ADANI GROUP STOCKS SHED MORE THAN $92 BILLION IN MARKET VALUE: BLOOMBERG
भारत की अर्थव्यवस्था $3.4 trillion है और आज भारत सरकार का $550 billion का सालाना बजट संसद मे पेश हुआ।
अदानी समूह के कंपनी मे LIC का $4.5 billion (Rs.365 billion) निवेश है जबकि
केवल एक सप्ताह मे अदानी समूह की 7-9 कंपनी के शेयर का दाम लगभग $92 billion गिर गया।
#Adani Enterprises के शेयर का दाम एक साल पहले रू० 4,190 था।आज रू० 838 (28%) गिर कर रू० 2,135 पर बंद हुआ।अदानी एंटरप्राइज़ेज़ के FPO का दाम रू० 3112-3276 प्रति शेयर कल बंद हुआ और आज
शेयर का दाम रू०2,135 है।अभी यह और 50% गिरे गा और 1,000-1,200 रूपया होगा, वक्त जो लगे।
#Adani Ports के शेयर का दाम आज 117 रूपया (19%) गिर कर रू० 495 पर बंद हुआ।एक साल पहले अदानी पोर्ट्स का दाम रू० 988 था।
हिंडनबर्ग के रिपोर्ट ने कहा गया है कि अदानी समूह के शेयर का दाम 85% अधिक किमत पर शेयर बाजार मे ट्रेड होता है जो धोखाधड़ी है।
#नोट: नीचे हिंडनबर्ग के रिपोर्ट मे छपे अदानी समूह के 7 कंपनी के शेयर का दाम Price/Earnings ratio 29-831 है, जबकि भारत मे इसी तरह की दूसरे कंपनी के शेयर का दाम 2-24 के अनुपात मे है।रिपोर्ट मे कहा है कि शेयर का दाम 18.17% से 97.64% गिरे गा (implied downside).
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भारत और अमेरिका का अंतर देखना है तो नाथन एंडरसन और भारतीय एजेंसियां मीडिया और अन्य आर्थिक संस्थाओं को देख लो।लाख से अधिक चार्टर्ड एकाउंटेंट्स हैं और सभी को अंदाजा है सेठ असल में कर क्या रहा है पर किसी ने मुंह नहीं खोला। मुंह खोल दे तो सरकारी एजेंसियां उसको ही पकड़ कर अंदर कर दें।
आखिर सेठ ही सरकार है।
वो कहानी है ना कि शेर को जंगल में छोड़ा और सभी देशों के लोगों से कहा गया उसको ढूंढो। अमेरिका जापान ने कुछ घंटे में ढूंढ लिया, भारत की पुलिस एक खरगोश की पकड़कर कूट रही थी कि बोल मैं ही शेर हूँ। ये चलता है यहाँ और इस किस्म के कमजोर चरित्र और बेहद बेहद
गैर ईमानदार लोग शोर करते हैं हम विश्व गुरु हैं। मंदिर मस्जिद धर्म का शोर इस गैर ईमानदारी और दुश्चरित्रता को छुपाने के लिए ही है पर याद रहे, बेईमानों की भीड़ जितनी भी अधिक हो, उसको बर्बाद करने के लिए एक नाथन ही काफी है।
बैंकिंग प्रणाली तथा आर्थिक मामलों में शून्य होने के बावज़ूद वर्तमान अफरातफरी के माहौल में मेरे सामने दो बातें सहज हैं.
प्रथम यह कि बैंक अदानी अथवा ऐसे किसी भी अन्य को दूसरों की जमा क्यों और कैसे दे देते हैं?
यदि देना ही है, तो बैंक अपने कोष से क्यों नहीं देते. क्या बैंक के पास स्वयं पैसों का लोचा है, जो स्वयं नोट छापता है?
दूसरी बात, अदानी बैंक से क़र्ज़ लेता ही क्यों है? क्या उस पर कोई कमी है? क्या उसके पिछले पैसे खत्म हो गए , जो क़र्ज़ लेता है?
और जब वह ख़ुद इतना बड़ा क़र्ज़दार है, तो दुनिया का दूसरा अमीर कैसे कहलाया?
क्या क़र्ज़ या अमानत के पैसे से कोई अमीर कहलायेगा?
एक वाक़्या याद आता है.
उत्तरप्रदेश के विभाजित होने से पहले हरिद्वार में कुम्भ का मेला भरा, और हमारे प्रदेश के निवासी एक अधिकारी अपने विभाग
टोपाज़ को एफ पी ओ माना जाय और चूहे कौन हैं बताने की जरूरत भी नहीं।
एक काल्पनिक चुटकला।
सेना चूहों की सेना से परेशान थी, कभी वो जूते कुतर जाते, कभी कपड़े, कभी दाल और चावल खाकर वहीं निष्पादित कर देते। कोई चारा नज़र नहीं आ रहा था, लाल बुझक्कड़ नए नए सदरे मुल्क बने थे,
उन्हें पता चला तो वे प्रतिनिधि को बुलाकर बोले -
' बंस इंतनीं सीं बांत? हम एंक ट्रेंप बनाएंगे?'
' उसका डिजाइन ?'
' बंहुत सांधारण है, हम धाँगे से बांधकर टोंपाज़ का एंक ब्लेड लटकाएंगें, उसकें एंक तरफ कांजू कीं बोरीं रखेंगे, एंक तरफ किशमिश की, चूहां आयेंगा ब्लेड के नीचे खड़ां
होंकर दोनों तरफ गर्दन घुमाएगा और बार बार कहेगा - कांजू खाऊं कि किशमिश खाऊं, कांजू खाऊं कि किशमिश खाऊं, इस प्रक्रिया में भाइयों भैनो उसकी गर्दन टोंपाज़ के नीचे बार बार घूमेगी और कटकर गिंर जाएंगी'
' मगर सर दाल चावल तो ठीक से है नहीं कहाँ कांजू किशमिश...'
SBI के चेयरमैन साहेब सरकारी मुलाज़िम है या फिर अडानी ग्रुप के नुमाइंदे है? चेयरमैन साहेब को उनके 'ओहदे से फ़ौरन हटाया जाना चाहिए..
SBI चेयरमैन सुब्ह Tv पर आ कर कह रहे थे कि उन्हें अडानी ग्रुप के लोन डिफ़ॉल्ट की कोई संभावना/इमकान नही दिखती क्योंकि आजतक डिफ़ॉल्ट नहीं हुआ है..
SBI चेयरमैन साहेब
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- आप क्या ज्योतिषी/नुजूमी है?
- SBI चेयरमैन, आप जनता के नौकर है, मालिक नही है!!
- SBI चेयरमैन, आपको सैलरी भारत सरकार देती है!!
- क्या आपको पता था की अडानी के शेयर ऐसे टूटेंगे?
- जब शेयर टूट रहे थे तब भी SBI हज़ारो करोड़ डाल रहा था
- कैसे पता चला कि अडानी के लोन डिफ़ॉल्ट नही होंगे?
- क्या SBI चेयरमैन अडानी की गारंटी लेते है?
SBI ने अडानी को सबसे बड़ा क़र्ज़ दिया है..ये किसी "दामोदर चायवाले" के पैसे नहीं है, ये मुल्क की अवाम की दौलत है..अडानी तो महज़ एक अदना सा क़र्ज़दार है जिसे फ्रॉड बताया जा रहा है..
चार्वाक दर्शन (जनश्रुति)
गुरु बृहस्पति विचारमग्न बैठे थे। देवताओं के लाख सद्प्रयासों के बावजूद दानवों की प्रगति दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी।वे देवों पर युद्ध क्षेत्र से लेकर धर्म कर्म तक हर मामले में बीस ही साबित हो रहे थे।अचानक एक विचार उनके दिमाग में बिजली की तरह कौंधा।
क्यों न पुण्य और पाप के बीच के फर्क को मिटाकर एक ऐसे दर्शन का प्रतिपादन किया जाय जिसको दानवों के बीच फैलाकर उनकी बुद्धि को भ्रष्ट किया जा सके। व्यक्ति का भाग्य जो उसके कर्म पर आधारित होता है इसलिए अगर उसके कर्म को ही अधोगामी कर दिया जाय तो व्यक्ति अपने आप ही पतनोन्मुख हो जाएगा।
विचारों की नई चेतना ने उन्हें प्रफुल्लित कर दिया। वो अतिशीघ्र इसपर काम शुरू कर देना चाहते थे।
उनकी मोरपंखी से बनी कलम भोज पत्रों पर सरपट भागने लगी। 'जब तक जिओ सुख से जिओ, चाहे कर्जा लेकर घी पीओ' कोई आत्मा नहीं है कोई परमात्मा नहीं है और न ही कोई मोक्ष है।