दो दिन से किसी खान की नकली प्रोफाइल पर खूब दर्द ए डिस्को हो रहा है।ऐसा ही एक कांड दो साल पहले हुआ था। निशा जिंदल नामकी फेक आईडी से एक जोम्बी खूब फॉलोअर्स बनाया था।
उसके फ्रेंड लिस्ट में बड़े बड़ेIASअफसर और अन्य उच्च पदाधिकारी,पत्रकार,जवान बूढ़े सभी प्रकार की जनता भी थी,जिनसे
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वो इनबॉक्स मेंsqashखेला करता था।
किसी फॉर्म हाउस की तस्वीरें डालकर किसी पाकिस्तानी लड़की का फोटो रोज डालता और लोगों के अरमानों को90डिग्री पर ले जाता। 100डिग्री पर पानी उबलता है,ज्यादा कुछ मत समझना
साथही साथ वह मुस्लिम लोगोंके खिलाफ अनाप शनाप लिखता,जो इस आईडी का मूल उद्देश्य था।
एक दिन किसी अफसर के साथ स्क्वाश गेम में जीतने के बाद उसने पैसे मांग लिए,अफसर ने कुछ दिन पैसे दिए।लेकिन धीरे धीरे पता चला कई अफसर इससेsqashमें हार चुके हैं और सबसे पैसे वसूलता है।
केस सायबर विभाग में गया और मुस्लिमो के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने के कारण और देश में नफरत फ़ैलाने
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के कारण इसे गिरफ्तार करके इसकी आईडी डिलीट करवाई गई। फोन से sqash मैच के सभी वीडियो डिलीट किए गए और सभी खिलाड़ियों ने चैन की सांस ली।
अंदर वाली बात आप लोगों को बता दी है। ऊपर वाली बात के लिए स्क्रीन शॉट्स देखिए।
और सावधान रहिए, इनबॉक्स में घुस कर sqash खेलना और खेलने की चाहत को
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बंद कीजिए। आत्मनिर्भर बन जाइए, अगर अरमान ओवर फ्लो हो रहे हैं तो।
बाकी फंसने पर मेरी फीस 11000 रुपए मात्र है, एडवांस
भारत का था इसलिए पकड़ा गया, बाहर से किया होता तो जिंदगी भर अपनी पेंशन और कमाई का 50% भेजना पड़ता।
जब संघ हाल्फ पैंट पहन कर शाखा करती थी तो शाखा मे लाठी के ताल के बाद अगर लड़कों को उसी मैदान मे फ़ुटबॉल खेला देती तो आज भारत वर्ल्ड कप विजय होता और कल कतर मे हम लोग फ़ुटबॉल के विश्वगुरू होते।
हमारे देश मे मेसी, मबाप्पे, रोनाल्डो से बडे बड
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खेलाडी पैदा हो जाते।मगर संघ ने आज तक कभी देश मे विश्व सतर का फ़ुटबॉल खेलाडी पैदा नही किया और न ही लाठी पटक कर चीन को सिमा पार खदेड़ा।केवल नारा और लाठी पर ही सारा ज्ञान लगा दिया।
#नोट: नीचे कुछ तस्वीर है, देखये कैसा कैसा जवान जवान टैलेंट देश का हाल्फ पैंट मे बरबाद हो गया
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मगर अब कुछ नही हो सकता है क्योकि अब फुलपैंट पहन लिया।
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नीचे अख़बार की कटिंग में दिया गया आँकड़ा भयावह है। रात दिन भोंपू की तरह बोलने वाले चैनल के लिए यह कोई ख़ास ख़बर नहीं है क्योंकि इन चैनलों ने तो आपकी सुपारी ले रखी है और क़सम खा रखी है कि आपको सिर्फ़ वो ही न्यूज़ परोसेंगे जिससे आपका कोई सरोकार नहीं होगा।हिंदू -मुस्लिम,पाकिस्तान,
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पठान ,दीपिका की ड्रेस के रंग , आमिर ख़ान जैसे इंपोर्टेंट टॉपिक ख़त्म ही नहीं होते इसलिए नशे के कारोबार की कोई रिपोर्टिंग हमारे चैनल कर नहीं पाते ।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छोटे छोटे क़स्बो में भी यह ज़हर तेज़ी से फेल रहा है । यहाँ के छुटभैये नेता यह ज़हर बेचने वालों के संरक्षक
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बने हुए हैं । आमतौर से इस ज़हर के बेचने वालों की थानो में सेटिंग होती है और अगर किसी की सेटिंग ना हो और वो पकड़ा जाए तो लोकल नेता उसको छुड़ाना अपना फ़र्ज़ समझता है और किसी भी तरह छुड़ा भी लेता है ।
निकाय चुनाव में भी ज़िंदाबाद मुर्दाबाद करवाने के लिए इन नवयुवाओं को खूब
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बेशर्म रंग पर बवाल है।नया दौर है जनाब,नई नई आजादी है।इन आठ सालो मे ऐसा क्या है जो बेशर्म नही हुआ?नजर फिराकर देखिए,
जो बेशर्म है वही शीर्श पर है।
शीर्ष का आसन,या कहें शीर्षासन कुछ ऐसा, कि जूतियां सर पर और टोपियां पैरो पर है। बेशर्मी को
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राजकीय संरक्षण है,प्रोत्साहन है।नेता बेशर्म, अफसर बेशर्म,जनता बेशर्म,लेखक,पत्रकार, अखबार,ऐंकर और व्यूवर बेशर्म।
कलाकार,कथाकार,अदाकार, lनचकार सगरे बेशर्म हुए पड़े है।जो जिंदा है,वो बेशर्म है।या कि कहिए कि..
जो बेशर्म है,बस वही जिंदा बचा है।
तो रंग बेजान कैसे रहे भला।जानदार और
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शानदार होने के लिए वो भी बेशर्म हो लिए,बेशर्माे से चिपक लिए।तो हर बेशर्मी का अपना एक्सक्लूजिस रंग है।कोई हरा बेशर्म है,कोई लाल बेशर्म,कोई संतरा, कोई नीला बेशर्म है।
और मजे की बात,इन रंगों की अलग अलग मात्राओं के मिलने से नए नए शेड की बेशर्मी ईजाद होती है।अब ताजा मामला ही ले लीजिए
फेसबुक पे महामारी औऱ भेक्सिन के साइड इफेक्ट की खबरों को शेयर करने के लिए मुझे कल भी 24 घण्टे का ब्लाक झेलना पड़ा पूरा दिन बर्बाद करने के बाद मुझसे fb ने अपनी गलती मान के माफी मांग ली ...वही माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफार्म ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने
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कोविड लॉकडाउन को लेकर अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एंथनी फौसी पर निशाना साधा। साथ ही उनकी सार्वजनिक रूप से निंदा की है।इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला के सीईओ मस्क ने ट्वीट किया कि उनका मानना है कि अमेरिका औऱ दुनिया को लॉकडाउन की सलाह देने के लिए डॉ. फौसी को सजा दी जाए!
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एलन मस्क ने एक ट्वीट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और एंथनी फौची का मजाक भी उड़ाया। उन्होंने कहा कि मेरे राजा, सिर्फ एक और लॉकडाउन।
फौची, राष्ट्रपति बाइडन के कोविड महामारी पर प्रमुख सलाहकार रह चुके हैं। एक तरफ वो मुल्क है जहां ला क डाउन के नियमो को सुना तक नही गया,दूसरी तरफ
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