Following extensive research, Mr. Yadav #filed_a_Public_Interest_Litigation and was heard by the Chief Justice of Bombay High Court on 1 Feb. 2019. The honorable Chief Justice Narendra Patil has ordered the ECI to be present on 15 Feb 2019 seeking the ECI's explanation of
Mr. Yadav's objections.
So friends, let us broadcast this video far and wide, and by supporting this act of national welfare let us protect the world’s largest democracy during the imminent 2019 General Elections. Let us show support to this young man from Mumbai.
P.S. Mr. Yadav is not affiliated with any political party.
👉15जनवरी2023 को अपने जन्मदिन पर बहन कु.मायावती जी ने चुनावो मे बडे पैमाने पर #EVM का रोल #पक्षपाती व #अपारदर्शी होने का बताया, हालांकि बहोत सालो पहले भी मायावती जी कह चुकी है की चुनावो मे #EVM का उपयोग होना #संदेहास्पद है, और उसके लिए #बडा_आंदोलन करने की घोषणा भी की थी, पर कुछ
कारणो वश नही कर पायी, पर जैसे ही #बामसेफ_भारतमुक्तिमोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.वामन मेश्राम जी ने 26जनवरी2023 से कन्याकुमारी से कश्मीर तक देशव्यापी चलनेवाली "#EVM_भंडाफोड_राष्ट्रीय_परिवर्तन_यात्रा_पार्ट2" का एलान किया तो अन्य तथाकथित बहुजन समाज के नेता ए हरकत मे आना शुरू हो
👉ब्राह्मणो ने भारत के लोगो को आपस मे लडाने मे कोई कोर कसर बाकी नही छोड रखी, यह उनका सबसे बडा और कारगर हथियार रहा|
👉वर्ण और जाति ही नही, परिवार के लोगो को भी आपस मे लडाने का भी सारा साजो सामान उन्होने अपने ग्रंथो मे लिख रखा है|
👉मनुस्मृति मे पुत्र कितने तरह के होते है, उनकी
पूरी सूची उपलब्ध है| ये है ओरस, क्षेत्रज, दत्तक इनके भी वर्गीकरण मिलते है-- कृत्रिम, गूढोत्पन्न, उपविद्ध, कानीन, सहोढ आदि| इनमे भी ऊंच नीच का तत्व डाला गया है|
👉बात यही तक समाप्त नही होती, इस वर्गीकरण को उत्तराधिकार यानी संपत्ति के अधिकार से जोडा गया| लोगो के बीच लडाई पैदा करने
का व्यवस्थित विज्ञान कही देखना हो तो मनुस्मृति जैसे ब्राह्मण ग्रंथ मे देखा जा सकता है|
👉शास्त्रो मे गर्भाधान से लेकर अंत्येष्ठी तक के सोलह संस्कारो मे ब्राह्मण की उपस्थिति को धर्म कृत्य माना गया| प्रकारांतर मे स्त्री पुरूष को पारस्परिक सहवास की स्वीकृति भी ब्राह्मण से लेनी होती
शंकराचार्य ने जो काम नेपाल मे किया, वही काम कुमायूं और गढवाल मे भी किया| उन्होने बौद्धो को बाहर निकाल दिया और ब्राह्मण धर्म को पुनर्स्थापित किया|
डैनियल राईट ने अपनी किताब "हिस्ट्री ऑफ नेपाल" तथा रिज डेव्हिड्स ने अपनी किताब "बुद्धिस्ट इंडिया" मे स्पष्ट तौर पर बताया है कि,
केदारनाथ और बद्रीनाथ बौद्ध स्थल है| आदि शंकराचार्य ने सन 820 ईसवी के आसपास केदारनाथ और बद्रीनाथ मे स्थित बुद्ध-मूर्तियो को उठाकर नजदीक के जलाशय (नारद कुंड) मे फेंक दिया था| केदारनाथ तथा बद्रीनाथ बौद्ध विहारो को शैव मंदिरो मे परिवर्तित कर दिया था| इतना ही नही, बल्कि शंकराचार्य ने
महाराष्ट्र से जोशी ब्राह्मणो को वहाँ पर बसाया था|
राहुल सांकृत्यायन ने अपनी "मेरी जीवन यात्रा" और कई अन्य पुस्तको के केदारनाथ और बद्रीनाथ को बुद्धिस्ट विहार बताया है|
"मेरी जीवन यात्रा" के भाग 4 मे पृष्ठ 40 मे राहुल सांस्कृत्यायन लिखते है-19 मई को निर्वाण दर्शन करना था| सवेरे
स्वराज्य संकल्पिका, स्वाभिमानी आंदोलन की प्रेरणा स्रोत, देश के विषमतावादी जातिवादी शासक और विदेशी जुलमी शासको की गुलामी से इंसानो को मुक्त करने के लिए दो-दो छत्रपति निर्माण करने वाली, शिवाजी
महाराज और संभाजी महाराज, स्वराज्य की प्रेरणा देनेवाली, जनता के हित के लिए अपना पति, बेटा और पोता कुर्बान करनेवाली क्रांतिकारी माँ वो माँ... जिसकी छत्रछाया मे तलवार लेकर कोई बेटा छत्रपति बना|
राष्ट्रमाता, राजमाता माँसाहेब जिजाऊ जी के 425वीं जन्मजयंती के अवसर पर देश के सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत बहोत बधाई व शुभकामनाएं|
आदिवासी अपने विश्वास अपने धर्म का बाजार कभी नही चलाते संगठित धर्मों और आदिवासियो की संस्कृति, रीति-रिवाजो, उत्सवो के बीच यह बडा फर्क है| ऐसे समय मे जब हर जगह आदिवासियो की परंपराओ पर तथाकथित धर्मों का चौतरफा हमला जारी है, इन हमलो मे आदिवासियो का अलिखित ज्ञान, पुरखो की दी हुई
समृध्द परम्परा और प्रकृति को समजने की हमारी समज खत्म होती जा रही है, एक लंबी साजिश के तहत तथाकथित लोगो ने लेखो, किताबो, पत्रिका, समाचार पत्र तथा धार्मिक प्रचारको के माध्यम से आदिवासियो की संस्कृति को नीचा दिखाने की कोशिश की गई ताकि आदिवासी अपनी प्राचीन संस्कृति को छोड उनकी
संस्कृति का अनुसरण करे, तथाकथित धार्मिक आक्रांताओ की इस कुटील चाल के चलते कई हमारे भोमिया, थान, धराडी, हाताई पर उन्होने अधिग्रहीत कर लिया है, आदिवासियो को तथाकथित धार्मिक आक्रांताओ से अपनी संस्कृति, अस्मिता, अस्तित्व की रक्षा करना है तो संगठीत होकर अपनी भाषा, बोली, उत्सव,
👉यह किताब हर एक व्यक्ति को पढना चाहिए|
छत्रपति शिवाजी महाराज के वारिस प्रताप सिंह भोसले महाराज को कैद करने का काम दुसरे बाजीराव पेशवा ने किया था यह इतिहास अबतक ब्राह्मणो ने छिपाकर रखा था उसे उजागर किया जा रहा है तो ब्राह्मणो मे खलबली मची है| बालाजी पंत नातू ने सातारा के
प्रताप सिंह भोसले महाराज को बहुत यातनाये दी, उन्हे शयन गृह से घसीटकर रात को बनारस ले जा कर वही उन्हे कैद मे रखा गया| छत्रपति शिवाजी महाराज के वारिस प्रताप सिंह भोसले महाराज को बनारस मे अत्यंत तकलिफ मे अपनी आखरी साँस छोडनी पडी|
धन्यवाद डॉ.प्रो.विलास खरात जी का की आपने सच्चा इतिहास
सामने लाया|
मूलनिवासी बहुजन समाज आपका हृदयपूर्वक आभारी है|
इस विडियो मे जो न्यूज दिखाई गयी है उसमे यह बताया गया है की परशुराम सेवा संघ ने डॉ.प्रो.विलास खरात जी द्वारा लिखित किताब पर पाबन्दी लाने की मांग की है,
चलो अच्छा हुवा प्रताप सिंह भोसले महाराज के इतिहास पर जो परदा डाला गया