अच्छे काम करने के लिए जरूरी नहीं जेब भरी हो, कई बार बस दिल बड़ा होना चाहिए। इस कथन को सार्थक करने का काम किया है मुंबई के सतीश गुप्ता ने जो सायन में वड़ा पाव का स्टॉल लगते हैं। इस स्टॉल की खास बात ये है कि सतीश अपने कारोबार में ज्यादा फायदा-नुकसान नहीं देखते। Image
उनका लक्ष्य गरीब और बच्चों की भूख मिटाना होता है जिनके पास एक वक्त के खाने के पैसे नहीं होते।सतीश बहुत गरीबपरिवार से आते हैं, उनके पिता उन्हें 7वीं से ज्यादा पढ़ाने में सक्षम नहीं थे।सतीश के पास कोई रास्ता नहीं बचा था इसिलए उन्होंने कई जगहों पर छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए थे।
सायन में साधना स्कूल के करीब उन्होंने कैंटीन से शुरुआत की लेकिन कुछ वक्त बाद वो बंद हो गई और किराया चुकाना मुश्किल हो गया था। तभी उन्होंने अपने इस स्टॉल की शुरुआत की जहां वे आज भी 5 रुपये में लोगों को वड़ा पाव खिलाते हैं।
भूख की कीमत को समझने वाले सतीश हमें हर परिस्थिति में खुद के साथ-साथ दूसरों के लिए भी खड़े होने की सीख देते हैं। ऐसे लोग ही हमारे समाज को एक बेहतर जगह बनाते हैं।

#successstory #successmantra #mondaymotivation

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Feb 2
हमारे इतिहास को इन वामपंथीयो ने मिलकर,
इन 71 सालों में भारत के इतिहास के असली पन्ने कैसे फाड़े ओर क्या क्या फालतू जोड़ा,,देखिये...🤔

1) भारत का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू नही होता।बल्कि सरयू तट से शुरू होता है। Image
जहाँ महर्षि मनु को अपने मनुष्य होने का ज्ञान हुआ और मानव सभ्यता विकसित हुई।

2) रामायण और महाभारत हिन्दुओ के धर्मग्रंथ हो सकते थे।शैक्षिक रूप से ये भारत का इतिहास है,
जिन्हें पाठ्यक्रम में शामिल ही नहीं किया गया।

3) सिंध को अरबो ने जीता अवश्य था।
मगर बप्पा रावल ने उन्हें मार मार कर भगाया भी था।
विजय सिर्फ अरबो की विजय पढ़ाई जाती है और बप्पा रावल को कहानी किस्सों के भरोसे छोड़ दिया जाता है।

4) व्यवस्था के अनुसार सम्राट पोरस ने सिकन्दर को रोका यह पढ़ाना आवश्यक नही था।
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Feb 2
🤔अदानी पर हमले का सच क्या है ?
एक कथित research फर्म दो साल मे तैयार रिपोर्ट एक ख़ास मौके पर निकालता है और एक दूसरे देश का बड़ा CorporateGroup उसके निशाने पर होता है

इससे Invester sentiments पर प्रभाव पड़ता है और लगभग 4,00,000करोड़ का Market Cap का नुकसान उस group को होता है.
अब जैसा कि हमें पता है, भारत मे एक प्रजाति है जो कुंठित है हर चीज से...भारत मे सड़कें बनती है तो इन्हे Toll की समस्या याद आती है...वन्दे भारत चलती है तो इन्हे Platform टिकट के बढ़ाये दाम पर रोना होता है..फोटोशॉप से edit करके खुद को एफिल टावर के सामने खड़ा करके फोटो बनाने वाले ये
लोग Statue of यूनिटी बनने पर कहते हैं इससे नौकरी मिलेगी या नहीं.

अब यही कुंठित प्रजाति कह रही है कि अडानी group चोर है... ये कह रहे हैं कि कोई CA आप पर सवाल उठाये तो उसका जवाब देना चाहिए... Public कंपनी है... फलाना ढिकाना 😂😂

सबसे पहला सवाल.... कि रिपोर्ट किसकी है?
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Feb 1
Have you ever read these Western philosophers

1. Leo Tolstoy (1828-1910)
Hindus and Hindutva will one day rule the world, because this is a combination of knowledge and wisdom. Image
2.Herbert Wells (1846-1946):
Until the effectiveness of Hindutva is restored,how many generations will suffer atrocities and life will be cut off,then one day the entire world will be attracted to it,on that day there will be Dilshad and on that day the world will be inhabited.
3. Albert Einstein (1879-1955):

I understand that through his intelligence and awareness he did that which the Jews could not do. In Hinduism it is the power that can lead to peace.
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Jan 31
#रहस्यमई_महाभारत_कालीन_विमान
🔸अफगानिस्तान में टाइम वेल में फंसा मिला महाभारत कालीन विमान🔸

महाभारत कल्पना नहीं, एक हकीकत
लंबे समय से रामायण, महाभारत काल को केवल एक काल्पनिक गाथा के रुप में माना जा रहा था। परंतु यह सत्य नहीं है। जो लोग इस काल को काल्पनिक मान रहे हैं, ImageImageImageImage
उन्हें यह स्वीकारना होगा कि महाभारत और रामायणकाल भारत का गौरवमयी इतिहास था।जिसे कोरीकल्पना मानना एक भूल थी।अफगानिस्तान की विशालगुफा में टाइमवेल में 5000साल पुराना महाभारतकालीनविमान के फंसे होने की पुष्टिहुई है।इस विमान के मिलने का खुलासा वायर्डडॉटकॉम की रिपोर्ट में किया गया है
अफगानिस्तान में सदियों पहले था आर्यों का राज
मौजूदा अफगानिस्तानन में हिंदू कुश नाम का एक पहाड़ी क्षेत्र है ।जिसके उस पार कजाकिस्तान, रूस और चीन देश हैं। ईसा के 700 साल पूर्व तक यहां पर आर्यों का साम्राज्य था। इसके उत्तरी क्षेत्र में गांधार महाजनपद था।
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Jan 31
गुरु किसको बनाएँ?

लोग प्रायः कहते रहते हैं कि हमने सुना है कि गुरु बनाना चाहिए क्योंकि गुरु के बिना मनुष्य की गति नहीं होती। वे सोचते रहते हैं कि हम किसको गुरु बनाएँ? और इसी सोच में पड़कर वे गुरु को ढूँढते भी रहते हैं। लेकिन ऐसे ढूँढ-ढाँड कर कोई गुरु नहीं बन सकता Image
क्योंकि सच तो यह है कि गुरु बनाए नहीं जाते। यदि कोई इस प्रकार से किसी को गुरु बना भी ले, तो एक दिन वह उन्हें छोड़ भी सकता है, छोड़ ही देता है। यहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण ने गुरु के विषय में एक बहुत अच्छी बात बताई है। इसे अच्छी तरह समझ कर ध्यान में रखना चाहिए।
भगवान कहते हैं-

प्रायेण मनुजा लोके लोकतत्त्वविचक्षणाः।
समुद्धरन्ति ह्यात्मानमात्मनैवाशुभाशयात्।।
आत्मनो गुरुरात्मैव पुरुषस्य विशेषतः।
यत् प्रत्यक्षानुमानाभ्यां श्रेयोऽसावनुविन्दते।। ( श्रीमद्भागवत महापुराण ११.७.१९-२० )
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Dec 12, 2022
आइए मिलते हैं भारत के एक भावी अर्थशास्त्री से

यह हैं मुकेश जी .आपको आश्चर्य हुआ ना, ये जाति से ब्राह्मण हैं और इनका नाम है मुकेश मिश्र।बनारस में अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के लिए हफ्ते में तीन दिन रिक्शा चलाकर धन अर्जित करते हैं।

इनके पिता जी का पूर्व में ही देहांत हो चुका है।
मुकेश जी बनारस में रहकर अपने एक छोटे भाई को पालिटेक्निक करवा रहे हैं। मुकेश स्वयं Net Exam निकाल चुके हैं और Economics (अर्थशास्त्र) विषय से अभी वर्तमान समय में Phd कर रहे हैं।

जब मुकेश मिश्र जी से पूछा गया कि आप की पारिवारिक दुर्दशा पर क्या कभी कोई सरकारी मदद आपको मिली है ??
जैसे जातिगत आरक्षण,जातिगत छात्रवृति, नोकरी,जातिगत फीस ओर जातिगत योजनायें?तो उन्होंने हँस कर जवाब दिया---
"क्या सर जी, ब्राह्मण हूं जन्म से... आवश्यकतानुसार श्रम कर लूंगा यह करना हमारेे लिए धर्म सम्मत है। इतिहास गवाह है ब्राह्मणों ने तो भिक्षा मांग मांगकर देश का निर्माण किया है।
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