा,40% व्यापारी और 39% किसान बीजेपी की 27 साल की सरकार से नाखुश हैं।
भूपेंद्र पटेल सरकार
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इसे बखूबी जानती है, इसीलिए चुनाव के बाद 15 हजार नौकरियों के वादे किए गए हैं।
सरकारी नौकरी के लिए साल में 2 लाख रुपए ट्यूशन पर खर्च कर चुके युवा 30 के ऊपर होने को हैं।
उनकी शादी नहीं हो रही है।कई तो भूखे रहकर नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।
ये सब गोदी मीडिया में न सही,कम से कम
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सोशल मीडिया में तो हो?
ऐसा नहीं हो पा रहा है, क्योंकि गुजरात का चुनाव कवर करने वाले कथित पत्रकार बीजेपी को हरवाकर अपनी धार्मिक श्रेष्ठता को खोना नहीं चाहते।
◆ ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने ट्विटर के एम्प्लॉयी का पिछला और अभी का "ट्रैवेल बिल" पेमेंट करने से मना कर दिया है..ये ट्रैवेल बिल कई "मिलियन डॉलर" है..($1 मिलियन = 10 लाख डॉलर)..
◆ एलन मस्क का कहना है कि उन्होंने किसी भी ट्रैवेल बिल को अप्रूव नहीं किया था..इसलिए इन ट्रैवेल
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बिल का पेमेंट करना उनकी ज़िम्मेदारी नहीं है..🤣(कचरा सेठ बन गया)
◆ ट्रैवेल एजेंट, क्रेडिट कार्ड कंपनियां सब अपना सर पकड़ कर बैठे है..एम्प्लॉयी पगलाए हुए है..मु'आमला कोर्ट में जाएगा और कोर्ट शायद ट्विटर को दिवालिया एलान कर देगा..
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एलन मस्क भी यही चाहते थे😊..एलन मस्क ट्विटर का 100₹ का क़र्ज़ 20₹ में सेटल करेगा😂.. #कृष्णनअय्यर
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चुनावों के लिए ही नहीं अपितु देश के लिए भी आँख कान खोल कर रखने चाहिए अगर मोलेंस्की को समझ आये तो बेहतर है
लम्बी खींचतान के बाद सड़क पार सबसे अहम पद पर ले.जनरल हाफ़िज़ आसीम मुनीर की नियुक्ति की घोषणा कर दी गई और संयुक्त चीफ ले.जनरल शमशाद मिर्ज़ा घोषित किए गए है.
कथित रूप से दोनो
नून लीग(दक्षिणपंथी)के पसंदीदा जनरल है लेकिन सीनियर मोस्ट भी है हालाँकि आसिम मुनीर परसों रिटायर होने वाले थे(एक महीनेकी घोची लगाने के बावजूद)
भारत के संबंध में ध्यान रखना चाहिए कि ये उग्र एवम् आक्रामक रुख़ रख सकते है,मंगला मिलिट्री एकेडमी से नियुक्त एवम् आर्मी अफ़सर होने के दौरान
हाफिज क़ुरआन होने वाले मुनीर साहब मिलेट्री इंटेलिजेंस तथा आईएसआई प्रमुख रहे है जिसे इमरान ख़ान ने अपने कार्यकाल में आईएसआई प्रमुख से हटा कर कोर कमांडर बना दिया था (कहते है कि इसने ख़ान को उसकी बीवी की रिपोर्ट की थी)
शमशाद मिर्जा सैन्य अधिकारी के साथ विदेशी मामलात में काफ़ी दख़ल
साहित्य( मीडिया )समाज का आईना होता है और आजकल हमारा आईना फ़्रेम में उल्टा फिट है जिसमे शक्ल नहीं कालिख पूरी बैक दिखाई देती है.
शायद इन्ही महान प्रोड्यूसरों के कारण कथित मुख्य मीडिया को कोई समझदार व्यक्ति नहीं देखता और सोशल मीडिया(यूट्यूब)तथा डिज़िटल मीडिया पर भारत की ओर से कोई
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उल्लेखनीय चैनल नहीं है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा,सुना जाता हो.
रुस-यूक्रेन युद्ध पर यूक्रेन द्वारा खेरसोन पर दोबारा क़ाबिज़ होने के बाद न केवल अपनी सेनाएँ वापिस कर ली है अपितु अपने नागरिकों से भी ख़ाली करा लिया है क्योंकि बर्फ़बारी के साथ साथ वहाँ बिजली-पानी भी नहीं है और
WHOने यूक्रेन में ठंड के कारण हज़ारों मौतों की आशंका ज़ाहिर की है.
नाटो के प्रमुख ने भी शांति की अपील जारी की है और अमेरिका के रक्षा मंत्री(डिफ़ेंस सेक्रेटरी) लॉयड ने बैंकाक में चीन के रक्षामंत्री से मुलाक़ात की है जिसमे शायद रुस द्वारा न्यूक्लियर इस्तेमाल का डर बताया गया है.
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