आपको क्या लगता है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, विदेशों में हिंदुओं पर हमले, रामचरितमानस पर टिप्पणी और अब ये अदाणी पर रिपोर्ट आना अचानक हो रहा है?
नहीं... ये सुनियोजित है. हर तरफ से भारत के खिलाफ साजिश रची जा रही है. इसमें विदेशी पैसा लगा हुआ है. #AdaniEnterprises#GautamAdani
खालिस्तानी आतंकियों को फंड दिया गया ताकि दुनियाभर के अलग-अलग देशों में ये हिंदुओं पर हमला कर सकें. हिंदू मंदिरों पर निशाना साध सकें. ताकि खालिस्तानियों का मुद्दा चर्चा में आ सके.
भारत में श्रीरामचरितमानस का जिक्र करके हिंदुओं को जातिगत आधार पर बांटा जा रहा है. ताकि हिंदू आपस में लड़ते रहें और देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति बन सके. इसके लिए राजनीतिक दलों का सहारा लिया गया.
जैसे ही भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली, बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री लॉन्च कर दी. इसके जरिए पीएम मोदी और भारत को बदनाम करने की साजिश की गई. ध्यान रहे... यहां सिर्फ पीएम मोदी को नहीं, बल्कि हिंदुओं को टारगेट किया गया. ब्रिटेन के हिंदू पीएम ऋषि सुनक को भी निशाना बनाया गया.
यहां ये भी याद रखना चाहिए कि इस डॉक्यूमेंट्री का समर्थन कौन कर रहा है? वही लोग जो विदेशी हाथों के कठपुतली बने हुए हैं. जो हर बार भारत के खिलाफ ही खड़े रहते हैं. इन्हें बड़े पैमाने पर विदेशी कंपनियों से फंड मिलता है.
और अब अदाणी ग्रुप पर निशाना. इसके जरिए भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर करने की कोशिश हो रही. भारत की अर्थव्यवस्था पर हमला किया जा रहा है. ताकि भारत की स्थिति भी श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह हो जाए.
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अदाणी और पीएम मोदी के खिलाफ साजिश करने में एक और बड़ा नाम सामने आया है. वह है टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का. महुआ वह शख्स हैं, जिनकी शिकायतों को आधार बनाकर हिंडनबर्ग ने अदाणी के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की. @vijaygajera ने महुआ की पोल खोली है... एक-एक करके सारे पॉइंट पढ़िएगा.
पिछले साल महुआ मोइत्रा ने संसद में अदाणी के खिलाफ आरोप लगाए थे और जांच की मांग की थी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आपको महुआ के आरोप और संसद में पूछे गए सवाल भी मिल जाएंगे।
इसी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने ये भी साफ लिखा है कि उन्होंने अदानी के शेयरों में अपने सदस्यों, भागीदारों, सहयोगियों, कर्मचारियों और/या सलाहकारों के साथ-साथ अपने ग्राहकों और/या निवेशकों के माध्यम से शॉर्ट पोजीशन ली है।
क्रोनोलॉजी समझिए…. अदाणी को नुक़सान हुआ तो किसे फ़ायदा होगा?
सिलसिलेवार तरीक़े से अदाणी ग्रुप पर हमले हुए. इस साज़िश में शामिल लोग एकजुट हैं. ट्विटर से लेकर मीडिया हाउसेज़ तक इनकी अच्छी पकड़ है. इसी का ये फ़ायदा उठाते हैं. #GautamAdani#AdaniEnterprises#Adani
अदाणी ग्रुप में लाखों को रोज़गार मिला है. देश की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत है. इसलिए अदाणी के ख़िलाफ़ साज़िश करने वाले पहले अदाणी को गिराने की कोशिश करेंगे. जब अदाणी को नुक़सान पहुँचा देंगे तो कहेंगे देखो भारत की अर्थव्यवस्था कहाँ पहुँच रही है. और बेरोज़गारी का आँकड़ा दिखायेंगे.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक समूह है. जो किसी न किसी तरह से देश को परेशानी में डाले रखना चाहता है. ताकि भारत तरक़्क़ी न कार सके. इसमें भारत के कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी, पत्रकार, राजनेता विदेशियों की कठपुतली बने हुए हैं. सरकार कोई भी हो और किसी की भी हो इनका एजेंडा एक ही है.
अदाणी के खिलाफ साजिश! : पांच साल की प्लानिंग, ऑस्ट्रेलिया में बनी रूपरेखा, साजिश में कई ऐसे नाम शामिल जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे... @vijaygajera ने एक-एक करके सबकी पोल खोल दी है. आपको भी ये जानना चाहिए. थोड़ा सब्र करके एक-एक पॉइंट पढ़िएगा. #GautamAdani#Adani#BBCdocumentry
गौतम अदाणी के खिलाफ इस साजिश की शुरुआत अभी हाल के दिनों से नहीं हुई, बल्कि 2016-17 से ही हो गई थी। अदाणी ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया का कारमाइकल कोल माइन का प्रोजेक्ट हासिल किया था।
2017 में अचानक से अदाणी के माइन प्रोजेक्ट के खिलाफ क्लाइमेट चेंज के लिए काम करने का दावा करने वाली एक स्वयंसेवी संस्था ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसका नाम 350.org है। इन लोगों ने एक समूह की शुरुआत की, जिसका नाम स्टॉप अदाणी रखा।
ये खबर पूरे देश मे वायरल हो रही है. इस खबर के पीछे की कहानी आज आपसे शेयर कर रहा हूं.
13 मई की रात की बात है. जब इस खबर के लिए मेरे पास साथी रिपोर्टर्स का इनपुट आ रहा था तो मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी थी. रात के करीब 11 बज रहे थे. 1/5
लखनऊ में दफ्तर के गेस्ट हाउस में मैं और मेरे सीनियर ग्राफिक्स डिज़ाइनर साथी हृदेश जी डायनिंग टेबल पर बैठे काम कर रहे थे. एक-एक जिले से आने वाली तस्वीरें, वीडियो डराने वाले थे. मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी ऐसा नजारा नहीं देखा था. 2/5
अब मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि मैं इस खबर की शुरुआत कहां से करूँ? तस्वीरें देखकर पहले ही मेरा मन खराब हो गया था. दिल की धड़कनें बढ़ गईं थी. मेरे हाथ कांप रहे थे. 3/5