24जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जन्मजयंती
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी (जन्म;24जनवरी1924 - मृत्यु;17फरवरी1988) ने करीब 41 साल पहले मुंगेरी लाल आयोग की सिफारिशो के अनुरूप OBCअन्य पिछडे वर्ग को नौकरियो व शिक्षा मे आरक्षण देने की घोषणा 11नवंबर1978 को की थी|
इसलिए सबसे
ज्यादा अश्लील और भद्दी गालियाँ भी कर्पूरी जी ने सुनी थी|
इनके बाद वी.पी.सिंह, लालू प्रसाद, अर्जुन सिंह, मायावती वगैरह के नाम आते है|
पिछडे वर्ग के इस आरक्षण के खिलाफ ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत जातियो के लंपट और लफंगे सडको पर उतर आए और कर्पूरी जी को माँ बहन की गंदी-गंदी गालियाँ
देने लगे|
जैसे👇
रिज़र्वेशन कहाँ से आई, कर्पूरी की माँ...
कर्पूरी की माई चढी खजूर,
बेटा माँगे...
कर्पूरी कर्पूरा छोडो गद्दी, पकड़ौ छूरा
जैसी गालियाँ पढे लिखे उच्च वर्णों ने दी👈
लेकिन कर्पूरी जी तो इतिहास लिख चुके थे|
वे इतिहास मे जननायक के तौर पर दर्ज हो चुके थे|
आज बिहार के
OBCअन्य पिछडे वर्ग के लाखो छात्र और कर्मचारी उन्हे नमन करते है|
वे बिहार के एक बार (05/03/1967--28/01/1968) उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री तथा दो बार (22/12/1970--02/06/1971 & 24/06/1977--21/04/1979) मुख्यमंत्री रहे|
''वे थे, इसलिए हम है''
सादगी के पर्याय जननायक कर्पूरी ठाकुर
लोकराज की स्थापना के हिमायती थे, उनकी 99वीं जन्मजयंती पर उन्हे सादर नमन व इस
अवसर पर देश के सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत बहोत बधाई|
💐🌷🙏
आदिवासी समाज के लोगो को मा.डॉ.भंवर सिंह पोर्ते, मा.शिवभानू सिंह सोलंकी और मा.दिलीप सिंह भूरिया के विकास और पतन का इतिहास जानने की जरूरत है|
इसके अलावा मा.जयपाल सिंह मुंडा और इंजी. कार्तिक उराँव साहब के द्वारा आदिवासियो के लिए किए गए संघर्ष और उनके साथ हुये
सडयंत्रो के इतिहास को जानना चाहिए ?
क्योंकि जो कौम अपने इतिहास से सबक नही सीखती है, वह अपने भविष्य का निर्माण नही कर सकते है| -बाबासाहेब डॉ.आंबेडकर
ब्राह्मण एवम तत्सम ऊंची जातियो की राजनीतिक पार्टियो कांग्रेस एवम भाजपा ने आदिवासी समुदाय के लडने-भिडने एवम समाज के लिए कुछ करने की
सामाजिक सोच रखने वाले नेताओ के साथ कैसा सलूक किया ?
जानने के लिए वीडियो सुने
ब्राह्मणो की राजनीतिक पार्टियो मे गुलामी करके आदिवासी समुदाय को बेचने वाले नेताओ को भी सबक लेना चाहिये ?
के.आर.शाह, संपादक, आदिवासी सत्ता पत्रिका, भिलाई, दुर्ग छत्तीसगढ
छत्रपति शिवाजी महाराज के सच्चे एवं कर्तबगार वारिस प्रतापसिंह भोसले महाराज 1जनवरी1818 के युद्ध के कारण प्रताप सिंह भोसले महाराज यह बाजीराव (द्वितीय) पेशवा के कैद से मुक्त हुए और सातारा गद्दी के अधिकृत राजा घोषित किए गए| छत्रपति प्रताप सिंह भोसले महाराज ने बहुजनो के लिए शिक्षा के
लिए द्वार खोलकर लडको एवं खरकर लडकियो के लिए विद्यालय शुरू किए|
सन1832 मे उन्होने लडकियो के लिए विद्यालय शुरू किया| उनका वास्तविक शिवराज्य की स्थापना का उदात्त हेतु था|सूबेदार रामजी सपकाल जी सातारा मे मिल्ट्री मे कार्यरत थे तब उन्होने भीमरावआंबेडकर (बाबासाहेब) को प्रताप सिंह भोसले
महाराज की पाठशाला मे दाखिला करवाया| फिर वही बच्चे ने आगे चलकर देश का तथा बहुजन आंदोलन का नेतृत्व किया जिन्हे डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर नाम से जाना जाता है| उन्होने भारतीय संविधान के माध्यम से स्वराज्य अर्थात शिवशाही को पुनर्जीवित किया|
मराठासाम्राज्य के 8वें छत्रपति प्रताप सिंह भोंसले
छत्रपति शिवाजी महाराज के वारिस जिन्होने बहुजन समाज के लिए प्रथम शिक्षा के लिए अपना राजमहल खोला| जिन्होने बाजीराव राघोबा पेशवा के साथ खुले तौर पर दुश्मनी मोल ली, क्योंकि इसी बाजीराव ने छत्रपति के वारिस प्रतापसिंह भोसले महाराज को कैद करके रखा था| जो 1जनवरी1818 के लडाई के बाद
बाजीराव के कैद से आज़ाद हुए| प्रतापसिंह भोसले महाराज ने ब्राह्मणो के वर्चस्व को नकारा, बालाजी पंत नातू ने उन्हे बहुत कष्ट-यातनाएं दी लेकिन प्रतापसिंह भोसले महाराज ब्राम्हणो के सामने झुके नही| प्रतापी, शूरवीर अपने पूर्वजो के सिद्धांतो पर अडे रहने वाला महान राजा प्रतापसिंह भोसले
महाराज (जन्म;18जनवरी1793) की आज जन्मजयंती है| सभी मूलनिवासी बहुजनो को उनके जयंती पर बहोत बहोत बधाई|
इस वीडियो को जरूर देखिए 5G नेटवर्क आम आदमी के लिए नही है यह सरकारो का एक बहुत बडा हथियार है जिसके माध्यम से वह हमे भविष्य मे कंट्रोल करना चाहते है| एजेंडा 2030 के तहत एक ऐसी दुनिया बनाने की तैयारी है जिसमे सब कुछ सरकारो के नियंत्रण मे होगा स्वचालित मशीनो
द्वारा बहुत आसानी से कार्य होगा इन मशीनो को चलाने के लिए हाई स्पीड नेटवर्क चाहिए इसके लिए ही पूरी दुनिया मे 5G टावर लगाए जा रहे है लेकिन इससे पशु पक्षियो और इंसानो पर क्या दुष्प्रभाव पड रहे है इस पर कही भी कोई चर्चा नही हो रही है, 5G टावर के नजदीक जो भी व्यक्ति रहेगा वह कुछ समय
मे निश्चित ही फेफडो की बीमारी से कैंसर से और मानसिक बीमारी से ग्रसित हो जाएगा| जागो और जगाओ, जो जागेगा वही बच पायेगा|
👉15जनवरी2023 को अपने जन्मदिन पर बहन कु.मायावती जी ने चुनावो मे बडे पैमाने पर #EVM का रोल #पक्षपाती व #अपारदर्शी होने का बताया, हालांकि बहोत सालो पहले भी मायावती जी कह चुकी है की चुनावो मे #EVM का उपयोग होना #संदेहास्पद है, और उसके लिए #बडा_आंदोलन करने की घोषणा भी की थी, पर कुछ
कारणो वश नही कर पायी, पर जैसे ही #बामसेफ_भारतमुक्तिमोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.वामन मेश्राम जी ने 26जनवरी2023 से कन्याकुमारी से कश्मीर तक देशव्यापी चलनेवाली "#EVM_भंडाफोड_राष्ट्रीय_परिवर्तन_यात्रा_पार्ट2" का एलान किया तो अन्य तथाकथित बहुजन समाज के नेता ए हरकत मे आना शुरू हो
Following extensive research, Mr. Yadav #filed_a_Public_Interest_Litigation and was heard by the Chief Justice of Bombay High Court on 1 Feb. 2019. The honorable Chief Justice Narendra Patil has ordered the ECI to be present on 15 Feb 2019 seeking the ECI's explanation of
Mr. Yadav's objections.
So friends, let us broadcast this video far and wide, and by supporting this act of national welfare let us protect the world’s largest democracy during the imminent 2019 General Elections. Let us show support to this young man from Mumbai.